Neelam Sharma Tag: कविता 201 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Neelam Sharma 8 May 2024 · 1 min read वोट कर! 1222 1222 अगर द़स्तार बदलेगा । तभी किरदार बदलेगा। हमारे ही तो वोटों से, दरो - दीवार बदलेगा । मुखौटा ग़र हटा दोगे, तभी अय्यार बदलेगा। समय पहले न जो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · वोट कर 7 Share Neelam Sharma 6 May 2024 · 1 min read किताब-ए-जीस्त के पन्ने किताब-ए-जीस्त के पन्ने उलटते रहते हैं । भरे तुफानों में जीवन सिमटते रहते हैं। हुईं हैं आँखें उनींदीं तुम्हारी चाहत में, तेरी जुदाई में करवटें बदलते रहते हैं। कभी मिला... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 11 Share Neelam Sharma 5 May 2024 · 1 min read अंतस्थ वेदना अंतस्थ वेदना सुनो,चिंता मत करना,जीवन जीना कठिन है नहीं आसान भी मरना। मेरा हँसमुख होना ही काम आएगा तुम्हें भुलाने में। बेशक पहली नज़र की प्रीत हो तुम,इक पल न... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 14 Share Neelam Sharma 5 May 2024 · 1 min read पछतावे की अग्नि क्यों हुए सुन,हाथ काले, तू पाप किसके ढो रहा। सद्कर्म कुकर्म में अंतर, पहले क्यूँ न कर सका, आज पछतावे की अग्नि, में तू खुदको मानव झो रहा। लाख समझाया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 14 Share Neelam Sharma 5 May 2024 · 1 min read प्रेम तुझे जा मुक्त किया "प्रेम तुझे अब मुक्त किया!" अपनी श्वासों को प्राण वायु से क्यों कान्हा तुमने रिक्त किया। अव्यक्त रही उर अभिव्यंजनाओं पर पहरेदार नियुक्त किया।। जन्म जन्म की प्रीत नहीं है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 13 Share Neelam Sharma 4 May 2024 · 1 min read कविता सकते जैसी हालत है क्यों? क्यों तीखे लगे सवाल कहो! शब्द भाव क्यूं लगें नुकीले? क्यूँ कथनी लगे करवाल अहो! रक्तिम रचनाओं का कारण, हैं ज़ख्म 'हमारी' मोहब्बत के। शब्द... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 10 Share Neelam Sharma 2 May 2024 · 1 min read कविता तू होता पास ना मेरे, तुझे एज़्यूम करती हूँ। बसा कर अपनी आँखों में तुझे मख़दूम करती हूँ। निहारूँ तुमको चुपके से अगर कोई साथ हो मेरे। मगर बैठी अकेली... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 17 Share Neelam Sharma 2 May 2024 · 1 min read मेरी प्यारी अभिसारी हिंदी......! मस्तक गर्व ज्ञान की बिंदी। जन जन की मधु वाणी हिंदी। सुरभित,सुमनित,सुस्मित बनकर, युवाओं के मरुस्थली मन पर, श्यामल बदली बन बरसेगी। मस्तक गर्व ज्ञान की बिंदी। जन जन की... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · मेरी प्यारी अभिसारी हिंदी..... 15 Share Neelam Sharma 2 May 2024 · 1 min read मूक संवेदना... हरदम तेरे साथ रहूँगी बनके सुरभि शीतल पौन। कहने को हम दूर हैं साथी पर बसते अंत:स्थल मौन! हुए विलग पर विलग नहीं हम जैसे बही - खातों में लोन!... