Mamta Singh Devaa Tag: कविता 276 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mamta Singh Devaa 27 Jan 2024 · 1 min read तो मैं राम ना होती....? अगर मुझे अन्याय सहना आता तो मैं राम ना होती अगर मुझे क्रोध में भी चुप रहना आता तो मैं राम ना होती ? अगर मुझे विपरीत स्थिति को स्वीकारना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · न्याय · राम · वनवास 194 Share Mamta Singh Devaa 2 Apr 2022 · 1 min read मौकापरस्ती दूसरों को परहेज का ज्ञान देते हैं तो क्या ख़ुद की डाइबिटीज में बस चाय में चीनी कम चाहिए , मन कितना भी कड़वा हो तो क्या देखता कौन है... Hindi · कविता 2 2 281 Share Mamta Singh Devaa 30 Dec 2021 · 1 min read " हर रिश्ता भुला दो " " हर रिश्ता भुला दो " भुला दो तुम मुझसे जुड़ा कोई भी रिश्ता क्योंकि हर रिश्ते में उम्मीद के साथ प्रतिद्वंदिता भी थोड़ी सी जुड़ती है , क्यों पड़ते... Hindi · कविता 1 260 Share Mamta Singh Devaa 30 Dec 2021 · 1 min read " BHU - एक जूनून एक नशा " BHU में पढ़े हर शख़्स के लिए चाहे वो दुनिया के किसी भी कोने में क्यों ना हो....????????? " BHU - एक जूनून एक नशा " BHU एक जूनून है... Hindi · कविता 613 Share Mamta Singh Devaa 30 Dec 2021 · 1 min read मैं भी डरती हूॅं.... 2021 के जाते - जाते मैं आप सबके सामने कुछ confess करना चाहती हूॅं... सबके अंदर किसी ना किसी बात का डर होता है मेरे अंदर भी है तो मेरा... Hindi · कविता 578 Share Mamta Singh Devaa 21 Nov 2021 · 1 min read " मतलबी रिश्ते " देखो.... मेरे पाले में तुम भले ना आओ तुम्हारे पाले में मैं आ जाती हूँ , सब्र करो.... तुम्हारे किये का गिन - गिन कर सारे हिसाब जोड़ कर बताती... Hindi · कविता 1 297 Share Mamta Singh Devaa 21 Nov 2021 · 1 min read प्रेम के फसाने...... पहले हम प्रेम के अफसाने लिखते थे उनसे मिलने मिलाने के बहाने लिखते थे , उस हर बात को शराफत से छुपा जाते थे जिसमें ज़रा सा भी जिक्र उनके... Hindi · कविता 214 Share Mamta Singh Devaa 21 Nov 2021 · 1 min read " बना + रस = बनारस " कोई खुबसुरती का गुमान करता है कोई दौलत का अभिमान करता है हम बनारस वालों का तो मान हमारा बनारसी पान करता है , कोई अलख जगाता है कोई वेदी... Hindi · कविता 366 Share Mamta Singh Devaa 21 Nov 2021 · 1 min read " पेड़ संरक्षक / आदम भक्षक " कभी किसी ने पेड़ों का फुसफुसाना सुना है ? नही सुना तो सुनिए... ये हौले - हौले आदम की रक्षा की बातें करते हैं कैसे उनको बचायें धीरे से यही... Hindi · कविता 322 Share Mamta Singh Devaa 21 Nov 2021 · 1 min read मैं ज्वालामुखी सी हूँ... ज्वालामुखी की परिभाषा हम स्कूल में पढ़ते हैं जानते हैं ये बस पत्थरों से फूटते हैं , दुनिया भ्रमण पर उसको देखने जाती है इंसान के अंदर का ज्वालामुखी नही... Hindi · कविता 335 Share Mamta Singh Devaa 21 Nov 2021 · 1 min read " समय " समय से छुप कर मैं थोड़ा सा समय छुपा लेती हूँ पहले इससे रुकने की मिन्नते करती थी अब इसकी ही नजरों से बचा कर इससे ही समय चुरा लेती... Hindi · कविता 531 Share Mamta Singh Devaa 21 Nov 2021 · 1 min read " हे ! महादेव विनती स्वीकारों " हे ! जटाधारी विनती हमारी है भविष्य भयंकर तू टाल शंकर , आहुति स्वीकारों फिर ललकारो , हाहाकार मचा है श्मशान सजा है , हुंकार भरो तुम जीवन धरो तुम... Hindi · कविता 226 Share Mamta Singh Devaa 21 Nov 2021 · 1 min read " मेरा मैं " क्यों बदलाना