डी. के. निवातिया Tag: ग़ज़ल/गीतिका 67 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डी. के. निवातिया 30 Apr 2024 · 1 min read ग़ज़ल - वो पल्लू गिराकर चले थे कभी, दिन दिनांक : मंगलवार ३० अप्रैल २०२४ विधा : ग़ज़ल बह्र: बहरे मुतक़ारिब मुसम्मन सालिम मक़्सूर अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़अल मात्रा भार : १२२ / १२२ / १२२... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 18 Share डी. के. निवातिया 13 Apr 2024 · 1 min read लिखावट - डी के निवातिया १ २ २ / १ २ २ / १ २ २ / १ २ २ पढ़ा जो उसे तो ये जाना कसम से, लिखावट में दम है खुदा के करम... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 29 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read तुमसे दूर रहकर जाना जुदाई क्या होती है ग़ज़ल ***** तुमसे दूर रहकर जाना जुदाई क्या होती है, तन्हा रहकर ये समझे तन्हाई क्या होती है ! यूँ तो बहुत सुना था जमाने के मुख से मगर, करके... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 52 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read बड़ी मिहनत लगाते है करीने से सजाने में, ग़ज़ल ****** बड़ी मिहनत लगाते है करीने से सजाने में, कई रातें गँवा देते गजल अच्छी बनाने में ! न जाने कौन सी जादू कलम इनके लगी हाथों, नहीं देरी... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 33 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read अगर कुछ हो गिला तब तो बताऊं मैं, ग़ज़ल ***** अगर कुछ हो गिला तब तो बताऊं मैं, मिरे दिल की भला क्यूँकर छुपाऊं मैं ! उसे तन-मन से माना है ख़ुदा अपना, क्यों सब कुछ न उस... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 34 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों, विधा: ग़ज़ल ********** मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों, टूटा जो फूल डाली से कभी खिलता नहीं यारों ! लगा चाहे ले जितना ज़ोर लेकिन सच... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 43 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read निगाहें मिलाकर चुराना नहीं है, ग़ज़ल ********* निगाहें मिलाकर चुराना नहीं है, मिला कर नजर अब हटाना नहीं है ! भले ही कहे जग मुहब्बत करो तो, सनम से हक़ीक़त छुपाना नहीं है ! जो... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 54 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों - डी के निवातिया विधा: ग़ज़ल बह्र का नाम: बहरे हज़ज मुसम्मन सालिम अरकान: मुफाईलुन मुफाईलुन मुफाईलुन मुफाईलुन मात्राएँ: 1222 1222 1222 १२२२ ***** मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों,... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · शेर 63 Share डी. के. निवातिया 18 Jan 2024 · 1 min read चाँद - डी के निवातिया ।। चाँद ।। चाँद को नजर लगाता चाँद, नूर को चमक दिखाता चाँद !! कैसे करूँ इस पर भरोसा मैं, झूठ को असल बताता चाँद !! मैं भी टुकड़ा हूँ... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 51 Share डी. के. निवातिया 27 Oct 2023 · 1 min read दिल समझता नहीं दिल की बातें, - डी. के. निवातिया दिल समझता नहीं दिल की बातें, बड़ा नादाँ है चाहता है मुलाकते ! बैचैनी के आलम में जीता रहता है, काटे से कटती नहीं है अब रातें ! गुम रहता... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 103 Share डी. के. निवातिया 7 Oct 2023 · 1 min read अंजाम-ऐ-मुहब्बत - डी के निवातिया पी लेंगे मिले जहर अगर तेरे हाथों से, टूटना भी मंजूर है मगर तेरे हाथों से ! ! अंजाम-ऐ-मुहब्बत है मंजूर ये भी हमे, खा लेंगे खंजर-ऐ-जिगर तेरे हाथों से... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 91 Share डी. के. निवातिया 31 Aug 2023 · 1 min read RKASHA BANDHAN यूँ तो हर घर-परिवार में मनाते आम है रक्षा बंधन, आनंद औ ख़ुशी मनाने का इंतजाम है रक्षा बंधन ! कहने के लिए तो ये भाई बहन का त्यौहार, मगर,... