MITHILESH RAI 503 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next MITHILESH RAI 29 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे ख्यालों की मैं राह ढूंढ लेता हूँ! तेरे जख्मों की मैं आह ढूंढ़ लेता हूँ! ढूंढ लेती हैं मुझको तन्हाइयाँ जब भी, मयकदों में अपनी पनाह ढूंढ लेता हूँ!... Hindi · मुक्तक 455 Share MITHILESH RAI 26 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक वक्त जाता है मगर खामोशी नहीं जाती! तेरे हुस्न की कभी मदहोशी नहीं जाती! फैली हुई है हरतरफ यादों की ख़ुशबू, तेरी चाहतों की सरगोशी नहीं जाती! मुक्तककार-#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 400 Share MITHILESH RAI 25 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे दीदार का बहाना मिल ही जाता है! तेरी उल्फ़त का तराना मिल ही जाता है! कभी थकती नहीं नजरें मेरी इंतजार में, तेरी यादों का नजराना मिल ही जाता... Hindi · मुक्तक 441 Share MITHILESH RAI 24 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक मैं इत्तेफाक से गुनाह कर बैठा हूँ! तेरे रुखसार पर निगाह कर बैठा हूँ! शामों-सहर रहता हूँ बेचैन इस कदर, तेरे लिए जिन्दगी तबाह कर बैठा हूँ! मुक्तककार-#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 597 Share MITHILESH RAI 23 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक मेरा जिस्म है मगर जान तुम्हारी है! तेरे बिना तन्हा जिन्दगी हमारी है! दर्द बरक़रार है तेरी जुदाई का, जाम की मदहोशी मेरी लाचारी है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 497 Share MITHILESH RAI 22 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक तेरा ख्याल मेरी हद से गुज़र रहा है! मेरा जिस्म तेरी चाहत से डर रहा है! खुली हुई हैं सिलवटें ख्वाबों की नजर में, यादों का सफ़र अश्कों में उतर... Hindi · मुक्तक 263 Share MITHILESH RAI 21 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक तुमसे बार बार मैं बात करना चाहता हूँ! तेरी जुल्फ के तले रात करना चाहता हूँ! आती हैं हवाएं लेकर जब तेरी ख़ुशबू, फिर से एक बार मुलाकात करना चाहता... Hindi · मुक्तक 322 Share MITHILESH RAI 20 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक तेरा जो दीवाना था कब का मर गया है! तेरा जो परवाना था कब का डर गया है! कायम था तूफान जो मेरे अरमानों का, तेरी बेवफाई से कब का... Hindi · मुक्तक 240 Share MITHILESH RAI 19 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक तेरा जिक्र दर्द का बहाना बन जाता है! मेरी बेखुदी का अफसाना बन जाता है! जब भी याद आती है मुझे तेरी दिल्लगी, जख्मों का दिल में आशियाना बन जाता... Hindi · मुक्तक 391 Share MITHILESH RAI 18 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक कोई खौफ़ नहीं है मरने से मुझको! दामन में अश्कों के बिखरने से मुझको! क्या रोकेगी तन्हाई शामों-सहर की, जिन्दगी भर इंतजार करने से मुझको! मुक्तककार-#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 1 280 Share MITHILESH RAI 16 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक अपनी तमन्नाओं पर मैं नकाब रखता हूँ! धड़कनों में यादों की मैं किताब रखता हूँ! हर घड़ी तड़पाती है मुझे तेरी गुफ्तगूं, दर्द तन्हा रातों की बेहिसाब रखता हूँ! मुक्तककार-#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 384 Share MITHILESH RAI 15 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक जिन्दगी मिलती नहीं किसी को सस्ती बनकर! कोई तन्हा है कहीं कोई हस्ती बनकर! नेकियाँ करते चलो तुम भी कुछ जमाने में, जिन्दगी जी लो तुम राहों में मस्ती बनकर!... Hindi · मुक्तक 1 565 Share MITHILESH RAI 13 