जगदीश लववंशी Language: Hindi 531 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 9 Next जगदीश लववंशी 25 May 2018 · 2 min read सिंहस्थ की यादें ।।सिंहस्थ की यादें।।।। बुलावा आया है , मन को बहुत भाया है, कैसा बुलावा आया ? हम सबको जिम्मेदारी निभाना है, खाद्य सुरक्षा का परचम लहराना है, उज्जैन में होने... Hindi · कविता 240 Share जगदीश लववंशी 24 May 2018 · 1 min read अपना तन यह तन बड़ा सरल, कब बन जाता गरल, किसी को नही है पता, धूल धुँए का चहुँओर छाता, जल भी प्रदूषित, वायु भी प्रदूषित, खान पान में समाया कीटनाशक, मक्खी... Hindi · कविता 460 Share जगदीश लववंशी 20 May 2018 · 1 min read एकता आओ घर घर दीप जलाए, एकता का हम पाठ पढ़ाए, चाँद भी आता लेकर तारो को, गगन लगता सुंदर देख सितारों को, बड़े बड़े रास्ते भी हो जाते छोटे, मुस्किलो... Hindi · कविता 217 Share जगदीश लववंशी 19 May 2018 · 1 min read उर में मिला तेरा नाम जब से मिला तेरा हाथ, रब से मिला तेरा साथ, कदम कदम ले साथ चले, सबको अपना बनाते चले, किलकारियों से गूंज उठा आंगन, सुनाई देता बस तेरा ही कंगन,... Hindi · कविता 210 Share जगदीश लववंशी 15 May 2018 · 1 min read सितारे टूट रहे एक एक सितारे टूट रहे, रिश्तों के गगन से छूट रहे, अपने अपनो से बिछुड़ रहे, गम की आंधी से लड़ रहे, आंखों से आंसू झड़ रहे, कुछ यादें उनकी... Hindi · कविता 216 Share जगदीश लववंशी 14 May 2018 · 2 min read समय चलता जाए समय अपनी गति से बढ़ता जाता है, हमारा बचपन कब चला गया पता ही नही चला । जब बच्चे थे तो बड़े होने की बड़ी जल्दी रहती थी, किंतु आज... Hindi · लेख 216 Share जगदीश लववंशी 13 May 2018 · 1 min read छूने दो तुम्हारे पग तुम हो मेरी सृष्टि, तुम्हारी यह दृष्टि, समाया सारा जग, छूने दो तुम्हारे पग, सारे सुख फीके तुम्हारे बिना, कतरा कतरा है तुमसे बना, पल पल आती है याद, हर... Hindi · कविता 212 Share जगदीश लववंशी 6 May 2018 · 1 min read मेरा चित्र धरा से लेकर अम्बर तक, गांव से लेकर शहर तक, बड़ा सुंदर है मेरा चित्र, हर रंग में है मेरा मित्र, समायी उसमें फूलो की कली, मेरे बचपन की हर... Hindi · कविता 369 Share जगदीश लववंशी 29 Apr 2018 · 2 min read मेरे पापा आज मुनिया की आंखों से आँसू थमने का नाम नही ले रहे थे । वह ज्यादा समझदार तो नही थी, किंतु कक्षा 6 के स्तर से कही अधिक उसकी समझ... Hindi · कहानी 1 309 Share जगदीश लववंशी 23 Apr 2018 · 1 min read बादल थम गये धरा सुंदर रूप धरे, खेत खलिहान सब हरे, नदी नाले सब है भरे, देखो देखो सुंदर नजारे, गये बरसकर बादल, गलियों में भर आया जल, धीरे धीरे अब तू चल,... Hindi · कविता 219 Share जगदीश लववंशी 23 Apr 2018 · 1 min read किताबे है कितनी लाजवाब... किताबे है कितनी लाजवाब..... अक्षर अक्षर ज्ञान कराती, साक्षरता का भान दिलाती, भरी सभा मे मान बढ़ाती, गुणों का गुणगान कराती, सब कहते तुमको साहब, जब पढ़ लेते हो चार... Hindi · कविता 306 Share जगदीश लववंशी 15 Apr 2018 · 1 min read विराट सुत- वीर श्वेत धर्म की करने रक्षा कितने वीर चले, त्याग अपने सुख कुरुक्षेत्र की राह चले, रखने मान विराट का राजकुमार श्वेत चला, कौरवो का कर संहार दिखाई अपनी कला, जब सुना... Hindi · कविता 229 Share जगदीश लववंशी 9 Apr 2018 · 1 min read वह डाली का