Comments (4)
18 May 2022 03:29 PM
वाह आ.रस्तोगी जी आपका दर्दे अंदाजे बयां भी
निराला बङा प्यारा है।
बहुत खूब … यह दर्द भी कबूल है।
Ram Krishan Rastogi
Author
18 May 2022 09:12 AM
इस दर्द भरी गज़ल पर आपका क्या ख्याल है जबकि आग दोनो तरफ लगी हो और शोले भड़क रहे हो।
बहुत खूब
धन्यवाद ओनिका जी