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पुर-सोज़ दिल को जो मुस्कान न दे पाए। सुर ही न मिले जिस में वो साज़ बदल डालो।
श़ुक्रिया !
क्या बात सर शानदार प्रस्तुति।शुक्रिया।
पुर-सोज़ दिल को जो मुस्कान न दे पाए।
सुर ही न मिले जिस में वो साज़ बदल डालो।
श़ुक्रिया !
क्या बात सर शानदार प्रस्तुति।शुक्रिया।