Shivkumar Bilagrami Language: Hindi 146 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shivkumar Bilagrami 23 Oct 2024 · 1 min read बहुत ही घना है अंधेरा घृणा का बहुत ही घना है अंधेरा घृणा का हृदय दीप में नेह बाती जलाओ मिसाइल बमों से बरसती है लपटें धुआं और अंधेरा सघन हो रहा है मासूम लोगों की लाशें... Hindi · गीत 2 30 Share Shivkumar Bilagrami 18 Sep 2024 · 3 min read पेजर ब्लास्ट - हम सब मौत के साये में पेजर ब्लास्ट - हम सब मौत के साये में ---------------------------------------------- कुछ दिनों पूर्व ईरान समर्थित आतंकवादी संगठन हिजबुल्ला के शीर्ष नेतृत्व ने अपने लड़ाकों से मोबाइल लेकर उन्हें पेजर प्रदान... Hindi · लेख 1 41 Share Shivkumar Bilagrami 16 Sep 2024 · 1 min read आतिश पसन्द लोग अपने लिए कोई न कोई ख़ैरख़्वाह रखते हैं आतिश पसन्द लोग भी बारिश की चाह रखते हैं लेकर वचन किसी से न मांगे किसी की प्राण कभी हंसते हुए दधीच... Hindi · ग़ज़ल 1 41 Share Shivkumar Bilagrami 19 Jul 2024 · 2 min read शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र न तो अक्स हूं न वजूद हूं मैं तो जश्न हूं किसी रूह का मुझे आईनों में न देख तू मुझे ख़ुशबुओं में तलाश कर *** दुआ लबों पे तो... Hindi · शेर 1 89 Share Shivkumar Bilagrami 24 Apr 2024 · 3 min read विचार और विचारधारा विचार वस्तुतः एक तरह की ऐसी मन:स्फूर्त क्रिया है जो शब्दों , संवेदनाओं और मूर्त आकारों को व्यक्त करने में सहायक होती है । किसी विषय वस्तु पर चिंतन ,... Hindi · निबंध · लेख 1 1 228 Share Shivkumar Bilagrami 20 Mar 2024 · 1 min read अपने अपने कटघरे हैं ज़िन्दगी के साज़ सारे बेसुरे हैं फिर भी कितने ख़्वाब आंखों में भरे हैं हर किसी को कामयाबी चाहिए हर किसी के अपने-अपने पैंतरे हैं यह तरक़्क़ी भी कोई कमतर... Hindi · ग़ज़ल 1 163 Share Shivkumar Bilagrami 14 Mar 2024 · 1 min read घर के आंगन में घर के आंगन में कहीं छोटी सी फुलवारी रख अपनी ख़ुशियों के लिए जद्दोजहद जारी रख कौन मानेगा यहां संत तपस्वी तुझको कोई न कोई चीज़ कमंडल में चमत्कारी रख... Hindi · ग़ज़ल 4 2 86 Share Shivkumar Bilagrami 6 Mar 2024 · 1 min read सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी अपनी सब करतूतें काली , सुनता जा शरमाता जा क्या क्या तू ने दी हैं गाली , सुनता जा शरमाता जा आज करोड़ों का मालिक है , कल तक तो... Hindi · ग़ज़ल 2 1k Share Shivkumar Bilagrami 13 Feb 2024 · 1 min read नये अमीर हो तुम दुआ लबों पे तो आंखों में बन्दगी रखना नये अमीर हो तुम ख़ुद को आदमी रखना बुलन्दियों पे पहुंचकर बदल न जाना तुम बुलन्दियों पे पहुंचना तो सादगी रखना उतर... Hindi · ग़ज़ल 2 118 Share Shivkumar Bilagrami 10 Jan 2024 · 1 min read आंखों से अश्क बह चले आंखों से अश्क बह चले तो यूं छुपा लिए पलकों को बंद कर लिया और मुस्कुरा दिए जब भी वफ़ा के नाम पर मन में