Paras Nath Jha 294 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Paras Nath Jha 8 Aug 2025 · 1 min read वक्त अच्छा हो या बुरा, इसमें एक बात हमेशा याद रखना चाहिए कि वक्त अच्छा हो या बुरा, इसमें एक बात हमेशा याद रखना चाहिए कि जैसा भी है,पर ये वक्त गुजर जाएगा। बस,कुछ दिनों की ही बात है। पारस नाथ झा Quote Writer 156 Share Paras Nath Jha 31 Jul 2025 · 1 min read प्राप्त सुविधा का अनावश्यक प्रयोग की आदत भी बाद के दिनों में प्राप्त सुविधा का अनावश्यक प्रयोग की आदत भी बाद के दिनों में पीड़ा ही देगी,सुख कदापि नहीं। पारस नाथ झा Quote Writer 76 Share Paras Nath Jha 30 Jul 2025 · 1 min read पथ आलोकित होगा तेरे दम से पथ आलोकित होगा तेरे दम से तब कहीं दूर भाग जाएगा अंधेरा लक्ष्य पाने की तुम्हारी जिद्द से ही हर जगह नाम हो जाएगा तेरा पारस नाथ झा Quote Writer 97 Share Paras Nath Jha 29 Jul 2025 · 1 min read जब तुम अपने हौसलों के बल पर जब तुम अपने हौसलों के बल पर खुलकर अपनी उड़ान भरते हो तो फिर इन आसन्न बाधाओं से अकारण तनिक भी क्यों डरते हो पारस नाथ झा Quote Writer 102 Share Paras Nath Jha 29 Jul 2025 · 1 min read पथ कैसा भी हो कदम चले निरंतर पथ कैसा भी हो कदम चले निरंतर किंचित मन में कोई भय नहीं हो आत्मबल इतना ठोस हो जिससे साहस का भी कभी क्षय नहीं हो पारस नाथ झा Quote Writer 70 Share Paras Nath Jha 26 Jul 2025 · 1 min read कल्पना से परे अप्रिय शब्दों को सुन कल्पना से परे अप्रिय शब्दों को सुन कोई भी सहसा हो सकता है स्तब्ध क्योंकि किसी अस्त्र से भी अधिक प्राण घातक हो सकता है शब्द पारस नाथ झा Quote Writer 59 Share Paras Nath Jha 26 Jul 2025 · 1 min read विपत्ति से कभी भी वीर नहीं विपत्ति से कभी भी वीर नहीं केवल कायर ही घबराता है वीर तो इसे चुनौती मान कर भय को ही सदा दहलाता है पारस नाथ झा Quote Writer 64 Share Paras Nath Jha 26 Jul 2025 · 1 min read जंगल में रहने वाला कोई मनुष्य अगर ब्रह्मचर्य धर्म का पालन कर जंगल में रहने वाला कोई मनुष्य अगर ब्रह्मचर्य धर्म का पालन करने को अपनी कठिन तपस्या बताता है,तो हो सकता है कि ब्रह्मचर्य का पालन उसकी मजबूरी भी हो। पारस... Quote Writer 88 Share Paras Nath Jha 24 Jul 2025 · 1 min read शरीर अगर थक कर चूर हो जाय शरीर अगर थक कर चूर हो जाय और राह में भी अंधकार घना होगा पर दूर तक जाने की चाहत है अगर तो रोशनी को खींच कर लाना होगा पारस... Quote Writer 60 Share Paras Nath Jha 24 Jul 2025 · 1 min read माना लक्ष्य अगर है बहुत कठिन माना लक्ष्य अगर है बहुत कठिन वीर अर्जुन के जैसा बन जाओ बिन देखे ही मछली की आंखें एक ही बाण से भेदने तन जाओ पारस नाथ झा Quote Writer 112 Share Paras Nath Jha 14 Jul 2025 · 1 min read दुनिया में लोग मुझे अब क्या कहेंगे दुनिया में लोग मुझे अब क्या कहेंगे चिंता कहां रही इस बात की कभी प्यार में जब इतना कुछ हो गया है ताने सुनने को बची है जान भी अभी... Quote Writer 88 Share Paras Nath Jha 14 Jul 2025 · 1 min read अभी तक इतना धोखा खाया है मैंने अभी तक इतना धोखा खाया है मैंने पुराने जख्मों का भी अब दर्द नहीं मेरी दीवानगी की हरकतें देख कर दिखता कहां कोई भी हमदर्द कहीं पारस नाथ झा Quote Writer 79 Share Paras Nath Jha 14 Jul 2025 · 1 min read कभी-कभी आपकी घबराहट आपके विचारों के तार्किक प्रवाह को रोक दे कभी-कभी आपकी घबराहट आपके विचारों के तार्किक प्रवाह को रोक देती है। पारस नाथ झा Quote Writer 80 Share Paras Nath Jha 6 Jul 2025 · 3 min read जरा भी लाज नहीं है, निर्लज्जों को राह चलते चलते कभी-कभी अचानक ऐसे किसी सत्य से साक्षात्कार हो जाता है कि दिमाग एकदम शून्य हो जाता है और मन में बिल्कुल विचलन वाली स्थिति हो जाती है।... Hindi · कहानी 129 Share Paras Nath Jha 6 Jul 2025 · 1 min read . . साइलेंट किलर दिल सदियों से तुम्हारा धोखा देने वाला वो खेल अभी भी