अखिलेश 'अखिल' Tag: मुक्तक 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अखिलेश 'अखिल' 23 Apr 2022 · 1 min read बिंदास जरूरी भर मिला इफ़रात नहीं, मगर उजाला है कोई रात नहीं, चमकता था जो गुरुर में बहुत, गया वो डूब कोई औकात नहीं Hindi · मुक्तक 382 Share अखिलेश 'अखिल' 23 Apr 2022 · 1 min read क़ामयाबी तीर निशाने पर कोई लगता नहीं, लगने लगेगा उसे पर लगता नहीं, जिंदगी इस उम्मीद पे कट रही है, इस बार लगेगा मग़र लगता नहीं, हालते हिज्र में गया ना... Hindi · मुक्तक 283 Share अखिलेश 'अखिल' 7 Mar 2022 · 1 min read मोहब्बत पुराने घाव इतना भी ना ताज़ा हो, किसी से प्यार हो तो जियादा हो, उमर इस बात पे अब कट रही है, वह सामने आये तो अन्दाज़ा हो, छोड़ के... Hindi · मुक्तक 422 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read फ़ैसला बात सबकी करे बस नाम का है, कोई भी फैसला नहीं काम का है, बिठा करके पुतली को मसनद पर, कहा गया है फैसला आवाम का है, Hindi · मुक्तक 450 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read बेबाक जो भी सच बोलने से डर जाये इससे अच्छा है अपने घर जाये, कोई लहूलुहान हो मदद ना हो, बेहतर है वह बन्दा ही मर जाये Hindi · मुक्तक 1 2 249 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read उम्मीद तूँ किसी काम भी ना आने वाला, मग़र तालुक है बहुत जमाने वाला, उससे उम्मीद भला क्या रखता मैं, जो छोड़कर मुझको है जाने वाला, तूँ अच्छी है इतनी भी... Hindi · मुक्तक 440 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read बेबाक हमें डर नहीं किसी भी गिरफ्तारी की, तेरी हुकूमत से बू आती है गददारी की, नकली आंसू में भरोसे का मोती भर, तूँ बात करता है सत्ता की वफादारी की, Hindi · मुक्तक 352 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read शहादत मर मिट गए जो वतन की आबरू बचाने में, थे वे शेर जो पैदा हुए हिन्दुस्तानी घरानों में, शहादत की कहानी से रगों में खून ना दौड़े, ये मुम्किन होता... Hindi · मुक्तक 365 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read उड़ान इम्तहान से पहले इम्तहाँ के बाद, होती है सुबह जैसे शाम के बाद, ठहरता कहाँ परिंदा आसमान में, आता रहा ज़मीं पे उड़ान के बाद, Hindi · मुक्तक 315 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read लश्कर लश्कर हमारे साथ और डर रहे हैं हम, लेकर लश्कर साथ क्यों चल रहे हैं हम, जब नेकियाँ हैं तो फिर साथ भी होंगी, लश्कर की नेकियों से घबरा रहे... Hindi · मुक्तक 2 208 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read भय लोग इस तरह से डरे हुए हैं, आंख सूखी दिल भरे हुए हैं, रौशनी कुछ जियादा ना हो, अंधेरे तरतीब से धरे हुए हैं, तुम सुकरात बन भी जाओ, कौन... Hindi · मुक्तक 1 246 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read दीवार दीवार से भाव साम्य सिर्फ भीत नहीं बल्कि आशियाना छ्प्पर आदि की मरम्मत से है। दरकती दीवार के साये में बैठा हूँ, मौत के पास जिंदगी लिए बैठा हूँ, तुम... Hindi · मुक्तक 282 Share अखिलेश 'अखिल' 29 Jun 2021 · 1 min read मंज़र इतने रँजों गम में हूँ पर पास वह आते नहीं, वो मेरा निकला दीवाना जो दीवाना था नहीं, होश अपना खो रहा पहचान भी जाती रही, अब सहारा बन रहा... Hindi · मुक्तक 