Paras Nath Jha 228 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Paras Nath Jha 2 Nov 2024 · 1 min read जहां हर मोड़ पर खड़ा हो बेईमान जहां हर मोड़ पर खड़ा हो बेईमान और पग पग पर बैठा हो चोर तब क्यों नहीं मचेगा वहां पर शोर यहां चारों ओर है भ्रष्टाचार का जोर पारस नाथ... Quote Writer 40 Share Paras Nath Jha 2 Nov 2024 · 1 min read नशा के मकड़जाल में फंस कर अब नशा के मकड़जाल में फंस कर अब छोटे बच्चे भी दिखलाने लगे हैं दम खुशियां उसने अभी देखी भी नहीं है पर रोज नशा कर भूलाने लगे हैं गम पारस... Quote Writer 32 Share Paras Nath Jha 31 Oct 2024 · 1 min read दिवाली फिर है आई दिवाली फिर है आई °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° साफ सफाई कर लो घर की अपनी दिवाली फिर है आई बूढ़े बच्चे सभी के चेहरे पर खुशियाॅं ही खुशियाॅं है छाई दीपों की सुन्दर... Quote Writer 35 Share Paras Nath Jha 16 Jul 2024 · 1 min read स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है,पर चरित्र अगर भ्रष्ट हो जाय,तो उसे सुधारना अत्यंत कठिन है। पारस नाथ झा Quote Writer 97 Share Paras Nath Jha 30 Jun 2024 · 1 min read जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लग जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लगे,तो हो सकता है कि आपका कदम तरक्की की ओर अग्रसर हो। पारस नाथ झा Quote Writer 262 Share Paras Nath Jha 28 Jun 2024 · 1 min read कभी भी भावना में बहकर अपनी निजी बातें और कमजोरी किसी के समक् कभी भी भावना में बहकर अपनी निजी बातें और कमजोरी किसी के समक्ष प्रकट करने से बचना चाहिए अन्यथा वही सब भविष्य में ताना के रूप में सुनने के लिए... Quote Writer 121 Share Paras Nath Jha 26 Jun 2024 · 1 min read आपका लक्ष्य निर्धारण ही ये इशारा करता है कि भविष्य में आपकी आपका लक्ष्य निर्धारण ही ये इशारा करता है कि भविष्य में आपकी दिशा क्या होगी। पारस नाथ झा Quote Writer 1 72 Share Paras Nath Jha 21 Jun 2024 · 1 min read अगर आप किसी कार्य को करने में सक्षम नहीं हैं,तो कम से कम उन् अगर आप किसी कार्य को करने में सक्षम नहीं हैं,तो कम से कम उन्हें व्यर्थ में टोक कर हतोत्साहित नहीं करें,जो कार्य करने का प्रयास कर रहा है। पारस नाथ... Quote Writer 84 Share Paras Nath Jha 18 Jun 2024 · 1 min read खुशी कोई वस्तु नहीं है,जो इसे अलग से बनाई जाए। यह तो आपके कर खुशी कोई वस्तु नहीं है,जो इसे अलग से बनाई जाए। यह तो आपके कर्मों के परिणाम के रुप में प्रकट होती है। पारस नाथ झा Quote Writer 115 Share Paras Nath Jha 17 Jun 2024 · 1 min read अगर आपको अपने आप पर दृढ़ विश्वास है कि इस कठिन कार्य को आप क अगर आपको अपने आप पर दृढ़ विश्वास है कि इस कठिन कार्य को आप कर सकते हैं, तो इसका सीधा अर्थ है कि आपने कार्य करने का आधा बाधा पार... Quote Writer 94 Share Paras Nath Jha 11 Jun 2024 · 1 min read आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्ति के लिए आकाश की ऊंचाई नापना भी उ आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्ति के लिए आकाश की ऊंचाई नापना भी उसके वश में है और अगर आत्मविश्वास ही ना हो,तो सड़क पार करना भी मुश्किल ही है। पारस नाथ... Quote Writer 110 Share Paras Nath Jha 10 Jun 2024 · 1 min read जब किसी कार्य