Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 1 min read

ये दिल है जो तुम्हारा

ये हंसी है जो तुम्हारी।
वह जिंदगी है हमारी।।

ये दिल है जो तुम्हारा।
वही तो है मेरा सहारा।।

ये आंखे है जो तुम्हारी।
वही तो राह दिखा रही।।

ये चेहरा है जो तुम्हारा।
सब कुछ ले लिया मेरा।।

ये चाल है जो तुम्हारी।
कही जान न लेले हमारी।।

ये तड़पन है जो तुम्हारी।
वह तडपन अब हमारी।।

ये कड़वाहट है जो तुम्हारी।
कही जिंदगी न लेले हमारी।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 730 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
नागिन
नागिन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
Kanchan Khanna
यह हिन्दुस्तान हमारा है
यह हिन्दुस्तान हमारा है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मित्र भाग्य बन जाता है,
मित्र भाग्य बन जाता है,
Buddha Prakash
रखकर कदम तुम्हारी दहलीज़ पर मेरी तकदीर बदल गई,
रखकर कदम तुम्हारी दहलीज़ पर मेरी तकदीर बदल गई,
डी. के. निवातिया
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
लवकुश यादव "अज़ल"
2991.*पूर्णिका*
2991.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं तो महज वक्त हूँ
मैं तो महज वक्त हूँ
VINOD CHAUHAN
थक गये है हम......ख़ुद से
थक गये है हम......ख़ुद से
shabina. Naaz
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
sushil sarna
18)”योद्धा”
18)”योद्धा”
Sapna Arora
■ बात अगर ग़ैरत की हो तो क्यों न की जाए हिज़रत?
■ बात अगर ग़ैरत की हो तो क्यों न की जाए हिज़रत?
*Author प्रणय प्रभात*
मंजिल का आखरी मुकाम आएगा
मंजिल का आखरी मुकाम आएगा
कवि दीपक बवेजा
ख़त्म हुईं सब दावतें, मस्ती यारो संग
ख़त्म हुईं सब दावतें, मस्ती यारो संग
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
उगाएँ प्रेम की फसलें, बढ़ाएँ खूब फुलवारी।
उगाएँ प्रेम की फसलें, बढ़ाएँ खूब फुलवारी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
गज़ले
गज़ले
Dr fauzia Naseem shad
थे कितने ख़ास मेरे,
थे कितने ख़ास मेरे,
Ashwini Jha
"कोहरा रूपी कठिनाई"
Yogendra Chaturwedi
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पिता का बेटी को पत्र
पिता का बेटी को पत्र
प्रीतम श्रावस्तवी
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
आनंद प्रवीण
रंगीला बचपन
रंगीला बचपन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कलानिधि
कलानिधि
Raju Gajbhiye
भय आपको सत्य से दूर करता है, चाहे वो स्वयं से ही भय क्यों न
भय आपको सत्य से दूर करता है, चाहे वो स्वयं से ही भय क्यों न
Ravikesh Jha
"बदलाव"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी की किताब
जिंदगी की किताब
Surinder blackpen
#जलियाँवाला_बाग
#जलियाँवाला_बाग
Ravi Prakash
भोले नाथ है हमारे,
भोले नाथ है हमारे,
manjula chauhan
Arj Kiya Hai...
Arj Kiya Hai...
Nitesh Kumar Srivastava
Loading...