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5 Sep 2017 · 1 min read

दो जून की रोटी

वाे राेती,
ये राेटी,

सुलगती राेटी,
बेबसी की राेटी,
लाचारी की राेटी,
गरीबी की राेटी,

आराम कभी नही चाहा,
विश्राम कभी नही चाहा,
गरीबी आेर लाचारी काे सहा,
दाे जून की राेटी बस चाहा,
।।।जेपीएल।।।।

Language: Hindi
480 Views
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