को करने में आपकी रुचि के साथ कौशल का भी संगम ह जब किसी कार्य को करने में आपकी रुचि के साथ कौशल का भी संगम हो,तो निस्संदेह कार्य का परिणाम उत्कृष्ट ही होगा। पारस नाथ झा Quote Writer 1 1 107 Share Paras Nath Jha 8 Jun 2024 · 1 min read आपके मन की लालसा हर पल आपके साहसी होने का इंतजार करती है। आपके मन की लालसा हर पल आपके साहसी होने का इंतजार करती है। पारस नाथ झा Quote Writer 135 Share Paras Nath Jha 27 May 2024 · 1 min read विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक् विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक्तियों के साथ ही हो,तो शायद अधिक अच्छा होता है। पारस नाथ झा Quote Writer 103 Share Paras Nath Jha 18 May 2024 · 3 min read संस्मरण #पिछले पन्ने (11) 1980 का दशक#खासकर टीन एजर्स छात्रों के लिए यह उम्र का वह दौर था,जब किसी बाल मन में निर्माण और विध्वंश दोनों तरह के विचारों का उदय एक साथ होता... Hindi · संस्मरण 99 Share Paras Nath Jha 6 May 2024 · 1 min read . काला काला बादल जब कभी भी वो काला काला बादल नीले नीले से सुन्दर आकाश में मंडराता है सूरज चाॅंद और तारों की चमक को भी क्षण भर में ही वो अपना ग्रास... Hindi · कविता 1 116 Share Paras Nath Jha 4 May 2024 · 1 min read इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित परिस्थिति को अनुकूल बनाना है अपने हाथ साथ ही कठोर संकल्प धैर्य का हो संतुलन तो जीवन के हर मोड़ पर... Quote Writer 105 Share Paras Nath Jha 26 Apr 2024 · 1 min read मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर साहस से सामना करना सिखता है आने वाले दिनों में फिर वही दुनिया में अपनी सफलता की कहानी लिखता है पारस नाथ... Quote Writer 134 Share Paras Nath Jha 26 Apr 2024 · 1 min read औचक निरीक्षण स्कूल के गेट पर लाल बत्ती वाली गाड़ी देखते ही शिक्षक क्लास की ओर भागे लग रहा था तो जैसे कि अभी अभी ही वो पिछली रात की गहरी नींद... Hindi · कविता 52 Share Paras Nath Jha 24 Apr 2024 · 1 min read ज़िन्दगी सोच सोच कर केवल इंतजार में बिता देने का नाम नहीं है ज़िन्दगी सोच सोच कर केवल इंतजार में बिता देने का नाम नहीं है, बल्कि अपनी सामर्थ्य के अनुसार इसे सफल बनाने का नाम है। पारस नाथ झा Quote Writer 125 Share Paras Nath Jha 24 Apr 2024 · 3 min read लंका दहन देखते ही ये बात सम्पूर्ण द्रुत गति से फैल गई सैनिकों ने एक बन्दर को पकड़ कर लाया है उस बन्दर का एक झलक पाने के लिए असुर बहुत संख्या... Hindi · कविता 84 Share Paras Nath Jha 24 Apr 2024 · 3 min read दुर्योधन की पीड़ा किस काल खण्ड में और किस व्योम तले किन किन गोदों में बचपन से पला बढ़ा था विधाता ने भी अपने हाथों से किस घड़ी में मेरे भाग्य में ही... Hindi · कविता 66 Share Paras Nath Jha 21 Apr 2024 · 3 min read पिछले पन्ने 10 यह वह समय था जब टीवी पर प्रसारित किये जा रहे रामानंद सागर और बी आर चोपड़ा निर्देशित धारावाहिक रामायण और महाभारत ने लोगों की जीवन शैली को अच्छी तरह... Hindi · संस्मरण 93 Share Paras Nath Jha 21 Apr 2024 · 2 min read पिछले पन्ने 9 मैट्रिक पास करने के बाद भागलपुर शहर के एक कॉलेज में एडमिशन हो गया था और मैं कॉलेज से सटे बगल वाले मुहल्ले के ही एक लॉज में कमरा लेकर... Hindi · संस्मरण 133 Share Paras Nath