उठे सवाल जब भी तुम्हें... Hindi · गीत 1 153 Share Shivkumar Bilagrami 31 Dec 2023 · 1 min read हैप्पी न्यू ईयर 2024 संघर्ष से परित्राण दे नित नवल उत्कर्ष दे जो नहीं अब तक मिले वो सुख सभी नववर्ष दे प्रेम दे और ज्ञान दे समृद्धि दे सम्मान दे स्वास्थ्य दे सद्बुद्धि... Hindi · गीत 2 2 751 Share Shivkumar Bilagrami 25 Dec 2023 · 1 min read बच्चे दुधमुहें बच्चे कभी जब मुस्कुराते हैं ऐसा लगता है कोई दौलत लुटाते हैं दो बरस की उम्र में सीखे हैं इतराना बॉलीवुड के डांस पर ठुमका लगाते हैं कुछ खिलौनों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 188 Share Shivkumar Bilagrami 26 Nov 2023 · 1 min read हम पर कष्ट भारी आ गए दृष्टिहीनों के नगर में नेत्रधारी आ गए सब लगे कहने कि हम पर कष्ट भारी आ गए अब तलक तो राजपथ पर सिर्फ आए थे रथी कौन हैं जो राजपथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 233 Share Shivkumar Bilagrami 24 Oct 2023 · 1 min read हयात कैसे कैसे गुल खिला गई गुलों में रंग जो न थे वो रंग भी दिखा गई हयात कैसे-कैसे गुल हयात में खिला गई तड़प, कराह, बेबसी में कट गई है ज़िन्दगी मैं हँस सका न... Hindi · ग़ज़ल 1 202 Share Shivkumar Bilagrami 28 Sep 2023 · 1 min read बात जो दिल में है बात जो दिल में है तुमको वो बतायें कैसे दिल की सरहद से ज़बाँ तक उसे लायें कैसे एक तस्वीर जो इस दिल ने छुपा रक्खी है चीर कर दिल... Hindi · ग़ज़ल 4 486 Share Shivkumar Bilagrami 28 Aug 2023 · 1 min read अन्धी दौड़ इस अन्धी दौड़ के सर्कल में ख़ुद को मत फंसाएं अब सुकूनत है अगर मंज़िल तो थोड़ा ठहर जाएं अब पकड़ कर आईना हाथों में अक्सर फ़िक्र में दिखना मेरी... Hindi 1 216 Share Shivkumar Bilagrami 29 Jul 2023 · 1 min read नसीहत राह चलते हुए तक़रार नहीं करने का सबसे, आ बैल मुझे मार नहीं करने का अपने परिवार को दें वक़्त उसे ख़ुश रक्खें हर घड़ी दुनिया का उद्धार नहीं करने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 3 1k Share Shivkumar Bilagrami 23 Jul 2023 · 3 min read आलोचना - अधिकार या कर्तव्य ? - शिवकुमार बिलगरामी कई बार हम टीवी और सोशल मीडिया पर लोगों को यह कहते हुए सुनते हैं कि सरकार की आलोचना करना हमारा अधिकार है ...और यह सच भी है कि अभिव्यक्ति... Hindi · लेख 6 6 1k Share Shivkumar Bilagrami 5 Jul 2023 · 1 min read फ़ब्तियां लोग आए और हम पर फ़ब्तियां कसते रहे फ़ब्तियां कसकर के हम पर देर तक हंसते रहे कुछ ने हमको कुछ कहा, कुछ ने हमको कुछ कहा ज़हर था जिनके... Hindi · ग़ज़ल 2 225 Share Shivkumar Bilagrami 23 Jun 2023 · 1 min read ध्यान में इक संत डूबा मुस्कुराए ध्यान में इक संत डूबा मुस्कुराए कैसे दुनिया को नई दुनिया दिखाए एक भंवरा रोज़ अपना सर खपाए फूल को वापस कली कैसे बनाए कागज़ों की तितलियों में रंग भर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1k Share Shivkumar Bilagrami 