अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ Tag: कविता 144 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read इस शहर में जगमगाती चाँदनी है इस शहर में खूबसूरत यामिनी है इस शहर में सर्द मौसम है,बिछा यादों का कोहरा धूप लेकिन गुनगुनी है इस शहर में डूब जाएगा ये दिल मदहोश... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक काव्य संग्रह · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 8 1 110 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read तुम चाँद की उजली चाँदनी हो तुम, मोहब्बत की सुंदर कहानी हो तुम। प्यासे नैनो की ज्योत हो तुम, मन की आशा की स्त्रोत हो तुम। अद्भुत, अलौकिक चरित्र की रानी... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक काव्य संग्रह · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 7 89 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read बस इतना बता दो... सुनो! आज दिल बड़ा बेचैन है, बस इतना बता दो.. कही तुम उदास तो नही। एक एहसास है तुम्हारे होने का, बस इतना बता दो.. कहीं तुम मेरे आस पास... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक काव्य संग्रह · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 7 84 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read गले लगाया कर नींद थोड़ी कम आती है तूं सपने में आ जाया कर तूं हंसते हुए अच्छी लगती है आईना ही देखकर मुस्कुराया कर। खूबसूरत लगती हो तुम ऐसे ही यूं ना... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक काव्य संग्रह · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 7 1 75 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read कीमती समय चला गया जो समय लौटकर, वापस कभी नहीं आता सदा समय को खोने वाला, कर मल-मलकर पछताता । जिसने इसे न माना उसको भी इसने ठुकराया लाख प्रयत्न करने पर... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 7 78 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read क्या गुनाह कर जाता हूं? मैं गीत-ग़ज़ल जो गाता हूं, तो क्या गुनाह कर जाता हूं! चाहत के प्यासे इस दिल की, थोड़ी-सी प्यास बुझाता हूं! तो क्या गुनाह कर जाता हूं? आने वाला यूं... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक काव्य संग्रह · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 11 108 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read हौसला मैं धैर्य रखूंगा हरदम, यूं हौसला नहीं गवाऊंगा। जीवन की हर यात्रा में, निडरता से कदम बढ़ाऊंगा। अपने सपनों को पंख देकर, ऊँचाईयों तक उड़ता जाऊंगा। जो देखे हज़ारों सपने... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कठिन जीवन · कविता 7 70 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read बे-शुमार तेरा दर्द दिल का करार हो जुल्म हो तो फिर बे-शुमार हो जब न वस्ल की हो उमीद भी वक़्त भी यहाँ तार-तार हो तेरा जिक्र जिसमे न हो ‘अभि’... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 7 75 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read अच्छी नहीं दरिया में इतनी खमोशी अच्छी नहीं, तेरी आँखों में ये उदासी अच्छी नहीं। अब ज़रा सा मुस्कुरा भी दे ए सनम, दिल को इतनी बेक़रारी अच्छी नहीं। धूल सारी आइने... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 8 110 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read फुरसत "जिम्मेदारी न आज घटी न कल घटेगी फुर्सत न आज मिली न ही कल मिलेगी।" किसी के लब पर मीठे बोल होते हैं, तो किसी की नीयत में झोल होते... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 7 78 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read गुमनामी अभी एक शोर सा उठा है कहीं कोई खामोश हो गया है कहीं। हुआ कुछ ऐसा जैसे ये सब कुछ इससे पहले भी हो चुका है कहीं ।। क्या हुआ... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 7 67 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read बेरंग बिन स्याही कलम बेरंग सी लगे, तुझ बिन दुनिया बेदंग सी लगे। अब तू साथ है तो सुकून है दिल को, वर्ना बेदर्द सा हर दिन एक जंग सी लगे।... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 7 77 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 May 2024 · 1 min read आसान जिंदगी मेरी ज़िन्दगी की ऐसी कुछ कहानी है, खुशियाँ रोज़ आँख मिचौली करती हैं मुझे याद नहीं ऐसा एक भी कोई मंज़र जिसमे किसी को ना मुझसे शिकायत है। ऐ दिल!... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कठिन जीवन · कविता 7 81 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 9 May 2024 · 1 min read नज़रें मैं नज़रे मिलाऊँ, वो नज़रें झुकाएँ, मैं नज़रें हटाऊँ, वो नज़रें मिलाएं। नज़र ही नज़र में नज़र मारते हैं, ये मैं जानता हूँ वो हमें चाहते हैं। हम उन्हें चाहते... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक काव्य संग्रह · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 8 73 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 9 May 2024 · 1 min read छूट रहा है। जैसे-जैसे हाथों से हाथ छूट रहा, दिल भी टुकड़ों में जैसे टूट रहा, गमों का सैलाब जो था थमा, वो आंखों से रह रहकर फूट रहा ! किस्सों से सजा... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 8 71 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 9 May 2024 · 1 min read सिंचित मन जब सब रूठ जाएंगे, जब अपने छूट जाएंगे, जब सपनें टूट जाएंगे, जब नैन कटीरें फूट जाएंगे, जब खोने को कुछ न होगा, जब पाने को सबकुछ होगा, बन जाना... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कठिन जीवन · कविता 8 70 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 9 May 2024 · 1 min read हे राम! तुम्हें शिरसा प्रणाम जीवन-पथ, उनकी मंज़िल जो भव-सागर, उनका साहिल जो कर्ता-भर्ता-संहर्ता जो... सारे जिनके, सबके है जो क्षण-क्षण, कण-कण में रमते जो सर्वेश्वर राम कहाते जो उनका पुनीत ये परम धाम इस... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · मेरे प्रभू 9 74 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 9 May 2024 · 1 min read इतिहास हो तुम चली गई जो छोड़ कर मुझे, मगर आज भी मेरे पास हो तुम। मेरी आम सी जिंदगी में, आज भी सबसे खास हो तुम। बातें अब नहीं होती तुम्हारी, मानता... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 9 75 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 9 May 2024 · 1 min read उसकी आंखें ही पढ़ आया वादों भरी इस दुनिया में, एक वादा ऐसा पाया, शब्दों में कोई जिक्र नहीं पर आँखो ने सब था बताया। हाँ कोई तो था शख्स जो मेरे इतना पास आया,... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक काव्य संग्रह · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 8 77 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 9 May 2024 · 1 min read बदलता गांव बदल गया है गांव अब मकां भी पुराने रहे नहीं, दिल बदल गया इंसानों का इंसान भी पुराने रहे नहीं। सबकुछ खोया दो पल सुकून भी पहले जैसे रहे नहीं,... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · सुकून 8 93 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 9 May 2024 · 1 min read देखा है सच्चाई ही जीता करती सबसे झूठी बात यही मैंने सच्चाई को अक्सर अश्क बहाते देखा है.... छल प्रपंच पाखंडों को देखा है मैंने इठलाते भोली-सी ज़ज्बातों को प्रायः झुंझलाते देखा... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 8 56 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 8 May 2024 · 1 min read बड़े नहीं फिर भी बड़े हैं । बड़े नहीं फिर भी बड़े हैं इसलिए कि लोग जहाँ गिर पड़े हैं हम वहाँ तने खड़े हैं, द्वंद्व की लड़ाई भी साहस से लड़े हैं; न दुख से डरे,... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · स्व–अभिमान 9 94 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 8 May 2024 · 1 min read कौन सताए ज़िद्दी स्वाभाव बचकानी हरकते, उसकी मनमानी और तीखे तेवर! रोते हुए को भी एकदम हँसा दे, चेहरा देख के ही हाल बता दे । कोई बहाना जहां चल न पाए,... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक काव्य संग्रह · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 9 73 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 8 May 2024 · 1 min read जो पहले थी वो अब भी है...! बेरहम वही फिर ख़ामोशी... जो पहले थी वो अब भी है..! अंज़ाम वही फिर मायूसी... जो पहले थी वो अब भी है...! कितने पतझड़, कितने वसंत, कितने सावन आये, जाये..... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 9 71 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 8 May 2024 · 1 min read मुलाकात ! अब न उनसे फिर मुलाकात होगी न दिन ढलेगा, न ख़त्म रात होगी, अब न उन राहों पर फिर हम चलेंगे न गिले-शिकवों की तहकीकात होगी। कभी भीड़ में एक... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 9 75 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 17 Feb 2024 · 1 min read एक कहानी, दो किरदार लेकर सारा दरिया, जंगल, तूफा साथ में सब पार कर के । लौटे अपने-अपने घर को, एक कहानी, दो किरदार लेकर । कविताएं सोच के लिखने वाला, अब कहाँ गया मालूम... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 17 162 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 16 Feb 2024 · 1 min read कहीं न कहीं अभी एक शोर उठा है कहीं कोई खामोश सा हो गया है कहीं। हुआ कुछ ऐसा जैसे ये सब कुछ इससे पहले भी हो चुका है कहीं ।। क्या हुआ... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 17 103 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 16 Feb 2024 · 1 min read जब साथ छूट जाता है, जब साथ छूट जाता है, बिन बात के कोई रूठ जाता है। रहता तो है वो दिल के आस पास ही, रास्ता उसके दिल का, दूसरी ओर मुड़ जाता है।।... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 16 160 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 16 Feb 2024 · 1 min read निखर गए ज़रा सी चोट से टूटकर बिखर गए, कांच के टुकड़े थे पता नही किधर गए। रहा न अब वजूद अपना, तुम थे सब जगह, जिधर गए। रहते है गुमनाम इन... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 16 141 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 12 Feb 2024 · 1 min read कौन हूं मैं? कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं? कह देना कोई ख़ास नहीं! एक दोस्त है पक्का कच्चा सा, एक झूठ है आधा सच्चा सा, जज़्बात को ढके एक पर्दा बस एक... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक काव्य संग्रह · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 16 133 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 10 Feb 2024 · 1 min read लिख रहा हूं। दोस्ती में खाए ज़ख्मो का हिसाब लिख रहा हूँ, तेरे सभी सवालों का मैं जवाब लिख रहा हूं। वो कौन लोग हैं जो बाहों में सुकून ढूंढते हैं? मैं सुकून... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · स्व–अभिमान 17 99 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 8 Feb 2024 · 1 min read हो तो बताना! कहीं हयात-ए-मुख़्तसर हो तो बताना, बिन उसके कोई बसर हो तो बताना। उसके आस पास महफ़िल है सजी, वहाँ पे मेरा भी ज़िक्र हो तो बताना। क्या पहन कर जाऊँ... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 16 1 203 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 7 Feb 2024 · 1 min read डरना क्या है? अगर यही है जीना, तो मरना क्या है? आए गर मौत भी, तो डरना क्या है? कितना ही जिओ, है एक दिन मरना , है यही मुकर्रर, फिर मुकरना क्या... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कठिन जीवन · कविता 21 3 230 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 7 Feb 2024 · 1 min read मोह माया का ! सब माया का जंजाल है, सब काया का जंजाल हैं, मन, वचन, कर्म, नयन जीवन के साये ये ढाल हैं। हैं मोह के सब रिश्ते, माया ही इनको बांधे है,... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · मोह माया 20 183 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 3 Feb 2024 · 1 min read बैरागी उस बंद राह पर एक खंडहर है, कुछ दबा भी दिल के अंदर है, मैं कहूं, तो कोई बात बनेगी, ना दिन बचेगा, ना रात रहेगी, ना बची खुची वो... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 15 1 104 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 1 Feb 2024 · 1 min read दिमाग़ वाले पत्थर थे वो, जिन्हें मैंने खुदा माना, कैसे सुनते वे मेरे दिल का अफसाना..! कोशिशें सारी नाकाम हुई, होनी ही थी, ठोकर खायी, किस्मत में था ठोकर खाना..! पी ले... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 15 100 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 1 Feb 2024 · 1 min read कहानी तू अनकही कहानी हैं मेरी, मैं बिन कहा अल्फाज़ हूँ तेरा, तू खूबसूरत उलझन हैं मेरी, मैं बेपनाह प्यार हूँ तेरा। तू कागजों पर स्याही हैं मेरी, मैं हर शब्द... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक काव्य संग्रह · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 15 1 96 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 30 Jan 2024 · 1 min read हटता नहीं है। घना सा है कुहरा, जो छँटता नहीं है वक़्त भी है ऐसा, जो कटता नहीं है। ख़ुशी के तराने भी खेलते हैं गोद में पर दर्द है कुछ ऐसा कि... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 15 1 141 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 29 Jan 2024 · 1 min read मायूस फूल उगते नहीं उगाए जाते है, चराग़ बुझते नहीं बुझाए जाते है। हम जो तुम्हें मायूस दिख रहे हैं, वो ग़म-ख़्वार है जो बुझ गए है। मिलो किसी से तो... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 16 1 152 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 27 Jan 2024 · 1 min read खेल नहीं उसकी मोहब्बत है कोई चौपड़ का खेल नहीं, जो इंतिखाब हुआ कभी तो इंकलाब होगा । कल उसकी याद में बहाए थे चार आँसू जहां, लौट के देखना वहीं मग़रिब-ऐ-सैलाब... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 16 1 132 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 27 Jan 2024 · 1 min read बड़ी मीठी थी छोटा था तो मम्मी ने भूख नही लगी कहने पे आटे सने हुए हाथ से प्यार से थप्पड़ मारा था वो मार बड़ी मीठी थी । अपनी उदारता से फलीभूत... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · परिवार 18 1 124 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 26 Jan 2024 · 1 min read शान तिरंगा ये जो तिरंगा लहरा रहा है इसमें, सारे वीरों के दिल धड़क रहे हैं। ये जो आज़ादी से भरा नज़ारा है, यह भव्य शौर्य की गाथा है। वहां उनके घर... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · सुकून 17 141 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 23 Jan 2024 · 1 min read काश काश, ज़रा-सा ये हो पाता... मैं भी बिल्कुल तेरे जैसा दिल से पत्थर ही बन जाता..! ज़ज्बातों का असर बेअसर मुझ पर भी यूं ही रह जाता...! उफ़ भी नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 17 108 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 23 Jan 2024 · 1 min read जलाया करता हूँ, ऐसे ज़माने को जलाया करता हूँ, मैं चाँद को छत पे बुलाया करता हूँ। जब बात आती है बरसने की सुनो, मैं शर्त बादलों से लगाया करता हूँ। ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ पर... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 17 117 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 23 Jan 2024 · 1 min read जीवन यात्रा एक साल की जीवन यात्रा और हो गई पूरी कुछ इच्छाएँ पूर्ण हुई ज्यादातर रही अधूरी फिर भी दूँ आभार तुम्हें लगता यह बहुत ज़रूरी ओ मेरे जीवन के दुःख-सुख,... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · सुकून 17 1 118 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 23 Jan 2024 · 1 min read बेकरार हर तरफ हर जगह बेशुमार हूं मैं चैन से जीने को बेकरार हूं मैं! अपनों की भीड़ में अपनों के आस पास अजनबियों की कतार में शुमार हूं मैं! कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कठिन जीवन · कविता 17 132 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 22 Jan 2024 · 1 min read एक दिन रेशम सी नर्म जुल्फें अपनी मुझ पे लहराओ एक दिन क्या दूर से ही देखते हो यूं ही बरस जाओ एक दिन । हवाओं की तरह गुजरो दिल की तंग... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक काव्य संग्रह · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता 17 120 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 22 Jan 2024 · 1 min read मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या? मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या? तेरे कांधे सिर रख सो लूं क्या? लोग भला क्या सोचेंगे? इसे भुला अब रो लूं क्या? दो बूंदों के मिलने से कपाल पे एक... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · विरह काव्य 17 115 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 22 Jan 2024 · 1 min read आनंदित जीवन चेहरे की हंसी दिखावट सी हो गई है असल जिंदगी भी बनावट सी हो गई है। अनबन बढ़ती जा रही है अब रिस्तों में भी, अपनों से भी अब बगावत... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कठिन जीवन · कविता 17 1 107 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 22 Jan 2024 · 1 min read कमजोर नहीं हूं मैं। हर सुबह मेरा एक सपना होता है, कभी दूसरों के लिए, कभी अपना होता है। हर पल उनको पूरा करने की चाह होती है। ना दिन की फिक्र ना रात... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कठिन जीवन · कविता 17 118 Share Page 1 Next