Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2017 · 1 min read

मुक्तक

क्यों तेरी तमन्नाओं से मैं छिपता रहता हूँ?
क्यों अपनी बेबसी को मैं लिखता रहता हूँ?
नाजुक से हैं ख्याल मगर चुभते हैं जब कभी,
जाम की गलियों में अक्सर दिखता रहता हूँ!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

Language: Hindi
321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
दूध-जले मुख से बिना फूंक फूंक के कही गयी फूहड़ बात! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
अपनों के बीच रहकर
अपनों के बीच रहकर
पूर्वार्थ
"निखार" - ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तेरे जन्म दिवस पर सजनी
तेरे जन्म दिवस पर सजनी
Satish Srijan
*महफिल में तन्हाई*
*महफिल में तन्हाई*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कभी सुलगता है, कभी उलझता  है
कभी सुलगता है, कभी उलझता है
Anil Mishra Prahari
दिल को तेरी
दिल को तेरी
Dr fauzia Naseem shad
"सफर"
Yogendra Chaturwedi
कैसा होगा कंटेंट सिनेमा के दौर में मसाला फिल्मों का भविष्य?
कैसा होगा कंटेंट सिनेमा के दौर में मसाला फिल्मों का भविष्य?
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मेरी खुशी वह लौटा दो मुझको
मेरी खुशी वह लौटा दो मुझको
gurudeenverma198
लोग चाहे इश्क़ को दें नाम कोई
लोग चाहे इश्क़ को दें नाम कोई
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
रिश्तों का एहसास
रिश्तों का एहसास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सियासत
सियासत
हिमांशु Kulshrestha
"कलयुग का साम्राज्य"
Dr. Kishan tandon kranti
💐प्रेम कौतुक-220💐
💐प्रेम कौतुक-220💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उसके किरदार की खुशबू की महक ज्यादा है
उसके किरदार की खुशबू की महक ज्यादा है
कवि दीपक बवेजा
भोले नाथ है हमारे,
भोले नाथ है हमारे,
manjula chauhan
जो मनुष्य सिर्फ अपने लिए जीता है,
जो मनुष्य सिर्फ अपने लिए जीता है,
नेताम आर सी
दिन और रात-दो चरित्र
दिन और रात-दो चरित्र
Suryakant Dwivedi
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
भले वो चाँद के जैसा नही है।
भले वो चाँद के जैसा नही है।
Shah Alam Hindustani
" आज़ का आदमी "
Chunnu Lal Gupta
😊चमचा महात्म्य😊
😊चमचा महात्म्य😊
*Author प्रणय प्रभात*
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
'एक कप चाय' की कीमत
'एक कप चाय' की कीमत
Karishma Shah
अगर मेघों से धरती की, मुलाकातें नहीं होतीं (मुक्तक)
अगर मेघों से धरती की, मुलाकातें नहीं होतीं (मुक्तक)
Ravi Prakash
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
Kuldeep mishra (KD)
Loading...