17 Jun 2023 · 1 min read लहू जिगर से बहा फिर लहू जिगर से बहा फिर किसी की यादों का इन्हें बुझा दो अभी काम क्या चराग़ों का सज़ा-ए-हिज्र से बढ़कर सज़ा नहीं कोई मुझे पता तो चले कुछ मेरे गुनाहों... Hindi · ग़ज़ल 3 1 2k Share Shivkumar Bilagrami 15 May 2023 · 1 min read कोई अपनों को उठाने में लगा है दिन रात कोई अपनों को उठाने में लगा है दिन रात कोई अपनों को गिराने में लगा है दिन रात कोई दुनिया की हिफाज़त के लिए है बेचैन कोई दुनिया को जलाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 290 Share Shivkumar Bilagrami 28 Apr 2023 · 1 min read हमारे दोस्त कभी हज़ार कभी दो हज़ार मांगेंगे जहां मिलेंगे ये तुमसे उधार मांगेंगे इन्हें पता है कि इनको तलब है बीड़ी की मगर ये आप से मंहगी सिगार मांगेंगे चिकन खरीदेंगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1k Share Shivkumar Bilagrami 22 Apr 2023 · 1 min read न दोस्ती है किसी से न आशनाई है खिले न फूल चमन में न गन्ध छाई है खिज़ां के बाद ये कैसी बहार आई है बने जो बात तो अपनी है मिलकियत दुनिया बने न बात तो अपनी... Hindi · ग़ज़ल 1 401 Share Shivkumar Bilagrami 17 Apr 2023 · 1 min read बुराइयां हैं बहुत आदमी के साथ मेरी तो उम्र कटी लेखनी के साथ तेरी भी उम्र कटे शायरी के साथ फ़रेबियों की ज़रा बात क्या सुनी फ़रेब ख़ूब हुए ज़िन्दगी के साथ जहां में सब को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 923 Share Shivkumar Bilagrami 8 Apr 2023 · 1 min read बदनाम होने के लिए ज़िन्दगी की दौड़ में नाकाम होने के लिए लिख रहा हूं यह ग़ज़ल बदनाम होने के लिए हर किसी को चाहिए अब ज़िन्दगी आराम की हर कोई बेसब्र है गुलफ़ाम... Hindi · ग़ज़ल 4 2 1k Share Shivkumar Bilagrami 5 Apr 2023 · 1 min read हर तरफ़ तन्हाइयों से लड़ रहे हैं लोग वक़्त की अंगड़ाइयों से लड़ रहे हैं लोग हर तरफ़ तन्हाइयों से लड़ रहे हैं लोग आंख में आंसू हैं दिल में है कोई अपना प्रेम की गहराइयों से लड़... Hindi · ग़ज़ल 3 1k Share Shivkumar Bilagrami 29 Mar 2023 · 1 min read अब समन्दर को सुखाना चाहते हैं लोग हर किसी को हर किसी से प्रॉब्लम है अब सिर्फ लड़ने का बहाना चाहते हैं लोग ऐटमी हथियार के साए में रहकर भी हर तरफ मौसम सुहाना चाहते हैं लोग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 799 Share Shivkumar Bilagrami 26 Mar 2023 · 1 min read हे प्रभू ! कैसे -कैसे कलयुगी हैं इस धरा पर हे प्रभू ! किस तरह ख़ुद को रखूँ इनसे बचाकर हे प्रभू ! सच न देखें ,सच न बोलें,सच श्रवण से भी बचें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 691 Share Shivkumar Bilagrami 21 Mar 2023 · 1 min read बुलेटप्रूफ गाड़ी बुलेटप्रूफ गाड़ी में बन्दूक धारी बड़ी शानो-शौकत से निकली सवारी बड़ी देर तक रोक रक्खा सड़क पर कहां जाये आखिर ये पब्लिक बेचारी ये गाड़ी ये कोठी ये शोहरत ये... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 3 1k Share Shivkumar Bilagrami 17 Mar 2023 · 1 min read लाख दुआएं दूंगा मैं अब टूटे दिल से कितनी बातें की हैं मैंने अपने दिल से समझाया है दिल को मैंने किस मुश्किल से तुमने भी तो मेरे दिल को तोड़ा कैसे जैसे कोई शीशा फेंके दस मंज़िल... Hindi · ग़ज़ल 2 1k Share Shivkumar Bilagrami 11 Mar 2023 · 4 min read तक्षशिला विश्वविद्यालय के एल्युमिनाई तक्षशिला विश्वविद्यालय को विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय कहा जाता है । इसकी स्थापना 700 ईसा पूर्व अर्थात आज से लगभग 3000 वर्ष पूर्व हुई थी । वर्तमान में तक्षशिला पाकिस्तान... Hindi · लेख 3 2 1k Share Shivkumar Bilagrami 4 Mar 2023 · 1 min read पहले आप हमारी मुश्किलें आधी तो यूँ ही ख़त्म हो जायें अगर हम लोग 'पहलेआप' की तहज़ीब अपनायें सलीक़े से करें हर बात अपने हर मुख़ातब से किसी की भावनाओं को कभी... Hindi · ग़ज़ल 3 1 210 Share Shivkumar Bilagrami 28 Feb 2023 · 2 min read Best ghazals of Shivkumar Bilagrami शिवकुमार बिलगरामी की बेहतरीन ग़ज़लें ------------------ ग़ज़ल - एक हमदर्द कैसे - कैसे हमको सता रहे हैं कांटों की नोक से जो मरहम लगा रहे हैं मैं भी समझ रहा... Hindi · ग़ज़ल 1 348 Share Shivkumar Bilagrami 16 Feb 2023 · 1 min read साहित्य - संसार मेरा साहित्य - संसार तुम्हारे साहित्य - संसार जैसा नहीं है तुम्हारे साहित्य - संसार में शब्द हैं भाव हैं कविता हैं कहानियां हैं किरदार हैं कैमरा है दर्शक हैं... Hindi · कविता 1 158 Share Shivkumar Bilagrami 12 Feb 2023 · 1 min read मोदी जी नेता विश्व महान हमारे मोदी जी भारत मां की शान हमारे मोदी जी भारत की उन्नति जिनका सपना है हर भारतवासी जिनका अपना है संत तपस्वी जैसा जिनका जीवन है... Hindi · कविता · गीत 4 276 Share Shivkumar Bilagrami 11 Feb 2023 · 4 min read शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र न तो अक्स हूं न वजूद हूं मैं तो जश्न हूं किसी रूह का मुझे आईनों में न देख तू मुझे ख़ुशबुओं में तलाश कर ********************************** कई बरसों से तेरा... Hindi · शेर 3 3 1k Share Shivkumar Bilagrami 7 Feb 2023 · 2 min read अज्ञेय अज्ञेय क्यों है - शिवकुमार बिलगरामी मानव मस्तिष्क बहुत ही जिज्ञासु है । इसलिए मनुष्य निरंतर अपने आसपास की दुनिया को जानने का प्रयास करता रहता है । उसने अपने प्रयासों से न केवल संसार अपितु... Hindi · लेख 2 1 371 Share Shivkumar Bilagrami 6 Feb 2023 · 1 min read शुकराना मुझे ताउम्र तिल तिल कर जलाया आप ने शरर था मैं मुझे शोला बनाया आप ने ज़रूरत थी नहीं इसकी मगर ऐसा हुआ कभी इस दर कभी उस दर नचाया... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 3 2 1k Share Shivkumar Bilagrami 2 Feb 2023 · 1 min read ज़रूरी था कंटीली थी मगर उस रा'ह पे चलना भी ज़रूरी था औ'र इन पांवों से कांटों का निकलना भी ज़रूरी था ज़रूरी था कि काली रात के साये सिमट जाते मगर... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 932 Share Shivkumar Bilagrami 27 Jan 2023 · 1 min read यह रात कट जाए वो दिन आए न आए फिर , मगर यह रात कट जाए किसी सूरत अंधेरा यह , मेरी आंखों से छंट जाए बहुत मुश्किल है तूफ़ानों से लड़कर पार जा... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 353 Share Shivkumar Bilagrami 9 Dec 2022 · 1 min read गीत - प्रेम असिंचित जीवन के प्रेम असिंचित जीवन के इस बंजर मन में आशाओं के पुष्प खिलाना , कितना दुष्कर बंजर मन में नागफनी के अगणित क्षुप हैं जो उग आये हैं चिंतन के विस्तारों... Hindi · गीत 1 164 Share Shivkumar Bilagrami 27 Nov 2022 · 1 min read अपना ख़याल तुम रखना घर उजड़ने का न दिल में मलाल तुम रखना दूर जाते हो तो अपना ख़याल तुम रखना मेरी दुनिया का है क्या ये बसी बसी न बसी अपनी दुनिया की... Hindi · ग़ज़ल 1 2 419 Share Shivkumar Bilagrami 17 Nov 2022 · 1 min read हो गए हम बे सफ़र बाप को है रंज लेकिन कह न पाया फोन पर लौट आ वापस वतन तू , ऐ मेरे लख़्ते जिगर ! दूसरों पर हर घड़ी रखते हैं जो पैनी नज़र... Hindi · ग़ज़ल 4 1 1k Share Shivkumar Bilagrami 16 Nov 2022 · 1 min read इधर उधर न देख तू इधर-उधर न देख तू मेरी तरफ़ नज़र उठा गुनाह मैंने क्या किया गुनाह तो मुझे बता समझ रहा हूँ मैं तेरी ये ग़मज़दा ख़ामोशियाँ ख़फ़ा-ख़फ़ा है तू मगर कभी-कभी तो... Hindi · ग़ज़ल 2 288 Share Shivkumar Bilagrami 8 Nov 2022 · 1 min read परिन्दे धुआं से डरते हैं वो जो लंबी उड़ान भरते हैं वो ज़मीं पर कहां ठहरते हैं जो समझते हैं आग की ताक़त वो परिन्दे धुआं से डरते हैं सोचकर फूल तोड़ना इनके पेड़ पौधे... Hindi · ग़ज़ल 3 217 Share Shivkumar Bilagrami 27 Sep 2022 · 2 min read दोष दृष्टि क्या है ? दोष दृष्टि का तात्पर्य है किसी व्यक्ति , वस्तु या स्थान में दोष देखने की आदत । दोष दृष्टि एक तरह की बीमारी है। यह दृष्टि दोष से अलग है।... Hindi · लेख 3 469 Share Shivkumar Bilagrami 27 Sep 2022 · 1 min read यह नज़र का खेल है यह नज़र का खेल है आँखें उठाकर देखिए डालकर आँखों में आँखें मुस्कुराकर देखिए इक तिलिस्मी ख़्वाब जो आँखों में मेरी क़ैद है दूर से दिखता नहीं वो पास आकर... Hindi · ग़ज़ल 3 214 Share Shivkumar Bilagrami 22 Sep 2022 · 1 min read मस्तान मियां ताजमहल का राज़ बताकर खूब हँसे मस्तान मियाँ मुर्दा दिलों में आग लगाकर ख़ूब हँसे मस्तान मियाँ ज़ोर-ज़बर से इश्क न होये, राज न होये ज़ोर-ज़बर लाल किला को आँख... Hindi · ग़ज़ल 1 215 Share Shivkumar Bilagrami 17 Sep 2022 · 1 min read ज़िन्दगी रोज़ मेरी ऐसे बदलती है यहाँ ज़िन्दगी रोज़ मेरी ऐसे बदलती है यहाँ जैसे इक शाम किसी रात में ढलती है यहाँ ओढ़कर ख़ुशियाँ मेरे दर्द भी कुछ यूँ निकले जैसे दुल्हन कोई सज धज के... Hindi · ग़ज़ल 5 1 210 Share Page 1 Next