1 272 Share अखिलेश 'अखिल' 16 Jun 2021 · 1 min read हौसलें चलते-चलते थक पावँ मेरे जाते हैं, हम उसी मोड़ पे क्यों ठहर जाते हैं, यूं तो वक्त से है हर कोई बोल उठा, चाहते बहुत पर हौसलें मर जाते हैं,... Hindi · मुक्तक 2 357 Share अखिलेश 'अखिल' 9 Jun 2021 · 1 min read बरसात की बूंदें देखता हसीन हूँ जब आंख को मूँदें, ठहरती पलकों में नहीं रात की नीदें, होंठ पे आती है रौनक भरी सिहरन, गिर रहीं दहलीज़ पे बरसात की बूंदें, चिड़ियां चहक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 3 11 464 Share अखिलेश 'अखिल' 9 Jun 2021 · 1 min read बरसात की बूंदें देखता हसीन हूँ जब आंख को मूँदें, ठहरती पलकों में नहीं रात की नींदें, होंठ पे आती है समसीर की रौनक, गिर रहीं दहलीज़ पे बरसात की बूंदें, चहकती हैं... Hindi · मुक्तक 1 433 Share अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2021 · 1 min read ख्वाहिश मेरी ख्वाहिश को पूरा होने देते, मैं खुश हूं मुझे चैन से मरने देते, अंधेरा मेरी दहलीज़ पे बोल उठा, मेरे हिस्से में उजाला तो होने देते, वक्त से रुख़सत... Hindi · मुक्तक 381 Share अखिलेश 'अखिल' 2 Jun 2021 · 1 min read प्यार, वह कभी प्यार को सिला नहीं, मैं गया उधर पर वो मिला नहीं, ना अदावत रही ना गिला कोई, वह कहाँ गया कुछ इत्तला नहीं, वह कभी प्यार को सिला... Hindi · मुक्तक 533 Share अखिलेश 'अखिल' 25 May 2021 · 1 min read मुफ़लिसी मुफ़लिसी में जीते और मुस्कुराते हुए, ऐसे क़िरदार मेरे दिल से टकराते हुए, तुम पूछते हो हाल मुझसे क्या उनका, एक ही चादर में कई पावँ फैलाते हुए, कफ़स से... Hindi · मुक्तक 4 8 336 Share अखिलेश 'अखिल' 17 May 2021 · 1 min read बरसात, बादल उमड़ते बुलाते हैं किसको, फ़िज़ा की हवाएं लुभाती है सबको, दिलों में सभी के हुयी हलचलें हैं, कैसे रिझाती है बरसात मुझको, रिमझिम है बारिश जहां तो भीगे, अंकुर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 4 11 586 Share अखिलेश 'अखिल' 16 May 2021 · 1 min read बरसात बारिशों ने जगाया दिलों में चाह होना, आप आसान समझते हैं बरसात होना, है आसमां की छाती और तड़पती बूंदें, तूने देखा नहीं नदियों का समंदर होना, खेत लहलहाते ज़मीं... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 7 18 405 Share अखिलेश 'अखिल' 16 May 2021 · 1 min read बरसात दिल मेरा जब अधीर से हो जाते हैं, बरसते बादल दहलीज़ पर आते हैं, मैं सन्नाटे से निकलता हूँ आंगन में, ज़ख्म किस क़दर ख़त्म हो जाते हैं, घटा दिल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 4 5 386 Share अखिलेश 'अखिल' 13 May 2021 · 1 min read सत्ताधीश @मैं मसाइल भरी लब्जों पर बोलता गया, उन्हें प्यार के गीत से फुर्सत कहाँ मिली@ ***************सत्ता************* जब भी आलाकमान बोलेगा, तो फ़र्श पे आसमान बोलेगा, बेबस जुबां में कोई जोश... Hindi · मुक्तक 3 4 361 Share अखिलेश 'अखिल' 12 May 2021 · 1 min read जिंदगीनामा ज़ुर्म इतने हैं कि सजा ही नहीं, और ज़ुर्म कितना पता ही नहीं, सब लगे है उसको ही बचाने में, मेरी तरफ़ कौन है पता ही नहीं, खामोश खड़ा रहा... Hindi · मुक्तक 1 456 Share अखिलेश 'अखिल' 11 May 2021 · 1 min read मन का मीत, हवा चली है बहारों में खुशबू आये, आप आये हैं फिर तो गुफ़्तगू आये, दश्त