Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2017 · 1 min read

..मनाऊं कैसे..?

मम्मी पापा आपको अपना
सीना चीर दिखाऊँ कैसे
मम्मी पापा रूठ गये हैं
‘सचिन’ उन्हें मनाऊ कैसे?
.
.बचपन से जो मुझे सिखाया
आज उन्हें समझाऊँ कैसे
करूण दर्द जिन्हें सहते देखा
उन्हें अपना दर्द दिखाऊँ कैसे
मम्मी पापा रूठ गये हैं
‘सचिन’ उन्हें मनाऊँ कैसे?
.
महंगाई अब खड़ी राह में
निजात इससे मैं पाऊँ कैसे
मम्मी पापा के स्वप्नों को
ऐसे पार लगाऊँ कैसे,
मम्मी पापा रूठ गये है
‘सचिन’ उन्हें मनाऊँ कैसे?
.
लड़की देखी कर दी शादी
मैं उसको समझाऊँ कैसे
माँ पापा के बलिदानों का
उसको बोध कराऊँ कैसे?
मम्मी पापा रूठ गये हैं
‘सचिन’ उन्हें मनाऊँ कैसे?
.
शादी तोड़ जो उसे छोड़ दूं
पीतृ ऋण चुकाऊँ कैसे
बात जो मानू गर पत्नी का
पुत्र का फर्ज निभाऊँ कैसे?
मम्मी पापा रूठ गये हैं
‘सचिन’ उन्हें मनाऊँ कैसे।
.
धर्म का संकट खड़ा है संमुख
इससे पार मैं पाऊँ कैसे
हे ईश्वर दुविधा से उबारो
कुल का नाम डुबाऊँ कैसे?
मम्मी पापा रूठ गये हैं
‘सचिन’ उन्हें मनाऊँ कैसे?
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा,प.चम्पारण
माता पिता के चरण कमलो में सादर नमन।
ईश्वर से यहीं प्रार्थना है कि ईन्हें हमारी भी उम्र लग जाय।
मातृ पितृ चरणकमले भ्यो नमः।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 481 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
फितरत
फितरत
Awadhesh Kumar Singh
नीरोगी काया
नीरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
अपने चरणों की धूलि बना लो
अपने चरणों की धूलि बना लो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कोरोना महामारी
कोरोना महामारी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
"इशारे" कविता
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सखी री आया फागुन मास
सखी री आया फागुन मास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरी ख़्वाहिश वफ़ा सुन ले,
मेरी ख़्वाहिश वफ़ा सुन ले,
अनिल अहिरवार"अबीर"
वो पहली पहली मेरी रात थी
वो पहली पहली मेरी रात थी
Ram Krishan Rastogi
23/52.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/52.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी  ने  अब  मुस्कुराना  छोड़  दिया  है
ज़िंदगी ने अब मुस्कुराना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
……..नाच उठी एकाकी काया
……..नाच उठी एकाकी काया
Rekha Drolia
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
Irritable Bowel Syndrome
Irritable Bowel Syndrome
Tushar Jagawat
अमीर-ग़रीब वर्ग दो,
अमीर-ग़रीब वर्ग दो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सुंदरता हर चीज में होती है बस देखने वाले की नजर अच्छी होनी च
सुंदरता हर चीज में होती है बस देखने वाले की नजर अच्छी होनी च
Neerja Sharma
मेरे अंशुल तुझ बिन.....
मेरे अंशुल तुझ बिन.....
Santosh Soni
आंखों से अश्क बह चले
आंखों से अश्क बह चले
Shivkumar Bilagrami
!!!! सबसे न्यारा पनियारा !!!!
!!!! सबसे न्यारा पनियारा !!!!
जगदीश लववंशी
आओ गुफ्तगू करे
आओ गुफ्तगू करे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*पर्वत से दृढ़ तुम पिता, वंदन है शत बार (कुंडलिया)*
*पर्वत से दृढ़ तुम पिता, वंदन है शत बार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
पूर्वार्थ
😊चमचा महात्म्य😊
😊चमचा महात्म्य😊
*Author प्रणय प्रभात*
चिंतन और अनुप्रिया
चिंतन और अनुप्रिया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"श्यामपट"
Dr. Kishan tandon kranti
काश लौट कर आए वो पुराने जमाने का समय ,
काश लौट कर आए वो पुराने जमाने का समय ,
Shashi kala vyas
बच्चा सिर्फ बच्चा होता है
बच्चा सिर्फ बच्चा होता है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गर्म हवाएं चल रही, सूरज उगले आग।।
गर्म हवाएं चल रही, सूरज उगले आग।।
Manoj Mahato
लोगो को उनको बाते ज्यादा अच्छी लगती है जो लोग उनके मन और रुच
लोगो को उनको बाते ज्यादा अच्छी लगती है जो लोग उनके मन और रुच
Rj Anand Prajapati
कविता -
कविता - "करवा चौथ का उपहार"
Anand Sharma
जंगल, जल और ज़मीन
जंगल, जल और ज़मीन
Shekhar Chandra Mitra
Loading...