वो वो ना रहे जिनके लिए हम थे बेकरार।
अजी किसका इंतजार कैसा इंतजार।
एक फूल टूटने से तो उजड़ा नहीं चमन।
गुलशन में है और हसीन फूल बेशुमार।
होना था जो हुआ क्या बुरा हुआ।
अच्छा ही हुआ टूट गया झूठा ऐतबार।
नाकामयाब इश्क सही जिंदगी नहीं।
ज़िंदा है तो और मिलेंगे हजार यार।
वो वो ना रहे जिनके लिए हम थे बेकरार।
अजी किसका इंतजार कैसा इंतजार।
एक फूल टूटने से तो उजड़ा नहीं चमन।
गुलशन में है और हसीन फूल बेशुमार।
होना था जो हुआ क्या बुरा हुआ।
अच्छा ही हुआ टूट गया झूठा ऐतबार।
नाकामयाब इश्क सही जिंदगी नहीं।
ज़िंदा है तो और मिलेंगे हजार यार।
श़ुक्रिया !
बहुत खूब सर।आभार