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 229 Share डी. के. निवातिया 14 Jul 2023 · 1 min read हँसकर दो चार बाते क्या हुई बस फ़िदा हो लिए, हँसकर दो चार बाते क्या हुई बस फ़िदा हो लिए, सोसल मिडिया मुलाक़ात पर ये इब्तिदा हो लिए ! * इस ज़माने के बच्चे क्या जाने फ़साना-ऐ-इश्क, ज़िस्म की प्यास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 243 Share डी. के. निवातिया 13 Jul 2023 · 1 min read फितरत से वाकिफ हूँ मैं हर चाल पहचानता हूँ फ़ितरत *** मैं किस हाल में हूँ बखूबी ये बात जानता हूँ, टूटता गिरता बार बार खुद को संभालता हूँ ! ऐसा मेरी फितरत में नहीं दोष दूँ किसी को,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · शेर 2 84 Share डी. के. निवातिया 24 Jun 2023 · 1 min read कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क, कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क, बनकर रहा गया है बस अनुपाती इश्क ! सुध बुध खो जाती चैन सुकून मिट जाता, जान पर बना देता है ये करामाती इश्क... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · शेर 162 Share डी. के. निवातिया 16 Jun 2023 · 1 min read जिंदगी की रफ़्तार - डी. के. निवातिया बेवफा है किसी पर कभी एतबार नहीं करती, बड़ी संगदिल है रहम या उपकार नहीं करती ! जिंदगी की रफ़्तार से कदम मिलाकर चलिए, पीछे छूट जाने वालो का इंतजार... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · शेर 153 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read चाँद ।। चाँद ।। चाँद को नजर लगाता चाँद, नूर को चमक दिखाता चाँद !! कैसे करूँ इस पर भरोसा मैं, झूठ को असल बताता चाँद !! मैं भी टुकड़ा हूँ... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 97 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ ***** चेहरे का नूर लबों की मुस्कान होती है बेटियाँ, एक बाप के लिए सारा जहान होती है बेटियाँ ! सिर्फ जिम्मेदारी का बोझ नहीं ढोती बल्कि, आत्मीय की... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 86 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read लोग समझदार हो गए, मेरे घर के सभी लोग समझदार हो गए, मुझे छोड़ बाकि सब मुलजमात हो गए ! मैं ही शामिल हूँ नकारो की फेहरिश्त में, वरना सब मेहनतकश जिम्मेदार हो गए... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 69 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read बदलाव के लिये बदलाव का होना जरुरी है माना के बदलाव के लिये बदलाव का होना जरुरी है ! पर क्यों इसमें आमजन को ही फ़ना होना जरूरी है !! ! क्यों नही जलते शोलो में हाथ आग... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 73 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read रावण बदल के राम हो जायेंगे रावण बदल के राम हो जायेंगे खुली अगर जुबान तो किस्से आम हो जायेंगे। इस शहरे-ऐ-अमन में, दंगे तमाम हो जायेंगे !! न छेड़ो दुखती रग को, अगर आह निकली... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 120 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती, वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती, आजकल सच्चाई और उसूलो की कदर नहीं होती ! घर, साज-ओ-सामान का बंटवारा हुआ तो ये जाना, खाली बड़ा दिल रखने... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 257 Share डी. के. निवातिया 9 May 2023 · 1 min read हमने हिमायती के हाथो में खंजर देखा है, हमने हिमायती के हाथो में खंजर देखा है, खिलते गुलशन को होते हुए बंजर देखा है ! अपने अपनों के हाथो से खायी है शिकस्त, हमने घूमिल होते ख्वाबो का... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · मुक्तक 138 Share डी. के. निवातिया 25 Mar 2023 · 1 min read नजदीक होकर भी बहुत दूर होते है *** नजदीक होकर भी बहुत दूर होते है, जिंदगी में लोग कितने मजबूर होते है ! दिखने में सब साथ नजर आते है मगर, सब अपनी-अपनी मस्ती में चूर होते... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 1 93 Share डी. के. निवातिया 7 Jan 2023 · 1 min read वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती, वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती, आजकल सच्चाई और उसूलो की कदर नहीं होती ! घर, साज-ओ-सामान का बंटवारा हुआ तो ये जाना, खाली बड़ा दिल रखने... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 179 Share डी. के. निवातिया 15 Dec 2022 · 1 min read आत्मा बिक रही है ज़मीर बिक रहा है आत्मा बिक रही है ज़मीर बिक रहा है, रईसों के बाजार में ग़रीब बिक रहा है ! किसान बिक रहा, जवान बिक रहा है, पटवारी के हाथो से जरीब बिक... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 1 2 115 Share डी. के. निवातिया 12 Aug 2022 · 1 min read हर घर तिरंगा प्यारा हो - डी के निवातिया हर घर तिरंगा प्यारा हो , घर घर तिरंगा प्यारा हो, फ़क़त इतना तो याद रहे, हर पल उतना प्यारा हो पंद्रह अगस्त के बाद ना, ये पड़ा सड़क किनारा... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका 1 376 Share डी. के. निवातिया 4 Jul 2022 · 1 min read दिन बड़ा बनाने में दिन बड़ा बनाने में ! साहस जुटाना होता दिल कड़ा बनाने में, मिटटी को मथ-मथ कर, घड़ा बनाने में, यूँ ही नहीं आती है बहारें इस जिंदगी में रात खर्चनी... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 2 4 326 Share डी. के. निवातिया 25 Jun 2022 · 1 min read भूल जा - डी के निवातिया भूल जा ! जो हुआ, सो हुआ, भूल जा अच्छा था, या बुरा भूल जा !! वक्त कब ये किसी का रहा, आज उस का रहा भूल जा !! जिंदगी... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 2 1 250 Share डी. के. निवातिया 11 Jun 2022 · 1 min read गिरते-गिरते - डी के निवातिया गिरते-गिरते हम कहाँ से कहाँ आ गए गिरते-गिरते, जग सारे में सारे छा गए गिरते-गिरते !! ! काबिल जरा न थे जो जहन्नुम के भी, जन्नत यहां पर पा गए... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · नज़्म · शेर 1 2 491 Share डी. के. निवातिया 19 Mar 2022 · 1 min read खत में - डी के निवातिया खत में खत में उसने मुझे खतावार लिखा, ऐसा इक बार नहीं कई बार लिखा ! बेवफा नहीं कह सकता उसे हरगिज़, गिले में हर दफा उसने प्यार लिखा !... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 371 Share डी. के. निवातिया 16 Mar 2022 · 1 min read दिल अपना ... - डी के निवातिया दिल अपना ... *** न जाने वो हमको किस नजर से तोलते है न लबो से कभी न आँखों से कुछ बोलते है ! रखना चाहते है हमे सदा अपनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 410 Share डी. के. निवातिया 29 Jan 2022 · 1 min read शीर्षक : चुनावी रेला - डी के निवातिया तिथि : २९ जनवरी २०२२ दिन : शनिवार विधा : गजल विषय : राजनीतिक व्यंग शीर्षक : चुनावी रेला **** चुनावी रेला रे चला चल चला चल, बना के खेला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 254 Share डी. के. निवातिया 20 Nov 2021 · 1 min read तेरे शहर से मेरा गाँव अच्छा है तेरे शहर से मेरा गाँव अच्छा है, कुछ अस्त-व्यस्त, कुछ टूटा-फूटा, घर कच्चा है लेकिन तेरे शहर से, आज भी मेरा गाँव अच्छा है, बहुत कुछ नया चलन में पाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 1k Share डी. के. निवातिया 5 May 2021 · 1 min read तेरी भी खता है - डी के निवातिया ख़ुदा की रज़ा क्या है ये किसे पता है, किसी और को दोष देना बड़ी धता है! जो भी हुआ है सबक ले कुछ इस से, कभी तो समझ इसमे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 254 Share डी. के. निवातिया 26 Feb 2020 · 1 min read खुराफात हो जाए - डी के निवातिया खुराफात हो जाए *** शैतानों की भीड़ में अगर इंसान से मुलाक़ात हो जाए, मैं समझू, की मेरी ईश्वर , अल्लाह से बात हो जाए !! झूठों के नगर में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 218 Share डी. के. निवातिया 18 Oct 2019 · 1 min read खुला आसमान चाहिए खुला आसमान चाहिए *** *** *** चन्द ज़मीं का टुकड़ा नहीं मुझे पूरा जहान चाहिए, मैं बेख़ौफ़ परिंदा हूँ मुझको खुला आसमान चाहिए !! ! कोई बने मालिक हवेलियों