Jha 20 Apr 2024 · 2 min read पिछले पन्ने 8 छुट्टी में या किसी विशेष अवसर पर हाॅस्टल से जब घर आते तो घर में पढ़ाई कम ही होती थी। हॉस्टल में रहने के कारण घर के लोग भी पढ़ने... Hindi · संस्मरण 105 Share Paras Nath Jha 19 Apr 2024 · 2 min read पिछले पन्ने 7 मिडिल स्कूल पास करने के बाद बगल के गाॅंव के हाई स्कूल में मेरा दाखिला करवा दिया गया था। वहाॅं हॉस्टल में रहना था। पहली बार घर से बाहर निकले... Hindi · संस्मरण 113 Share Paras Nath Jha 19 Apr 2024 · 2 min read पिछले पन्ने 6 उस समय गाॅंव में किसी के दरवाजे पर ट्रैक्टर होना बहुत बड़ी बात थी। जिसके दरवाजे पर मवेशियों के साथ ट्रैक्टर भी खड़ा रहता था, उनकी गिनती गाॅंव के रसूखदार... Hindi · संस्मरण 105 Share Paras Nath Jha 18 Apr 2024 · 2 min read पिछले पन्ने 5 साल में एक बार माघी मेला लगता था। इस मेले में सिनेमा, नौटंकी,सर्कस,लैला मजनू बीड़ी कम्पनी एवं यमपुरी नाटक तथा तरह-तरह का खेल और झूला आता था। मेला के समय... Hindi · संस्मरण 139 Share Paras Nath Jha 17 Apr 2024 · 1 min read राम नाम की जय हो आज त्रेता युग का भान हो रहा है सर्वत्र श्री राम का गुणगान हो रहा है राममय हो गया है अब यह तन मेरा केवल राम-राम ही है अब मन... Hindi · कविता 122 Share Paras Nath Jha 16 Apr 2024 · 1 min read पिछले पन्ने 4 सुबह और शाम में परिवार के सभी बच्चों को नियमित रूप से दरवाजे पर मास्टर साहब पढ़ाते थे। शाम में छह बजे से रात नौ बजे तक हमारी पढ़ाई लिखाई... Hindi · संस्मरण 118 Share Paras Nath Jha 15 Apr 2024 · 2 min read पिछले पन्ने 3 गाॅंव का स्कूल घर से पैदल पाॅंच मिनट की दूरी पर था। वैसे तो स्कूल का समय सुबह दस बजे से चार बजे तक था, पर गर्मियों के दिनों में... Hindi · संस्मरण 128 Share Paras Nath Jha 14 Apr 2024 · 3 min read पिछले पन्ने भाग 2 गलती की सजा मिलने के अगले दिन ही इन बातों को भूल फिर कुछ ना कुछ ऐसा कर देते, जिससे स्कूल में शिक्षक द्वारा मार पड़नी तय रहती थी। एक... Hindi · संस्मरण 152 Share Paras Nath Jha 10 Apr 2024 · 3 min read पिछले पन्ने भाग 1 एक बार हमारे स्कूल से सटे ठीक बगल गाॅंव में जिला से परिवार नियोजन का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग का एक दल आया। जहाॅं प्रोजेक्टर के द्वारा पर्दे... Hindi · संस्मरण 112 Share Paras Nath Jha 9 Apr 2024 · 1 min read जहर ना इतना घोलिए जहर ना इतना घोलिए कि पीते ही प्राण गंवाए मिसरी क्यों ना परोसिये खाने को प्राण कहां से लाए पारस नाथ झा Quote Writer 1 135 Share Paras Nath Jha 2 Apr 2024 · 1 min read वैर भाव नहीं रखिये कभी वैर भाव नहीं रखिये कभी कहीं गांठ नहीं पड़ जाए फटे दूध मथने पर भी कभी मक्खन नहीं निकल पाए पारस नाथ झा Quote Writer 130 Share Paras Nath Jha 31 Mar 2024 · 1 min read पानी के छींटें में भी दम बहुत है पानी के छींटें में भी दम बहुत है सुलगती आग को भी दे बुझाय पर कलेजे में लगी उस आग को शीतल करने का कौन करे उपाय पारस नाथ झा Quote Writer 167 Share Paras Nath Jha 29 Mar 2024 · 1 min read हाथ पसारने का दिन ना आए हाथ पसारने का दिन ना आए मन स्वयं लज्जा से भर जाए औरों की क्यों बात करे कोई अपने भी राह बदल कर जाए पारस नाथ झा Quote Writer 151 Share Paras Nath Jha 27 Mar 2024 · 1 min read माना कि बल बहुत