चाहते हो मुझे आकर मुझे भी बताओ चलो सारा का सारा नही थोड़ा सा ही समझाओ , मैं ऐसी हूँ मैं वैसी हूँ मैं जैसी भी हूँ तुम... Hindi · कविता 246 Share Mamta Singh Devaa 21 Nov 2021 · 1 min read " मुसल " अब तो घरों की तरह रिश्ते भी रेनीवेट होते हैं जहाँ ज्यादा स्वार्थ होता है वहाँ ये री - कंस्ट्रक्ट होते हैं , फर्क नही है ज़रा भी अब रिश्ते... Hindi · कविता 231 Share Mamta Singh Devaa 21 Nov 2021 · 1 min read खुंदक उंगलियों पर हिसाब करने वालों अब तुम मुहब्बत का भी गुणा भाग करोगें ? सुना है वो बड़ी बेहिसाब होती है उसका बही - खाता बनाने की हिम्मत किसी में... Hindi · कविता 396 Share Mamta Singh Devaa 21 Nov 2021 · 1 min read शाश्वत सत्य सब जायेंगे सबको है जाना थोड़ा वक्त जिसको मिला उसको जीना है , अपनों के जाने का दर्द इतना दर्द कि जो सहा ना जाये लेकिन सह कर यहीं रहना... Hindi · कविता 385 Share Mamta Singh Devaa 15 Sep 2021 · 1 min read " हिंदी हमारी महान है " किसी भाषा से गुरेज नही है पर ये अंग्रेजी समझ में नही है जो लिखा है जब वो पढ़ना ही नही तो फिर उसे लिखना ही नही है , रखा... Hindi · कविता 1 370 Share Mamta Singh Devaa 14 Sep 2021 · 2 min read ' हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी ' #हिन्दीदिवस१४सितंबर १४ सितंबर के दिन देश के संविधान ने देवनागरी लिपि यानी हिंदी को तरजीह देते हुए आधिकारिक राजभाषा का दर्जा देकर उसका उत्थान किया। हिंदी को एक सम्मानजनक स्थान... Hindi · कविता 1 320 Share Mamta Singh Devaa 31 Aug 2021 · 1 min read हे ! नंद गोपाल हे ! नंद गोपाल.... सबको है तुम्हारा इंतज़ार इस इंतज़ार में बेकरारी है इस बेकरारी में करनी सब तैयारी है इस तैयारी में मनोकामना सारी है इस कामना में पहले... Hindi · कविता 248 Share Mamta Singh Devaa 19 Jul 2021 · 1 min read " ख्वाहिश " मैं.... अपने कर्मों का फल चखना चाहती हूँ लेकिन थोड़ा सा धैर्य रखना चाहती हूँ , मैं.... हर परिस्थिति में डटी रहना चाहती हूँ हालात को घुटने टेकते देखना चाहती... Hindi · कविता 1 2 481 Share Mamta Singh Devaa 12 Jul 2021 · 1 min read " अम्माँ मुझे पता है........" अम्माँ मुझे पता है... तुम जाकर बाबू को खूब उलाहने दे रही होगी सढ़सठ साल का साथ फिर से जी रही होगी , अम्माँ मुझे पता है... तुम वहाँ भी... Hindi · कविता 285 Share Mamta Singh Devaa 12 Jul 2021 · 1 min read अम्माँ.... अम्माँ ने 23/06/2021 को सद्गति पाई...अम्माँ के लेखन का गुण जो मुझमें आया उसी लेखनी से अम्माँ को अश्रूपूरित श्रधांजलि ????????????? श्रीमती शान्ति सिंह जन्म - 15/01/1934 सद्गति - 23/06/2021... Hindi · कविता 303 Share Mamta Singh Devaa 11 Jul 2021 · 1 min read " खरी - खरी " मेरे खरे पर सब ख़ाक हो जाते हैं सच सुन के जल कर राख हो जाते हैं , अपने कहे को ज्यादातर नकार जाते हैं सारा झूठ चुटकियोंं में डकार... Hindi · कविता 418 Share Mamta Singh Devaa 15 Jun 2021 · 1 min read " बस्ता " माँ मुझे भी स्कूल जाना है लेकर एक प्यारा सा बस्ता भले हो वह सस्ता बस उसमें तेरा प्यार भरा हो सारे जहाँ का ज्ञान धरा हो ज्ञान ले कर... Hindi · कविता · बाल कविता 3 8 644 Share Mamta Singh Devaa 13 Jun 2021 · 1 min read " मेरा मैं खुद पे मरता है " कोई इसपे मरता है कोई उसपे मरता है सबकी ऐसी की तैसी मेरा मैं खुद पे मरता है , कोई गोरे रंग पे मरता है कोई गजब ढ़ंग पे मरता... Hindi · कविता 3 2 313 Share Mamta Singh Devaa 30 May 2021 · 1 min read ' कुदरत की चेतावनी ' ये बरखा बहार है देती करार है सूखी धरती पर लोगों की आस पर आशीर्वाद की फुहार है , इसका इंतज़ार है दिल बेकरार है तकती आँखों को रूकती साँसों... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 2 501 Share Mamta Singh Devaa 29 May 2021 · 1 min read ' बारिश का मज़ा ' चम - चम चपला घन - घन बदरा जैसे बाजे तबला , छप - छप छपाक तप - तप तपाक बारिश आई बेबाक , थर - थर थर्राये टर्र -... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 6 522 Share Mamta Singh Devaa 29 May 2021 · 1 min read ' कुदरत का वरदान ' रिमझिम रिमझिम बारिश मन को भाये गरजे जब बदरा मन मोरा घबराये , कड़कड़ाती बिजली जब चमक दिखाये दूर कही जाकर ये ज़रूर गिर जाये , चमकती है ये पहले... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 4 514 Share Mamta Singh Devaa 28 May 2021 · 1 min read " निर्मोही बरखा " ये कैसी निर्मोही बरखा है इसने सब मोह पानी में दे पटका है , कुछ दिन पहले ही तो छाई थी छत कैसे संभलेगी मूसलाधार में इस वक्त , जमीन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 6 352 Share Mamta Singh Devaa 28 May 2021 · 1 min read ' यादें और बारिश ' बचपन की बरसात मजेदार होती थी सर से लेकर पैरों तक सराबोर होती थी , धीरे - धीरे हम बड़े होने लगे बरसात में थोड़े - थोड़े गीले होने लगे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 6 327 Share Mamta Singh Devaa 28 May 2021 · 1 min read ' अधूरे/पूरे अरमान ' ये मेरा हौसला और दूरदृष्टि है लोग एक जनम का नही सोच पाते और मैने तो अगले जनम का भी सोच लिया है , इसको सकारात्मकता की दृष्टि से पढ़िए....❤❤❤❤❤❤❤... Hindi · कविता 1 2 499 Share Mamta Singh Devaa 26 May 2021 · 1 min read ' अंतर कल और आज का ' पकड़ ज़िंदगी के कुछ यादगार लम्हों को बाँध कर रखा है मैने अपनी मुठ्ठी को , खोल दूँगीं तो वो फिसल जायेंगें फिर वो लम्हें मेरे हाथ कहाँ आयेगें ,... Hindi · कविता 314 Share Mamta Singh Devaa 22 May 2021 · 1 min read ' हाय ! वो स्कूल का टिफिन ' मुझे फिर से स्कूल जाकर टिफिन है करना अम्माँ के हाथ का पराठा भिंडी की सब्ज़ी वो लज़ीज प्याज़ और गोभी का पराठा अचार जिसमें अम्माँ भर - भर कर... Hindi · कविता 1 4 737 Share Mamta Singh Devaa 28 Apr 2021 · 1 min read आशा की लौ जलाये रखिए..... वर्तमान समय में परिस्थितियां बड़ी विषम हैं...कानों को जो सुनना ना था वो सब सुन रहे हैं और सबके हृदय सह रहे हैं.... ऐसे में उम्मीद का हाथ पकड़ कर... Hindi · कविता 246 Share Mamta Singh Devaa 9 Apr 2021 · 1 min read बूढ़ा मजूर गलता तन पेट पीठ समान जर्जर मन , श्रमसीकर हड्डियों का शरीर लाचारी ढ़ोता , हाथ खींचता आत्मिक बोझ - भार अमानवीय । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह देवा... Hindi · कविता 2 2 295 Share Mamta Singh Devaa 9 Apr 2021 · 1 min read जब मैं जाऊँ..... जब मैं जाऊँ..... सखी तुम आना करके श्रृंगार सखी तुम आना बनके बहार , सखी तुम आना नैनन में ले के प्यार सखी तुम आना होके बेहद बेकरार , सखी... Hindi · कविता 3 2 497 Share Mamta Singh Devaa 31 Mar 2021 · 1 min read ' बातों के महिसासुर.....' इन बातों के महिसासुरों का अनर्गल प्रलाप सुन कर लगता है हमें देवी का रूप लेना ही पड़ेगा..... ' बातों के महिसासुर.....' ये आयें हैं हमे बताने अपने हिसाब से... Hindi · कविता 