Ram Krishan Rastogi Language: Hindi 1270 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next Ram Krishan Rastogi 8 Jun 2022 · 1 min read मां के समान कोई नही मां ने बनाया तुम्हे खुद को मिटाके, उसी के कारण लेते हो तुम चटाके। मां ना होती,तुम कभी भी ना होते, आज तुम इतने बड़े कभी ना होते।। मां का... Hindi · कविता 5 10 633 Share Ram Krishan Rastogi 7 Jun 2022 · 1 min read मर्द व नामर्द की पहचान डट जाए जो युद्ध के मैदान में,उसे मर्द कहते है। पीठ दिखाकर जो भाग आए,उसे नामर्द कहते है।। होता है जिसके दिल में दर्द,उसे मर्द कहते है। दिल होते हुए... Hindi · कविता 4 7 2k Share Ram Krishan Rastogi 6 Jun 2022 · 1 min read जब भी तेरा दिल में ख्याल आता है जब भी तेरा दिल में ख्याल आता है। बस मेरे दिल में एक मलाल आता है।। पकड़ा है हाथ तूने मेरे ही जिगरी दोस्त का। क्यो किया ऐसा तूने,बस ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 193 Share Ram Krishan Rastogi 6 Jun 2022 · 1 min read आज की सियासत सियासत में अब शराफत रही कहां है, अच्छे इंसान की जरूरत रही कहां है। अब सियासत में झूठे का बोलबाला है, नेक नेताओ की हिफाजत रही कहां है।। सियासत में... Hindi · मुक्तक 2 4 281 Share Ram Krishan Rastogi 5 Jun 2022 · 1 min read पर्यावरण दिवस अगर धरा के पेड़ कट गए, तुम स्वयं ही कट जाओगे। फिर इस पर्यावरण को तुम कैसे उज्ज्वल कर पाओगे।। सड़क मार्ग चौड़ा करने पर, हमेशा ही पेड़ काटे जाते... Hindi · कविता 6 10 563 Share Ram Krishan Rastogi 5 Jun 2022 · 1 min read अगर वो रूठ गया है, उसे मनाया जाए अगर वो रूठ गया है,उसे मनाया जाए। दुबारा से उसे अपने,गले लगाया जाए।। अगर वो खफा हैं मुझसे,उसकी मर्जी। अगर मेरी गलती है,मुझे बताया जाए।। चलती रहती है अनबन सभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 161 Share Ram Krishan Rastogi 4 Jun 2022 · 1 min read जी रहे है तनाव अभाव दबाव प्रभाव और बेभाव में चाहे रह रहे हो आप शहर में या गांव में। हम सब जी रहे है,आज एक तनाव में।। मिल रहा है अशुद्ध जल व वायु इस संसार में। जी रहे... Hindi · कविता 1 1 209 Share Ram Krishan Rastogi 3 Jun 2022 · 1 min read आंखो मे है नींद,पर सोया नही जाता आंखो में है नींद,पर सोया नही जाता। दिल में है जख्म,पर रोया नही जाता।। सजाया था ये बगीचा,बड़ी चाहत से मैने। फूलो का हूं शौकीन,कांटा बोया नही जाता।। हम तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 9 459 Share Ram Krishan Rastogi 3 Jun 2022 · 1 min read शहरों के हालात शहरो मे भीड़ बहुत है, हर कोई यहां अकेला है। सुविधाएं यहां बहुत है, फिर भी जान को झमेला है।। शहरो में शोर बहुत है, पर आदमी है मौन खड़ा।... Hindi · कविता 3 4 398 Share Ram Krishan Rastogi 2 Jun 2022 · 1 min read दो जून की रोटी दो जून की रोटी,प्रभु सबको मिल जाए। छोटी हो या मोटी,ये सबको मिल जाए।। दो जून की रोटी,बड़ी किस्मत