Comments (6)
Ram Krishan Rastogi
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13 May 2022 12:03 AM
जूली बिटिया धन्यवाद
11 May 2022 09:15 AM
उम्मीद पर तो संसार क़ायम है
यही जीवन का आधार है कविराज
Ram Krishan Rastogi
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11 May 2022 10:32 AM
धन्यवाद श्री शशि जी
Ram Krishan Rastogi
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11 May 2022 06:58 AM
हर इंसान की अपनी अपनी उम्मीदें होती है वह उसके मस्तिष्क में हमेशा बहती रहती है। उन उम्मीदों को पूरा करने के लिए वह जिन्दगी भर लगा रहता है। इस सम्बंध में आपका क्या विचार है।
उम्मीद पर ही दुनिया कायम है। जिसकी उम्मीद जिंदा तो वह भी जिंदा
आपने भी सही फरमाया। जहां ठहराव आ जायेगा वहा बहाव रूक जायेगा।