Anil Shoor Tag: कविता 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read विद्यालयों में आग क्यों... आदरणीय प्रबुद्धजन, आत्मीय नमस्कार! इधर..कश्मीर को लेकर, एक ऐसी खबर प्रसारित हो रही है जो अत्यंत चिंताजनक है! समाचार यह है कि वहां गत चार माह से विद्यालय बन्द तो... Hindi · कविता 505 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read राष्ट्रहित सर्वोपरि! एक कर्मचारी कुछ गलत करे तो विभागीय कार्यवाही..निर्वाचित सरकार के लिए चुनावी पराजय..न्यायधीश कोई अनाचार करे तो महाभियोग..अभिनेता के लिए फिल्म फ्लॉप.. खिलाड़ियों की गलती पर करारी हार.....अर्थात 'व्यवस्था' में... Hindi · कविता 1 2k Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 2 min read आदर्श शिक्षा-व्यवस्था का त्रिस्तरीय प्रारूप रोजगार सुनिश्चित करने में असमर्थता के चलते शिक्षा के प्रति नई पीढ़ी में बढ़ती अरुचि..ऐसा गम्भीर विषय है जिसकी और अनदेखी नही होनी चाहिए। भारत जैसे विकासशील राष्ट्र में तो... Hindi · कविता 893 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read बच्चों पर दो कविताएं _बच्चों पर दो कविताएं_ *अनिल शूर आज़ाद 1. गोली रो उठता है बच्चा अपनी कांच की गोली खोकर मुस्कराता है बच्चा एक मीठी गोली पाकर बे-मौत मरता है बच्चा कर्फ्यू... Hindi · कविता 2 1 970 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read वह हंस रहा था _कविता_ वह हंस रहा था *अनिल शूर आज़ाद मै बुरी तरह परेशान था मगर वह हंस रहा था क्रोध में पागल था मै पर..बेखबर वह..हंस रहा था सर्वस्व हड़प जाने... Hindi · कविता 444 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read हज़ार सदियों के बाद _ कविता_ हज़ार सदियों के बाद *अनिल शूर आज़ाद रानीखेत के गोल्फ-ग्राउंड में घूमते हुए अचानक..ख्याल आया अमलतास का एक बड़ा वृक्ष है, यह सृष्टि जिस पर..करोड़ों तारे रूपी बेशुमार... Hindi · कविता 280 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read रोटी के लिए ज़िद मत कर _कविता_ रोटी के लिए ज़िद मत कर *अनिल शूर आज़ाद भूख लगी है न तुझे देख,अभी पानी पी ले नीम पर बैठी चिड़िया कभी ज़िद करती है क्या बन्दर की... Hindi · कविता 254 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read पत्थर पर खुदे नाम _कविता_ पत्थर पर खुदे नाम *अनिल शूर आज़ाद शायद तुम्हे याद हो/के न हो तुमने किले की दीवार पर अपना और तुम्हारा नाम साथ-साथ खोदते मुझे/टोका था तुम्हारा कहना था... Hindi · कविता 571 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read समाजवाद _कविता_ समाजवाद *अनिल शूर आज़ाद बरसों पहले यहां एक/कामरेड आता था हमेशा वह/ यही कहता था समाजवाद आएगा शोषण-चक्र टूटेगा सबके चेहरों पर/मुस्कान होगी मां भारती तब खुशहाल होगी इस... Hindi · कविता 399 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read दरवाज़े पर आवाज़ें _कविता_ दरवाज़े पर आवाज़ें *अनिल शूर आज़ाद दरवाज़े पर आवाज़ सुनकर कोई है/यह सोचते दरवाज़े तक जाकर देखा- कोई नही था मगर.. बिना किसी के आए दरवाज़े पर आवाज़ें अब... Hindi · कविता 247 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read किसी और का सिन्दूर _कविता_ किसी और का सिन्दूर *अनिल शूर आज़ाद बरसों के बाद/उस दिन जब हम/मिले थे अनायास तुम/थम गई थी एकाएक मै/रुक गया था मै/तुम्हारी ओर बढ़ा था यंत्रवत तुम/इधर खिंची... Hindi · कविता 532 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read शीशा _कविता_ शीशा *अनिल शूर आज़ाद छनाक! नीचे/फर्श पर ही नही मेरे भीतर भी/टूटा था एक शीशा नीचे तुमने/तस्वीर नही स्नेहदीप/ गिराया था एक प्रेमिल-हृदय को तिरस्कृत/ किया था तुम शायद/... Hindi · कविता 477 