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · मूक संवेदना.. कविता 13 Share Neelam Sharma 30 Apr 2024 · 1 min read मज़दूर हर _तस्वीर _कुछ_ कहती है । विधा -कविता दिनांक - 7/10/ 18 दिन -रविवार पसीना पहले, फिर खून के आँसू बनकर बहें धारे बनाकर ताज चाहत का,नज़राना भेंट चढ़ते हम।... Hindi · कविता · मजदूर 1 61 Share Neelam Sharma 19 Mar 2024 · 1 min read अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी । संघर्ष पथ की संगिनी नारी तू पत्नी, प्रिया,कभी अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी । चलती रहती प्राण पथ हरदम अकेली जीवन है पाषाण पथ,नहीं कोई सहेली। कैद करती दुख के तिमिर को मुट्ठियों... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 1 55 Share Neelam Sharma 14 Feb 2024 · 1 min read अकथ कथा 🥀प्रेम मूर्ति राधा ! राधा !!🥀 🌹🙏🌹 रात भी स्वर्णिम हुई, शुभप्रभात साजन। जगी उषा किया मधु, से स्नात साजन। प्रीति पिया हमको मिली सौगात साजन। ऐसे मिले हम हुआ,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 59 Share Neelam Sharma 7 Feb 2024 · 1 min read श्रृंगार माथे की बिंदिया चमचम, पैरों में पायल की छनछन, हाथों में कंगन की खनखन, रुनझुन छनके कमरबंद, करते साजन का अभिनंदन। रिश्ता अपना खुशबू चंदन, रहे दीप्त क्षितिज-सा यौवन, नित... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 75 Share Neelam Sharma 2 Feb 2024 · 1 min read ये अमलतास खुद में कुछ ख़ास! सुन, अमलतास है खुद में खास विरह के ताप का,इसे अहसास। यह चमक लिए तपे कुंदन सी नहीं खुद की कीमत का आभास। श्वास का सिंचन, यह जीवन मंचन, होना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 45 Share Neelam Sharma 28 Jan 2024 · 1 min read कर बस हर दफा तू प्यार कर। मत जीस्त को बेज़ार कर। वो जा रहा है देख लो, चाहत मेरी दुत्कार कर। खुशियों की लिख तू दास्तां जीवन नया संवार कर।।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 52 Share Neelam Sharma 28 Jan 2024 · 1 min read प्रणय 1) राधा प्रणय नेह, बरसे मधुर मेह। झंकृत ह्रदय तार, तन-मन पिय श्रृंगार।। 2) भाये मृदुल प्रीत, अंतस मदन मीत। प्रेम भाव विभोर, डूबे युति किशोर।। 3) छाई विरह घोर,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 73 Share Neelam Sharma 28 Jan 2024 · 1 min read संगिनी राधा कृष्ण जैसा न ही वियोग हो सकता है और न ही दूर रहकर भी संयोग। ऐसे ही बैठे -बैठे मन में विचार आया यदि आज के समय में राधा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 59 Share Neelam Sharma 28 Jan 2024 · 1 min read फेसबुक बस यूँ ही🤗😌🤗 इनबोर्न टैलेंट को निखारूँ स्ट्रैस बस्टर क्योर हूँ मैं। गुणवत्ता की गहराइयों का ट्रेंड गोताखोर हूँ मैं। जी हाँ मैं #फेसबुक हूँ ! क्रिएटिविटी का छोर हूँ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 