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13 May 2022 06:58 AM

उम्मीद पर ही दुनिया कायम है। जिसकी उम्मीद जिंदा तो वह भी जिंदा

13 May 2022 08:02 AM

आपने भी सही फरमाया। जहां ठहराव आ जायेगा वहा बहाव रूक जायेगा।

13 May 2022 12:03 AM

जूली बिटिया धन्यवाद

उम्मीद पर तो संसार क़ायम है
यही जीवन का आधार है कविराज

11 May 2022 10:32 AM

धन्यवाद श्री शशि जी

11 May 2022 06:58 AM

हर इंसान की अपनी अपनी उम्मीदें होती है वह उसके मस्तिष्क में हमेशा बहती रहती है। उन उम्मीदों को पूरा करने के लिए वह जिन्दगी भर लगा रहता है। इस सम्बंध में आपका क्या विचार है।

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