है माना कि बल बहुत है काम पड़े तब गुण गाए रामसेतु के बनने में कोई गिलहरी को कैसे भूल पाए पारस नाथ झा Quote Writer 211 Share Paras Nath Jha 5 Mar 2024 · 1 min read फनीश्वरनाथ रेणु के जन्म दिवस (4 मार्च) पर विशेष गाॅंव में यह खबर तुरत बिजली की तरह फैल गई - मलेटरी ने बहरा चेथरु को गिरफ्फ कर लिया है और लोबिनलाल के कुऍं से बाल्टी खोलकर ले गए हैं।... Hindi · लेख 212 Share Paras Nath Jha 3 Mar 2024 · 1 min read आगे पीछे का नहीं अगल बगल का आगे पीछे का नहीं अगल बगल का नहीं है उसे किसी बात का ज्ञान पशु के झुंड होकर जब गुजरना हो तो स्वयं ही रखिये अपना ध्यान पारस नाथ झा Quote Writer 185 Share Paras Nath Jha 3 Mar 2024 · 1 min read जब टूटा था सपना टूटा था सपना भी बिना आवाज किये सिसकियाॅं भी मेरी कोई सुन ना सका इतनी बेवफा निकली थी वो भी कि मैं फिर और कोई सपना बुन ना सका खुली... Hindi · कविता 1 114 Share Paras Nath Jha 1 Mar 2024 · 2 min read कुरुक्षेत्र की व्यथा इन्द्रप्रस्थ से ही बात शुरु हुई थी अब जाकर पाॅंच ग्राम पर ठहरी जिद्दी दुर्योधन भी अड़ा हुआ था खाई भी हो गई थी बढ़ कर गहरी धरा अब यहाॅं... Hindi · कविता 154 Share Paras Nath Jha 21 Feb 2024 · 1 min read स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक् स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्ति से अधिक शक्तिशाली होता है,जो दूसरे पर बलपूर्वक नियंत्रण कर विजय प्राप्त करता है। पारस नाथ झा Quote Writer 140 Share Paras Nath Jha 18 Feb 2024 · 1 min read कलेजा फटता भी है जब कभी किसी अपनों के ही तीक्ष्ण बाणों की तरह चुभती विष भरी बोली से अपना दिल अगर छलनी छलनी हो जाय तो मन तो हो जाता है क्षत विक्षत... Hindi · कविता 122 Share Paras Nath Jha 15 Feb 2024 · 3 min read राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक "धूप के उजाले में" पर एक नजर प्रिय अरुण की साहित्यिक यात्रा का नया पड़ाव है, आदर्श प्रकाशन,नई दिल्ली से हाल में प्रकाशित उनकी नई पुस्तक *"धूप के उजाले में"* ।अंशुमान भदोरिया की कलात्मकता से सजा मुख्य... Hindi · पुस्तक समीक्षा 134 Share Paras Nath Jha 15 Feb 2024 · 1 min read अब तो गिरगिट का भी टूट गया अब तो गिरगिट का भी टूट गया अपना रंग बदलने का गुमान आदमी की कारीगरी देखते ही साॅंसत में पड़ गई है उनकी जान पारस नाथ झा Quote Writer 139 Share Paras Nath Jha 10 Feb 2024 · 1 min read इतना कभी ना खींचिए कि इतना कभी ना खींचिए कि कहीं तार ही नहीं टूट जाय ढ़ील इतना भी ना छोड़िए वीणा का स्वर ही घुट जाय पारस नाथ झा Quote Writer 207 Share Paras Nath Jha 29 Jan 2024 · 2 min read बिल्ली की लक्ष्मण रेखा . . .बिल्ली की लक्ष्मण रेखा ***************************** जब सड़क पर चलते समय कभी भी कोई बिल्ली झट से देती है रास्ता काट तब सच में मानो बड़े शूरमाओं की भी... Hindi · कविता 223 Share Paras Nath Jha 29 Jan 2024 · 1 min read हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की जगह बहुत कुछ छोड़ना ही पड़े। पारस नाथ झा Quote Writer 172 Share Paras Nath Jha 26 Jan 2024 · 1 min read जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बाद भी अपनी गलती सपने में भी नजर नहीं आती है। सामने वाला ही हमेशा कसूरवार होता... Quote Writer 245 Share Page 1 Next