संजीव शुक्ल 'सचिन' Tag: कविता 319 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Oct 2017 · 1 min read विसर्जन विसर्जन............ ............................. कल तक माँ के चरणों में पड़ा था आज मूर्ति विसर्जन को सबके संग खड़ा था ऐसा लगा जैसे कुछ छूट रहा है हृदय के अंदर कुछ टूट... Hindi · कविता 262 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Sep 2017 · 2 min read ढाबा गया मैं ढाबे पर पूछा उससे खाना है क्या? वो बोला हाँ। मैं पूछा कैसे खिलायेगा बोला जैसे तूं खायेगा वैसे हम खिलायेगा। बोला मैं भाई बीगड़ता क्यों है मैने... Hindi · कविता 673 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Sep 2017 · 1 min read दीन हीन बचपन दोष क्या मेरा मुझे बतादो फलसफा भाग्य का समझादो। गलती ऐसी हुई क्या मुझसे उस गलती का नाम बतादो। मैं बालक अबोध अज्ञानी सर पे बोझ मुसीबत भारी, दुखड़ा अपना... Hindi · कविता 422 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Sep 2017 · 1 min read भ्रष्टाचार की जड़ भ्रष्टाचार की जड़....। .................................. मुझे अब तक नहीं मिला भ्रष्टाचार की जड़... ऐसा नहीं हैं कि मैंने ढूंढा नहीं उन तमाम जगहों पर गया जहाँ हमें अंदेशा था मैं मंत्रालय... Hindi · कविता 223 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Sep 2017 · 2 min read सपने ना दिखाओ ***यू सपने ना दिखाओ*** मंदिर बनाओ या न बनाओ किन्तु मेरे राम को यूं न सताओ, जो जग के सपने साकार करे उन्हें हर बार यूं सपने तो ना दिखाओ।... Hindi · कविता 281 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Sep 2017 · 1 min read सावधानी में सुरक्षा ☺सावधानी हटी दुर्घटना घटी☺ ........................................ खुश थे वो बच्चे की आयेंगे पापा लेकर मिठाई खिलायेंगे पापा, हाथों से अपने हमको खिलाकर लगाकर गले से सुलायेंगे पापा। इन्तजार में द्वारे खड़ी... Hindi · कविता 411 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 14 Sep 2017 · 2 min read पितृपक्ष पर विषेश *दिखावा* ******** श्राद्ध पे करते कई दिखावा मात पिता के मरने पर, पानी तक को कभी ना पूछा जिसने जिन्दा रहने पर। कभी रुलाया माँ को उसने कभी पिता को... Hindi · कविता 424 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 10 Sep 2017 · 1 min read प्रार्थना हे प्रभु मेरी खुबीयों को नहीं अपितु मेरी खामियों को मेरे सम्मुख उजागर कर जिससे मैं हर क्षण कुछ बदलाव अपने सख्शियत में कर सकूं। मुझे इतना तपा की मैं... Hindi · कविता 245 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 Sep 2017 · 1 min read छठ पूजा छठ पूजा एक परम्परा माने सब नर - नार अर्घ अस्तांचल सूर्य को करें व्रत आगाज। नया अन्न का भोग बने पुड़ी और रसीयाव। ता पर फल एक नारियल केला... Hindi · कविता 1 584 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Sep 2017 · 1 min read नेटवर्किंग की दुनिया बात कम कीजै,वाट्सप चलाए रहिये फेसबुक की दुनिया में खुद को जमाए रहिये। ट्विटर पे हर घड़ी फाँलोवर मिलेंगे आपको इंस्टाग्राम को खुद की फोटोज से सजाये रहिये। व्यस्तता लाख... Hindi · कविता 446 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Sep 2017 · 1 min read नेता जी वादे इनके बड़े-बड़े, नारे लगते खड़े-खड़े नेता जी की बात न पूछो करें घोटाले बड़े-बड़े। कभी नहीं किसी से डरते पैसों पे दिन-रात ही मरते भले बुरे का भेद नहीं... Hindi · कविता 182 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Sep 2017 · 1 min read श्राप किसान होना क्या पाप है? या ईश्वर का कोई श्राप हैं? आखिर है क्या? कोई तो समझा दे हमें दिशा नई दिखा दे। यह कैसा अभिषाप है जो सबका क्षुधा... Hindi · कविता 239 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Sep 2017 · 