Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2019 · 1 min read

हड़ताल और बीमार बेटा

हड़ताल और बीमार बेटा
●●●●●●●●●●
मन अनहोनी की शंका से
थर-थर-थर-थर कांप रहा है
आधी रात हुई है बेटा
पल पल देखो हाफ रहा है

अस्पताल जाना है लेकिन
हड़ताल अभी तक जारी है
लोगों की यह मारा-मारी
इसके जीवन पर भारी है

बंद रहेगी सड़क अगर तो
कैसे होगा काम बताएं
अगर इलाज नहीं मिल पाया
क्या होगा अंजाम बताएं

हुआ अगर कुछ भी बेटे को
मुश्किल हो जायेगा जीना
लगता है जैसे यह मेरा
फट ही जायेगा अब सीना

रचना- आकाश महेशपुरी

Language: Hindi
1 Comment · 428 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा  !
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा !
DrLakshman Jha Parimal
छठ व्रत की शुभकामनाएँ।
छठ व्रत की शुभकामनाएँ।
Anil Mishra Prahari
■एक_ग़ज़ल_ऐसी_भी...
■एक_ग़ज़ल_ऐसी_भी...
*Author प्रणय प्रभात*
अंतर्जाल यात्रा
अंतर्जाल यात्रा
Dr. Sunita Singh
बुंदेली दोहा- चिलकत
बुंदेली दोहा- चिलकत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अगर
अगर "स्टैच्यू" कह के रोक लेते समय को ........
Atul "Krishn"
कठपुतली ( #नेपाली_कविता)
कठपुतली ( #नेपाली_कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बाल मन
बाल मन
लक्ष्मी सिंह
मतदान
मतदान
साहिल
मनोरम तेरा रूप एवं अन्य मुक्तक
मनोरम तेरा रूप एवं अन्य मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3191.*पूर्णिका*
3191.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज्ञान से शिक्षित, व्यवहार से अनपढ़
ज्ञान से शिक्षित, व्यवहार से अनपढ़
पूर्वार्थ
Forget and Forgive Solve Many Problems
Forget and Forgive Solve Many Problems
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
संगठन
संगठन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
उस दिन पर लानत भेजता  हूं,
उस दिन पर लानत भेजता हूं,
Vishal babu (vishu)
राह पर चलते चलते घटित हो गई एक अनहोनी, थम गए कदम,
राह पर चलते चलते घटित हो गई एक अनहोनी, थम गए कदम,
Sukoon
बाल कविता: मूंगफली
बाल कविता: मूंगफली
Rajesh Kumar Arjun
माँ वाणी की वन्दना
माँ वाणी की वन्दना
Prakash Chandra
श्राद्ध
श्राद्ध
Mukesh Kumar Sonkar
"औषधि"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार और रस [ दो ]
विचार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
महसूस तो होती हैं
महसूस तो होती हैं
शेखर सिंह
सजधज कर आती नई , दुल्हन एक समान(कुंडलिया)
सजधज कर आती नई , दुल्हन एक समान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
प्रेम को भला कौन समझ पाया है
प्रेम को भला कौन समझ पाया है
Mamta Singh Devaa
♥️
♥️
Vandna thakur
दिल के कोने में
दिल के कोने में
Surinder blackpen
नया से भी नया
नया से भी नया
Ramswaroop Dinkar
ऐसा लगता है कि शोक सभा में, नकली आँसू बहा रहे हैं
ऐसा लगता है कि शोक सभा में, नकली आँसू बहा रहे हैं
Shweta Soni
अगर कोई आपको मोहरा बना कर,अपना उल्लू सीधा कर रहा है तो समझ ल
अगर कोई आपको मोहरा बना कर,अपना उल्लू सीधा कर रहा है तो समझ ल
विमला महरिया मौज
पत्थर की अभिलाषा
पत्थर की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
Loading...