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक कभी वक्त से हारा हूँ कभी हालात से! कभी दर्द से हारा हूँ कभी जज्बात से! मैं जीत जाता हर बाजी चाहत की मगर, मैं हारा हूँ तेरी बेरुखी की... Hindi · मुक्तक 534 Share MITHILESH RAI 12 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक तुमको एक मुद्दत से अपना बना बैठा हूँ! अपनी उम्मीदों का सपना बना बैठा हूँ! उलझा हुआ रहता हूँ मैं तेरे ख्यालों में, तेरी चाहत को दुर्घटना बना बैठा हूँ!... Hindi · मुक्तक 317 Share MITHILESH RAI 11 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक अपनी तन्हाई को कबतक सहूँ मैं? अपनी बेचैनी को किससे कहूँ मैं? टपक रही हैं बूँदें यादों की मगर, अश्कों के भंवर में कबतक रहूँ मैं? मुक्तककार -#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 545 Share MITHILESH RAI 10 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक जब वादों की जश्ने-रात होती है! ख्वाबों की नजरों से बात होती है! ढूंढती है सब्र को मेरी जिन्दगी, जब भी यादों की बरसात होती है! मुक्तककार -#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 518 Share MITHILESH RAI 9 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी याद में हम रो भी लेते हैं! तेरे लिए गमजदा हो भी लेते हैं! जब रंग सताता है तेरे हुस्न का, खुद को मयकदों में खो भी लेते हैं!... Hindi · मुक्तक 279 Share MITHILESH RAI 8 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक मेरे ख्यालों में सिर्फ तेरी यादें हैं! जिगर में गूँजती दर्द की फरियादें हैं! खोया सा रहता हूँ तेरे इरादों में, दिल की तस्वीर में टूटती मुरादें हैं! मुक्तककार -#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 266 Share MITHILESH RAI 7 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक पूछ लो आकर कभी किस हाल में मैं हूँ? शामों-सहर तुम्हारे ही ख्याल में मैं हूँ! खोया सा रहता हूँ यादों की भीड़ में, आज भी तेरे दर्द के जाल... Hindi · मुक्तक 223 Share MITHILESH RAI 5 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी मुलाकात मुझे याद आ रही है! भीगी हुई रात मुझे याद आ रही है! खोया हुआ हूँ फिर से यादों में तेरी, शबनमी बरसात मुझे याद आ रही है!... Hindi · मुक्तक 523 Share MITHILESH RAI 3 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक आज भी यादों का ग़ुबार है दिल में! आज भी ख्वाबों का संसार है दिल में! दर्द है जिन्दा अभी जुदाई का मगर, आज भी चाहत का बाजार है दिल... Hindi · मुक्तक 193 Share MITHILESH RAI 2 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक मेरे नसीब मुझको रुलाते किसलिए हो? मेरी जिन्दगी को तड़पाते किसलिए हो? #दूर_दूर सी रहती हैं मंजिलें मुझसे, रहमों-करम का खेल दिखाते किसलिए हो? मुक्तककार - #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 223 Share MITHILESH RAI 1 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक मुझको याद है तेरा शर्माते हुए मिलना! धीरे-धीरे जुल्फ को बिखराते हुए चलना! चाँदनी सी रोशनी ले आती है आरजू, जैसे हो तन्हाइयों में फूलों का खिलना! मुक्तककार - #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 474 Share MITHILESH RAI 29 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे हुस्न का मुझपर पहरा सा रहता है! तेरा ख्वाब पलकों में ठहरा सा रहता है! तड़पाती रहती हैं मुझको यादें हर घड़ी, तेरा रंग अश्कों में गहरा सा रहता... Hindi · मुक्तक 339 Share MITHILESH RAI 27 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक क्यों तेरी तमन्नाओं से मैं छिपता रहता हूँ? क्यों अपनी बेबसी को मैं लिखता रहता हूँ? नाजुक