1 min read अभी आरक्षण पर क्यें करे बात....? उम्र है अभी जवान फिर आरक्षण पे क्यों करें बात । हमें क्या पड़ी है कौन सी मुश्किल घड़ी है आरक्षण विरोध में यारो कठिनाई भी बड़ी है रोड़ का... Hindi · कविता 182 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Sep 2017 · 2 min read जनता और जनार्दन जनता और जनार्दन ........................... चूनावी जंग को तैयार नेता जी निकल पड़े देख सुखियि को रासते में मन ही मचल पडें गाड़ी रोक रास्ते में जमीन पे उतर पड़े। रोक... Hindi · कविता 802 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 6 Sep 2017 · 1 min read मैं कवि..? संग्रह में मेरे कविताओं का अंबार है, किन्तु मैं कवि, दिल मानने को कहा तैयार है। कहते है लोग आप लिखते अच्छा है पर दिल की सुने तो हम कच्चा... Hindi · कविता 352 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Sep 2017 · 1 min read शिक्षक ??? शिक्षक ??? =================== शिक्षक जीवन का वह रत्न है शिक्षक, शिक्षक रत्नों में नवरत्न है। शिक्षक, शिक्षक शिक्षा का वह सार है शिक्षक, शिक्षक जीवन का आधार है। शिक्षक... Hindi · कविता 581 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Sep 2017 · 1 min read पिता हा मैं पिता हूँ अपने बच्चों को संस्कार देना चाहता हूँ उनको एक सुखमय हंसी -खुशी संसार देना चाहता हूँ मैं चाहता हूँ वो पढें हर मुश्किल से दूर निरंतर... Hindi · कविता 453 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Sep 2017 · 2 min read हमारा बचपन ***हमारा बचपन*** ================ ये उन दिनों की बात है जब हम होने लगे थे समझदार फिर भी घर वाले हमारे शैतानी दिमाग से रहते थे पल-पल खबरदार। बचपने का दिमाग... Hindi · कविता 429 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Sep 2017 · 2 min read कवि की नजर मेंं देश दुनिया क्या कुछ घट रहा है दुनिया में देखता हूँ और दंग हूँ सत्य कहूं तो खुद की हालात से भी तंग हूँ। काम चल नहीं रहा पैसों की मारा मारी... Hindi · कविता 1 208 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Aug 2017 · 1 min read अंधभक्ति धर्म की परिभाषा धूलधूसरित हो गई, अंधभक्ति के सम्मुख निष्ठा मूर्छित हो गई। कुछ मरे कुछ घायल हैं डेरा की कुर्की हो गई, अंधभक्ति के सम्मुख निष्ठा मूर्छित हो गई।... Hindi · कविता 1 960 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 23 Aug 2017 · 1 min read हर मर्द जल्लाद नहीं होता हर आदमी भेडिया और बाझ नहीं होता इस जहाँ का हर मर्द जल्लाद नहीं होता माना कुछ है हैवान जो करते है हैवानियत अपने कुकर्मों से शर्मसार करते हैं इंसानियत... Hindi · कविता 262 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Aug 2017 · 1 min read दिखावटी मदद ***** दिखावटी मदद ***** --------^----------^----------^------- फोटोशूट का दौर चलने लगा है बाढ़ग्रस्त बिहार अब जलने लगा है। राजनीति का आखाड़ा पहले ही था यह मैदाने ओलंपिक अब बनने लगा है।... Hindi · कविता 470 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 13 Aug 2017 · 1 min read ** कचड़ा ** फेक कर कचड़े की थैली सड़क बर्बाद करते हो धरोहर राष्ट्र के हो तुम नाम बदनाम करते हो। कभी सरकार को कोसो कभी मंत्री को दो गाली चुनावी मौसम जब... Hindi · कविता 272 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Aug 2017 · 1 min read छोड़ आये हम अपना बचपन छोड़ आये हम अपना बचपन उन हसीन वादियोँ मेँ, जहाँ कभी सरसोँ के फुल लहलहाते थे गन्ने के खेत हमेँ अपनी तरफ बुलाते थे जहाँ पंछी अपने मधुर स्वर मेँ... Hindi · कविता 351 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 30 Jul 2017 · 1 min read आत्मचिंतन आत्म चिन्तन मानव मन को उर्जावान बना देगा कुम्भकर्णी निद्रा से तन को पल में मुक्त करा देगा। विकट