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read कविता लिखता हूं _कविता_ कविता लिखता हूं *अनिल शूर आज़ाद हर बार जब-जब/तुम्हारी याद आई है/मैंने एक नई कविता/लिखी है तुम्हारे लिए गैर हो गया हूं/जानता हूं यह किन्तु/चाहकर भी भुला नही पाता/तुम्हे... Hindi · कविता 477 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read मज़दूर के लिए घर _कविता _ मज़दूर के लिए घर *अनिल शूर आज़ाद यह गगनचुम्बी इमारत गलत है/कि वसुंधरा की/छाती पर बनी है दरअसल यह इसे/निर्मित करने वाले मजबूर-मज़दूर/की झुकती ही जा रही कमर... Hindi · कविता 255 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read मेरे बाद _कविता _ मेरे बाद *अनिल शूर आज़ाद जब मैं इस दुनिया में नहीं रहूंगा कुछ ख़ास/ नही बदलेगा बल्कि/कुछ नही बदलेगा ऐसी ही रहेगी यह दुनिया रोज की तरह/डोर-बेल बजाकर... Hindi · कविता 234 Share Anil Shoor 3 Dec 2016 · 1 min read दो पल भी अगर _कविता_ दो पल भी अगर *अनिल शूर आज़ाद कल की रात एक तूफ़ानी रात थी मैं इन्तज़ार करता रहा अपने वायदे के/बावजूद मगर तुम नही आई सायं-सायं करती हवा सारी... Hindi · कविता 402 Share Anil Shoor 3 Dec 2016 · 1 min read अज़नबी मैं _कविता_ अज़नबी मैं *अनिल शूर आज़ाद गांव के जोहड़ में कागज की/कश्तियां छोड़ने और फिर/यहां शहर आकर इश्क की शायरी लिखना शुरू करने से लेकर आटे-नून- तेल के भाव याद... Hindi · कविता 239 Share Anil Shoor 3 Dec 2016 · 1 min read तुम्हारे नाम _कविता_ तुम्हारे नाम *अनिल शूर आज़ाद मेरा एकाकीपन मुझे कचोटता नही है चांद भी तो अकेला है (इतने तारे साथ हैं गलत तर्क है यह !) दरअसल लाखों की/भीड़ के... Hindi · कविता 224 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read बहुत दूर _कविता_ बहुत दूर *अनिल शूर आज़ाद कल जब/खूब बारिश होकर चुकी थी तब मैं फिर तुम्हारी गली मेँ/आया था सोचा था/मौसम की खूबसूरती को/देखने तुम जरूर अपनी/खिड़की पर आई होओगी... Hindi · कविता 252 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read इंद्रधनुष और तुम _कविता_ इंद्रधनुष और तुम *अनिल शूर आज़ाद एक लंबे अन्तराल के बाद आज/आसमान पर इंद्रधनुष/दिखा है (हालांकि/इस बीच बिना इंद्रधनुष के/बारिश कई बार/हो चुकी है) अज़ब संयोग है रोज/तुम्हारी याद... Hindi · कविता 1 1 499 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read तुम्हारा सच _कविता_ तुम्हारा सच *अनिल शूर आज़ाद दर्पण की एक दरार ने/जब दो चेहरों में बांट दिया था तुम्हारा चेहरा/तो आगबबूला होकर फेंक दिया था तुमने दर्पण चूर-चूर हो गया था... Hindi · कविता 275 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read बुतों का शहर _कविता_ बुतों का शहर *अनिल शूर आज़ाद हर तरह और/हर रंग के बुतों का/एक विशाल अजायबघर है/यह शहर हर अच्छी एवं बुरी/घटना के राजदार हैं/यहां बुत पर.. बुत आखिर एक... Hindi · कविता 420 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read तुम्हारी याद _कविता_ तुम्हारी याद *अनिल शूर आज़ाद कॉलेज के/चार वर्षों में जब भी तुम/पीरियड में नही आई तुमसे कोई/परिभाषित रिश्ता नही होने के बावजूद हर बार/लगा तुम/ अपने पीछे एक अज़ीब... Hindi · कविता 617 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read रात गहराती गई _कविता_ रात गहराती गई *अनिल शूर आज़ाद भ...डा...म ! एक तेज़ आवाज़ हुई इस कर्णभेदी स्वर से अपनी मां से सटकर सोया/एक बच्चा जागकर रो उठा एक दूसरे बच्चे की/दूध... Hindi · कविता 475 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read इतवार _कविता_ इतवार *अनिल शूर आज़ाद यह इतवार एक बार फिर एक अज़ीब खालीपन का अहसास दे गया घर से निकला तो अपने-अपने घर के टीवी में हर किसी को व्यस्त... Hindi · कविता 255 Share