के,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 218 Share डी. के. निवातिया 26 Jun 2019 · 1 min read तेरी नज़रो में विषय : लेखन विधा : ग़ज़ल /गीतिका शीर्षक : तेरी नज़रो में तिथि : २६/०६/२०१९ तेरी नज़रो में मेरी कीमत रही कुछ ख़ास नही, इसलिए मैं आता तुम्हे अब ज़रा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 218 Share डी. के. निवातिया 8 Mar 2019 · 1 min read आज की नारी आज की नारी घूँघट त्याग नज़र से नज़र मिलाने लगी है, नारी शक्ति अपनी ताकत दिखाने लगी है !! घुट-घुट के जीना बीते दिनों की बात हुई, खुलकर जिंदगी का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 274 Share डी. के. निवातिया 28 Sep 2018 · 1 min read नज़ारा - डी के निवातिया नज़ारा *** कुछ इस तरह मुझ से किनारा कर लिया ! मेरे अपनों ने घर-बसर न्यारा कर लिया !! समझता रहा जिन्हे ताउम्र मै खुद का हमदर्द ! फूलों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 217 Share डी. के. निवातिया 27 Jun 2018 · 1 min read काम बाकी है अभी बहुत से काम बाकी है जुड़ना नाम से नाम बाकि है ! अपने हौसलों को उड़ान दे अभी पाना मुकाम बाकी है ! लुटाई है जो नेमत बेपनाह मिलना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 459 Share डी. के. निवातिया 21 May 2018 · 1 min read ज़लवा दिखाओ तो जाने ज़लवा दिखाओ तो जाने *** आज भी पहले सा मुस्कराओ तो जाने फिर से वही ज़लवा दिखाओ तो जाने !! मुहब्बत को तरस गयी है प्यासी निगाहें फिर उसी मंज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 215 Share डी. के. निवातिया 4 Apr 2018 · 1 min read ज़रा खुलने तो दो - डी के निवातिया शेर सारे पढ़े जायेंगे तुम्हारे मतलब के ज़रा खुलने तो दो बाते तमाम होंगी वफ़ा संग बेवफाई की ज़रा घुलने तो दो !! हर रंग के गुलों से सजायेंगे, ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 290 Share डी. के. निवातिया 17 Jan 2018 · 1 min read अफ़सोस न कर - डी के निवातिया अफ़सोस न कर *** मेरे वतन के हिस्से ये सौगात हर बार मिली है ! कभी गूंगो की कभी बहरो की सरकार मिली है !! किसी में हुनर सुनने का,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 345 Share डी. के. निवातिया 4 Dec 2017 · 1 min read बार-बार - गज़ल/गीतिका - डी के निवातिया बार-बार *** वो कौन है जो दिल को दुखाता है बार-बार ! अश्क बहते नहीं दिल कराहता है बार-बार !! वफ़ा संग बेवफाई दस्तूर पुराना है जमाने का फिर क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 735 Share डी. के. निवातिया 12 Oct 2017 · 1 min read दो दूना बाईस दो दूना बाईस --- बेवजह में वजह ढूंढने की गुंज़ाइश चाहिये ! काम हो न हो पर होने की नुमाइश चाहिये !! कौन कितना खरा है, किसमे कितनी खोट !... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 836 Share डी. के. निवातिया 21 Jul 2017 · 1 min read ढलता रहता हूँ ढलता रहता हूँ *** हर रोज़, दिन सा, ढलता रहता हूँ ! बनके दिया सा, जलता रहता हूँ !! कोई चिंगारी कहे, कोई चिराग ! यूँ नजरो में, बदलता रहता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 574 Share डी. के. निवातिया 9 Jun 2017 · 1 min read कैसे मुकर जाओगे — डी के निवातिया यंहा के तो तुम बादशाह हो बड़े शान से गुजर जाओगे । ये तो बताओ खुदा कि अदालत में कैसे मुकर जाओगे चार दिन की जिंदगानी है मन माफिक गुजार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 974 Share डी. के. निवातिया 3 May 2017 · 1 min read वो हमारे सर काटते रहे वो हमारे सर काटते रहे हम उन्हें बस डांटते रहे !! वो पत्थरो से मारते रहे हम उन्हें रेवड़ी बाटते रहे !! लालो की जान जाती रही हम खुद को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3k Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read कतराने लगे है लोग कतराने लगे है लोग अब तो किसी को पानी पिलाने से भी कतराने लगे है लोग ! क्या कहे सामूहिक भोज भी मुँह देख खिलाने लगे है लोग !! दिखावे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 506 Share Page 1 Next