में वीरान से हुये ब्याकुल चेहरे, चमक उठे हैं जैसे कोई जादू आये, Hindi · मुक्तक 1 561 Share अखिलेश 'अखिल' 11 May 2021 · 1 min read यार मेरे आरजू थी वस्ल की ग़म तो बेशुमार था, था मेरे ख़िलाफ़ जो वह तो मेरा यार था, मैं मुहब्बत के चरागों को जरा सम्हालता, मुझको मिटाने में लगे दो यार... Hindi · मुक्तक 1 309 Share अखिलेश 'अखिल' 10 May 2021 · 1 min read मंज़र सीखना चाहते हैं सब दांव मेरा, खींचना चाहते हैं बस पावँ मेरा, इस मंज़र से वह घबड़ा ही गया, पेड़ मांग रहा था जब छांव मेरा, मैंने रौशनी तक उसको... Hindi · मुक्तक 1 2 311 Share अखिलेश 'अखिल' 10 May 2021 · 1 min read बदलती दुनिया जहां तो हुआ ऐसा मक़तल है दोस्तों, लहज़ा नहीं नरम तल्खियत है दोस्तों, लंका में भला राम तो महफूज़ मिलेंगे, राम की अयोध्या में आफ़त है दोस्तों, शीशागर जुबां है... Hindi · मुक्तक 1 559 Share अखिलेश 'अखिल' 10 May 2021 · 1 min read मुक्तक देखता हूँ कितनी रक़ीब है दुनिया, मुझमें मौज़ूद है और दूर है दुनिया, सूरज बनकर बैठा है जो मेरे अंदर, कर रहा वही चकनाचूर है दुनिया, Hindi · मुक्तक 343 Share अखिलेश 'अखिल' 14 Jun 2020 · 1 min read माँ, नींद में न जाने कितने अज़ाब देखा हूँ, माँ की आंखों में मेरे लिए ख्वाब देखा हूँ, मेरा लाल एक दिन तूँ बड़ा जरूर बनेगा, मैं महकता हुआ आंख में... Hindi · मुक्तक 4 4 566 Share अखिलेश 'अखिल' 13 Jun 2020 · 1 min read उनके नाम, कुछ अर्थ कुछ भाव उनके भी नाम करें, जिनके सपने दुनिया के लिए काम करें, थक कर चूर और जिस्म तो बेजान हुए, उनकी जिंदगी में हसीन जरा शाम करें, Hindi · मुक्तक 2 532 Share अखिलेश 'अखिल' 13 Jun 2020 · 1 min read जुबान,, जुबां ऐसी भी न खराब करो, प्यार से बोलो और राब करो, सारी दुआ इसी से तस्लीम है, पत्थर के दिल को आब करो, अच्छी जुबां से जन्नत अता हुई,... Hindi · मुक्तक 2 333 Share अखिलेश 'अखिल' 13 Jun 2020 · 1 min read प्रगतिशील कवि, कवि हूँ तो पतन को स्वीकार करता हूँ, यथार्थ की जुबां पे अधिकार करता हूँ, गा तो सकता हूँ पर दिल नहीं करता, काव्य में पैबोस को इंकार करता हूँ,... Hindi · मुक्तक 3 6 378 Share अखिलेश 'अखिल' 13 Jun 2020 · 1 min read क़लम की ताकत क़लम तो झुकने को तनिक तैयार नहीं, रोको तुम कितना पर रुकूँगा यार नहीं, धुन का पक्का हूँ बात खरी करता हूँ, कोई भी आ जाये पर मानूंगा हार नहीं, Hindi · मुक्तक 2 295 Share अखिलेश 'अखिल' 12 Jun 2020 · 1 min read हकीकत जन्नत जन्नत तुम्हीं बड़ा जानते हो, पर दुख के बारे में क्या जानते हो, ये पूजा दुआ इबादत सब सही है, पर जो भूखों मरे उन्हें जानते हो, ये दर्द... Hindi · मुक्तक 450 Share अखिलेश 'अखिल' 12 Jun 2020 · 1 min read कवि का धर्म, कविता में आंसू हो या मस्ती की शाम हो, जिंदगी किसकी रहे भाव किसके नाम हो, अब तो दीवार इस बात पर उठ जाती है, जैसे किसी दुश्मन से दुश्मनी... Hindi · मुक्तक 3 10 307 Share अखिलेश 'अखिल' 12 Jun 2020 · 1 min read नसीहत, शक़्ल-ओ-नाज़ को मर जाने दो, खुद की पहचान अब बनाने दो, वह मुझे कितना भी बर्बाद करे, करो सब्र मुनासिब समय आने दो, शेर टकरा के गिरा नहीं करते हैं,... Hindi · मुक्तक 2 2 586 Share अखिलेश 'अखिल' 11 Jun 2020 · 1 min read इंसानियत, मैंने कितने चरागों को आफताब किया, रहा दुनिया के साथ और लाजबाब