95 Share Neelam Sharma 28 Jan 2024 · 1 min read औरतें #औरतें हिमगिरि की चोटियों पे धूप सी ठहरी औरतें। क्षीर- सिन्धु के भँवर सी ख़ामोश गहरी औरतें । सुबह के झरने सी वो तो,खिलखिलाती हैं सदा। बर्फ़ के टीलों की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 99 Share Neelam Sharma 28 Jan 2024 · 1 min read रंगोली स्नेह सुसज्जित प्रेम से पूरित रंग भरे हैं रंगोली में। ऐसे जैसे अबीर गुलाल में कान्हा भीगे होली में।। लाल रंग ज्यों भाल राधिका चमके बिंदिया चंदा सी, अधर गुलाबी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 85 Share Neelam Sharma 28 Jan 2024 · 1 min read दर्शन की ललक 🙏ओम नमो वासुदेवाय नमः।🙏 दर्शन की ललक है आजा। रोम- रोम महक है आजा।। मधुर मुरलिया तान सुना दे, कुंठित हिया दहक है आजा। तम गहराया मन पर मेरे, तेरी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 75 Share Neelam Sharma 2 Jan 2024 · 1 min read विराम चिह्न विराम अर्थ होता है -'रुकना'! बच्चों रखना ध्यान। अभिव्यक्ति में ठहराव का करवाता यह भान।। भाषा को जीवंत बनाता 'विराम चिन्ह' का ज्ञान। 'विराम चिह्न' के शुद्ध प्रयोग से आती... Hindi · कविता · विराम चिह्न 2 2 133 Share Neelam Sharma 18 Sep 2023 · 1 min read कूल नानी नानीजी मेरी हैं बड़ीं कूल। पर छोटा हूँ;वह जाती भूल।। अलग ही चलते इनके रूल। हँसकर कहतीं चल तू स्कूल।। ग्यारह माह का अबोध भला कभी कहीं स्कूल को जाता... Hindi · कविता 4 151 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read हिंदी ?जय हिंद! जय हिंदी!? निर्मल है मधुभाष हिंदी। ज्ञान पयोधि प्यास हिंदी।। पोषित है नैतिक मूल्यों से, अलंकृत दिव विन्यास हिंदी। छंदस भाव झरे सुर इसके। मधुरिम भाव भरे उर... Hindi · कविता 1 455 Share Neelam Sharma 31 Jan 2020 · 1 min read सायली छंद पता नहीं क्यो? यादों के पन्ने आज फिर फड़फड़ाते। मोह के धागे तेरी उँगलियों में, जा उलझे क्यों? संभली तुफानो से समंदर में फँसकर हिदायतें लिख दी। सहेजती अश्रु अँखियाँ,... Hindi · कविता 4 1 720 Share Neelam Sharma 15 May 2019 · 1 min read वोट सुधरेगा समाज सुन नीलम, सही चुनाव से कम होगा तनाव। मत घर बैठो,आदर्श नागरिक बस एक वोट से करो बदलाव। अटके न कहीं ग़लत निर्णय से, विकासशील सुदेश की नाव।... Hindi · कविता 3 4 343 Share Neelam Sharma 15 May 2019 · 1 min read वोट सुनो-सुनो आदर्श नागरिकों,,,,आज मातृदिवस है, भ्रष्टाचारियों के कुशासन से,,,माँ भारती विवश हैं। करते प्रेम तुम मातृभूमि से,तो कर कर्त्तव्य निभाव, बहुमूल्य हर एक वोट है,,,,करें सद्बुद्धि से चुनाव। प्रजातंत्र के... Hindi · कविता 2 302 Share Neelam Sharma 15 Feb 2019 · 1 min read श्रद्धांजलि कश्मीर कभी न हथिया पाओगे पीठ पीछे वारों से। आत्मबल क्षीण नहीं होगा, सुनों तुम जैसे गद्दारों से। बहुत सही मक्कारी नापाक तेरी, पार कर गया तू तो हद विनाश... Hindi · कविता 