Arun Prasad Language: Hindi 498 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arun Prasad 14 Nov 2023 · 1 min read मेरा कल! कैसा है रे तू मेरा कल! कैसा है रे तू? तेरे ललाट पर श्वेद की गर्म बूंदें होंगी? तू खिलखिलाता प्रसन्न-वदन मिलेगा? तुम्हारे ओंठ कहने को तत्पर,मन कह नहीं सकेंगे. लो मैं ही देता... Hindi 151 Share Arun Prasad 25 Mar 2023 · 1 min read आज नहीं तो कल का संकल्प तुम्हारी मृत्यु पर रोया था मैं। मेरी मृत्यु पर खुद को शुभकामना तो दो। और मुझे मुबारकबाद। तुम्हें जीवित होने में सहयोग किया था मैंने। मृत्यु प्राप्त करने का आशीर्वाद... Hindi 135 Share Arun Prasad 5 Jan 2023 · 1 min read आजादी एक और सारे शब्द जो कैद थे किसी एक मुट्ठी में हो गया है बंधन मुक्त। सहला सके और देख सके भर नजर एकबार फिर। भिगो सके इसका सम्पूर्ण बदन चुंबनों से... Hindi 131 Share Arun Prasad 5 Jan 2023 · 1 min read अब करोगे क्या जमाने से ही तेरी दुश्मनी है कह, करोगे क्या? तुम्हारे हाथ में सत्ता है बोलो अब करोगे क्या? जब चुनना था तुमने धर्म,गोत्र,जाति था चुना। वे ही तेरे विरुद्ध युद्ध... Hindi 187 Share Arun Prasad 3 Jan 2023 · 1 min read नहीं देहवाली स्त्री -------------------------------------- सौंदर्य के लिए पत्ते और फूल पिरोकर उद्घोषित करती हुई स्त्रीत्व। समर्पण की आतुरता से उत्प्रेरित। दैहिक मर्यादाओं से परे पौरुष मन को आंदोलित करती बीज को अंकुरित करने... Hindi 127 Share Arun Prasad 3 Jan 2023 · 1 min read औरतें --------------------- झगड़ रहे बच्चों के झगड़े में बच्चों की परवाह दिखाकर झगड़ती औरतें। मातृत्व से स्खलित औरतें। माँ की हर सीख आत्मसात् करती पुत्रियाँ औरतें। माँ को अपना आदर्श बनाने... Hindi 147 Share Arun Prasad 3 Jan 2023 · 1 min read जीवन और ईश्वर जीवन शाश्वत है प्रारंभ नहीं,अंत नहीं। आस्था के कारण मानना नहीं, ईश्वर का अस्तित्व। आस्था के कारण नहीं, ईश्वर। ईश्वर तो है उपस्थित। कहने से नहीं किसी के। उपस्थित है,इसलिए... Hindi 130 Share Arun Prasad 3 Jan 2023 · 1 min read जिन्दा कोख --------------------------------------- विश्वास टूटने दे,मन न तोड़ । खत्म होने दे ब्रह्मांड तन न छोड़। विश्वास और ब्रह्मांड जन्म लेगा फिर मन और तन का कोख मात्र अपना बरकरार रख। ------------------------------------------... Hindi 130 Share Arun Prasad 3 Jan 2023 · 1 min read जिन्दगी जिया नहीं मैंने तुमको ------------------------------------ लालसा बची रही जिन्दगी तुझे जीने की। बाकी रही फैलने को हवा में गंध मेरे पसीने की। तूने सपने दिये तूने लक्ष्य दिये हिम्मत मैंने जुटाये पाँव मैंने उठाये... Hindi 121 Share Arun Prasad 3 Jan 2023 · 2 min read जिन्दगी उस लड़की की – --------------------------------------------------- निम्न