547 Share Mamta Singh Devaa 22 Mar 2021 · 1 min read नीर ( जल दिवस ) #जलदिवस नीर ये जो नीरी नीर है ये ना हो तो बस पीर है , जब होती है ये बेशुमार तो मच जाता है हाहाकार , और फेर लेती है... Hindi · कविता 6 243 Share Mamta Singh Devaa 17 Mar 2021 · 2 min read चुनौती किसको देते हो ? मेरी ये कविता सारी महिलाओं के लिए है हम सबने निम्नलिखित में से कोई न कोई चुनौती ( ताने ) कभी न कभी तो सुनी ही होगी ' जी हाँ... Hindi · कविता 393 Share Mamta Singh Devaa 11 Mar 2021 · 1 min read स्टार्टअप इच्छा बेचती हूँ सपने बेचती हूँ ये सबके साकार हो ज्यादा बेचती हूँ , हिम्मत बेचती हूँ उम्मीद बेचती हूँ ये खतम हो गई है तभी तो बेचती हूँ ,... Hindi · कविता 2 290 Share Mamta Singh Devaa 8 Mar 2021 · 1 min read लो फिर आ गया ' महिला दिवस '..... #अंतर्राष्ट्रीय_महिला_दिवस_2021 हर साल की तरह फिर से आ गया ' महिला दिवस ' ये बताने की शायद दस प्रतिशत सफल बाक़ी बेबस , हम वर्ष - महीने - हफ़्ते -... Hindi · कविता 3 4 363 Share Mamta Singh Devaa 27 Feb 2021 · 2 min read ' हमारा बचपन '...... हमारा बचपन सिर्फ हमारा नही था परिवार - कॉलोनी भर सबका था और ना जाने कितनों का था , हमारी हर बात पर सब राय देते थे हम उनकी राय... Hindi · कविता 275 Share Mamta Singh Devaa 19 Feb 2021 · 1 min read ' एक सच ये भी है ' ये सुबह बहुत डराती है मगर ये काली अंधेरी रात दिल को भाती है , बस ये रात ठहर जाये कैसे भी करके ये सूरज को निगल जाये , नही... Hindi · कविता 477 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 1 min read मन जो मन करे वो लिखिए किसी का मुँह मत देखिए , अंदर का बाहर तो निकालिए सबकी एक एक कर तहें खंगालिए , फिर देखिए कैसा मज़ा आयेगा मन आसमान... Hindi · कविता 239 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 1 min read रक्तदान - महादान जब जीवन की सांसें लड़खडा़ती हैं रक्तदान - जीवनदान पुकारती हैं , कोई जीवन के भंवर में रहता है भरोसा वो हम पर ही तो करता है , ऐसे विषम... Hindi · कविता 501 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 1 min read ' वफा - ए - मुहब्बत ' इतने नासमझ तो नही तुम जो ऐसे अनजान बने बैठे हो या जानबूझ कर मेरी मुहब्बत से झूठ मूठ में नाराज़ हुये ऐठे हो ? तुमको मेरी चाहत का अंदाज़ा... Hindi · कविता 1 242 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 1 min read जीवन से पहले ? मृत्यु के बाद ? जीवन से पहले ? मृत्यु के बाद ? आपस में गहरा मेल है दोनों ही परिस्थितियों में शरीर नही रहता सब आत्मा का खेल है , सुना है मरने के... Hindi · कविता 417 Share Mamta Singh Devaa 1 Feb 2021 · 1 min read ' अतृप्ति ' पीय तुमको तो मयुर बन अपने प्रेम का पंख फैला बरखा में मदमस्त हो मेरे आस - पास ही बसना था , तुम तो मुझे चातक बना कर खुद बरखा... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 40 113 1k Share Mamta Singh Devaa 28 Jan 2021 · 1 min read आंदोलन या देशद्रोह ? तुम आंदोलन के नाम पर देश तोड़ने निकले थे लाल किले पर चढ़ कर तिरंगा रौंदने निकले थे ? जब जो मन चाहा बोला सबको गलत बोल ललकारा तुम्हारी ही... Hindi · कविता 1 2 247 Share Mamta Singh Devaa 24 Jan 2021 · 1 min read चमत्कार परेशानी में हर शख्स चिपकता है कि कैसे अंदर से सब उगलवा ले और आपकी इस परेशानी का जी भर - भर कर खूब मजा ले , कोई ये जरा... Hindi · कविता 1 2 368 Share Page 1 Next