MITHILESH RAI 503 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next MITHILESH RAI 8 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक मेरे गम को मेरा ठिकाना मिल जाता है! तेरे ख्यालों का आशियाना मिल जाता है! जब दिल को सताती है प्यास तमन्नाओं की, मेरी तिश्नगी को मयखाना मिल जाता है!... Hindi · मुक्तक 383 Share MITHILESH RAI 7 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक हवा सर्दियों की पैगामे-गम ले आती है! वक्ते-तन्हाई में तेरा सितम ले आती है! तूफान नजर आता है अश्कों में यादों का, तेरी चाहत को पलकों में नम ले आती... Hindi · मुक्तक 260 Share MITHILESH RAI 6 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक कबतक देखता रहूँ तुमको देखकर? कबतक सोचता रहूँ तुमको सोचकर? हर साँस गुजरती है मेरे जिस्म की, मेरे लबों की राह से दर्द बनकर! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 234 Share MITHILESH RAI 5 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक कभी तो किसी शाम को घर चले आओ! कभी तो दर्द से बेखबर चले आओ! रात गुजरती है मयखाने में तेरी, राहे-बेखुदी से मुड़कर चले आओ! मुक्तककार - #मिथिलेश_राय #मात्रा_भार_22 Hindi · मुक्तक 406 Share MITHILESH RAI 5 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक मेरा हरेक आलम ख्वाब तेरा लगता है! तेरा ख्याल सर्दियों में धूप सा जलता है! जब भी सताती हैं सरगोशियाँ इरादों की, नींद के आगोश में दर्द तेरा चलता है!... Hindi · मुक्तक 1 1 217 Share MITHILESH RAI 3 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक होते ही सुबह तेरी तस्वीर से मिलता हूँ! तेरी तमन्नाओं की जागीर से मिलता हूँ! नजरों को घेर लेता है यादों का समन्दर, चाहत की बिखरी हुई तकदीर से मिलता... Hindi · मुक्तक 508 Share MITHILESH RAI 2 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी याद में तन्हा होकर रह जाता हूँ! तेरी याद में तन्हा रोकर रह जाता हूँ! जब भी तीर चुभते हैं तेरी रुसवाई के, जाम के पैमानों में खोकर रह... Hindi · मुक्तक 1 1 455 Share MITHILESH RAI 30 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक यादों की राह में सवाल आ जाता है! तेरी रुसवाई का ख्याल आ जाता है! जब भी ख्वाब आते हैं मेरी आँखों में, तेरी जुदाई का मलाल आ जाता है!... Hindi · मुक्तक 285 Share MITHILESH RAI 28 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी आरजू में जमाना भूल गया हूँ! तेरी याद में मुस्कुराना भूल गया हूँ! रात गुजर जाती है मेरी मयखानों में, तेरे प्यार में आशियाना भूल गया हूँ! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 487 Share MITHILESH RAI 27 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक आज की शाम तेरे नाम हो जाए! #दर्द_जुदाई का नाकाम हो जाए! हो जाए गुस्ताखी तेरी याद में, आज फिर से लबों पर जाम हो जाए! मुक्तककार - #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 407 Share MITHILESH RAI 26 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी रुसवाई से हैरान सा रहता हूँ! तेरी जुदाई से परेशान सा रहता हूँ! बढ़ती ही जा रही हैं घड़ियाँ इंतजार की, अपनी तन्हाई में वीरान सा रहता हूँ! मुक्तककार... Hindi · मुक्तक 434 Share MITHILESH RAI 26 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी रुसवाई से हैरान सा रहता हूँ! तेरी जुदाई से परेशान सा रहता हूँ! बढ़ती ही जा रही हैं घड़ियाँ इंतजार की, अपनी तन्हाई में वीरान सा रहता हूँ! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 253 Share MITHILESH RAI 26 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी रुसवाई से हैरान सा रहता हूँ! तेरी जुदाई से परेशान सा रहता हूँ! बढ़ती ही जा रही हैं घड़ियाँ इंतजार की, अपनी तन्हाई में वीरान सा रहता हूँ! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 371 Share MITHILESH RAI 25 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक आज भी मुझको तेरा चेहरा याद है! आज भी चाहत का पल सुनहरा याद है! शर्माती अदाओं का दिल में चुभ जाना, आज भी तेरे दर्द का पहरा याद है!... Hindi · मुक्तक 272 Share MITHILESH RAI 23 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक मुझसे किसलिए तुम रिश्ता तोड़ गये हो? मेरी चाहत को तन्हा छोड़ गये हो! यादों की आहट रुला देती है मुझको, #साँसे_जिस्म को गमों से जोड़ गये हो! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 261 Share MITHILESH RAI 22 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक कोई नहीं है मंजिल न कोई ठिकाना है! हरपल तेरी याद में खुद को तड़पाना है! मैं कैसे रोक सकूँगा नुमाइश जख्मों की? जब शामे-तन्हाई में खुद को जलाना है!... Hindi · मुक्तक 324 Share MITHILESH RAI 22 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक मुझको याद फिर तेरा जमाना आ रहा है! मुझको याद फिर तेरा फसाना आ रहा है! चाहत की मदहोशी से जागी है तिश्नगी, मुझको याद तेरा मुस्कुराना आ रहा है!... Hindi · मुक्तक 254 Share MITHILESH RAI 20 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी यादों की चुभन आज भी होती है! तेरी चाहत की लगन आज भी होती है! हर वक्त करवटों में आते जाते हो तुम, तेरी खुशबू से मिलन आज भी... Hindi · मुक्तक 269 Share MITHILESH RAI 18 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक होते ही शाम तेरी प्यास चली आती है! मेरे ख्यालों में बदहवास चली आती है! उस वक्त टकराता हूँ गम की दीवारों से, जब भी यादों की लहर पास चली... Hindi · मुक्तक 267 Share MITHILESH RAI 14 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक जब से लबों पे आया है तेरा नाम फिर से! जैसे लबों पे आया है कोई जाम फिर से! तेरी याद बंध गयी है साँसों की डोर से, मुझको तरसाती... Hindi · मुक्तक 387 Share MITHILESH RAI 11 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे सिवा दिल में कोई आता नहीं कभी! तेरे सिवा दिल को कोई भाता नहीं कभी! मुझे मंजिल मिल न पायी तकदीर से लेकिन, सिलसिला तेरी यादों का जाता नहीं... Hindi · मुक्तक 234 Share MITHILESH RAI 9 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी नजर से दूर तुम जाया न करो! मेरी चाहत को तुम तड़पाया न करो! तेरे लिए बेचैन हैं मेरी ख्वाहिशें, मेरे प्यार पर गमों का साया न करो! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 211 Share MITHILESH RAI 9 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक मुझसा कोई तेरा दीवाना नहीं होगा! मुझसा कोई तेरा परवाना नहीं होगा! हार चुका हूँ मंजिल को तकदीर से लेकिन, मुझसा कभी मशहूर अफसाना नहीं होगा! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 282 Share MITHILESH RAI 7 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक मंजिल की तलाश में तूफान मिल जाते हैं! रास्तों में ख्वाबों के शमशान मिल जाते हैं! उस वक्त भीग जाती हैं आँखें अश्कों से, जब कभी भी यादों के निशान... Hindi · मुक्तक 311 Share MITHILESH RAI 6 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक मैं कबतक राह देखूँगा तेरे आने की? तुमको राहे-जिन्दगी में फिर से पाने की! धीरे धीरे चुभ रही है तन्हाई दिल में, जाग उठी है जुस्तजू फिर से पैमाने की!... Hindi · मुक्तक 246 Share MITHILESH RAI 5 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक क्यों तुम शमा-ए-चाहत को बुझाकर चले गये? क्यों तुम मेरी जिन्दगी में आकर चले गये? हर गम को जब तेरे लिए सहता रहा हूँ मैं, क्यों तुम मेरे प्यार को... Hindi · मुक्तक 429 Share MITHILESH RAI 4 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक मैं तुमको प्यार इसतरह करता रहूँगा! तुमको अपनी साँसों में भरता रहूँगा! तेरे लिए ही जिन्दा है मेरी जिन्दगी, तेरे लिए ही बार-बार मरता रहूँगा! मुक्तककार - #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 285 Share MITHILESH RAI 3 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक मेरे दिल से तेरी बेवफाई न गयी! मेरी नजर से तेरी रुसवाई न गयी! मुश्किल से अंजाम को भूला हूँ लेकिन, तेरे प्यार की कभी अंगड़ाई न गयी! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 239 Share MITHILESH RAI 1 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक हमें देखकर जिसको करार मिलता है! ऐसा बड़े नसीब से यार मिलता है! साथ जो देता है हरपल जिन्दगी में, ऐसा मुश्किलों से दिलदार मिलता है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 184 Share MITHILESH RAI 31 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक जो दिल में छुपी हुई है उस बात को समझो! जो मुझको तड़पाती है उस रात को समझो! कभी नींद नहीं आती है तेरी चाहत को, मेरी इस बेचैनी की... Hindi · मुक्तक 240 Share MITHILESH RAI 30 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक जिन्दगी जब भी किसी से प्यार करती है! हर वक्त उसी का इंतजार करती है! शाम गुजर जाती है उसी की यादों में, रात तन्हाई की बेकरार करती है! रचनाकार-... Hindi · मुक्तक 2 2 327 Share MITHILESH RAI 28 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी याद आए तो आवाज दे देना! अपनी उमंगों को नया साज दे देना! ढूंढ लेना तस्वीरें चाहत की फिर से, जिन्दगी को एक नया अंदाज दे देना! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 273 Share MITHILESH RAI 27 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक काश तुमको फिर से याद मैं आ जाऊँ! काश तुमको फिर से जिन्दगी में पाऊँ! तेरे दर्द को भूल सकता हूँ लेकिन, कैसे तेरे प्यार को दिल से मिटाऊँ? मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 231 Share MITHILESH RAI 26 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे बगैर जिन्दगी रूठी हुई सी है! मंजिल भी आगोश से छूटी हुई सी है! जागी हुई सी रहती हैं ख्वाहिशें लेकिन, अब राह उम्मीदों की टूटी हुई सी है!... Hindi · मुक्तक 229 Share MITHILESH RAI 25 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी बेकरारी आज भी कमाल है! मेरी जिन्दगी को तेरा ही ख्याल है! भूल गया हूँ दर्द के अंजाम को मगर, तेरी जुदाई का आज भी मलाल है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 1 1 294 Share MITHILESH RAI 23 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक सामने है साकी मंजिल भी शराब है! मेरी जुस्तजू में तेरा ही शबाब है! तिश्नगी जाती नहीं है तेरी जिगर से, तेरी #अदा_ए_हुस्न इतनी लाजवाब है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 256 Share MITHILESH RAI 22 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक कभी गम कभी मुझको तन्हाई मार देती है! तेरी तमन्नाओं को जुदाई मार देती है! मैं राहे-इंतजार में बैठा हुआ हूँ लेकिन, ऐतबार को तेरी रुसवाई मार देती है! मुक्तककार... Hindi · मुक्तक 187 Share MITHILESH RAI 21 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक मैं तेरी आरजू की नुमाइश नहीं करता! मैं तेरी यादों की पैमाइश नहीं करता! दीपक जलाए बैठा हूँ गमें-इंतजार का, मैं जिन्दगी में गैर की ख्वाहिश नहीं करता! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 247 Share MITHILESH RAI 19 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी शाम जब तेरा इंतजार करती है! तेरी याद को दिल में बेशुमार करती है! खुली हुयी सी रहती हैं हसरतों की बाँहें, ख्वाहिशों को रातों में बेकरार करती है!... Hindi · मुक्तक 245 Share MITHILESH RAI 18 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक कुछ लोग जिन्दगी में यूँ ही चले आते हैं! कुछ लोग वफाओं को यूँ ही भूल जाते हैं! कई लोग तड़पते हैं किसी की जुदाई में, कुछ किसी के दर्द... Hindi · मुक्तक 336 Share MITHILESH RAI 17 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक मैं जिन्दगी में मंजिले-मुकाम तक न पहुँचा! मैं जिन्दगी में प्यार के पयाम तक न पहुँचा! यादों की डोर से बंधा हूँ आज भी मगर, मैं अपनी चाहतों के अंजाम... Hindi · मुक्तक 302 Share MITHILESH RAI 16 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक मैं बहुत बेकरार हूँ तुमसे बात करने को! गुजरे हुए ख्यालों से फिर मुलाकात करने को! जब यादें तड़पाती हैं मुझको तन्हाई में, जिन्दगी रुक जाती है तन्हा रात करने... Hindi · मुक्तक 208 Share MITHILESH RAI 14 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक किसतरह तेरी यादों की रात जाएगी? किसतरह तेरे गम की सौगात जाएगी? जागे हुए हैं ख्वाब भी आँखों में कबसे, कब तेरी चाहत से मुलाकात जाएगी? मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 444 Share MITHILESH RAI 12 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी उम्र तन्हाई में गुजर न जाए कहीं! तेरी जिन्दगी अश्कों में बिखर न जाए कहीं! क्यों इसकदर मगरूर हो तुम अपने हुस्न पर? कोई गम कभी दामन में उतर... Hindi · मुक्तक 268 Share MITHILESH RAI 11 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक आरजू हालात की मोहताज नहीं होती है! ख्वाहिशों में लफ्जों की आवाज नहीं होती है! जब रोक देती है कदमों को तकदीरे-मंजिल, हर आदमी की कोशिश आगाज नहीं होती है!... Hindi · मुक्तक 282 Share MITHILESH RAI 10 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक जब हमारा किसी से रिश्ता टूट जाता है! प्यार का हाथों से गुलिस्ताँ छूट जाता है! हम खोजते हैं मंजिलें वफाओं की लेकिन, रास्तों में वक्त का फरिश्ता रूठ जाता... Hindi · मुक्तक 266 Share MITHILESH RAI 10 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक आज भी मुझको तेरा हसरत-ए-दीदार है! आज भी मेरी नजर को तेरा इंतजार है! जोड़ता रहता हूँ तेरी चाहतों की कड़ियाँ, आज भी मुझको तमन्ना तेरी बार बार है! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 534 Share MITHILESH RAI 8 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक मैं तेरी तमन्ना को छोड़कर आया हूँ! मैं दर्द की बंदिश को तोड़कर आया हूँ! मैं भूल गया हूँ मंजिलें राह-ए-इश्क की, अश्कों के तूफान को मोड़कर आया हूँ! मुक्तककार... Hindi · मुक्तक 1 1 303 Share MITHILESH RAI 7 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक मेरा सकून तेरी मुलाकातों में है! तेरी तमन्ना दिल के जज्बातों में है! हरवक्त खींच लेती है तेरी जुस्तजू, तेरी यादों की खूशबू रातों में है! मुक्तककार - #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 410 Share MITHILESH RAI 6 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक जबसे तेरी चाहत में नाकाम हो गया हूँ! दर्द और तन्हाई का पैगाम हो गया हूँ! मैं ढूंढता रहता हूँ सब्र को पैमानों में, तेरी याद में भटकी हुई शाम... Hindi · मुक्तक 410 Share Previous Page 5 Next