डगर या, कठिन स्थिति सबका भान करा देगा आत्मज्ञान की गंगा... Hindi · कविता 600 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 30 Jul 2017 · 1 min read तारीफ ईहै परधान के.. मुख में राम बगल में छुरी जन-जन के रखवार खे तारीफ ईहै परधान के।। देशवा में हालात इहै बा आजादी के बाद से जे सरपंच चुन के आईल परमीट पा... Hindi · कविता 227 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 30 Jul 2017 · 1 min read कुत्ते की अभिलाषा ))))कुत्ते की अभिलाषा(((( ================== बफादारी देख कुत्ते की प्रभु मुस्कुराये छोड़ स्वर्ग की अनुपम छटा तुरन्त धरा पर आये। बोले मुझसे वर मांग आज मैं प्रशन्न हू, तेरी स्वामिभक्ति को... Hindi · कविता 550 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 Jul 2017 · 1 min read हम बिहार हैं हम बिहार है। धन संपदा से परिपूर्ण फिर भी फटेहाल हैं हम बिहार हैं। स्वर्णिम इतीहास मेरा जनक, मौर्यो का धाम हैं हम बिहार हैं गौरवमयी गाथा मेरा किन्तु आज... Hindi · कविता 245 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Jul 2017 · 1 min read द्वन्द मेधावी का द्वन्द हृदय में मचा हुआ, "मेधा" मन समर को आकुल है, इस समर में संगी होगा कौन मन सोच रहा तन व्याकुल है। यहाँ किसे पड़ी समझे दुविधा मेधा का... Hindi · कविता 571 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Jul 2017 · 1 min read क्या मैं कवि....? संग्रह में मेरे कविताओं का अंबार है, किन्तु मैं कवि, दिल मानने को कहा तैयार है। कहते है लोग आप लिखते अच्छा है पर दिल की सुने तो हम कच्चा... Hindi · कविता 412 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Jul 2017 · 1 min read रिश्ते किसी ने पूछा हमसे एक सवाल, क्यों करते उन्हें तुम इतना याद जो अपनी करनी से आज खुल चूके हैं हकीकत तो दूर सपनों में भी भूल चूके है। बतादो... Hindi · कविता 372 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Jul 2017 · 1 min read सावन सभी मित्रों को राम राम सावन ****** आया सावन बदरा बरसे सजन मिलन को सजनी तरसे, झींगुर मेढक करते शोर हरियाली फैली चहुँओर। उमड़ - घुमड़ घटायें गर्जे इन्द्रधनुष सतरंगी... Hindi · कविता 417 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Jul 2017 · 1 min read पैसे की माया पैसा कितना महत्वपूर्ण है कैसे यह समझाऊँ रिश्तों पे प्रभाव जो इसका कैसे मैं दिखलाऊँ। बिन पैसे ना कोई रिश्ता मोल तेरा पहचाने, गर पौकेट में है पैसा अनमोल तुझे... Hindi · कविता 1 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Jul 2017 · 1 min read होली है भाई होली जमुरों की यह टोली लगती कितनी भोली देती सबको गोली होली है भाई होली। खूल्ले सांड सा दौड़े करते सीना चौड़े खुले सड़क पे भागे बाप से खर्चा मांगे, निकम्मो... Hindi · कविता 389 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Jul 2017 · 1 min read आरक्षण का भूत विलुप्त होती प्रतिभा को संजीवनी पीलाओ मेधावी को उसका अधिकार अब दिलाओ राजनीतिक चक्रव्यूह से दक्षता को बचाओ आरक्षण के भूत को इस देश से भगाओ। प्रण साध लो अब... Hindi · कविता 314 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Jul 2017 · 1 min read ..मनाऊं कैसे..? मम्मी पापा आपको अपना सीना चीर दिखाऊँ कैसे मम्मी पापा रूठ गये हैं 'सचिन' उन्हें मनाऊ कैसे? . .