फूल वह डाली का फूल, देखो कितना रहा फूल, भौरें भी कर रहे गुंजन, झूम उठा आज निर्जन, हवा चल रही मन्द मन्द, फैल रही चहुँओर सुगंध, धरा पर रवि रहा... Hindi · कविता 546 Share जगदीश लववंशी 8 Apr 2018 · 1 min read मेरे बारे में कोई नही सोचे मैं हूँ एक राही, मंजिल का पता नहीं, चलता जाता हूँ बिना रुके, मुड़कर देखता नहीं, बढ़ता ही जाता हूं बिना थके, आराम का कभी सोचा नहीं, सम्मान सबको देता... Hindi · कविता 444 Share जगदीश लववंशी 4 Apr 2018 · 1 min read मानव है, यही अपनी पहचान लगे सब कहने अपनी गौरव गाथा, अपनी जाति महान सुनाते वंश कथा, अपनी अपनी ढपली अपना अपना है राग, कैसे फेल गया आज सारे वतन में यह रोग, अपनो की... Hindi · कविता 171 Share जगदीश लववंशी 1 Apr 2018 · 1 min read जग जाएगा रूठ पंच तत्वों की यह काया, जिस पर है मन की छाया, बड़ा ही है चंचल स्वभाव, पल पल बदलता हावभाव, बहुत करता है माया माया, सोच क्या तू लाया लाया,... Hindi · कविता 345 Share जगदीश लववंशी 25 Mar 2018 · 1 min read भीम पौत्र अंजनपर्वा सुनाता हूँ गाथा एक वीर की, कुरुक्षेत्र में हुए बलिदान की, चन्द्रवंश का था यह चंद्र, देख वीरता तारीफ करे इंद्र, भूरिश्रवा का जब सुना मरण हाल, अश्वत्थामा हुआ बड़ा... Hindi · कविता 624 Share जगदीश लववंशी 22 Mar 2018 · 1 min read फिर नही होगा कल ।।। विश्व जल दिवस ।।। .............................. जल है अमृत तुल्य, पहचानो इसका मूल्य, जुड़ा है इससे जीवन, बचा लो अपने वन, जल बिना है सब सूना, खोज रहे हम हर... Hindi · कविता 520 Share जगदीश लववंशी 16 Mar 2018 · 1 min read यह परिवर्तन है कल था बसंत खिला, आज पतझड़ मिला, सुख दुःख आना जाना, यूँ ही बस चलते रहना, यह परिवर्तन है, जीवन का दर्पण है, कौन यहाँ अमिट है, खड़ा अडिग है,... Hindi · कविता 209 Share जगदीश लववंशी 2 Mar 2018 · 1 min read मच रही होली दौड़ दौड़ गलियों में भागे, रोड़ रोड़ निकले उससे आगे, हौड़ हौड़ मची लगाने रंग, छूट न पाए कोई अंग, महकने लगी गांव की मिट्टी, भुला दी आज सारी कट्टी,... Hindi · कविता 196 Share जगदीश लववंशी 1 Jan 2018 · 1 min read खुशी की लहर एक साल आता है, एक साल जाता है, कुछ रिश्ते बनते है, कुछ वादे टूटते है, यादें जाती है, बातें रह जाती है, जीवन पथ पर राही मिलते है, कुछ... Hindi · कविता 718 Share जगदीश लववंशी 31 Dec 2017 · 1 min read मत भूल हिन्दू नव वर्ष मना ले हैप्पी न्यू ईयर का हर्ष, पर मत भूल हिन्दू नव वर्ष, जनवरी का तू स्वाद चख, पर मत भूल चैत्र बैसाख, अंग्रेजी तू खूब पढ़ और बोल, पर... Hindi · कविता 733 Share जगदीश लववंशी 18 Dec 2017 · 1 min read मन पंछी उड़ जाएगा समय की बहती धारा, समझ ले तू यारा, राजा हो या रंक, एक दिन होना बेरंग, खुश होकर चल, बीता जाए पल, छोड़ दे सारे छल, पथ होगा सरल, मिट्टी... Hindi · कविता 589 Share जगदीश लववंशी 17 Dec 2017 · 1 min read नारी पल पल बदले चेहरे, फिर भी न वो ठहरे, कदम मिलाकर चलती, मुड़कर न कभी देखती, वो है सबकी प्यारी, कहते उसको नारी, पढ़ा कही है वो नर्क का द्वार,... Hindi · कविता 484 Share जगदीश लववंशी 30 Nov 2017 · 1 min read सैनिक पंछी लौट अपने नीड़ से आया, चाहत में कुछ सुख छोड़ आया, सारा वतन ही अपना घर है, ऐसे भाव लेकर वह आया है, तुम खुश रहो अपने परिवार संग,... Hindi · कविता 461 Share जगदीश लववंशी 29 Nov 2017 · 1 min read भूल जाऊँ अपनी वेदना रवि नित्य नूतन रश्मि लाता, फिर जग को रोशन करता, धरा का मिटाता वह अंधेरा, सबको दिखाता नया सवेरा, सुख हो या दुःख सदा चमकता दूर गगन, खुद जलता फिर... Hindi · कविता 473 Share जगदीश लववंशी 28 Nov 2017 · 1 min read मधुर चेतना कैसे होगा कम, जीवन का तम, कौन हमे जगायेगा, सही राह दिखायेगा, जब कुछ न सूझे, और कोई न बूझे, कैसे अड़चन सुलझे, चिंता आकर जकड़े मुझे, तब सुनो अपने... Hindi · कविता 1 243 Share जगदीश लववंशी 14 Nov 2017 · 1 min read जग उठेगा खिल कितनी प्यारी प्राकृति, यही लिखेंगे एक कृति, दूर दूर तक फैली शांति, दूर हो गई सारी अशांति, कल कल करता जल बहता, लगता है कुछ हमसे कहता, छूकर निकली जब... Hindi · कविता 228 Share जगदीश लववंशी 29 Oct 2017 · 1 min read अदिति नंदन कश्यप सुत अदिति नन्दन, है आदित्य तुमको है नमन, संध्या और छाया के परमेश्वर, करता तुम्हारा वंदन है ईश्वर, यम यमुना शनि,मनु और ताप्ती के जन्मदाता, अभिनंदन तुम्हारा है विश्वकर्मा... Hindi · कविता 713 Share जगदीश लववंशी 24 Oct 2017 · 1 min read मेरी व्यथा मैं किसे सुनाऊ अपनी व्यथा, यह तो घर घर की हैं कथा, एक तरफ ममता और स्नेह, दूजी तरफ प्रेम की चाह, मन रहता बहुत उदास, बन गया रिश्तों का... Hindi · कविता 699 Share जगदीश लववंशी 23 Oct 2017 · 1 min read आस्था और विश्वास यह हैं आस्था और विश्वास, जिससे जुड़ी सबकी श्वास, सदियों की हैं यह आस्था, प्रेम प्यार स्नेह की व्यवस्था, आनंद उत्साह का है संगम, जिससे दूर होते हैं सारे गम,... Hindi · कविता 1 2k Share जगदीश लववंशी 15 Oct 2017 · 1 min read तू आगे बढ़ कर साहस भर उमंग आगे तू बढ़, मुश्किलो को कर पार तू जीत गढ़, राह की बाधाओं को चूम तू पहाड़ चढ़, हार नहीं ला नई सोच तू अब लड़,... Hindi · कविता 257 Share जगदीश लववंशी 14 Oct 2017 · 1 min read पहली किरण जब कुछ न सूझे, कोई न बूझे, जीवन बन जाये रण, तब राह दिखाती किरण, डाल डाल पंछी चहके, मधुबन फूलो से महके, मन्द मन्द पवन बहती, स्वर्णिम किरण निकलती,... Hindi · कविता 620 Share जगदीश लववंशी 9 Oct 2017 · 1 min read ब्लू व्हेल गेम नही खेलना जीवन है बड़ा अनमोल, ममता का नही है मोल, कितना सुंदर जीवन है, मां का दिया वरदान है, ममता की मुश्कान है, जिसमे समाया जहांन है, कितनी आशाओं का विश्वास... Hindi · कविता 1 223 Share जगदीश लववंशी 8 Oct 2017 · 1 min read प्रभु अयोध्या लौट आये प्रभु अयोध्या लौट आये, सबके घर खुशियाँ लाये, काली काली अंधियारी रात, धीरे धीरे जाने लगी अब बीत, ठंडी ठंडी बहने लगी बयार, चारो और छाई है नई बहार, मुस्कुरा... Hindi · कविता 458 Share जगदीश लववंशी 4 Oct 2017 · 1 min read दशहरे की धूम थोड़ा सा तू झूम, दशहरे की हैं धूम, ले हथियार सब चले पूजने, गलियों में बच्चे लगे कूदने, रामलीला का लेते मजा, हर घर रहता आज सजा, जीत दशहरा हम... Hindi · कविता 191 Share जगदीश लववंशी 3 Oct 2017 · 1 min read प्रकृति की गोद आज आए हम प्राकृति की गोद में, मस्ती और उमंग छाई रोम रोम में, कितना मनोरम, है कितना सुखद, मिट गए मन के सारे खेद, शुद्ध पवन बह रही मन्द... Hindi · कविता 398 Share जगदीश लववंशी 5 Sep 2017 · 1 min read जीवन हैं एक राह जीवन है एक राह , बस इतनी सी चाह, मिल जाये