Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2018 · 1 min read

एकता

आओ घर घर दीप जलाए,
एकता का हम पाठ पढ़ाए,
चाँद भी आता लेकर तारो को,
गगन लगता सुंदर देख सितारों को,
बड़े बड़े रास्ते भी हो जाते छोटे,
मुस्किलो को देखकर क्यो तुम रोते,
हाथों में लेकर हाथ बड़े चलो साथ,
छूट न पाए किसी अपने का हाथ,
मंजिल दूर नही, बढ़ा ले हौसला,
सही राह चुनकर ले सही फैसला,
सारे मिटाकर मतभेद अपनो को गले लगा लो,
यह दौर एकता का, तुम यह भाव जगा लो,
।।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
दिल की बात,
दिल की बात,
Pooja srijan
సంస్థ అంటే సేవ
సంస్థ అంటే సేవ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
......... ढेरा.......
......... ढेरा.......
Naushaba Suriya
नैतिकता की नींव पर प्रारंभ किये गये किसी भी व्यवसाय की सफलता
नैतिकता की नींव पर प्रारंभ किये गये किसी भी व्यवसाय की सफलता
Paras Nath Jha
Pyar ke chappu se , jindagi ka naiya par lagane chale the ha
Pyar ke chappu se , jindagi ka naiya par lagane chale the ha
Sakshi Tripathi
बाल कविता: 2 चूहे मोटे मोटे (2 का पहाड़ा, शिक्षण गतिविधि)
बाल कविता: 2 चूहे मोटे मोटे (2 का पहाड़ा, शिक्षण गतिविधि)
Rajesh Kumar Arjun
शब्द
शब्द
लक्ष्मी सिंह
3163.*पूर्णिका*
3163.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फूल
फूल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*****गणेश आये*****
*****गणेश आये*****
Kavita Chouhan
एक सशक्त लघुकथाकार : लोककवि रामचरन गुप्त
एक सशक्त लघुकथाकार : लोककवि रामचरन गुप्त
कवि रमेशराज
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
स्वतंत्र नारी
स्वतंत्र नारी
Manju Singh
💐प्रेम कौतुक-403💐
💐प्रेम कौतुक-403💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मनुष्य की पहचान अच्छी मिठी-मिठी बातों से नहीं , अच्छे कर्म स
मनुष्य की पहचान अच्छी मिठी-मिठी बातों से नहीं , अच्छे कर्म स
Raju Gajbhiye
बोझ हसरतों का - मुक्तक
बोझ हसरतों का - मुक्तक
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मैत्री//
मैत्री//
Madhavi Srivastava
Yashmehra
Yashmehra
Yash mehra
कोई पागल हो गया,
कोई पागल हो गया,
sushil sarna
#बधाई
#बधाई
*Author प्रणय प्रभात*
दौर कागजी था पर देर तक खतों में जज्बात महफूज रहते थे, आज उम्
दौर कागजी था पर देर तक खतों में जज्बात महफूज रहते थे, आज उम्
Radhakishan R. Mundhra
खद्योत हैं
खद्योत हैं
Sanjay ' शून्य'
अपराह्न का अंशुमान
अपराह्न का अंशुमान
Satish Srijan
चैन से जी पाते नहीं,ख्वाबों को ढोते-ढोते
चैन से जी पाते नहीं,ख्वाबों को ढोते-ढोते
मनोज कर्ण
न जाने शोख हवाओं ने कैसी
न जाने शोख हवाओं ने कैसी
Anil Mishra Prahari
"बदलाव"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
*माँ कटार-संग लाई हैं* *(घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद )*
*माँ कटार-संग लाई हैं* *(घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद )*
Ravi Prakash
आजादी..
आजादी..
Harminder Kaur
दिल के रिश्ते
दिल के रिश्ते
Surinder blackpen
Loading...