बचपन से जो मुझे सिखाया आज उन्हें समझाऊँ कैसे करूण दर्द जिन्हें... Hindi · कविता 1 1 525 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Jul 2017 · 1 min read शादी शादी के दिन चार बचे थे मन था बड़ा बेचैन, कैसे कर ये दिन बीतेंगे दिल पायेगा चैन। सोच- सोच में थे दिन बीते शादी के दिन चार, शादी हुई... Hindi · कविता 542 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Jul 2017 · 1 min read ****** मित्रता ****** मित्रता सदेह रुप भगवान है जो ना समझ सका वही नादान है। कष्ट मिटाने मित्र का जो तत्पर रहता विघ्न बड़ा जीतना हो चाहे कभी न डरता। देख यार का... Hindi · कविता 497 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Jul 2017 · 1 min read मैं ईश्वर समदर्शी हूँ गगन भी मै धरा भी मै अमृत और हवा भी मै जग का हूँ मै पालनकर्ता मै जीवन और अर्थी हूँ। मै ईश्वर समदर्शी हू।। चन्द्र भी मै सूरज भी... Hindi · कविता 236 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Jul 2017 · 1 min read अधीर मन अधीर मन यह बोल रहा अब धीर धरुं तो धरुं कैसे। यह पीडा है दुखदायी बडी यह पीर सहूँ तो सहूँ कैसे।। कब तक यूँ ही मन तडपेगा यह पीर... Hindi · कविता 600 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Jul 2017 · 1 min read आप सा मेरा यार है.. नमस्ते जी। राधे राधे। विचारों का क्या ऐ तो आपका प्यार है फक्र है मुझे जो आप सा मेरा यार है। जो मुझे महान बताता है गर आये कोई मुश्किल... Hindi · कविता 227 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Jul 2017 · 1 min read **बोल प्यारे बोल** **बोल प्यारे बोल** ***************** दुराचार या आनाचार या फैला हो भ्रष्टाचार घूंट - घूंट कर न जीना प्यारे मुख अपना तूं खोल, बोल प्यारे बोल। कर चोरी या घूसखोरी सरेआम... Hindi · कविता 229 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Jul 2017 · 1 min read ग्रामपंचायती फंड ग्राम पंचायती फंड, तेज कितना कितना मंद जनता खाये सुखी रोटी, मुखिया जी गुलकंद। आगे पीछे डोल रहे, कुछ गुण्डे कुछ संत जिसको धर्म का भान नही, वहीं बना महंत।... Hindi · कविता 354 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Jul 2017 · 1 min read ****.भेद भाव.**** कही आरक्षण कही भेद भाव कब तक यूं ही हमें बाटोगे, इस गंधयुक्त हथियारों से आखिर कब तक हमें काटोगे? हे भ्रष्टाचार के अनुयायी बतला आखिर तेरी मंशा क्या, इस... Hindi · कविता 268 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Jul 2017 · 1 min read तुम कब जागोगे प्यारे...? मैंने पूछा ! तुम कब जागोगे प्यारे ? क्या जब मेधा मिट जायेगी या जब दक्षता लुट जायेगी चमत्कार की आश लगाये क्या जब झमता पिट जायेगी । मैंने पूछा... Hindi · कविता 199 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Jul 2017 · 1 min read मैं कौन हूँ.....? मैं कौन हूँ ? क्या मैं इन्सान हूँ या कोई भगवान हूँ एक बहन का भाई या सिमा पे खडा जवान हूँ ? मैं कौन हूँ ? आस्तिक हूँ या... Hindi · कविता 469 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Jul 2017 · 1 min read ...कितना आनंद अकेले में... कितना आनंद अकेले में…!! ________________________ जब जी चाहे खुल कर हँस ले रोना चाहे जी भर रोलें, भोजन मिले तो छक कर खाये कभी- कभी भूखा सो जाये। मस्त रहें... Hindi · कविता · गीत 1 378 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Jul 2017 · 1 min read **कहीओ त होई सुख के सबेरा** कहीयाले मन के छली ई अधेरा कहियो त होई सुख के सबेरा। नया फूल खीली फीर जीवन डगर में महका दी हमके ऊ सगरो नगर में, समईयाँ ऊ आई जब... Hindi · कविता 191 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Jul 2017 · 1 min read ***आरक्षण के मार..कबले सहाई*** ***आरक्षण के मार..कबले सहाई** (भोजपुरी कविता) समजवा मेँ कईसन ई फाटल बेवाई हमनी के कबले ई पीड़ा घोटाई घोड़वन के नोकरी गदहन मेँ बटाई आरक्षण के मार भईया कबले सहाई... Hindi · कविता 389 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Jul 2017 · 2 min read कभी ना सताऊंगा कभी ना सताऊंगा ०००००००००००० कवि बनने की ललक चर्राया था किन्तु उसी वक्त जिम्मेदारियों का बोझ भर्राया था, मै इस पथ कुछ और दूर जा न सका अपने मन की... Hindi · कविता 480 Share Previous Page 6 Next