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22 Jul 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरा ख्याल मेरी हद से गुज़र रहा है!
मेरा जिस्म तेरी चाहत से डर रहा है!
खुली हुई हैं सिलवटें ख्वाबों की नजर में,
यादों का सफ़र अश्कों में उतर रहा है!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

Language: Hindi
224 Views
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