से हैं ख्याल मगर चुभते हैं जब कभी, जाम की गलियों में अक्सर... Hindi · मुक्तक 340 Share MITHILESH RAI 26 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक आज फिर मौसम में नमी सी आ रही है! जिन्दगी में तेरी कमी सी आ रही है! आ गया है रूबरू कारवाँ ख्यालों का, यादों की लहर शबनमी सी आ... Hindi · मुक्तक 210 Share MITHILESH RAI 26 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक मुझसे खता हुई है तुमसे दिल लगाने की! तुम भी भूल गये हो राहें पास आने की! फैली हुई दरारें हैं चाहत के दरमियाँ, कोशिशें नाकाम हैं जख्मों को भुलाने... Hindi · मुक्तक 186 Share MITHILESH RAI 25 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक जी रहा हूँ मैं तो अश्कों को पीते-पीते! जी रहा हूँ मैं तो जख्मों को सीते-सीते! खोया हुआ सा रहता हूँ चाहत में तेरी, मर रहा हूँ मैं तो यादों... Hindi · मुक्तक 220 Share MITHILESH RAI 24 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक राहे-वक्त में तुम बदलते जा रहे हो! तन्हा रास्तों पर तुम चलते जा रहे हो! दूर-दूर क्यों रहते हो जिन्दगी से तुम? बेखुदी की शक्ल में ढलते जा रहे हो!... Hindi · मुक्तक 206 Share MITHILESH RAI 22 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी याद आज भी मुझको रुलाती है! तेरी याद आज भी मुझको सताती है! भूलना मुमकिन नहीं है तेरे प्यार को, तेरी याद आज भी मुझको बुलाती है! मुक्तककार -... Hindi · मुक्तक 223 Share MITHILESH RAI 21 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक हर शक्स जमाने में गुमनाम जैसा है! दर्द और तन्हाई की शाम जैसा है! जलता हुआ सफर है राहे-मंजिलों का, जिन्दगी को ढूँढता पैगाम जैसा है! मुक्तककार - #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 230 Share MITHILESH RAI 20 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी याद न आए तो फिर रात क्या हुई? तेरा दर्द न आए तो फिर बात क्या हुई? पलकों में अभी अश्क भी आए नहीं अगर, तेरे ख्यालों से फिर... Hindi · मुक्तक 341 Share MITHILESH RAI 18 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक टूटते ख्वाबों के फसाने हैं बहुत! जिन्दगी में गम के बहाने हैं बहुत! बस तू ही खफा नहीं है अंजाम से, शमा-ए-चाहत के परवाने हैं बहुत! मुक्तककार - #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 434 Share MITHILESH RAI 16 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक फसाना जिंदगी का अजीब सा होता है! हर ख्वाब आदमी का रकीब सा होता है! बदली हुई निगाह से डर जाते हैं कदम, मंजिलों का मिलना तरकीब सा होता है!... Hindi · मुक्तक 461 Share MITHILESH RAI 16 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे सिवा कुछ भी नजर आता नहीं है! ख्वाबों का सफर भी मुस्कुराता नहीं है! राह खींच लेती है यादों की इसतरह, तेरा ख्याल मुझसे दूर जाता नहीं है! मुक्तककार... Hindi · मुक्तक 1 1 350 Share MITHILESH RAI 14 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक दर्द के दामन में चाहत के कमल खिलते हैं! अश्क की लकीर पर यादों के कदम चलते हैं! रेंगते ख्यालों में नजर आती हैं मंजिलें, जब भी निगाहों में ख्वाबों... Hindi · मुक्तक 260 Share MITHILESH RAI 13 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी याद से खुद को आजाद करूँ कैसे? तेरी चाहत में खुद को बरबाद करूँ कैसे? लब्ज भी खामोश हैं बेबसी की राहों में, तेरी मैं तकदीर से फरियाद करूँ... Hindi · मुक्तक 1 487 Share MITHILESH RAI 13 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक तुम राह अपनी बदलकर देख लो कभी! तुम चाह अपनी बदलकर देख लो कभी! हरपल बदल रही है तकदीर वक्त की, तुम आह