Comments (4)
11 Jun 2020 08:59 PM
साजिशें सर चढ़कर बोलतींं हैं।
जब दोस्ती ही अपनों की कलई खोलती हैं।
श़ुक्रिया !
अखिलेश 'अखिल'
Author
11 Jun 2020 09:21 PM
आभार।
बहुत खूब
शुक्रिया।