अंजनीत निज्जर 262 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अंजनीत निज्जर 13 May 2024 · 1 min read नई शिक्षा आओ मिलकर साथ चलें हम हाथ से हाथ मिलाकर बढ़े हम नई शिक्षा का आगाज़ करें हम हर बच्चे का सर्वांगीण विकास करें हम, अर्थ नहीं शिक्षा का केवल अक्षर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 48 Share अंजनीत निज्जर 1 May 2024 · 1 min read Labour day तू क्या जाने, यार अमीर भूख क्या क्या बतलाती है? अरे साहिब, रोटी पूरा इंसान खा जाती है Hindi · मजदूर दिवस 2 86 Share अंजनीत निज्जर 29 Apr 2023 · 1 min read नई शिक्षा आओ मिलकर साथ चलें हम हाथ से हाथ मिलाकर बढ़े हम नई शिक्षा का आगाज़ करें हम हर बच्चे का सर्वांगीण विकास करें हम, अर्थ नहीं शिक्षा का केवल अक्षर... Hindi 3 2 340 Share अंजनीत निज्जर 22 Mar 2023 · 1 min read उत्कर्षता ऊंची नीची पगडंडी के किनारे उगे सफेद छोटे फूल अस्तित्वहीन होते हुए भी यथार्थवादी देते हैं मुस्कुराते हुए अपने होने का परिचय खुद ही सींचते धूप, पानी, हवा और प्राण... Hindi · कविता 3 303 Share अंजनीत निज्जर 22 Mar 2023 · 1 min read हमारा प्रेम दुनिया की सारी खेलें बंद हो जाए अगर क्या तुम फिर भी याद रख पाओगे? आंख मिचौली और बर्फ पानी जो खेलते थे हम साथ दुनिया की सारी किताबें हो... Hindi · कविता 3 373 Share अंजनीत निज्जर 20 Mar 2023 · 1 min read समय से पहले समय से पहले समय से परे समय के अभाव में समय के अलगाव में ढूंढा केवल तुम्हें मैंने बन कर अम्लतास Quote Writer 1 334 Share अंजनीत निज्जर 7 Mar 2023 · 1 min read सालगिरह इतने वर्ष प्रिय !!!!! आहा इतने वर्ष प्रिय साथ चलते, गिरते पड़ते, डगमगाते मान मनुहार कुछ रूठते मनाते लड़ते झगड़ते तो कभी प्यार दिखाते आहा इतने वर्ष प्रिय!!! सोचा न... Hindi · कविता 1 260 Share अंजनीत निज्जर 5 Mar 2023 · 1 min read रोशन सूरज की पहली किरण की रोशनी तुम लाना हथेलियों में बंद कर मैं लाऊँगी जुगनू उठा कर पलकों पर चलो रोशन कर लेंगें इसी से यह अंधेरा संसार!! Hindi 2 283 Share अंजनीत निज्जर 26 Oct 2022 · 1 min read रात रात हैरान कर देती है उफ़्फ़ ! यह कुछ इस तरह परेशान कर देती है जैसे टूटते तारे ख़ुद गिर जाना चाहते हों इसकी आग़ोश से तन्हा चाँद ढूँढे, कोई... Hindi 4 4 286 Share अंजनीत निज्जर 26 Oct 2022 · 1 min read समस्या और उसका हल कभी मुझे लगता है कि जिंदगी इतनी भी आसान नहीं हो सकती जितना हम सोच लेते हैं| जिंदगी के फैसले लेते वक़्त हमें इस बात का अहसास होता है, छोटी... Hindi · हल 2 165 Share अंजनीत निज्जर 16 Sep 2022 · 1 min read उसने कहा था कहा था उसने नदी मत बनना तुम अक्सर खो देती हैं नदियाँ अपना अस्तित्व समुद्र के साथ मिल कर बनना अपने आकाश का ध्रुव तारा तुम जो है अटल अनंत... Hindi 3 239 Share अंजनीत निज्जर 16 Sep 2022 · 1 min read मेरे तुम काँच की बोतल में खेलती रोशनी की किरण जैसे ढूँढ रही हो खुद को एक नए आयाम में ठीक उसी तरह खेलती और खोजती तुम्हें मैं कल्पनाओं के अनंत आकाश... Hindi 3 2 368 Share अंजनीत निज्जर 28 Jun 2022 · 1 min read ज़िंदगी को चुना मैंने ज़िंदगी को चुना तब भी ,जब मोम बन कर पिघल जाना तय था