हमराह, जाे ले मन की थाह, जीवन मे है उलझने, रास्ते है बड़े पथरीले, कैसे बढ़े, कैसे हम चले,... Hindi · कविता 243 Share जगदीश लववंशी 5 Sep 2017 · 1 min read परछाईं शाम काे है जाना, सुबह काे फिर है आना, सुख दुःख मे रहूं तेरे साथ, खुशी हाे या गम थामू हाथ, परछाई हूं , पर छायी हूँ, अंधेरे से घबरायी... Hindi · कविता 1 663 Share जगदीश लववंशी 5 Sep 2017 · 1 min read आज रविवार हैं आज रविवार है, मिला पुराना यार है, फिर जागा वाे प्यार है, उसकी यादों मे कितना दुलार हैं, उसकी बाताे में बड़ा ही सार है, वह हरपल मेरे लिये मददगार... Hindi · कविता 376 Share जगदीश लववंशी 5 Sep 2017 · 1 min read नर्मदा का नाभि स्थल यह हैं नर्मदा का नाभि स्थल, यहाँ करता बहता जल कल कल, कहलाता है ये नेमावर, देता सबकाे मनचाहा वर, दर्शन से मिलता अद्भुत फल, मिलती शांति ,कार्य हाेते सफल,... Hindi · कविता 431 Share जगदीश लववंशी 5 Sep 2017 · 1 min read दो जून की रोटी वाे राेती, ये राेटी, सुलगती राेटी, बेबसी की राेटी, लाचारी की राेटी, गरीबी की राेटी, आराम कभी नही चाहा, विश्राम कभी नही चाहा, गरीबी आेर लाचारी काे सहा, दाे जून... Hindi · कविता 512 Share जगदीश लववंशी 2 Sep 2017 · 1 min read बिटिया रानी बड़ी सयानी बिटिया रानी बड़ी सयानी, थोड़ी सी नटखट करती शैतानी, जब जब देखूँ मधुर मुस्कान, अधरों से खिल उठते खुशी के गान, होती जागृत नई नई चेतना, जग की सारी दूर... Hindi · कविता 1 2k Share जगदीश लववंशी 31 Aug 2017 · 1 min read जन मन गाते गाते जन गण मन, बालक मन बन गया जन, आज हो गए हम जनक, लगे बनाने अपनो को कनक, रहती दिल में यही चाहत, खुश रहे कोई न हो... Hindi · कविता 386 Share जगदीश लववंशी 13 Aug 2017 · 1 min read स्वतंत्रता की अलख लहराये तिरंगा भवन भवन, भारत माता को नमन नमन, गीतों से गूंज रहा गगन गगन, गा रहा जन होकर मगन मगन, हर जुबां पर है वतन वतन, गूँज रहे नारे... Hindi · कविता 289 Share जगदीश लववंशी 7 Aug 2017 · 1 min read रक्षा बंधन *रक्षाबंधन* मास हैं सावन, त्यौहार हैं पावन, सजी हर कलाई, मिल रही बधाई, बहनों का प्यार, कितना हैं दुलार, लगा भाल तिलक, ठहर गए पलक, शब्द बने वचन, यह हैं... Hindi · कविता 486 Share जगदीश लववंशी 5 Aug 2017 · 1 min read मेरी निगाहे देख रही मेरी निगाहे, सूनी पड़ी कब से राहे, बीत गए कितने बरस, दिखा भी दो अब दरस, बहुत रोती हैं आँखे हमारी, मुझे याद आती हैं तुम्हारी, वो उछल... Hindi · कविता 185 Share जगदीश लववंशी 3 Aug 2017 · 1 min read मेरी नन्ही परी नन्ही सी प्यारी सी हमारी परी, हम सब की है वाे राज दुलारी, जब छमछम गूंजे उसकी पायल, सुनकर सब हाे जाते उसके कायल, काेयल सी प्यारी उसकी मीठी बाेली,... Hindi · कविता 2k Share जगदीश लववंशी 3 Aug 2017 · 1 min read पथिक चलते रहो पथिक चलते रहाे,पथिक चलते रहाे । पीछे मुड़कर न देखाे,दुख ही प्राप्त हाेगा । सुख ताे पलभर का है, राह कांटाे से भरी है। राह के साथी छूटेंगे ही,नये साथी... Hindi · कविता 1 508 Share जगदीश लववंशी 29 Jul 2017 · 1 min read मन निर्मल मन निर्मल, तुम चंचल, हाे सरल, दर्शन विरल, काया कंचन, तुम्हे नमन, वाणी मधुर, सुंदर अधर, रहती किधर, ढूंढे नजर, कैसी डगर, थाेड़ा ठहर, ताकते नैन, भागे चैन, हाे गये... Hindi · कविता 350 Share Previous Page 9 Next