444 Share Neelam Sharma 11 Feb 2019 · 1 min read गुनाह लो फिर एक आहट यादों को कुछ भीगो सी गई चली जो पुर्वा दिल के ज़ख्मों में शूल चुभो सी गई वो बनके अश्क मेरी पलकों को हररोज धोते हैं... Hindi · कविता 1 449 Share Neelam Sharma 9 Feb 2019 · 1 min read बसंत आकुल बसंत, ले प्रीति सुगंध, व्याकुल बसंत में, सजनी कंत। दमके क्षितिज पार,बन धूप पैबंद, पगडंडि यौवन की, प्रीत अनंत। कुहू- कुहू कोयल के मधुर छंद, मधुर बोल,सजन से उर... Hindi · कविता 1 478 Share Neelam Sharma 9 Feb 2019 · 1 min read बसंत बस अंत हुआ मानों सर्दी का, देखो बसंत नव आया है। बस अंत हुआ मानों विरहा का, रंग प्रेम बसंती छाया है। बस अंत हुआ छोटी रातों का,देखो दिनकर गहराया... Hindi · कविता 1 449 Share Neelam Sharma 7 Feb 2019 · 1 min read करते साजन का अभिनंदन। माथे की बिंदिया चमचम, पैरों में पायल की छनछन, हाथों में कंगन की खनखन, रुनझुन छनके कमरबंद, करते साजन का अभिनंदन। रिश्ता अपना खुशबू चंदन, रहे दीप्त क्षितिज-सा यौवन, नित... Hindi · कविता 1 488 Share Neelam Sharma 4 Feb 2019 · 1 min read सेल्फि सुनो,आज करते हम घोषित सेल्फि अपनी, खुशी से पोषित। हम भी खुश हो सकते हैं जी दुखों को कर देंगे, हम शोषित। आओ चलो सब पोज़ बना लें कोई हँसे,... Hindi · कविता 1 263 Share Neelam Sharma 2 Feb 2019 · 1 min read अमलतास सुन, अमलतास है खुद में खास विरह के ताप का,इसे अहसास। यह चमक लिए तपे कुंदन सी नहीं खुद की कीमत का आभास। श्वास का सिंचन, यह जीवन मंचन, होना... Hindi · कविता 275 Share Neelam Sharma 1 Feb 2019 · 1 min read आंखें अलीवर्ण_पाद_छंद विषय - आंखे, नैन सुदूर करतीं हैं अवलोकन। आँखें आतीं भर साथी की सुध कर। चमक है लातीं, नीलम अंखियां। नीलम शर्मा ✍️ Hindi · कविता 288 Share Neelam Sharma 26 Jan 2019 · 1 min read राष्ट्र वतन बलिदान त्याग ग़र शहीद न करते, तो हम होतेआज़ाद नहीं। सतत प्रयास अब तक आज़ादी, सुन सच में हम आज़ाद नहीं। जटिल पुरातन या हो नूतन,तजना कुरीति कोई पाप... Hindi · कविता 443 Share Neelam Sharma 17 Jan 2019 · 1 min read जिंदगी आजा कि बेकरार होकर दिल करता है इंतज़ार तेरा जान ले लेगा सनम जाकर फिर आने का करार तेरा निगाहें हैं लगी राहों पे कि कब आओगे तुम बेचैन हैं... Hindi · कविता 292 Share Neelam Sharma 11 Jan 2019 · 1 min read हकीकत दिल से आभारी हूँ कि, तूने मुझे प्यार करना सिखला दिया । चाहतें कैसे बदल देती हैं ज़िन्दगी को, ये भी हमें बतला दिया । दर्द , आँसू , त्याग... Hindi · कविता 280 Share Neelam Sharma 9 Jan 2019 · 1 min read बाकी है ख्वाबों के आकाश में, अभी तो पंख फैलाएँ हैं मैंने मंजिल । असली उड़ान होसलों की , ज़िन्दगी में अभी बाकी है देनें हैं कई इम्तेहान अभी ज़िन्दगी के नीलम... Hindi · कविता 541 Share Neelam Sharma 5 Jan 2019 · 1 min read गिला किसे पुछूँ ? है ऐसा क्यों ? हुई हाय क्या ख़ता है। कहाँ ढूढूं ? वो