मेरा, या भाप बन कर उड़ जाना मेरा फिर भी मैंने ज़िंदगी को चुना जैसे चुनता... Hindi 6 4 449 Share अंजनीत निज्जर 26 May 2022 · 1 min read आतुरता खिड़कियों की टूटी काँच से अंदर आने को आतुर रोशनी की किरणे बस ठीक उसी तरह मेरी आतुरता तुम्हें छू भर जाने की रोशनी से मिल रोशनी हो जाने की... Hindi · कविता 7 8 498 Share अंजनीत निज्जर 11 Apr 2022 · 1 min read तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हारे जन्मदिन पर तोहफे नहीं लाई हूँ मैं बस दुआ लाई हूँ कड़कती धूप में बचा सके ऐसी बदलियां लाई हूँ अगर राह के कंकड न हटा सकूँ चलेंगे नंगे... Hindi · कविता 3 2 540 Share अंजनीत निज्जर 11 Apr 2022 · 1 min read सच एक सच है यक़ीं मानों लिख कर भी छू सकते हो मुझे… Hindi · कविता 7 4 345 Share अंजनीत निज्जर 11 Apr 2022 · 1 min read हक़ीक़त तुम से बात नही करनी कैसे कह दूँ, जबकि हक़ीक़त है कुछ और हज़ार बनाऊँ बहाने तुझ से दूर जाने के पर दिल खिंचता है तेरी ओर सिर्फ़ तेरी ओर… Hindi · कविता 3 498 Share अंजनीत निज्जर 11 Apr 2022 · 1 min read खामोशियाँ कुछ भी तो नही बदला दोनो के दरमियां वही तुम वही मैं और वही खामोशियाँ खामोशियाँ कहाँ, जो चुप रह कर भी ढेरों बातें करती है चुप्पी हमारी और आँखें... Hindi · कविता 2 305 Share अंजनीत निज्जर 11 Mar 2022 · 1 min read युद्ध युद्ध देता है चुनौती मानवता को विध्वंस और लील लेता है कई जानें पर कहीं,किसी शहर में कोई तो चाहता होगा इसे नहीं तो क्यों? कंकरीट को पसंद करें हरे... Hindi · कविता 2 281 Share अंजनीत निज्जर 26 Jan 2022 · 1 min read जीवन गमले में खिले फूल ज़िंदगी के रंग से मेल खाते छोटी सी अपनी परिधि में खिलते - मुस्कुराते और मिट जाते आँगन महकाते बिना शिकायत के जिएँ जाते एक न्यून... Hindi · कविता 4 6 268 Share अंजनीत निज्जर 4 Jan 2022 · 1 min read तुम आते फूल पत्ते पेड़ पहाड़ सभी झूम जाते खिल जाते हिल जाते जब कभी तुम आते सदियों तक तुम्हारे आने की यही निशानियाँ रहेंगी शायद तुम्हारे जाने का भी अवसाद यूँ... Hindi · कविता 3 481 Share अंजनीत निज्जर 20 Oct 2021 · 1 min read हर बच्चे में है कुछ तो खास हर बच्चे में है कुछ तो खास बोलो क्या है तुम्हें एहसास धरती में सिमटे सभी बीज वक्त आने पर अलग-अलग पौधे बन जाते हैं उसी तरह हर बच्चे में... Hindi · कविता 5 6 611 Share अंजनीत निज्जर 19 Oct 2021 · 1 min read ख़ुशबू तुम्हें सोचना कभी-कभी गुलाब हो जाता है मेरे लिए क्योंकि महक जाती है फ़िज़ा तुम्हारी यादों की खुशबू से सोचने भर से ही Hindi · कविता 4 308 Share अंजनीत निज्जर 19 Oct 2021 · 1 min read प्राचीन-नवीन अक्सर हो जाती हूँ गुम सोचकर इस ख्याल को क्या नए पुराने का कभी मेल हो पाता है या नए पुराने का द्वंद चलता ही जाता है कभी प्राचीन नवीन... Hindi · कविता 1 387 Share अंजनीत निज्जर 8 Sep 2021 · 1 min read यह फूल यह फूल खिलते हैं मेरे मन में कहीं भरपूर, जब देखती हूँ तुम्हें कनखियों से मुझे देखते हुए सबसे छुप छुपा कर… Hindi · कविता 3 3 263 Share अंजनीत निज्जर 8 Sep 2021 · 1 min read दिल दरवाज़ा दिल दरवाज़ा कर लें बंद हर आहट पर यह सोचें की बस तुम न हो वजह तुम नही पर बंद हैं