मध्यवित्त माहौल में वह पली। जन्म से मृत्यु तक जली केवल जली। जिस आग में जली वह कभी नहीं जला। उस युवती को गया पर बुरी तरह जला।... Hindi 108 Share Arun Prasad 3 Jan 2023 · 1 min read जितने शव थे मैंने ढ़ोए,और कफन ले गए वे जितने शव थे मैंने ढ़ोए,और कफन ले गए वे। जितनी मौतें हैं मरा किए हम,दफन हो गए वे। ऊपर और ऊपर,इस ऊपर की कोई सीमा है क्या। इश्तहार की जगह... Hindi 158 Share Arun Prasad 3 Jan 2023 · 1 min read जिंदगी ये क्या? जिंदगी ये क्या? है किसको पता! देखा इसे खत्म होता हुआ। मानिंद सूरज के बढ़ता है यह। पागल जवानी बन चढ़ता है यह। रास्ते में हो जाता है लापता। जिंदगी... Hindi 170 Share Arun Prasad 3 Jan 2023 · 1 min read जीवन ------------------------------------------ जिंदगी की पर्यायवाचिक परिभाषा नर्क है। मृत्यु नर्क से मुक्ति पथ का व्यवसायिक पहल। जीने में जद्दोजहद असामान्य है, सभ्यता और संस्कृति भी होता रहा अमान्य है। जीते रहने... Hindi 104 Share Arun Prasad 2 Jan 2023 · 1 min read तुम्हें देखकर रात पूरी ही गुजर गयी। बातें जो कहनी थी कहानी बन गयी। पुनर्जन्म होगा तो सुनाऊँगा। तुम्हारे गौरव का अहंकार कितना! क्रूर था बताऊंगा। मेरा गर्व जो खण्डित हुआ था... Hindi 79 Share Arun Prasad 2 Jan 2023 · 1 min read सृष्टि का सौंदर्य ----------------------------------------------- डरना कैसा प्रेम प्रणय से! झुठलाना क्यों अन्तर की एक पूत भावना? मुंदना कैसा आँख विनय से! उलझाना क्यों? जो प्रत्युत्तर,वही चाहना। चाह नहीं यह सुंदरता का,रूप-देह का, पूजा... Hindi 109 Share Arun Prasad 2 Jan 2023 · 1 min read किस्सा कवि होने का ------------------------------------------- किसी ने कहा कविता लिखो लिख दिया मैंने। अपरिपक्वता की कविता हो गयी परिपक्व। छप गई। मुझे कविता के पृष्ठ पर छाप गया। कविता में राजतंत्र है। कवि कथा... Hindi 157 Share Arun Prasad 2 Jan 2023 · 1 min read कविता -------------------- प्रहार की तरह तीव्र होनी चाहिये कवितायें। दिल छूये, दिमाग झकझोर सके कवितायें। आक्रोश उगलती हुई आग होती हों कवितायें। प्यार उपजाये उपजाऊ होनी चाहिये कवितायें। तुम्हें जीवन के... Hindi 216 Share Arun Prasad 2 Jan 2023 · 1 min read मैं ही क्यों? ------------------------------ अंत:पुर के संसार में संग्राम है, आधिपत्य,अधिकार की लालसा। औरत को मर्दानापन की ललक। बन जाने का लोभ, दुर्वासा। सामंजस्य साझा फर्ज है। औरत माँ बनी तो बोली। माँ... Hindi 85 Share Arun Prasad 2 Jan 2023 · 1 min read ड्योढ़ी मंदिर की ------------------------------------ बहुत ऊंची है ड्योढ़ी मंदिर की। बौनी है मेरी याचना। बहुत स्वच्छ है रास्ते तेरा देवता, देह मेरा देखो कितना घिनौना। एक टुकड़े प्रसाद या एक सिक्के की मेरी... Hindi 110 Share Arun Prasad 2 Jan 2023 · 1 