आकाश महेशपुरी 506 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next आकाश महेशपुरी 5 Aug 2019 · 1 min read ग़ज़ल- छटेगी रात काली... ग़ज़ल- छटेगी रात काली... ■■■■■■■■■■■■■■■■■■ छटेगी रात काली और फिर होगा सवेरा भी। हँसो लेकिन ज़माना एक दिन आयेगा मेरा भी।। भले ग़म ने तुझे चारों तरफ से घेर रक्खा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 610 Share आकाश महेशपुरी 30 Jul 2019 · 1 min read ग़ज़ल- गुंडों में ऐसा क्या पाया लोगों ने? ग़ज़ल- गुंडों में ऐसा क्या पाया लोगों ने? □□□□□□□□□□□□□□ गुंडों में ऐसा क्या पाया लोगों ने? संसद तक देखो पहुँचाया लोगों ने। इतनी हिम्मत! मार रहे अब वोटर को! बकरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 460 Share आकाश महेशपुरी 14 Jul 2019 · 1 min read ग़ज़ल- उसे हाल दिल का सुनाने चला हूँ ग़ज़ल- उसे हाल दिल का सुनाने चला हूँ ■■■■■■■■■■■■■■ उसे हाल दिल का सुनाने चला हूँ। मैं फिर से नई चोट खाने चला हूँ।। दुखा कर मेरा दिल ख़फ़ा जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 610 Share आकाश महेशपुरी 12 Jul 2019 · 1 min read इसको बचा लो यह मर रही धरती इसको बचा लो यह मर रही धरती ○○○○○○○○○○○○○○○ कहीं पर सूखा कहीं बाढ़ की विभीषिका है, कहीं वन ख़ाक होते आग यूँ पसरती। कहीं पेड़ काटते हैं बेतहाशा लोग और,... Hindi · घनाक्षरी 1 707 Share आकाश महेशपुरी 10 Jul 2019 · 1 min read मुक्तक- उनकी बदौलत ही... मुक्तक- उनकी बदौलत ही... ■■■■■■■■■■■■■■■■■ कहीं मैं दूर जाऊँ तो मुझे वो घर बुलातीं हैं, रहूँ घर पे जो मैं दिन-रात बस पत्थर बुलातीं हैं, मगर उनकी बदौलत ही कलम... Hindi · मुक्तक 2 2 734 Share आकाश महेशपुरी 10 Jul 2019 · 1 min read ग़ज़ल- तू जबसे मुझे प्यार करने लगा है ग़ज़ल- तू जबसे मुझे प्यार करने लगा है □□□□□□□□□□□□□□ तू जबसे मुझे प्यार करने लगा है। मेरा चेहरा भी निखरने लगा है।। मैं जीवन की सीढ़ी ये चढ़ने लगा हूँ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 619 Share आकाश महेशपुरी 10 Jul 2019 · 1 min read पश्चिमी हवा का असर पश्चिमी हवा का असर ■■■■■■■■■■■■■■ अर्ध नग्न हो के नृत्य लोग अब करते हैं, जिसे देखते हैं रोज बेटे और बेटियाँ। पश्चिमी हवा को सभी करते स्वीकार पर, पथ से... Hindi · घनाक्षरी 476 Share आकाश महेशपुरी 4 Jul 2019 · 1 min read शिक्षक की महिमा शिक्षक की महिमा ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ 1- वे ऐसा काम करते हैं सभी गुणगान करते हैं, हमें अमरित पिला कर खुद जो अमरित पान करते हैं, कि उनके पाँव अक्सर शब्द मेरे... Hindi · मुक्तक 6 1 1k Share आकाश महेशपुरी 28 Jun 2019 · 1 min read ग़ज़ल- अब तो तेरे बगैर... ग़ज़ल- अब तो तेरे बगैर... ★★★★★★★★★★★★ अब तो तेरे बग़ैर जीने से, पल भी लगने लगे महीने से। क्यों गरीबों से ही लिपटता है, आओ पूछें ज़रा पसीने से। शब्द... