Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2023 · 1 min read

बदलाव के लिये बदलाव का होना जरुरी है

माना के बदलाव के लिये बदलाव का होना जरुरी है !
पर क्यों इसमें आमजन को ही फ़ना होना जरूरी है !!
!
क्यों नही जलते शोलो में हाथ आग लगाने वालो के !
क्यों हरबार किसान मजदूर को जान खोना जरुरी है !!
!
धनपति उड़ा रहे नोट कागज़ की माफिक शादियों में
क्यों गरीब की बेटी को ही सन्ताप में रोना जरुरी है !!
!
नहीं देखा किसी ख़ास वर्ग को मुफलिसी में जीते हुए !
क्यों तुझे और मुझे ही कतार में खड़ा होना जरुरी है !!
!
इरादा नही “धर्म” का दोष दे किसी को सुकर्म के लिये
बस इल्तिज़ा ये,भागीदारी सबकी “सम” होना जरुरी है !!
!

डी. के. निवातिया

78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गरीबी में सौन्दर्य है।
गरीबी में सौन्दर्य है।
Acharya Rama Nand Mandal
प्रसाद का पूरा अर्थ
प्रसाद का पूरा अर्थ
Radhakishan R. Mundhra
जिन्दा रहे यह प्यार- सौहार्द, अपने हिंदुस्तान में
जिन्दा रहे यह प्यार- सौहार्द, अपने हिंदुस्तान में
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
बेरोजगार
बेरोजगार
Harminder Kaur
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
manjula chauhan
2507.पूर्णिका
2507.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सच्चे- झूठे सब यहाँ,
सच्चे- झूठे सब यहाँ,
sushil sarna
सत्य असत्य से कभी
सत्य असत्य से कभी
Dr fauzia Naseem shad
अंतिम क्षण में अपना सर्वश्रेष्ठ दें।
अंतिम क्षण में अपना सर्वश्रेष्ठ दें।
Bimal Rajak
"धन वालों मान यहाँ"
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
सिर्फ औरतों के लिए
सिर्फ औरतों के लिए
Dr. Kishan tandon kranti
शिव रात्रि
शिव रात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बंद पंछी
बंद पंछी
लक्ष्मी सिंह
ये दिल है जो तुम्हारा
ये दिल है जो तुम्हारा
Ram Krishan Rastogi
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
Manisha Manjari
आया जो नूर हुस्न पे
आया जो नूर हुस्न पे
हिमांशु Kulshrestha
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
Dhirendra Singh
खिल उठेगा जब बसंत गीत गाने आयेंगे
खिल उठेगा जब बसंत गीत गाने आयेंगे
इंजी. संजय श्रीवास्तव
ओमप्रकाश वाल्मीकि : व्यक्तित्व एवं कृतित्व
ओमप्रकाश वाल्मीकि : व्यक्तित्व एवं कृतित्व
Dr. Narendra Valmiki
*हे!शारदे*
*हे!शारदे*
Dushyant Kumar
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
खुला आसमान
खुला आसमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
एक समय बेकार पड़ा था
एक समय बेकार पड़ा था
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
** जिंदगी  मे नहीं शिकायत है **
** जिंदगी मे नहीं शिकायत है **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
मुझे विवाद में
मुझे विवाद में
*प्रणय प्रभात*
जमाना खराब है
जमाना खराब है
Ritu Asooja
सफलता
सफलता
Paras Nath Jha
किस्मत भी न जाने क्यों...
किस्मत भी न जाने क्यों...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...