min read प्रेम प्रेम का मन कविता है इसका देह कविता की अभिव्यक्ति रचता रहा है एक कथा सुख से सुंदर या विचलित होकर व्यथा। नेह प्रफ़्फुलित हो तो परवाह चिंतित हो तो... Hindi 80 Share Arun Prasad 2 Jan 2023 · 1 min read नसीब ----- नसीब है। मूर्त से अमूर्त। इंसान से भगवान। संघर्ष से पलायन। अकर्म से फल। युद्ध से समर्पण। अधिकार से आलस्य। विजय से भय। हत्या से परहेज। मस्तिष्क से हृदय।... Hindi 90 Share Arun Prasad 2 Jan 2023 · 1 min read नये वर्ष का भाग्य -------------------------- दिन, महीने, वर्ष। सत्ता संघर्ष। पुन: गिड़गिड़ाएगा आदर्श। पल,छिन,घड़ी। स्वनाम धन्य मढ़ी। पुन: करेगा गड़बड़ी। लोभ,ईर्ष्या,स्वार्थ। लक्षित रहेगा पदार्थ। इंसान भुलाता रहेगा परमार्थ। शांति हेतु प्रार्थना। विफल रहेगा मानना।... Hindi 125 Share Arun Prasad 2 Jan 2023 · 1 min read नव वर्ष के लिए ----------------------- नव वर्ष के लिए मेरी शुभकामना। शांति के प्रयासों को। उन्नत विचारधाराओं को। विकासोन्मुख योजनाओं को। दर्द निवारक कामनाओं को। सुंदर,सभ्य,न्यायी शासनों को। धरती में जल बढ़े। वृक्षों पर... Hindi 63 Share Arun Prasad 23 Dec 2022 · 1 min read सार्थकता ------------------------------ हमें राष्ट्र की तरह जीना था हम जाति और धर्म की तरह जीने में फख्र करते हैं। गौरव गान नस्ल और संप्रदाय का। हम अपरिपक्व हैं या हमारी शिक्षा!... Hindi 83 Share Arun Prasad 23 Dec 2022 · 1 min read नहीं तोड़े मेरे सपने मैंने ---------------------------- मैं स्वतंत्र था सपने देखने के लिए। दिन में भी। देखा एक दिन मैंने दूसरे अच्छे दिन का सपना। कठिनाइयों और विषम परिस्थियों के अलावा लेंघी मारनेवालों का हुजूम... Hindi 209 Share Arun Prasad 5 Nov 2022 · 1 min read गजल_हमें तो झूठ बोलना नहीं आता हमें तो झूठ बोलना नहीं आता। उन्हें सच स्वीकारना नहीं आता। वे तो हर बात से जाते हैं मुकर। हमें बस क्रोध करना नहीं आता। उन्हें ‘चमचों’ की बात भाती... Hindi 115 Share Arun Prasad 3 Nov 2022 · 1 min read आत्मकथा कविता की कभी शब्द कभी भावनाएँ बना देता है रचनाकार। अचानक एक शब्द आता है और लिपट जाता है। कभी पास से गुजर रहे शब्द को पकड़ लेता है मन। शब्द झकझोर... Hindi 180 Share Arun Prasad 3 Nov 2022 · 1 min read आजादी एक और सारे शब्द जो कैद थे किसी एक मुट्ठी में हो गया है बंधन मुक्त। सहला सके और देख सके भर नजर एकबार फिर। भिगो सके इसका सम्पूर्ण बदन चुंबनों से... Hindi 140 Share Arun Prasad 3 Nov 2022 · 2 min read पहाड़ सा स्वपन आज मैं लौटना चाहता हूँ। अपने सपने के पहाड़ से नीचे। किन्तु, खाई वही है और वहीं है। डर लगता है- भूख वहीं टिका हुआ देखता है,आसमान। दुर्भिक्ष हर वर्ष... Hindi 115 Share Arun Prasad 29 Oct 2022 · 1 min read हाइकु _भगवान से भगवान से। गुजारिश करें कि रोये कोरोना। सारा प्रभाव। वो, हैवानियत का । खोये कोरोना। पौधे मौत का गली-मोहल्ले में न, बोये कोरोना। बीमार होवे। मौत की गोद में जा,... Hindi 89 Share Arun Prasad 29 Oct 2022 · 1 min read हाइकू -- जीवन जंग जीवन जंग। बुढ़ापा पराजय। मृत्यु विजय। सारा अपूर्ण। आदमी जीये तो क्या! युद्ध?