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आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा। आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई ।
श़ुक्रिया !
इकबाल असर।बहुत खूब
आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा।
आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई ।
श़ुक्रिया !
इकबाल असर।बहुत खूब