अपनी उसी पुरानी लय में जारी है पहले प्रेम में आशिकों का दिल तोड़ा करते थे अब बिना शोर गुल... Hindi · कविता 83 Share Paras Nath Jha 6 Jul 2025 · 1 min read कायर अपनी मृत्यु से पहले कई बार मरता है,जबकि किसी वीर का मौत कायर अपनी मृत्यु से पहले कई बार मरता है,जबकि किसी वीर का मौत से सामना जिंदगी में एक ही बार होता है। पारस नाथ झा Quote Writer 104 Share Paras Nath Jha 22 Jun 2025 · 1 min read झूठ बोलकर तत्काल लाभ लिया जा सकता है,पर आगे वाले दिनों के लि झूठ बोलकर तत्काल लाभ लिया जा सकता है,पर आगे वाले दिनों के लिए ऐसी आदत पीड़ादायक है। पारस नाथ झा Quote Writer 82 Share Paras Nath Jha 22 Jun 2025 · 1 min read सभी बड़े सपनों का कत्ल करने वाला एकमात्र कारण आलस्य है। सभी बड़े सपनों का कत्ल करने वाला एकमात्र कारण आलस्य है। पारस नाथ झा Quote Writer 91 Share Paras Nath Jha 5 Jun 2025 · 1 min read पश्चाताप के आंसू में गंगाजल की तरह पवित्रता होती है,जिसमें स पश्चाताप के आंसू में गंगाजल की तरह पवित्रता होती है,जिसमें सारे पाप धुल जाते हैं। पारस नाथ झा Quote Writer 134 Share Paras Nath Jha 28 May 2025 · 1 min read औचक निरीक्षण गेट पर लाल बत्ती वाली गाड़ी देखते ही स्कूल के सभी शिक्षक क्लास की ओर भागे लग रहा था तो जैसे कि अभी अभी ही वो पिछली रात की गहरी... Hindi · कविता 82 Share Paras Nath Jha 3 May 2025 · 1 min read शब्द शब्द °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° मत चलाओ कभी ऐसा शब्द बाण जो सीने को भी छलनी कर जाये लाख जतन करने के बाद भी मन कभी पीड़ा से नहीं उबर पाये बातें कह... Quote Writer 84 Share Paras Nath Jha 15 Apr 2025 · 1 min read चिंता चिंता ----------------------------------------- अभी चिंता का बाजार भाव ऊंचा है कोई चुटकी भर तो कोई मन भर चिंता को अपने साथ साथ लिए होठों पर खोखली मुस्कान के साथ केवल सामने... Quote Writer 112 Share Paras Nath Jha 24 Jan 2025 · 1 min read अब बेटियां भी हर दिशा में अब बेटियां भी हर दिशा में अपना परचम लहराने लगी है मां भी अपनी बेटियों के भाग्य पर अब खूब ही इतराने लगी है पारस नाथ झा Quote Writer 128 Share Paras Nath Jha 24 Jan 2025 · 1 min read जिस घर में बेटी का जन्म होता है जिस घर में बेटी का जन्म होता है उस घर का संस्कार बदल जाता है समय को जैसे भी चलना हो चले घर का पूरा भाग्य बदल जाता है पारस... Quote Writer 443 Share Paras Nath Jha 23 Jan 2025 · 1 min read हो कर्मवीर तुम सच में अगर हो कर्मवीर तुम सच में अगर तब सब खड़ा मिलेगा साथ भाग्य रेखा को भी बदल दे दृढ़ संकल्प और मजबूत हाथ पारस नाथ झा Quote Writer 1 116 Share Paras Nath Jha 22 Jan 2025 · 1 min read कितना भी कर लो जतन कितना भी कर लो जतन तुम चाहे कर लो लाख उपाय भाग्य में लिखे अक्षर को न सके कोई कभी मिटाय पारस नाथ झा Quote Writer 117 Share Paras Nath Jha 21 Jan 2025 · 1 min read जब तक मचा रहता है अन्दर में कशमकश जब तक मचा रहता है अन्दर में कशमकश तो मन को फिर कुछ भी भा नहीं सकता वैसे भी जिंदगी से दो-चार हाथ किए बिना डर कर कोई कहीं भी... Quote Writer 142 Share Paras Nath Jha 20 Jan 2025 · 1 min read जिंदगी से सामना जिंदगी जब कभी किसी मरघट की तरह एकदम बंजर और वीरान लगने लगती है आस पास के लोगों को देख सुसुप्त मन में फिर से एकबार नई आस जगने लगती... Hindi · कविता 1 175 Share Paras Nath Jha 19 Jan 2025 · 1 min read निर्वंश का दाग दिल से अब निकल रही है आह केवल संतान की मन में है चाह दवा दारू भी न जब आया काम तब पत्नी संग घुम आया चारों धाम देखा जब... Hindi · कविता 104 Share Paras Nath Jha 19 Jan 2025 · 1 min read अखण्ड प्रेम की आस जब कभी याद तुम्हारी आती है तब नाम भी लेता हूॅं डर डर कर फिर भी अब तक अपने दिल को रखा है मैंने उम्मीदों से भर कर सबसे छुप-छुपकर... Hindi · कविता 129 Share Previous Page 2 Next