यह कुछ अलग ही कारणों से, नही चाहती कि... Hindi · कविता 2 2 434 Share अंजनीत निज्जर 19 Aug 2021 · 1 min read राज़ आइना क्या बोल गया यह राज सारे खोल गया दिखावे की शान दिल के चोर ,बड़े बोल न जाने क्या क्या डोल गया यह आइना अनचाहे बोल बोल गया Hindi · कविता 2 2 376 Share अंजनीत निज्जर 21 Jul 2021 · 1 min read मेरा वक़्त हर दिन सोचती हूँ होगा कुछ अलग दिन मेरा सवेर मेरी पर आती हैं मेरे हिस्से सिर्फ़ रसोईघर की कहानियाँ कड़ाइयाँ और कलछियाँ खाने पकाने के क़िस्से कुछ अनमने पल... Hindi · कविता 5 8 548 Share अंजनीत निज्जर 10 Jun 2021 · 1 min read गुज़ारा गुजारा हो रहा है गवारा हो न हो पर गुजारा हो रहा है अभी है मेहनत के दिन, अभी भाग्य सो रहा है, पर यकीन मानिये साहिब, गुजारा हो रहा... Hindi · कविता 4 555 Share अंजनीत निज्जर 9 Jun 2021 · 1 min read पशुता कभी कभी तो लगता है सब कुछ खाली सा, तो कभी यूँ जैसे भरा हुआ है गले तक क्या लेकिन?? गुस्सा, प्यार , थोड़ा अहसास मेरे मनुष्य होने का सृष्टि... Hindi · कविता 5 2 513 Share अंजनीत निज्जर 5 Jun 2021 · 1 min read चाँद सूरज सी जलन क्यों है तुझमें क्यों नही शीतलता चांद सी क्या मुश्किल है इतना सूरज का चांद में बदल जाना मुझे लगता है मुश्किल है चांद होना, उधार की... Hindi · कविता 3 667 Share अंजनीत निज्जर 4 Jun 2021 · 1 min read डर अपनी परछाई से ही बातें करते हैं, अपनों से ही कुछ कहते डरते हैं, कहाँ मुमकिन है सबके लिए अच्छा बन जाना किसी न किसी को तो चुभते ही रहते... Hindi · कविता 2 2 416 Share अंजनीत निज्जर 4 Jun 2021 · 1 min read विश्वास ठोकर लग जाती है जब विश्वासी बन कर अपना कोई छलता है अंतहीन विश्वास पर विश्वासघात का परचम फहराता है , ठोकर लग जाती है जब अपना कोई छलता है... Hindi · कविता 2 535 Share अंजनीत निज्जर 2 Jun 2021 · 1 min read कौन हो तुम कौन हो तुम? जो अपने होकर भी अजनबी हो कौन हो तुम? जो साथ होकर भी साथ नहीं हो कौन हो तुम? जो आम होकर भी खास हो कौन हो... Hindi · कविता 2 601 Share अंजनीत निज्जर 2 Jun 2021 · 1 min read नई दुनिया नई दुनिया बनानी है जहां वक्त हो सबके पास अपनों के साथ बिताने के लिए जहां मोबाइल नहीं किताबें हो कहानियाँ सुनाने के लिए जहां दादा दादी हों बच्चों को... Hindi · कविता 1 541 Share अंजनीत निज्जर 2 Jun 2021 · 1 min read क्या मिला ओह नादान ज़िंदगी , ज़रा अपना हाल तो देख कितना कुछ छूट गया पीछे , कितना बाकी है अभी बचपन की किलकारियां, जवानी की मुस्कुराहटें अधेड़ उम्र का अनुभव झोली... Hindi · कविता 1 2 383 Share अंजनीत निज्जर 28 May 2021 · 1 min read विमूढ. विमूढ़ **** दुनिया बैठी तबाही के ढेर पर, मर रहा इंसान, छोटा सा इक वायरस, ले रहा है सबकी जान. काम-धंधे उजड़ गए सब, सब कुछ हुआ बेजान. गूंगे-बहरे, अंधे... Hindi · कविता 3 4 519 Share अंजनीत निज्जर 26 May 2021 · 1 min read बुद्ध बुद्ध हो जाने का अर्थ नही था महज़ घर छोड़ना और संन्यासी हो जाना बल्कि इस कष्टदायक संसार से मुक्त हो जाना जो है पीड़ाओं और तृष्णाओं का कोना, हाँ... Hindi · कविता 3 4 485 Share अंजनीत निज्जर 25 May 2021 · 1 min read वादा किया था हमने वादा किया था हमने मिले न मिले फिर भी साथ निभाएँगे राह अलग अलग ही सही पर चलते जाएँगें तुम कहीं थक कर रुक गए तो हम भी रुक जाएँगें... Hindi · कविता 4 4 610 Share अंजनीत निज्जर 24 May 2021 · 1 min read बरसात कोई मौसम कहाँ होता है बरसात का, बरसात तो बस बरस जाती है हालात और समय अनुसार जब कभी दिल हो जाए अकेला दुनिया दिखाए अपने रंग ख़ुद से ही... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 10 476 Share अंजनीत निज्जर 21 May 2021 · 1 min read हाँ में हाँ हाँ में हाँ मिलाना मुहावरा नही है केवल यह तो नियति है हर स्त्री की यदि मिलाई तो पगली हर सुख है पाई कहीं जो उल्ट जाए विचार तो शामत... Hindi · कविता 3 6 338 Share अंजनीत निज्जर 9 May 2021 · 1 min read सीमा कठिन होता है कठिन तो होता ही है अपनी सीमा में रहना सीमाओं का अनंत आकाश और आजादी का एक कोना बँध कर सीमा में उन्मुक्त उड़ान कहां है मुमकिन... Hindi · कविता 2 2 337 Share अंजनीत निज्जर 5 May 2021 · 1 min read नही हो पाषाण तुम बोल देना जब कुछ न लगे सही कह देना जो चाहती हो तुम कहना बस तुम चुप मत रहना जो नही सहना चाहिए वो कभी मत सहना बोल देना जब... Hindi · कविता 4 2 454 Share अंजनीत निज्जर 5 May 2021 · 1 min read कलियाँ/लड़कियाँ खिड़की के बाहर झाँकू तो दिखते हैं मोतिए के सफ़ेद फूल कुछ खिलते, कुछ मुरझाते सुगंधित मुस्कुराते से फूल जीवन कलियों का खिलना, महकना मुरझाना और झड़ जाना कुछ कुछ... Hindi · कविता 5 8 426 Share अंजनीत निज्जर 3 May 2021 · 1 min read दूरियाँ-नज़दीकियाँ दूरियाँ-नज़दीकियाँ कोई पास रह कर भी दूर तो कोई दूर रह कर भी पास है, दूरियाँ-नज़दीकियाँ महज़ अहसास हैं, मीलों का पैमाना केवल गणित का हिसाब है, कहाँ सुलझे यह... Hindi · कविता 4 8 562 Share अंजनीत निज्जर 30 Apr 2021 · 1 min read यूँ तेरा मिलना ज़िंदगी थम सी जाती है जब सोचती हूँ तेरा मिलना यूँ बेसबब,बेवजह तपती रेत पर रजनीगंधा का खिलना बारिशों में तितलीयों का मचलना, स्याह रात में जुगनुओं का निकलना, बेमतलब... Hindi · कविता 2 2 533 Share अंजनीत निज्जर 29 Mar 2021 · 1 min read होली होली कुछ इस तरह मना लीजिए, दिल मिले न मिले हाथ मिला लीजिए, थोड़ा अबीर, थोड़ा गुलाल आसमान में फैला लीजिए, हाथ बढ़ा के किसी रूठे को मना लीजिए, रंगों... Hindi · कविता 2 2 305 Share अंजनीत निज्जर 29 Mar 2021 · 1 min read घुटन घड़ी की दो सुइयाँ, बड़ी-छोटी, दिन रात एक बंद आयाम और आवृति में घूमती , निरंतर चलती कुछ न कहती नियति ने गढ़ रखी हो जैसे चाल ही इनके लिए... Hindi · कविता 2 2 474 Share अंजनीत निज्जर 12 Feb 2021 · 1 min read ख़ास हो तुम वो एहसास कि ख़ास हो तुम, वो एहसास कि मेरे आसपास हो तुम, ज़िंदगी की भागदौड़ में, एक सकूँ भरा विश्राम हो तुम, थक कर हो जाऊँ चूर तपती दोपहरी... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 51 629 Share अंजनीत निज्जर 17 Dec 2020 · 1 min read आह्वान वैश्विक स्तर पर फैली एक बीमारी, केवल बीमारी नही एक महामारी, चल रही जंग अभी इस के ख़िलाफ़, जल्द ही जीतेंगे और मुस्कुराएँगे हम, पर सोचा है कभी क्या हम... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 54 525 Share Page 1 Next