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18 Jun 2019 · 1 min read

घनाक्षरी- आरामतलबी

घनाक्षरी- आरामतलबी
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एक ही दीया से कभी, सात लोग पढ़ते थे,
अब सात जलेंगे तो एक पढ़ पायेगा।

झलकर बेना कभी नींद खूब लगती थी,
अब बिन एसी भाई चैन नहीं आयेगा।

हीटर कूलर फ्रिज वाशिंग मशीन और,
अब तो मसाला भी मशीन से पिसायेगा।

इतनी आरामतलबी के हैं शिकार हुए,
बिजली के जाते लगे प्राण चला जायेगा।

घनाक्षरी- आकाश महेशपुरी
दिनांक- 16/06/2019

1 Like · 566 Views
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