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13 May 2022 08:43 PM

मुस्कान बिटिया धन्यवाद

13 May 2022 07:09 PM

Aadami ko Keval dusron ke dost Dikhai Dete Hain vah khud ka nirikshan nahin karta hai

13 May 2022 08:46 PM

आपने सही कहा आदमी को अपने दोष दिखाई नही देते। वह तो दुसरो में दोष निकालता रहता है।

सत्य वचन क्योंकि दोष सबका होगा लेकिन स्वयं निर्दोष

13 May 2022 08:44 PM

आपने सही कहा

13 May 2022 03:19 PM

विनय पाल जी धन्यवाद

13 May 2022 11:08 AM

नीतू शाह जी धन्यवाद

13 May 2022 09:39 AM

आज आदमी आडंबरो में फसा हुआ है वह सच्चे पथ पर नही चलता है।इसलिए उसको अनेकों मुसीबते घेरे हुई है। इस बारे में आपका क्या विचार है।

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