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 502 Share आकाश महेशपुरी 28 Jun 2019 · 2 min read माँ नहीं मारो जहाँ में मैं भी आना चाहती हूँ गीत- माँ नहीं मारो जहाँ में मैं भी आना चाहती हूँ ■■■■■■■■■■■■■■■■■ भैया के ही जैसे हर पल खिलखिलाना चाहती हूँ। माँ नहीं मारो जहाँ में मैं भी आना चाहती... Hindi · गीत 4 2 579 Share आकाश महेशपुरी 26 Jun 2019 · 1 min read सफलता सफलता ■■■■■■■■■■■■■■■■ भरी सी दोपहर में भी शीतलता ढूंढ लेते हैं कि सूखे चाँद पर जाकर तरलता ढूंढ लेते हैं जुनूनी लोग धरती की सीमाएं लांघ कर देखो जहाँ संभव... Hindi · मुक्तक 1 465 Share आकाश महेशपुरी 24 Jun 2019 · 1 min read ग़ज़ल- मिलती खुशियाँ नहीं ज़माने से ग़ज़ल- मिलती खुशियाँ नहीं ज़माने से ■■■■■■■■■■■■■■ मिलतीं खुशियाँ नहीं ज़माने से, मांग लेता हूँ मैं वीराने से। बाप माँ तो खुदा सरीखे हैं, बाज आओ इन्हें रुलाने से। आग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 197 Share आकाश महेशपुरी 21 Jun 2019 · 1 min read चमकी एक बुखार ने चमक लिया है छीन चमकी एक बुखार ने चमक लिया है छीन ■■■■■■■■■■■■■■■ चमकी एक बुखार ने, चमक लिया है छीन। कोई बिन मुन्नी हुआ, कोई पुत्र विहीन। कोई पुत्र विहीन, मगर संसद में... Hindi · कुण्डलिया 630 Share आकाश महेशपुरी 20 Jun 2019 · 1 min read आज बहुत रोने का मन है आज बहुत रोने का मन है ■■■■■■■■■■ भीतर से मैं टूट चुका हूँ, आज बहुत रोने का मन है। दूर कहीं बस्ती से जाकर, जी भर कर सोने का मन... Hindi · गीत 1 757 Share आकाश महेशपुरी 20 Jun 2019 · 1 min read ग़ज़ल- मुझे बज़्म में तुम... ग़ज़ल- मुझे बज़्म में तुम... ■■■■■■■■■■■■■ मुझे बज़्म में तुम बुलाते हो साहब, मगर नाम भी भूल जाते हो साहब। जो तोड़ा है रिश्ता मुझे भूल जाओ, मेरा नाम क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 437 Share आकाश महेशपुरी 18 Jun 2019 · 1 min read घनाक्षरी- आरामतलबी घनाक्षरी- आरामतलबी ■■■■■■■■■■■■■■■ एक ही दीया से कभी, सात लोग पढ़ते थे, अब सात जलेंगे तो एक पढ़ पायेगा। झलकर बेना कभी नींद खूब लगती थी, अब बिन एसी भाई... Hindi · घनाक्षरी 1 603 Share आकाश महेशपुरी 18 Jun 2019 · 1 min read घनाक्षरी- छाले पड़े पाँव में घनाक्षरी- छाले पड़े पाँव में ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ रोटी की तलाश हेतु जाम में फँसे हैं आज, कभी दिन कटते थे पीपल की छाँव में। गंदगी शहर की ये झेलते हैं रात... Hindi · घनाक्षरी 569 Share आकाश महेशपुरी 16 Jun 2019 · 1 min read एकांत भाता है मुझे एकांत भाता है मुझे ■■■■■■■■■■■■■■ शांति का परिवेश यह एकांत भाता है मुझे पर वो फुल साउंड में डीजे सुनाता है मुझे शर्म से यह चेहरा पीला पड़ा है देख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 573 Share आकाश महेशपुरी 9 Jun 2019 · 1 min read कैसे लोग चला देते हैं बच्चों पर शमशीर कैसे लोग चला देते हैं बच्चों पर शमशीर ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ सोच सोच कर मन यह मेरा होता रोज अधीर कैसे लोग चला देते हैं बच्चों पर शमशीर कैसे उसको पाला होगा... Hindi · गीत 481 Share आकाश महेशपुरी 9 Jun 2019 · 1 min read भूल जाता हूँ भूल जाता हूँ ●●●●●●●●●●●●●●●●● मैं खाना भूल जाता और पीना भूल जाता हूँ फटे हों वस्त्र मेरे फिर भी सीना भूल जाता हूँ कि मुझसे बात करना तो जरा तुम... Hindi · मुक्तक 1 493 Share आकाश महेशपुरी 5 Jun 2019 · 1 min read जलन इतनी रखेगा तो... जलन इतनी रखेगा तो... ■■■■■■■■■■■■■■■■■ हमेशा एक बन्दा जो सभी से बैर करता है वो अपना है मगर करता वही जो गैर करता है जलन इतनी रखेगा तो जला डालेगा... Hindi · मुक्तक 2 455 Share आकाश महेशपुरी 5 Jun 2019 · 1 min read हँस लीजिये हँस लीजिये ■■■■■■■■■■■■ छोड़िये एक भी आप दावत नहीं खाइये ठूसकर है शिकायत नहीं सिर्फ हँस लीजिये पागलों की तरह हाजमोले की कोई ज़रूरत नहीं - आकाश महेशपुरी Hindi · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 1 347 Share आकाश महेशपुरी 1 Jun 2019 · 1 min read शरारत कर के बचपन में... शरारत कर के बचपन में... ★★★★★★★★★★★★★★★★★ शरारत कर के बचपन में मुझे सोना बहुत आया चुराकर फल बहुत सारे उसे ढोना बहुत आया यूँ चढ़ने को तो मैं चढ़ ही... Hindi · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 359 Share आकाश महेशपुरी 27 May 2019 · 1 min read मैंने दारू चढ़ाई मज़ा आ गया मैंने दारू चढ़ाई मज़ा आ गया ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ मैंने दारू चढ़ाई मज़ा आ गया गाँव से की लड़ाई मज़ा आ गया एक दाना नहीं घर में खाने को था लात बीवी... Hindi · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 877 Share आकाश महेशपुरी 27 May 2019 · 1 min read एक आजाद पंछी था मैं भी मगर... एक आजाद पंछी था मैं भी मगर... ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ खूबसूरत बला क्यों मेरी हो गयी फूल से फूलकर फुलझड़ी हो गयी एक आजाद पंछी था मैं भी मगर हाँथ क्या दे... Hindi · मुक्तक 274 Share आकाश महेशपुरी 27 May 2019 · 1 min read उसने डाटा मुझे इस कदर रात को उसने डाटा मुझे इस कदर रात को ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ काम-धंधा नहीं पा सका एक भी गहना-साड़ी नहीं ला सका एक भी उसने डाटा मुझे इस कदर रात को गोलगप्पा नहीं खा... Hindi · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 305 Share आकाश महेशपुरी 16 May 2019 · 1 min read घनाक्षरी छंद ~ फटेहाल बच्चे घनाक्षरी छंद ~ फटेहाल बच्चे ★★★★★★★★★★★★★★ स्वयं पे ही सभी रहते हैं वशीभूत अब, कोई भी किसी की नहीं सुनता जहान में। भूख और प्यास लिये मरते मनुष्य पर, लोग... Hindi · घनाक्षरी 4 1 846 Share आकाश महेशपुरी 1 May 2019 · 1 min read तीन मुक्तक 1- वो मुझसे ऊब जायेगा ☆☆☆ मुझे ऐसा क्यूँ लगता है वो मुझसे ऊब जायेगा मुकम्मल शायरी में जब मेरा दिल डूब जायेगा जिसे मैं ढालता रहता हूँ गीतों और... Hindi · मुक्तक 1 1 797 Share आकाश महेशपुरी 22 Apr 2019 · 1 min read नहीं पूर्वजों की सहेजी निशानी शिला की तरह टूटते जा रहे हैं कि रिश्ते सभी छूटते जा रहे हैं न दादा के रिश्ते न दादी के रिश्ते सभी ढो रहे सिर्फ शादी के रिश्ते जड़ों... Hindi · गीत 1 1 966 Share आकाश महेशपुरी 18 Apr 2019 · 1 min read ग़ज़ल- होना था तन्हा हुआ रंजूर तो ग़ज़ल- होना था तन्हा हुआ रंजूर तो ★★★★★★★★★★★★★ होना था तन्हा हुआ रंजूर तो तुम भी जाओ जा रहे हो दूर तो कोई मुझसे प्यार अब करता नहीं खो गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 336 Share आकाश महेशपुरी 17 Apr 2019 · 1 min read ग़ज़ल- चाहे नज़रों से ही गिरा जाना ग़ज़ल- चाहे नज़रों से ही गिरा जाना ★★★★★★★★★★★★★ चाहे नज़रों से ही गिरा जाना जो नज़र आऊँ यार आ जाना तेरी नफ़रत भी बहुत प्यारी है दिल करे तो मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 460 Share आकाश महेशपुरी 11 Apr 2019 · 1 min read झूठ का बोलबाला... (तीन मुक्तक) झूठ का बोलबाला... (तीन मुक्तक) ■■■■■■■■■■■■■ नौकरी है नहीं क्या करे आदमी रोटियों के लिये भी मरे आदमी झूठ का ही पुलिंदा लिये देश में राज करने लगे मसखरे आदमी... Hindi · मुक्तक 602 Share आकाश महेशपुरी 8 Apr 2019 · 1 min read किया है हमेशा करेंगे किसानी किया है हमेशा करेंगे किसानी ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ भले ही हमारी कठिन जिन्दगानी किया है हमेशा करेंगे किसानी विवेकी मनुज हो अनारी हो कोई कि धनवान हो या भिखारी हो कोई सभी... Hindi · गीत 3 1 606 Share आकाश महेशपुरी 3 Apr 2019 · 1 min read हड़ताल और बीमार बेटा हड़ताल और बीमार बेटा ●●●●●●●●●● मन अनहोनी की शंका से थर-थर-थर-थर कांप रहा है आधी रात हुई है बेटा पल पल देखो हाफ रहा है अस्पताल जाना है लेकिन हड़ताल... Hindi · कविता 1 456 Share आकाश महेशपुरी 3 Apr 2019 · 1 min read ग़ज़ल- कोई शिकवा नहीं ज़माने से ग़ज़ल- कोई शिकवा नहीं ज़माने से ●●●●●●●●●●●●● यार उसने मुझे सताया है मैंने दिल में जिसे बिठाया है उसका हँसना सुकून देता क्यूँ रोज जिसने मुझे रुलाया है दूर जायेगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 559 Share आकाश महेशपुरी 27 Mar 2019 · 1 min read ग़म के हजार घूँट.........तीन मुक्तक ग़म के हजार घूँट.........तीन मुक्तक ●●●●●●●●●●●●● कितना बे'दर्द हो गया' संसार देखिये कोई नहीं है' पूछता' अखबार देखिये घायल तड़प रहा था' वहाँ बीच सड़क पे कारों की' बिगड़ती हुई'... Hindi · मुक्तक 511 Share आकाश महेशपुरी 23 Feb 2019 · 1 min read है चुनाव आने वाला है चुनाव आने वाला ★★★★★★★★★ नेताओं का जत्था है अब गांव-गांव आने वाला देखो फिर से भाई शायद है चुनाव आने वाला गूँगे-बहरे बनकर अबतक ये कुर्सी पर बैठे थे... Hindi · गीत 1 574 Share आकाश महेशपुरी 16 Feb 2019 · 1 min read पाक तुझे दहला देंगे रोज-रोज छिप-छिप कर चूहों आ जाते हो सरहद में बुजदिल तुम डरपोक भिखारी जल्दी आओगे ज़द में आग लगाकर बिल में घुसना और नहीं चलने देंगे घर में घुसकर मारेंगे... Hindi · कविता 6 4 1k Share आकाश महेशपुरी 13 Feb 2019 · 1 min read कुर्ता भले सफेद...जोगीरा सा रा रा रा कुर्ता भले सफेद...जोगीरा सा रा रा रा □■□■□■□■□■□■□■□■□ नेता नोटों की गड्डी से, खेल रहे हैं खेल। जीवन अपना फीका फीका, मिले नमक ना तेल- जोगीरा सा रा रा रा।।... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 7 4 1k Share आकाश महेशपुरी 2 Feb 2019 · 1 min read झूठा यार झूठा यार ◆◆◆◆◆◆◆◆◆ दिखता तो है मोम मगर वह धोखा केवल देता है ऑक्सीजन भी डर जाता जब लम्बी साँसे लेता है प्राण वायु पीता है लेकिन ज़हर उगलता है... Hindi · कविता 590 Share आकाश महेशपुरी 24 Jan 2019 · 1 min read आना फिर से वोट मांगने झूठी बातों में उलझाकर जनता को तड़पाने वालों आना फिर से वोट मांगने पाँच साल सिसकाने वालों कितने अच्छे ख्वाब दिखाए किंतु नहीं था नेक इरादा वोट हमारा पाकर बोलो... Hindi · गीत 1 787 Share आकाश महेशपुरी 17 Jan 2019 · 1 min read जाड़ा जाड़ा ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ठिठुर ठिठुर कर जाड़े में हम क्या बतलाएँ भाई थर थर थर थर कांप रहे हैं जमने लगी रजाई जो जितना कमजोर उसे यह उतना ही तड़पाकर मार... Hindi · कविता 4 3 624 Share आकाश महेशपुरी 16 Jan 2019 · 1 min read रसोई गैस सिलेंडर की महँगाई रसोई गैस सिलेंडर की महँगाई ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ लगता है यूँ भूखे प्यासे रह जाएंगे बच्चे है राशन पर क्या हम इसको खा पाएंगे कच्चे आज हुए तुम खाली हो जब जेब... Hindi · कविता 5 2 1k Share आकाश महेशपुरी 24 Nov 2018 · 1 min read तीन मुक्तक (शादी, फैशन, काला) तीन मुक्तक (शादी, फैशन, काला) ●●●●●●●●●●●●●●●● (1) शादी कुँवारा जबतलक है खुल के मेरा यार दौड़ेगा गले में हार के पड़ते ही लेकर हार दौड़ेगा हुई शादी हुए बच्चे तो... Hindi · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 6 564 Share आकाश महेशपुरी 15 Nov 2018 · 1 min read दो कुण्डलियाँ (उपवास और ईश्वर) दो कुण्डलियाँ (उपवास और ईश्वर) ★★★★★★★★★★★★★ (1) उपवास रहने से भूखा नहीं, होता कुछ भी खास। क्यों करते हैं आप सब, कठिन कठिन उपवास। कठिन कठिन उपवास, प्यास को रोके... Hindi · कुण्डलिया 4 2 537 Share आकाश महेशपुरी 6 Nov 2018 · 1 min read दो कुण्डलियाँ 【टीका और शोर】 दो कुण्डलियाँ 【टीका और शोर】 ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ 1- टीका टीका करने से अगर, जाते सारे रोग। बिना दवा के साथियों, होते सभी निरोग। होते सभी निरोग, सभी के बचते पैसे। बच्चे... Hindi · कुण्डलिया 7 2 535 Share आकाश महेशपुरी 5 Nov 2018 · 1 min read भूखी हैं क्या मूर्तियाँ भूखी हैं क्या मूर्तियाँ ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ कंगाली है साथ तो, क्या मंदिर क्या धाम। पेट भरेगा क्या भला, जपने से बस नाम। जपने से बस नाम, गरीबी जायेगी क्या। कर्म-कांड की... Hindi · कुण्डलिया 3 512 Share आकाश महेशपुरी 2 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ ●●● माँ कहती रहती है जिसको फूल फूल बस फूल पंख निकल आये हैं जबसे बना हुआ है शूल ●●● पेट काटकर जिसको पाला जिसकी बाहें माँ की माला... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत 23 183 1k Share आकाश महेशपुरी 12 Oct 2018 · 1 min read शरम भी बेंच कर नेता... ☆☆☆ शरम भी बेंच कर नेता... ☆☆☆ {तीन मुक्तक} ■■■■■■■■■■■■■■■■ हमें आजाद करने को पिया था विष भरा प्याला कटा कर शीश वीरों ने हमें दी जीत की माला कि... Hindi · मुक्तक 3 644 Share आकाश महेशपुरी 8 Oct 2018 · 1 min read कलमकार कलमकार वेद व्यास ने कृष्ण सुदामा तुलसी जी ने राम को अमर बनाया इस दुनिया में देखो इनके काम को ग़ालिब की ग़ज़लें देखो तुम दोहे दास कबीर के ये... Hindi · कविता 2 519 Share Previous Page 8 Next