Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Mar 2024 · 1 min read

गर्दिश का माहौल कहां किसी का किरदार बताता है.

गर्दिश का माहौल कहां किसी का किरदार बताता है.
हवाओं में आईना भी दीवार को हिलता दिखाता है

जिसे नहीं सुखा पाती कभी सूरज की तपिश …..
वह भी वे-मौसम की बारिशों में भीग जाता है…. |

वह पेड़ जिनको हम पतझड़ से लाए थे उठाकर
अभी खिल उठा है वह अब बहुत इतराता है……

जिसको उड़ने की बेखौफ तालीमें दी हमने……..
वह भी हमें अंगुली पकड़ कर चलना सिखाता है |

✍️कवि दीपक सरल

35 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुछ इस लिए भी आज वो मुझ पर बरस पड़ा
कुछ इस लिए भी आज वो मुझ पर बरस पड़ा
Aadarsh Dubey
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
Harminder Kaur
संबंध क्या
संबंध क्या
Shweta Soni
यह जो तुम बांधती हो पैरों में अपने काला धागा ,
यह जो तुम बांधती हो पैरों में अपने काला धागा ,
श्याम सिंह बिष्ट
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आफ़ताब
आफ़ताब
Atul "Krishn"
"हृदय में कुछ ऐसे अप्रकाशित गम भी रखिए वक़्त-बेवक्त जिन्हें आ
दुष्यन्त 'बाबा'
सत्य की खोज........एक संन्यासी
सत्य की खोज........एक संन्यासी
Neeraj Agarwal
मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी,
मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी,
Sanjay ' शून्य'
■ भाषा संस्कारों का दर्पण भी होती है श्रीमान!!
■ भाषा संस्कारों का दर्पण भी होती है श्रीमान!!
*Author प्रणय प्रभात*
आत्म अवलोकन कविता
आत्म अवलोकन कविता
कार्तिक नितिन शर्मा
भुला देना.....
भुला देना.....
A🇨🇭maanush
"चाँद-तारे"
Dr. Kishan tandon kranti
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
VINOD CHAUHAN
दूर हमसे वो जब से जाने लगे हैंं ।
दूर हमसे वो जब से जाने लगे हैंं ।
Anil chobisa
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
Lekh Raj Chauhan
बेपरवाह
बेपरवाह
Omee Bhargava
साहित्य क्षेत्रे तेल मालिश का चलन / MUSAFIR BAITHA
साहित्य क्षेत्रे तेल मालिश का चलन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
सज जाऊं तेरे लबों पर
सज जाऊं तेरे लबों पर
Surinder blackpen
फिलिस्तीन इजराइल युद्ध
फिलिस्तीन इजराइल युद्ध
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ये जो मेरी आँखों में
ये जो मेरी आँखों में
हिमांशु Kulshrestha
वर्तमान लोकतंत्र
वर्तमान लोकतंत्र
Shyam Sundar Subramanian
💐प्रेम कौतुक-298💐
💐प्रेम कौतुक-298💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
शेखर सिंह
किसी भी देश काल और स्थान पर भूकम्प आने का एक कारण होता है मे
किसी भी देश काल और स्थान पर भूकम्प आने का एक कारण होता है मे
Rj Anand Prajapati
1-कैसे विष मज़हब का फैला, मानवता का ह्रास हुआ
1-कैसे विष मज़हब का फैला, मानवता का ह्रास हुआ
Ajay Kumar Vimal
*हमारे घर आईं देवी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*हमारे घर आईं देवी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
धुवाँ (SMOKE)
धुवाँ (SMOKE)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
राही
राही
RAKESH RAKESH
Loading...