से है मिलती। मेहनत करता है मजदूर तब कही ये मिलती।।... Hindi · कविता 7 16 1k Share Ram Krishan Rastogi 1 Jun 2022 · 1 min read कविता में मुहावरे भाग दो उल्टा चोर कोतवाल को ही डांटे, चोरी का माल आधा आधा बांटे। जब बंटवारा ठीक से न हो पावे एक दूजे की खड़ी करते हैं खाटे।। हाथ कंगन को अब... Hindi · मुक्तक 4 7 256 Share Ram Krishan Rastogi 1 Jun 2022 · 1 min read कुछ मनन योग्य बाते कुछ मनन योग्य बाते **************** कृपया निम्न बातो को दो बार ध्यान से पढ़े और उन पर मनन करे। पैर की मोच और छोटी सोच। कभी भी आगे चलने नही... Hindi · कविता 4 5 456 Share Ram Krishan Rastogi 31 May 2022 · 1 min read पति पत्नी पर हास्य व्यंग जब से तुम मायके गई हो,मन लगता नही। शाम सूनी सी लगती है रात तो कटती नहीं।। डाक्टर फोन पर पूछते है अब आते क्यो नही। शुगर व बी पी... Hindi · कविता 1 1 1k Share Ram Krishan Rastogi 31 May 2022 · 1 min read करते है प्यार कितना ,ये बता सकते नही हम करते है प्यार कितना,ये बता सकते नहीं हम। दिल में जो बसा है,उसे हटा सकते नहीं हम।। सांसों में बसे हो तुम,धड़कनों में बसो हो तुम। तेरी चाहत को कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 608 Share Ram Krishan Rastogi 30 May 2022 · 1 min read कविता में मुहावरे धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का। दलबदलू रहता न सत्ता का न पाट का। सत्ता के लालच में जो पाला बदलता है, उल्टा पहाड़ा पढ़ता सोलह दूनी... Hindi · मुक्तक 3 4 1k Share Ram Krishan Rastogi 30 May 2022 · 1 min read आ तुझको तुझ से चुरा लू आ तुझ को तुझ से चुरा लू, प्यार से तुझे दिल में बसा लू। ख्वाहिश है यह आखरी मेरी, तुझ को मै अपना बना लू।। कजरे की जगह तुझे लगा... Hindi · मुक्तक 2 7 528 Share Ram Krishan Rastogi 29 May 2022 · 1 min read गर्मी पर दोहे गर्मी इतनी पड रही,सबके सब है बेहाल सूर्य देव का भी चेहरा हो गया है लाल || बाहर कोई नहीं निकल रहा,घर में सब बंद | जैसे काल कोठरी में... Hindi · दोहा 1 1 597 Share Ram Krishan Rastogi 28 May 2022 · 1 min read जेष्ठ की दुपहरी देख दुपहरी जेष्ठ की,हर कोई मांगत छाय। माह मास में देखत इसे,मन ही मन मुस्काय।। देख दुपहरी जेष्ठ की,कोरोंना भी परेशान। कुछ दिनों में टूटेगा ,इसका भी अभिमान।। देख दोपहरी... Hindi · कविता 2 3 484 Share Ram Krishan Rastogi 28 May 2022 · 1 min read मां बाप की दुआओं का असर ले लो दुवाये अपने मां बाप की, इससे बड़ी दौलत न है आप की। जो जीवन में इससे बंछित हो पाया, उसने जीवन में कभी सुख न पाया।। जैसा बोओगे,वैसा... Hindi · कविता 5 8 2k Share Ram Krishan Rastogi 27 May 2022 · 1 min read ये दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना। कुछ समझता नही अब तुम्हारे बिना।। जब से दिल पर पड़ी तेरी परछाइयां। दिल मचलता नही अब तुम्हारे बिना।। मेरे हाथो से ये दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 