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28 Jun 2022 · 1 min read

ज़िंदगी को चुना

मैंने ज़िंदगी को चुना
तब भी ,जब
मोम बन कर पिघल जाना
तय था मेरा,
या
भाप बन कर उड़ जाना मेरा
फिर भी मैंने ज़िंदगी को चुना
जैसे चुनता है फूल
पत्थर से भी निकल आना
हँसना और मुस्कुराना……

Language: Hindi
6 Likes · 4 Comments · 406 Views
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