MITHILESH RAI 503 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next MITHILESH RAI 6 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक तेरे लिए ख़ुद को भुलाता रहा हूँ मैं! अश्कों को पलक से बहाता रहा हूँ मैं! जब भी हुई है मेरी शामे--तन्हाई, चाहत की आग को जलाता रहा हूँ मैं!... Hindi · मुक्तक 399 Share MITHILESH RAI 4 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी जुबां पर मेरा नाम कब आएगा? तेरी मुहब्बत का पैगाम कब आएगा? धधकी हुई चाहत है कबसे सीने में, शर्माती आँखों का सलाम कब आएगा? मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 504 Share MITHILESH RAI 3 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी याद जब कभी कहानी आती है! तेरे जख्म की नजर निशानी आती है! किस्तों में रात चुभती है तन्हाई की, करवटों में दर्द की रवानी आती है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 193 Share MITHILESH RAI 2 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक तुम मेरे ख्यालों में आकर चली जाती हो! तुम मेरी नींद को उड़ा कर चली जाती हो! आँखों में ठहर जाता है हुस्न का जादू, तुम मेरी प्यास को जगा... Hindi · मुक्तक 212 Share MITHILESH RAI 27 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक कभी जिंदगी में चाहत मर नहीं पाती! कभी दौरे--मुश्किलों से डर नहीं पाती! हर वक्त नाकामी का खौफ़ है लेकिन, कभी आरजू ख्याल से मुकर नहीं पाती! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 182 Share MITHILESH RAI 27 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक कभी जिंदगी में चाहत मर नहीं पाती! कभी दौरे--मुश्किलों से डर नहीं पाती! हर वक्त नाकामी का खौफ़ है लेकिन, कभी आरजू ख्याल से मुकर नहीं पाती! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 306 Share MITHILESH RAI 24 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक मुझे मेरी तन्हाई कहीं मार न डाले! मुझे तेरी रुसवाई कहीं मार न डाले! हरतरफ नजरों में है यादों का समन्दर, मुझे तेरी परछाई कहीं मार न डाले! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 229 Share MITHILESH RAI 22 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक मैं तेरी मुहब्बत को पाना चाहता हूँ! मैं तेरी निगाहों में आना चाहता हूँ! दीवानगी मचल रही है तेरी जिगर में, मैं तुमको जिन्दगी में लाना चाहता हूँ! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 266 Share MITHILESH RAI 17 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक मैं तेरे दर्द को ईनाम समझ लेता हूँ! मैं तेरी याद को पैगाम समझ लेता हूँ! ढूढता हूँ जब भी मदहोशी पैमानों की, मैं तेरी अदाओं को जाम समझ लेता... Hindi · मुक्तक 494 Share MITHILESH RAI 14 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक तुम कभी दिल से न रिश्ता तोड़ देना! तुम कभी तन्हा न मुझको छोड़ देना! मुश्किल है अब तुम बिन मेरी जिन्दगी, #राहे_दर्द पर न मुझको मोड़ देना! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 218 Share MITHILESH RAI 13 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक मैं तेरा कबतलक इंतजार करता रहूँ? तेरी आरजू को बेकरार करता रहूँ? थक गयी हैं कोशिशें मेरी उम्मीदों की, मैं तेरे प्यार पर ऐतबार करता रहूँ? मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 226 Share MITHILESH RAI 12 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक जब कभी तुम मेरी यादों में आते हो! धूप सा ख्यालों को हरबार जलाते हो! घुल जाती हैं साँसें चाहत के रंग में, चाँद की शकल में सामने आ जाते... Hindi · मुक्तक 515 Share MITHILESH RAI 11 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक मैं जब भी चाहूँ तुमको पुकार लेता हूँ! अपने लफ्जों में तुमको उतार लेता हूँ! मैं जानता हूँ तुम कभी न आओगे मगर, तेरी याद को दिल में संवार लेता... Hindi · मुक्तक 1 434 Share MITHILESH RAI 7 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक मैं शामों-सहर तेरा ख्वाब देखता हूँ! दर्द का ख्यालों में आदाब देखता हूँ! अजनबी सी बन गयी हैं मंजिलें लेकिन, रंग ख्वाहिशों का बेहिसाब देखता हूँ! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 342 Share MITHILESH RAI 7 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक मैं शामों-सहर तेरा ख्वाब देखता हूँ! दर्द का ख्यालों में आदाब देखता हूँ! अजनबी सी बन गयी हैं मंजिलें लेकिन, रंग ख्वाहिशों का बेहिसाब देखता हूँ! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 202 Share MITHILESH RAI 5 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक हर शख्स जमाने में बदल जाता है! वक्त की तस्वीरों में ढल जाता है! उम्मीद मंजिलों की होती है मगर, गमों की आग से ख्वाब जल जाता है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 1 1 282 Share MITHILESH RAI 4 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक है चाहत उस मुकाम की जहाँ कोई कमी न हो! ख्वाब हों पलकों में अश्कों की कोई नमी न हो! हर तरफ फैली हुई हो रोशनी उम्मीदों की, सुख की... Hindi · मुक्तक 1 273 Share MITHILESH RAI 2 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक जो मस्तियों का दौर था वो आज नहीं है! अब जिन्दगी में शौक का मिजाज नहीं है! टुकड़ों में नजर आती हैं वस्ल की रातें, अब जुस्तजू में जोश का... Hindi · मुक्तक 339 Share MITHILESH RAI 30 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक आज अपने गम को मिटाने निकल पड़ा हूँ! आज तेरी याद को भुलाने निकल पड़ा हूँ! जाग उठी हैं रौनकें शामे--मयकदों की, आज लबों की प्यास बुझाने निकल पड़ा हूँ!... Hindi · मुक्तक 219 Share MITHILESH RAI 28 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक आज हवा भी जरा सी नम हो गयी है! गमे--जुदाई भी बेरहम हो गयी है! धड़कनों में उठ रही है दर्द की लहर, आँखों में नींद भी कुछ कम हो... Hindi · मुक्तक 442 Share MITHILESH RAI 27 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक मैं कभी-कभी निकलता हूँ ज़माने में! शामे--गुफ्तगूं होती है मयखाने में! थक जाती है महफिल भी सब्र से मेरे, वक्त तो लगता है दर्द को भुलाने में! मुक्तककार -#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 292 Share MITHILESH RAI 24 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक अब दर्द ही तेरा बहाना रह गया है! ख्वाबों का ख्यालों में आना रह गया है! वक्त ने धुंधला दिया है यादों को मगर, दिल में चाहतों का फसाना रह... Hindi · मुक्तक 344 Share MITHILESH RAI 21 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक कभी न कभी हमको हमारा मिल ही जाता है! कभी न कभी हमको सहारा मिल ही जाता है! जब भी चल पड़ते हैं कदम हिम्मत की राह पर, डूबती कश्ती... Hindi · मुक्तक 220 Share MITHILESH RAI 19 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक आप जबसे जिन्दगी में मिल गये हैं! रास्ते मंजिल के फिर से खिल गये हैं! जागे हैं ख्वाबों के पल निगाहों में, जख्म भी जिगर के जैसे सिल गये हैं!... Hindi · मुक्तक 244 Share MITHILESH RAI 18 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक क्यों तुम भटक गये हो वस्ल की राहों में? क्यों तुम बिखर गये हो दर्द की आहों में? ढूँढती हैं मंजिलें रफ्तार हिम्मत की, क्यों तुम नजरबंद हो खौफ की... Hindi · मुक्तक 1 451 Share MITHILESH RAI 17 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक जबसे तेरे दर्द का पैगाम आ गया है! तबसे मेरी जिन्दगी में जाम आ गया है! मैं क्या करूँ नुमाइश अपनी तमन्नाओं की? जब तेरा बेवफाओं में नाम आ गया... Hindi · मुक्तक 481 Share MITHILESH RAI 16 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक तुम मेरी जिन्दगी में खास बन गये हो! तुम मेरी मंजिलों की प्यास बन गये हो! हर वक्त तड़पाते हो आकर यादों में, तुम मेरे दर्द का एहसास बन गये... Hindi · मुक्तक 420 Share MITHILESH RAI 14 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी याद में तबियत मचल जाती है! शामे-अलम की सूरत बदल जाती है! जब तीर ख्यालों का चुभता है जिगर में, मेरे सब्र की नीयत पिघल जाती है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 393 Share MITHILESH RAI 14 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक तेरा ख्याल मुझको तड़पाकर चला गया! अश्कों को निगाहों में लाकर चला गया! नींद भी आती नहीं है तेरी याद में, करवटों में दर्द को जगाकर चला गया! मुक्तककार -#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 318 Share MITHILESH RAI 12 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक दर्द तन्हा रातों की कहानी होते हैं! तड़पाते हालात की रवानी होते हैं! कभी होते नहीं जुदा यादों के सिलसिले, दौरे-आजमाइश की निशानी होते हैं! मुक्तककार -#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 632 Share MITHILESH RAI 11 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी याद कभी-कभी मुस्कान देती है! तेरी याद कभी-कभी तूफान देती है! टूटी हुई चाहत भी जुड़ जाती है कभी, कभी-कभी हर आलम सूनसान देती है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 1 643 Share MITHILESH RAI 9 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी आज भी मुलाकात का असर है! तेरे ख्यालों की हर बात का असर है! नींद उड़ जाती है यादों की चोट से, तड़पाते लम्हों की रात का असर है!... Hindi · मुक्तक 345 Share MITHILESH RAI 8 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक मैं क्या भरोसा कर लूँ इस ज़हाँन पर? डोलता यकीन है टूटते इंसान पर! हर किसी को डर है तूफाने-सितम का, आदमी जिन्दा है वक्त के एहसान पर! रचनाकार -#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 238 Share MITHILESH RAI 6 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक एक मुद्दत से अपना मुकाम ढूँढता हूँ! मैं तेरी गुफ्तगूं सुबह-शाम ढूँढता हूँ! जब भी नजर को घेरती हैं तन्हाइयाँ, मैं अपनी ख्वाहिशों में जाम ढूँढता हूँ! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 487 Share MITHILESH RAI 5 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक हरबार तुम एक ही नादानी करते हो! हर किसी से जिक्र तुम कहानी करते हो! हँसते हुए सहते हो अपनों के सितम को, हरबार तुम अपनी कुर्बानी करते हो! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 221 Share MITHILESH RAI 2 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक कैसे कहूँ मैं गमज़दा नहीं होता हूँ! कैसे कहूँ मैं यादों में नहीं खोता हूँ! जब अश्कों का सागर है मेरी आँखों में, कैसे कहूँ मैं तेरे लिए नहीं रोता... Hindi · मुक्तक 186 Share MITHILESH RAI 31 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक मैं सोचता हूँ तेरा इरादा छोड़ दूँ! तुमसे प्यार करने का वादा तोड़ दूँ! यूँ कबतक देखता रहूँ तेरी अदाऐं, मैं तेरी निगाहों का इशारा मोड़ दूँ! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 465 Share MITHILESH RAI 30 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक कौन मेरी तन्हाई में हमारा बनेगा? नाकामियों के दौर में बेचारा बनेगा! टूटती मीनार हूँ अपने आशियाने की, अब कौन इन दीवारों का सहारा बनेगा? मुक्तककार - #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 436 Share MITHILESH RAI 28 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक तेरा जब मुझे रुखसार याद आता है! तेरे हुस्न का दीदार याद आता है! यादों से जुड़ जाती हैं वक्त की कड़ियाँ, सब्र का दिल से तकरार याद आता है!... Hindi · मुक्तक 193 Share MITHILESH RAI 28 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक मुझे तेरी मुलाकात याद रहती है! तेरी नजरों की बात याद रहती है! आज भी तड़पाती हैं तेरी अदाऐं, तेरे ख्यालों की रात याद रहती है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 347 Share MITHILESH RAI 27 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक तुम पास नहीं हो तो कुछ भी नहीं है! तुम जहाँ हो मेरी हर खुशी वहीं है! खुद को ढूंढता हूँ अज़नबी सा मैं, मैं कहीं हूँ मेरी जिन्दगी कहीं... Hindi · मुक्तक 433 Share MITHILESH RAI 23 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक रात पिघल जाती है यादों की जलन से! बात बदल जाती है लफ्जों की चुभन से! गरूर बना देता है दिलों में दूरियाँ, फासले मिटते नहीं इंसा के जेहन से!... Hindi · मुक्तक 306 Share MITHILESH RAI 21 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक मुझे तेरे प्यार की आदत नहीं रही! तेरे इंतजार की आदत नहीं रही! जबसे देख लिया है बाँहों में गैर की, तेरे ऐतबार की आदत नहीं रही! रचनाकार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 389 Share MITHILESH RAI 19 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी आरजू मुझे सोने नहीं देती! तेरे सिवा गैर का होने नहीं देती! धड़कनों में दौड़ती है तेरी तमन्ना, तेरे प्यार को कभी खोने नहीं देती! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 201 Share MITHILESH RAI 18 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी कभी दिल से ख्वाहिश नहीं जाती! तेरे ख्यालों की नुमाइश नहीं जाती! जाती नहीं हैं यादें मेरे जिगर से, तेरे दर्द की पैदाइश नहीं जाती! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 444 Share MITHILESH RAI 15 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक हम सभी मरते हैं लेकिन जीते नहीं सभी! जाम को हाथों में लेकर पीते नहीं सभी! हर रोज ढूंढ लेते हैं यादों में दर्द को, अपने जिगर के जख्मों को... Hindi · मुक्तक 370 Share MITHILESH RAI 15 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक हम सभी मरते हैं लेकिन जीते नहीं सभी! जाम को हाथों में लेकर पीते नहीं सभी! हर रोज ढूंढ लेते हैं यादों में दर्द को, अपने जिगर के जख्मों को... Hindi · मुक्तक 440 Share MITHILESH RAI 14 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे बगैर आज मैं तन्हाई में हूँ! तेरे बगैर दर्द की गहराई में हूँ! डूबा हूँ कबसे जाम के पैमाने में, मयकशी की झूमती अंगड़ाई में हूँ! मुक्तककार - #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 449 Share MITHILESH RAI 12 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी तन्हाई में जब भी गुजर होती है! मेरे ख्यालों में ख्वाबों की सहर होती है! दर्द की कड़ियों से जुड़ जाती है जिन्दगी, यादों की दिल में चुभती सी... Hindi · मुक्तक 257 Share MITHILESH RAI 9 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक लहरों की दोस्ती किनारों से होती है! ख्वाबों की दोस्ती नजारों से होती है! जाता हुआ पल भी आता नहीं दुबारा, गुफ्तगूं ख्याल में हजारों से होती है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 224 Share Previous Page 4 Next