मीठे पल,सनम जब बेवफा है। बेजुबान है इश्क मेरा, नहीं इसकी जुबां है। तेरी... Hindi · कविता 2 289 Share Neelam Sharma 5 Jan 2019 · 1 min read राधा रास रचाया गोपियों संग और जिया को भा गई राधा बाँध के अंखियन की डोरी से कान्हा को पा गई राधा प्रीत अमी नयनों से अपने पिला गई राधा प्रेम... Hindi · कविता 348 Share Neelam Sharma 15 Nov 2018 · 1 min read बच्चों जैसे पौधे सूने घर के बंजर आंगन में,कुशा रूप उगे रोंये कुछ बीजों से सजी है बगिया,कुछ गमलों ने संजोए। हर एक बीज बूढ़ी अम्मा ने था, बहुत स्नेह से बोया वही... Hindi · कविता 3 2 265 Share Neelam Sharma 13 Nov 2018 · 1 min read मां माँ (1) जननी, माँ, प्रसू,धात्री,वत्सला,सुदर्शना ममतामयी ओस कणों सी निर्मल कोमल जीवन बगिया सरसा गयी आँखों में है नीर तेरे ,माँ त्याग है तेरे आँचल में नित कष्ट नए सहकर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 67 705 Share Neelam Sharma 3 Jul 2018 · 1 min read जल हैं बाट जोहती नल पर....... कुछ सोच रहीं क्यों जल जीवन? कुछ कलश सहेजे कमर पर। हैं बाट जोहती नल पर......... कोई न नद जल कूप शेष बिन छाँव बिलखते,हृदय... Hindi · कविता 3 2 322 Share Neelam Sharma 29 Jun 2018 · 1 min read मेघ मनुहार मेघ मनुहार बादल- बदली कर रहे शीर्ष गगन मनुहार सजल नयन में ढूँढते, जन्म जन्म का प्यार। क्षितिज पार अंबर ऊपर, धवल मेघ संसार नयन नयन में हो रहा अभिव्यक्ति... Hindi · कविता 3 495 Share Neelam Sharma 28 Jun 2018 · 1 min read खोता बचपन दो वक्त की दाल- रोटी को है, देखा लाचार होता बचपन, गुटके-बीड़ी और अगरबत्तियों में देखा धुंआ होता बचपन। कूड़े के ढेर और गंदे इनालों में, स्व पहचान नित खोता... Hindi · कविता 2 511 Share Neelam Sharma 21 Jun 2018 · 1 min read वीरां गाँव ग़मगीन सूनी सारी गलियाँ,उजाड़-वीरां सारे गाँव, कंक्रीट हृदय,उजड़ी बस्ती,नहीं शेष पेड़ों की छाँव। निर्जन नहीं गाँव कूचे गलियाँ रिश्ते भी वीरां हुए हैं, सुन,झूठे मुखोटों के पीछे,बस कौवों की काँव... Hindi · कविता 2 351 Share Neelam Sharma 19 Jun 2018 · 1 min read नाव डगमग डगमग डोले मनवा, ,,,,,,,,,बाल हृदय अनोखा चाव है। आओ देखो बंटी - बबली क्या खूब बनी कागज की ये नाव है। पहली बूंद पावस की पाकर, हरित वसुधा का... Hindi · कविता 2 302 Share Neelam Sharma 7 Jun 2018 · 1 min read एक विचार शब्द- मंथन,कथन, चिंतन, सृजन,हनन मंथन,मथना अथार्त गूढ़ तत्त्वों की छान-बीन, बिन मंथन निष्कर्ष पर,पँहुचे दीन मति हीन। चिन्तन बाधाओं के निवारण का है प्राकृतिक साधन। चिंतन विचारार्थ समस्याओंं का मानसिक... Hindi · कविता 1 242 Share Neelam Sharma 4 Jun 2018 · 1 min read पर्यावरण दिवस या विवश? पर्यावरण विवश!!! विश्व स्तर पर फैला प्रदूषण, कर पर्यावरण को विवश। देखो,मात्र कुछ वृक्ष लगाकर, मन रहा पर्यावरण दिवस। ये तो वही बात हो गई कि माँ को समय पर... Hindi · कविता 2 458 Share Page 1 Next