जीवन? असंभव है। नर का नर होना। दायरा छोटा। स्पंदन है,तो। वही तत्व,यौगिक। जीव-प्रारूप। पश्चात मृत्यु। शून्य में... Hindi 95 Share Arun Prasad 28 Oct 2022 · 1 min read नहीं देहवाली स्त्री -------------------------------------- सौंदर्य के लिए पत्ते और फूल पिरोकर उद्घोषित करती हुई स्त्रीत्व। समर्पण की आतुरता से उत्प्रेरित। दैहिक मर्यादाओं से परे पौरुष मन को आंदोलित करती बीज को अंकुरित करने... Hindi 241 Share Arun Prasad 28 Oct 2022 · 1 min read काम* मैं तुम कामिनी मैं चाँद हूँ तुम चाँदनी। मैं कंत हूँ तुम भामिनि। मैं राग हूँ तुम रागिनी। इतनी उतावली यमिनी। क्योंकि काम* मैं तुम कामिनी। तरुवर छटा बिखेरता। मुझ चाँद को है... Hindi 76 Share Arun Prasad 25 Oct 2022 · 1 min read गजल_जीवित था रहना चाहता सम्मान के लिए जीवित था रहना चाहता सम्मान के लिए। इस अर्थ ने रखा परंतु, अपमान के लिए। सब कुछ जला दे दर्द के मीनार मत जला। कुछ पास में रहने तो दे... Hindi 138 Share Arun Prasad 24 Oct 2022 · 1 min read गजल_सच है जरूर, केवल पर, श्मशान में -------------------------------------------- कौन सा सच जिंदा रहा है इस जहान में? कितने ही सारे सच दफन हैं हर मकान में। उल्लू की आँख है ये सच देखता नहीं। है दफन सारे... Hindi 122 Share Arun Prasad 24 Oct 2022 · 1 min read हाइकू हाइकू ------------------ मन तांडव। तन कुरुक्षेत्र हो। प्रण टूटे ना। व्रत कुंडों में। मथें उदधि मन। स्वारथ स्वाहा। अश्वमेध है। रक्षण या उगाही। दम्भ का यज्ञ। अहंकार है। होगा ही... Hindi 141 Share Arun Prasad 24 Oct 2022 · 1 min read शांति के लिए हाइकू --------------- शांति के लिए। इतिहास का युद्ध। शांति हताश। रक्त में डूबा। युद्ध का इतिहास। दर्प जिंदा है। प्राण का नहीं। युद्ध कल्याण का हो। जियो,जीने दो। अलौकिक था।... Hindi 95 Share Arun Prasad 24 Oct 2022 · 1 min read गजल_पतंगों को किया देखा शमाँ से है पतंगों को किया देखा शमाँ से है लिपट मरना। इसीसे हमने सीखा है मुहब्बत को बयां करना। कि मरना भूख से यारो किसीकी आरजू होगी। उन्हें मरना अगर है तो... Hindi 75 Share Arun Prasad 24 Oct 2022 · 1 min read कमीज से कफन तक कमीज का टूटा बटन स्वच्छ कफन पर कौंधा। सुई और धागा सब जीवन भर पड़ा रहा औंधा। सर्द हुए पूस को, खुली हुई छाती पर झेला अकेला ही। तपे हुए... Hindi 137 Share Arun Prasad 23 Oct 2022 · 1 min read शतरंज के खिलाड़ी मेरे श्वेत घरों में बाजीगर मोहरे आतुर करने वार। तुमने उँड़ेल दिये विश्व का