अपनी बदलकर देख लो कभी! मुक्तककार -#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 401 Share MITHILESH RAI 11 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी जिन्दगी गमें-ख्याल बन गयी है! तन्हा बेखुदी की मिसाल बन गयी है! मेरे दर्द की कभी होती नहीं सहर, रात जुदाई में बेहाल बन गयी है! मुक्तककार-#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 544 Share MITHILESH RAI 10 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक तुम मेरी यादों में आते किसलिए हो? तुम मेरे दर्द को बुलाते किसलिए हो? वक्त की दीवारों में दफ्न हूँ कबसे, तुम मेरी रूह को रुलाते किसलिए हो? मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 313 Share MITHILESH RAI 10 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक जख्म मिट गया है मगर मौजूद तेरी निशानी है! गुजरे हुए हालात की मौजूद तेरी कहानी है! राह देखता रहता हूँ अब भी शामों-सहर तेरी, मेरी धड़कनों में हरपल दर्ज... Hindi · मुक्तक 257 Share MITHILESH RAI 8 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक जख्म मिट गया है मगर मौजूद तेरी निशानी है! गुजरे हुए हालात की मौजूद तेरी कहानी है! राह देखता रहता हूँ अब भी शामों-सहर तेरी, मेरी धड़कनों में हरपल दर्ज... Hindi · मुक्तक 262 Share MITHILESH RAI 8 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक दर्द तेरा कायम है याद भी आ जाती है! #शाम_ए_तन्हाई में बेइन्तहाँ सताती है! हंसने की जब भी तमन्ना होती है दिल में, ख्वाबों की चुभन से मेरी आँख भर... Hindi · मुक्तक 248 Share MITHILESH RAI 7 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक जब भी ख्यालों में यादों की लहर आती है! #दर्द की बेचैनी में रात गुजर जाती है! अश्कों में घुल जाता है ख्वाबों का आशियाँ, मेरी जिन्दगी को तन्हाई तड़पाती... Hindi · मुक्तक 335 Share MITHILESH RAI 7 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक मेरा ख्याल तेरी यादों से डर जाता है! मेरे दर्द को दिल में गहरा कर जाता है! जब भी करीब आती हैं बारिशों की बूँदें, मौसम चाहतों का अश्कों से... Hindi · मुक्तक 397 Share MITHILESH RAI 5 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक तुम मेरी चाहतों में हरवक्त बेशुमार हो! तुम मेरी धड़कनों में आ जाते हर बार हो! अब मुश्किल बहुत है रोकना तेरे सुरूर को, तुम मेरी निगाहों में ठहरा हुआ... Hindi · मुक्तक 312 Share MITHILESH RAI 4 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक मुझको तेरी चाहत में जुदाई क्यों मिली है? मुझको तेरे प्यार में तन्हाई क्यों मिली है? नाकामियों की आहट से डरती है जिन्दगी, मुझको राहे-वफा में रुसवाई क्यों मिली है?... Hindi · मुक्तक 416 Share MITHILESH RAI 3 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक कबतक तेरी याद में तड़पता मैं रहूँ? कबतक तेरी चाह में तरसता मैं रहूँ? डूबा हूँ मैं कबसे पैमानों में मगर, कबतक तेरे दर्द से गुजरता मैं रहूँ? मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 253 Share MITHILESH RAI 3 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक तेरा दिल में जब कभी ख्याल आता है! दर्द-ए-तन्हाई का सवाल आता है! रूठे हुए तरन्नुम सजते हैं होठों पर, तेरी रुसवाई का मलाल आता है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 340 Share MITHILESH RAI 1 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक तेरा दिल में जब कभी ख्याल आता है! दर्द-ए-तन्हाई का सवाल आता है! रूठे हुए तरन्नुम सजते हैं होठों पर, तेरी रुसवाई का मलाल आता है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 214 Share Previous Page 7 Next