किया, हाथ बढेगा सदा जगत कि रहनुमाई में, मिट्टी के हाथों को मैंने तो किताब किया, Hindi · मुक्तक 3 2 486 Share अखिलेश 'अखिल' 11 Jun 2020 · 1 min read दग़ाबाज़ी, इस तरह बात वो बनाने लगा, बात कुछ खास वो छुपाने लगा, कड़ककर पेश जब आया उससे, कुछ देर में फिर सब बताने लगा, जिसे अपना समझा दुश्मन निकला, खैर... Hindi · मुक्तक 1 4 272 Share अखिलेश 'अखिल' 11 Jun 2020 · 1 min read फ़रेब, वह मुझ पर एहसान जताना चाहता है, अब इस तरह से कुछ बताना चाहता है, मैं अगर क़दम बढ़ाता हूँ खुद मेहनत से, उस रस्ते से मुझको हटाना चाहता है, Hindi · मुक्तक 2 2 241 Share अखिलेश 'अखिल' 11 Jun 2020 · 1 min read वफ़ादारी तूँ किसी के संग रहना या की मेरे साथ, जब भी रहना प्यार से बड़ी वफ़ा के साथ, जिंदगी तक़सीम है इबादत के सिवा क्या, मर भी जायँ पर होना... Hindi · मुक्तक 4 6 254 Share अखिलेश 'अखिल' 10 Jun 2020 · 1 min read तराना, प्यार की रात है पर बात नहीं होती है, क्या इस मौसम में बरसात नहीं होती है, मेरा मसीहा मुझे कितना तूँ बर्बाद करे, दिन गुजरते हैं पर रात नहीं... Hindi · मुक्तक 4 2 227 Share अखिलेश 'अखिल' 10 Jun 2020 · 1 min read हसरतें आज मेरा जन्मदिन है।इस महत्त्वपूर्ण दिन के उपलक्ष्य में कविता/मुक्तक से बड़ी कोई सौगात नहीं हो सकती।कविता से ही जिंदा हूँ।जिंदादिली कविता में सादगी,असलियत व जोश पैदा करती है।सादर! हमारे... Hindi · मुक्तक 4 8 395 Share अखिलेश 'अखिल' 8 Jun 2020 · 1 min read सच बयानी, हर हाथ मेरे लिए ही उठे ये आसान नहीं, क़लन्दर हूँ कद का कोई अरमान नहीं, मरने पे आ जाऊं तो दिल बेखौफ मरे, जमीं जज्बात की है कोई आसमान... Hindi · मुक्तक 1 2 395 Share अखिलेश 'अखिल' 7 Jun 2020 · 1 min read मोहब्बत, जो सोचता है सब कुछ हमारा होता, वह मेरे लिए हरगिज़ नागवारा होता, जान लुटा देता उसके एक इशारे पे, वो शख़्स दिल से अगर प्यारा होता, Hindi · मुक्तक 2 2 457 Share अखिलेश 'अखिल' 7 Jun 2020 · 1 min read इंसानियत, सब कुछ मुझे मिला पर औकात में रहा, ये जिंदगी तुझे समझा तेरी बात में रहा, कितने को मिल जाती है फ़न की दौलत, फ़न भूला जो इंसान तो किस... Hindi · मुक्तक 2 2 481 Share अखिलेश 'अखिल' 6 Jun 2020 · 1 min read कविता के मयख़ाने मेरी जवानी तेरी जवानी की मोहताज़ नहीं, शोर तो बहुत है पर तूँ कोई आफताब नहीं, फट चुके हों सारे पन्ने,कवर का क्या करें, जो मयख़ाने में मिट जाय वो... Hindi · मुक्तक 2 2 424 Share अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2020 · 1 min read वफ़ादारी न तो ज़मीर बेचा न ही गिरने दिया, तन्हा अपने आपको मग़र रहने दिया, वफ़ा की खुश्बू ने मुझे तालीम किया, पर जिस्म को हकीकत में रहने दिया, सबको समझा... Hindi · मुक्तक 2 519 Share अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2020 · 1 min read मिट जाना। न तूँ है और न तेरा वजूद है, जा में इस क़दर तूँ मौजूद है, शाम जब भी हसीन होती है, हिज्र में उल्फ़त बहुत खूब है, Hindi · मुक्तक 2 225 Share अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2020 · 1 min read फलसफा, जहां भी गया वहीं पर किनारा हुआ, अफसोस यह है कोई न हमारा हुआ, इंतज़ार जिसका था मुझे दिलों जा में, वो शख़्स किसी और का सहारा हुआ, यह सच... Hindi · मुक्तक 1 2 445 Share Page 1 Next