Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Oct 2022 · 1 min read

समाजवाद सुनहरा शब्द है

————————————
समाजवाद शब्द की उत्पत्ति
विद्रोह के कोख से होना था किन्तु,
कायरों की मानसिक संतान बना।
असुविधाओं से थककर इसने नारे गढ़े
क्रोध और घृणा से ओतप्रोत।
सत्ता की लूट हमारे अधिकारों की लूट है।
समाजवाद यह समझने या समझाने में
अनुतीर्ण रहा।
हम कायर ही तो हैं
ताल ठोंककर हमारे ही सामने
हमारी मानसिक संतान खड़ी है।
विद्रोह बनिए का तराजू होता
न जरा कम न थोड़ा ज्यादा
समाजवादियों का सौदा होता।
समाजवाद की भाषा को
जो पढ़ा रहा है व्याकरण।
उसके मन में भ्रष्टाचार है गहन।
हमारे खाये-पिये को डकार में
ढूँढ कर घोषित करेगा हमारी जाति
समाजवाद या अर्थवाद।
हमें पेड़ों की जड़ों में झोंककर
समाजवाद उगाने की प्रेरणा पाने वाले
हमारे दोस्त हैं।
हमारे टूटे-फूटे अस्तित्व और
जीर्ण-शीर्ण काया को ओढ़ना इसलिए
हमारी ही नियति होना है।
सूत्रधार हम हैं समाजवाद के
कर्णधार किन्तु,
सत्ता के भागीदार हैं।
उसका समाजवाद खाली कनस्तर है
जिसे पीटने के लिए हम
भाड़े पर लाये गए लोग हैं।
हम कल अर्थवाद के आग में जले
आज समाजवाद के शोले में धधक रहे हैं।
अब तो समाजवाद हमारे लिए गाली पर,
तुम्हारे लिए एक सुनहरा शब्द है।
तुम उसे बिछाओगे,ओढ़ोगे,पहनोगे
हम जानते हैं और
हमें चिढ़ाओगे यह भी जानते हैं।
यह हमारी नहीं समाजवाद की नियति है।
विधियाँ और विधान ही समाजवादी नहीं है
तो
हमारी भिंची हुई मुट्ठियों को भग्न मन
और खुली हथेलियों को भिक्षापात्र
ही कहोगे न।
—————————————————-
अरुण कुमार प्रसाद 12/9/22

Language: Hindi
92 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मान भी जाओ
मान भी जाओ
Mahesh Tiwari 'Ayan'
I hope one day the clouds will be gone, and the bright sun will rise.
I hope one day the clouds will be gone, and the bright sun will rise.
Manisha Manjari
सम्पूर्ण सनातन
सम्पूर्ण सनातन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
** राह में **
** राह में **
surenderpal vaidya
पिता
पिता
Kavi Devendra Sharma
*भरे हों प्यार के सौ रंग, मैत्री की हो पिचकारी (मुक्तक)*
*भरे हों प्यार के सौ रंग, मैत्री की हो पिचकारी (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दो शे'र - चार मिसरे
दो शे'र - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
कविता माँ काली का गद्यानुवाद
कविता माँ काली का गद्यानुवाद
दुष्यन्त 'बाबा'
स्वस्थ्य मस्तिष्क में अच्छे विचारों की पूॅजी संकलित रहती है
स्वस्थ्य मस्तिष्क में अच्छे विचारों की पूॅजी संकलित रहती है
Tarun Singh Pawar
राष्ट्र हित में मतदान
राष्ट्र हित में मतदान
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Being with and believe with, are two pillars of relationships
Being with and believe with, are two pillars of relationships
Sanjay ' शून्य'
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
आर.एस. 'प्रीतम'
बाल कविता: तोता
बाल कविता: तोता
Rajesh Kumar Arjun
नया सवेरा
नया सवेरा
AMRESH KUMAR VERMA
रेशम की डोर राखी....
रेशम की डोर राखी....
राहुल रायकवार जज़्बाती
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विश्व भर में अम्बेडकर जयंती मनाई गयी।
विश्व भर में अम्बेडकर जयंती मनाई गयी।
शेखर सिंह
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
bhandari lokesh
बचपन -- फिर से ???
बचपन -- फिर से ???
Manju Singh
क्या वायदे क्या इरादे ,
क्या वायदे क्या इरादे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सिसकियाँ
सिसकियाँ
Dr. Kishan tandon kranti
ज्ञानवान  दुर्जन  लगे, करो  न सङ्ग निवास।
ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
Manju sagar
स्वास्थ्य का महत्त्व
स्वास्थ्य का महत्त्व
Paras Nath Jha
पिय
पिय
Dr.Pratibha Prakash
■ एक लफ़्ज़ : एक शेर...
■ एक लफ़्ज़ : एक शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
आप में आपका
आप में आपका
Dr fauzia Naseem shad
वो मुझ को
वो मुझ को "दिल" " ज़िगर" "जान" सब बोलती है मुर्शद
Vishal babu (vishu)
Is ret bhari tufano me
Is ret bhari tufano me
Sakshi Tripathi
वक्त गुजर जायेगा
वक्त गुजर जायेगा
Sonu sugandh
Loading...