763 Share Ram Krishan Rastogi 27 May 2022 · 1 min read पत्नियों की फरमाइशें (हास्य व्यंग) सुबह सुबह उठकर मुझे जगाया करो। जग जाऊं तो चाय मुझे पिलाया करो।। आ रही नही बाई कोरोना में आज कल। चाय पिलाने के बाद झाडू लगाया करो।। लगा देती... Hindi · कविता 3 8 532 Share Ram Krishan Rastogi 26 May 2022 · 1 min read जूतों की मन की व्यथा पैरो की है हम असली ढाल, उनकी रखते हम रखवाल। चलते चलते हम घिस जाते, तब भी हम साथ निभाते।। हमको सब बाहर छोड़ जाते, अंदर वालो को तकते रहते।... Hindi · कविता 2 2 414 Share Ram Krishan Rastogi 26 May 2022 · 1 min read गर्मी जीव सभी अपने घरों में दुबके, सूनी पड़ी सभी गली व सड़के। बाहर हो रही आग की बारिश, सारे जीव पानी को है तरसे।। सूखे पड़े है सब ताल तलैया,... Hindi · कविता 5 7 414 Share Ram Krishan Rastogi 25 May 2022 · 1 min read बचे जो अरमां तुम्हारे दिल में बचे जो अरमां तुम्हारे दिल में, उनको पूरा कर लो अब तुम। अब ना हाथ आऊंगी तुम्हारे, चाहे जितने जतन कर लो तुम।। बचे जो तीर तरकस में तुम्हारे, उनको... Hindi · कविता 5 7 410 Share Ram Krishan Rastogi 25 May 2022 · 1 min read दाने दाने पर नाम लिखा है दाने दाने पर नाम लिखा है जिसने जिसको खाया है। हर दाने पर मोहर लगी है जिसने जिसको उगाया है।। खाने वाले करोड़ों मिलेगे देने वाला बस एक ही राम।... Hindi · कविता 3 3 1k Share Ram Krishan Rastogi 24 May 2022 · 1 min read फिर तन्हाई में रिश्ते टूटते क्यू है तन्हाई में तनहा रहते ये क्यू है। एक दूजे से जुदा रहते ये क्यू है।। जब याद आ जाती है उनकी कभी कभी। फिर आंखो से आंसू बहते ये क्यू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 257 Share Ram Krishan Rastogi 24 May 2022 · 1 min read मुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां मुझको अपना बताता था,अब है कहां, मुझसे चाहत जताता था,अब है कहां। मै तो बैठी हूं,दहलीज पर अब है उसके, मुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां।। तुझसे बचकर वह अब... Hindi · मुक्तक 5 7 323 Share Ram Krishan Rastogi 23 May 2022 · 1 min read तुमसे कोई शिकायत नही तुम अकेले जिंदगी ही जियो,हमे कोई शिकायत नही। हमे अपने से शिकायत है,तुमसे कोई शिकायत नही।। जरूरत पड़ती है,हर इन्सान को हर इन्सान से। हो सकता है अब तुम्हे,मेरी कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 9 9 689 Share Ram Krishan Rastogi 22 May 2022 · 1 min read बताओ तो जाने जो कल थी,पर आज नही रहेगी, जो आज हैं, पर कल नही रहेगी। जो कल आयेगी वह परसो न आयेगी, पर दीवार पर टंगी सब घर मिल जायेगी। टर टर... Hindi · कविता 7 11 723 Share Ram Krishan Rastogi 22 May 2022 · 1 min read चिन्ता और चिता में अन्तर चिन्ता ही चिता समान है। चिता मौत का फरमान है।। चिन्ता जिंदे को जलाती है। चिता मुर्दे को जलाती है।। चिता ही अंतिम सच है। चिन्ता पहला ही सच है।।... Hindi · कविता 3 2 683 Share Ram Krishan Rastogi 21 May 2022 · 1 min read एक पनिहारिन की वेदना सुन सखा,मेरे कृष्ण कन्हैया, पूछ रही है मेरी सभी सखियां। कैसे फूटी तेरी जल की गगरिया, क्यो भीगी तेरी लाल चुनररिया। कर रही है सभी सखि ठिठोली, इन सबके पीछे... Hindi · कविता 6 8 857 Share Ram Krishan Rastogi 20 May 2022 · 1 min read क्या क्या हम भूल चुके है अपनी सभ्यता को हम भूल चुके हैं, पाश्चात्य सभ्यता को अपना चुके है। विदेशी खान पान पर आ गए हम, अपना खान पान हम भूल चुके है।। दलिया खिचड़ी हम... Hindi · मुक्तक 3 4 277 Share Ram Krishan Rastogi 20 May 2022 · 1 min read गर्मी का कहर ए ! गर्मी तेरे बस में कुछ भी नही है, यहाँ तेरे से कोई डरने वाला नही है। सब दिल यहां पत्थर के बन हुए है, यहां कोई अब पिघलने... Hindi · मुक्तक 6 6 372 Share Ram Krishan Rastogi 19 May 2022 · 1 min read टूटते परिवार सिमटते रिश्ते टूटते परिवार सिमटते रिश्ते ******************** रिश्ते सभी सिमटते जा रहे है, परिवार भी निबटते जा रहे है। पता नही क्या होगा भविष्य में, आज संबंध बिगड़ते जा रहे है।। चाचा... Hindi · मुक्तक 3 5 341 Share Ram Krishan Rastogi 19 May 2022 · 1 min read तारीफ क्या करूं तुम्हारे शबाब की तारीफ क्या करू,तुम्हारे शबाब की। तुम तो पंखुड़ी हो, लाल गुलाब की।। चेहरे पर नूर है जैसे चंदनी का हो नूर। खुबसूरती पाई है तुमने बे हिसाब की।। याद ताजा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 5 352 Share Ram Krishan Rastogi 18 May 2022 · 1 min read शोले भड़के है हवा कौन करे शोले भड़के है, हवा कौन करे। हर तरफ दर्द है दवा कौन करे।। मालूम है दोनो को आग सुलग चुकी। इस आग को अब जवां कौन करे।। चाहते है दोनो,गले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 315 Share Ram Krishan Rastogi 17 May 2022 · 2 min read पति पत्नी की नोक झोंक (हास्य व्यंग) मेरी पत्नी सुबह सुबह रामायण पढ़ती है। फिर तो सारे दिन वह महाभारत करती है।। वैसे तो रामायण पढ़कर, राम राम करती है। फिर तो सारे दिन गाली की बौछार... Hindi · कविता 9 16 1k Share Ram Krishan Rastogi 16 May 2022 · 1 min read बुद्ध पूर्णिमा पर मेरे मन के उदगार दे रहे है सभी बधाईयां आज, बुद्ध पूर्णिमा की एक दूजे को। कोई न चलता उनके मार्ग पर, आक्षेप लगा रहे एक दूजे को।। सत्य अहिंसा का मार्ग छोड़कर, झूठ... Hindi · कविता 4 7 349 Share Ram Krishan Rastogi 16 May 2022 · 1 min read मेरे दिल का दर्द मेरे दिल का दर्द ************ अपने जो थे,आंखो से वे ओझल हो गए, जो दिलदार थे कभी वे बे दिलदार हो गए। ये कैसा समय आ गया कभी सोचा न... Hindi · मुक्तक 3 4 452 Share Ram Krishan Rastogi 15 May 2022 · 1 min read याद मेरी तुम्हे आती तो होगी मेरी तुम्हे आती तो होगी आकर तुम्हे सताती तो होगी।। सुबह जब तुम उठती तो होगी, नींद तुम्हारी खुलती तो होगी। पास न पाती जब तुम मुझको, दिल में बैचैनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 512 Share Ram Krishan Rastogi 15 May 2022 · 1 min read माँ बाप का बटवारा सन्नाटा छा गया बटवारे के किस्से में । माँ ने पूछा, मै आई किसके हिस्से में ? कहते है सभी लोग आज माँ का दिन है। मै कहता हूँ,कौन सा... Hindi · कविता 3 3 1k Share Ram Krishan Rastogi 14 May 2022 · 1 min read आकर मेरे ख्वाबों में, पर वे कहते कुछ नहीं आकर मेरे ख्वाबों में,पर वे कहते कुछ नहीं। नींद उड़ाकर ले जाते है,हम कहते कुछ नही।। सारी उमरिया बीत गई,अब करे क्या हम। दो चार घड़ी के लिए आते,करते कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 5 359 Share Ram Krishan Rastogi 13 May 2022 · 1 min read आदमी कितना नादान है आदमी स्वयं ही बुरा है, दूसरो को बुरा बताता है। वह अपने स्वार्थ के लिए, दूसरो को खूब सताता है।। आदमी कितना नादान है, मंदिर में शंख घंटा बजाता है।... Hindi · कविता 7 9 1k Share Ram Krishan Rastogi 12 May 2022 · 1 min read परछाई से वार्तालाप पूछ लिया मैने परछाई से आज, क्यो तू चलती है मेरे साथ साथ। परछाई ने भी हंस कर पूछ लिया, बता,कौन चलता है तेरे साथ साथ।। चलती हूं सदैव निस्वार्थ... Hindi · कविता 2 3 517 Share Ram Krishan Rastogi 12 May 2022 · 1 min read अज़ीब हूनर हमने इस पैसे में देखा अज़ीब हूनर हमने इस पैसे में देखा। अपनो को अपनो से अलग होता देखा।। अज़ीब हूनर हमने इस माया में देखा। आज इसके पास कल दूसरे के पास देखा।। अज़ीब... Hindi · कविता 3 6 232 Share Ram Krishan Rastogi 11 May 2022 · 1 min read उम्मीदे तैरती रहती हैं उम्मीदें तैरती रहती है, कश्तियां डूब जाती है। कुछ घर सलामत रहते है, आंधियाँ जब भी आती है।। बचा ले जो हर तूफ़ान से उसे आशा हम कहते है। बड़ा... Hindi · कविता 4 6 356 Share Ram Krishan Rastogi 10 May 2022 · 1 min read आया तू यहां पर तन्हा आया तू यहां पर तन्हा, जाएगा तू यहां से तन्हा। जोड़ी है जो तूने दौलत, रह जाएगी ये यहां तन्हा।। बनाए थे मनसूबे रहने के यहां मकान बनाए पक्के तूने... Hindi · कविता 2 2 230 Share Ram Krishan Rastogi 9 May 2022 · 1 min read रसिया यूक्रेन युद्ध विभीषिका छिन्न भिन्न नर अंग है, कौआ चील सियार, स्वर्ग धरा की दुर्दशा, नर पशु है जिम्मेदार। नर पशु जिम्मेदार, विश्व युद्ध भी निश्चित है, रोका नहीं युद्ध, सृष्टि का समापन... Hindi · कुण्डलिया 2 6 490 Share Ram Krishan Rastogi 8 May 2022 · 1 min read मातृ दिवस पर मां को समर्पित कुछ पंक्तियां जब जब इस धरा पर मैं आऊं, मां तेरी गोदी का स्पर्श मै पाऊं। चुका न सकता मां के ऋण को, चाहे सौ सौ जन्म लेकर मैं आऊं। मां के... Hindi · मुक्तक 4 7 355 Share Ram Krishan Rastogi 7 May 2022 · 1 min read चुनाव व नेता नेता आज सत्ता के खातिर, अपना उल्लू सीधा कर रहे। वोटो के खातिर वे सब अब, मुफ्त चीजे खूब है बांट रहे।। कोई लैपटॉप फ्री में बांट रहा, कोई फ्री... Hindi · कविता 2 3 184 Share Previous Page 8 Next