सारा काला अध्याय करते रहे श्वेत उसे मेरे मोहरे बिता दिन बीत गयी रात। मेरा युद्ध... Hindi 127 Share Arun Prasad 23 Oct 2022 · 1 min read व्यथा आँसू की --------------------------------- किसके लिए दृग कोरों पर आऊँ छलक? करूँ क्यों मैं गीले अपनी ही पलक? दु:ख के लिए? मृत्यु के लिए? अवनति हेतु या कुंद प्रगति हेतु? अतिशय है दुख,सुख... Hindi 113 Share Arun Prasad 23 Oct 2022 · 1 min read समाजवाद सुनहरा शब्द है ------------------------------------ समाजवाद शब्द की उत्पत्ति विद्रोह के कोख से होना था किन्तु, कायरों की मानसिक संतान बना। असुविधाओं से थककर इसने नारे गढ़े क्रोध और घृणा से ओतप्रोत। सत्ता की... Hindi 101 Share Arun Prasad 22 Oct 2022 · 1 min read धन्यवाद एक लंबी जिंदगी को थोड़ा भी नहीं जी पाया। चाहता तो था। बचपन लड़कपन युवापन बुढ़ापा मृत्यु। सब मिले रास्ते में, दुश्मन सा। मैं तो मित्रवत था इनके साथ भी।... Hindi 180 Share Arun Prasad 18 Oct 2022 · 1 min read गजल_कौन अब इस जमीन पर खून से लिखेगा गजल कौन अब इस जमीन पर खून से लिखेगा गजल। वह गया कलम छोड़ रोटी की दौड़ में निकल। जितनी उगती है कंटीली झाड़ियाँ उगने दो यहाँ। सूरज को गलबाँही दिए... Hindi 2 285 Share Arun Prasad 13 Sep 2022 · 1 min read अब करोगे क्या जमाने से ही तेरी दुश्मनी है कह, करोगे क्या? तुम्हारे हाथ में सत्ता है बोलो अब करोगे क्या? जब चुनना था तुमने धर्म,गोत्र,जाति था चुना। वे ही तेरे विरुद्ध युद्ध... Hindi 111 Share Arun Prasad 13 Sep 2022 · 1 min read गुत्थी आजादी की ----------------------------------- गुलामी की परिभाषा जंगल से लेकर शहर तक विषम नहीं है। रात की परिभाषा सूर्य का नहीं होना है। लाख रौशनी कर लो। कंधे पर बोझ होने का अहसास... Hindi 105 Share Arun Prasad 12 Sep 2022 · 1 min read चश्मा साफ करना चाहिए -------------------------------------- कुछ पढ़ने से पहले चश्मा साफ कर लेना चाहिए। कुछ का कुछ ‘यूं ही’, ऐसे ही नहीं पढ़ देना चाहिए। शब्द बदलते नहीं उसके अर्थ बदल जाते हैं। प्राय:... Hindi 101 Share Arun Prasad 10 Sep 2022 · 1 min read सुख की चाह मैं जून में कपास ओढ़कर सोया। उबल रही थी धरती और जल रहा था बतास। नहीं मालूम मुझे दरख्त की छाया क्या होती है? क्या होता है तनावर दरख्त! मेरे... Hindi 120 Share Arun Prasad 7 Sep 2022 · 1 min read आजादी एक और सारे शब्द जो कैद थे किसी एक मुट्ठी में हो गया है बंधन मुक्त। सहला सके और देख सके भर नजर एकबार फिर। भिगो सके इसका सम्पूर्ण बदन चुंबनों से... Hindi 100 Share Arun Prasad 7 Sep 2022 · 2 min read आजादी के अलबम का प्रथम पृष्ठ (1) वे थे आजादी मांग रहे। खुद को सूली पर टांग रहे। वे भारत के दुख से पीड़ित थे। पुरजन के दुख से दु:खित थे। वे नहीं सिकंदर के ‘विस्तार’... Hindi 115 Share Page 1 Next