पंकज कुमार कर्ण Language: Hindi 251 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next पंकज कुमार कर्ण 17 Sep 2021 · 1 min read नसीहत नसीहत (मुक्तक) °°°°°°°° जनता के कर्म से, नेता सुधरे। माता के करम से, बेटा सुधरे। माने जो बात; पिता की, 'बेटी' तभी हरेक घर की सुता सुधरे। *********************** ......✍️ पंकज... Hindi · मुक्तक 4 619 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Sep 2021 · 2 min read "सब कुछ रेडिमेड है" *सब कुछ रेडिमेड है* ****************** जहां सूट, पैंट व बनता था कुर्ता, उस टेलर में ही लगा अब शेड है; दर्जी को, अब सीने से परहेज है; सब पहनता सब... Hindi · कविता 6 6 844 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 1 min read "हैप्पी बर्थडे हिन्दी" (हिन्दी दिवस पर विशेष) "हैप्पी बर्थडे हिन्दी" °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° नीचे धरती, ऊपर अम्बर; देखो, फिर आया 14 सितम्बर। बंगाली बोले, तमिल बोले, मराठी बोले, गुजराती बोले, और बोले आज सिन्धी; हैप्पी... Hindi · कविता 9 7 966 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 1 min read रोती 'हिंदी'-बिलखती 'भाषा' (हिन्दी दिवस के सुअवसर पर) रोती 'हिंदी'-बिलखती 'भाषा' *********************** रोती 'हिंदी', बिलखती 'भाषा'; टूट रही अब, जन-मन की आशा; कौन बचाएगा, अपने 'हिंदुस्तान' को, सोए हुए देश-भक्ति के, अरमान को।... Hindi · कविता 4 885 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2021 · 2 min read "हिंदी की दशा" हिंदी दिवस के सुअवसर पर एक कविता °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° "हिंदी की दशा" ************ भटकती आत्मा देखो, हिंदी की, आज; 14 सितंबर को, फिर प्रकट हुई। दिवस मनाने की, आनन- फानन में,... Hindi · कविता 3 833 Share पंकज कुमार कर्ण 13 Sep 2021 · 1 min read *जय हिंदी* ⭐⭐⭐ (हिंदी दिवस पर विशेष) *जय हिंदी* ⭐⭐⭐ °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° जो भी करे, निज मात-पिता से प्यार; वह हिंदी पर , कभी भी ना करे प्रहार; हिंदी ही सदा , राष्ट्र में... Hindi · कविता 7 3 1k Share पंकज कुमार कर्ण 13 Sep 2021 · 1 min read *कलम को हम पूजते* ️️ *कलम को हम पूजते* ?️?️?️?️?️?️ कलम को , हम सब पूजते; कलम हमारा , अस्त्र भी है; यही तो , हमारा शस्त्र भी है; इसकी शक्ति , अपरंपार है; यह... Hindi · कविता 5 375 Share पंकज कुमार कर्ण 12 Sep 2021 · 1 min read "पुलिस" "पुलिस" ****** इसकी होती,एक अच्छी सी वर्दी; सर पर टोपी है , कंधों पे है स्टार; किसी संकट में , ना माने ये हार; चुस्त- दुरुस्त रहता है , यह... Hindi · कविता 4 527 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Sep 2021 · 1 min read "आदित्य-उदय" "आदित्य-उदय" ???? जग जा रे , हे जन-मानस; होने वाला है, "आदित्य-उदय" सोयेगा तो , सब कुछ खोएगा; तन-मन भी तेरा , तब रोयेगा। नित्य , प्रथम - प्रकाश से... Hindi · कविता 7 2 840 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Sep 2021 · 1 min read "कलम की शक्ति" कलम की शक्ति (मुक्तक) ******************* हरेक कलम में ही, शक्ति अपार हो। हर लेखन में, सामाजिक सुधार हो। सिर्फ लेखन से ही , होगा कुछ नहीं; यदि लिखने वाला ,... Hindi · मुक्तक 7 846 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Sep 2021 · 1 min read गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर ***/*****/********/***** जो भी जीवन के हर गूढ़ सिखाता; साथ- साथ हमें , ज्ञान से नहलाता; वह जन सदा, 'गुरु' की संज्ञा पाता; इसके पास ही ,... Hindi · कविता 6 4 514 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Sep 2021 · 1 min read 'गुरु' (शिक्षक दिवस पर विशेष) 'गुरु' ***** नित्य जाओ , घर से गुरुजन तक; ज्ञान पाओ,बचपन से यौवन तक। अच्छे शिष्य बनो , पूरे जीवन तक; सदा शीश झुकाओ,गुरुकदम तक। माता-पिता से मिले , घर... Hindi · कविता 6 590 Share पंकज कुमार कर्ण 3 Sep 2021 · 1 min read देखो, फिर आई है 'बाढ़'... देखो, फिर आई है 'बाढ़'... ⭐⭐⭐⭐⭐⭐ देखो, फिर आई है 'बाढ़'; आखिर क्या करती ये सरकार, सिर्फ लूट-खसोट मचती हर-बार, देखो, फिर आई है 'बाढ़'; हवाई सर्वेक्षण का लेते सदा... Hindi · कविता 4 439 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Sep 2021 · 1 min read "समावेशी कविता" *समावेशी कविता*(पहाड़ी दर्शन) >>>>> समावेशी, कविता होती, कभी कहानी रूप, कभी लेख की छाया, इसकी नही कोई काया, कभी कोई ,दुखरा होता है; किसी गद्य का , टुकड़ा होता; लूम-... Hindi · कविता 3 742 Share पंकज कुमार कर्ण 1 Sep 2021 · 1 min read हे, भोले.. हे,भोले..... ⭐⭐⭐⭐ हे, भोले.. ये तेरा नभ, तेरी धरती.. हर नर, तेरा भक्त; हर नारी, भक्ति तेरा करती; सबका जीवन सरल हो जाए, कष्ट कभी न, किसी में समाये; तू... Hindi · गीत 4 4 654 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Aug 2021 · 1 min read "कृष्णा" (श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष) *कृष्णा* ⭐⭐⭐ 'मथुरा' के , जेल में जन्मे; देवकी के, 8 वें संतान ये; 'वासुदेव' पिता थे, इनके; बाद में बन गए, श्याम ये। यशोदा-नंद ने, इन्हें पाला, गोकुल बना... Hindi · कविता 6 4 823 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Aug 2021 · 1 min read "ये संस्कार है" "ये संस्कार है" (मुक्तक) हर ओर दिखता हाहाकार है। संकट में आज, यह संसार है। धर्म-कर्म ही है, मुसीबत बना; इससे ही, मिला ये संस्कार है। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° ..........✍️ पंकज कर्ण... Hindi · मुक्तक 3 530 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Aug 2021 · 1 min read "ऐसा मंजर होगा" *ऐसा मंजर होगा* ************** एक दिन, ऐसा मंजर होगा; जगह -जगह पर घर होगा, आगे, अनजाना डगर होगा, हवा ही , सस्ता जहर होगा; ऐसे बसा हुआ, शहर होगा। एक... Hindi · कविता 5 3 833 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Aug 2021 · 1 min read कर्म *कर्म*(मुक्तक) ************* सबके , सपने तो चकनाचूर है। फिर क्यों , सब घमंड में चूर है। मार्गदर्शन , किया ऐसा किसने; कर्म ही तो जिंदगी का दस्तूर है। ************************* ....... Hindi · मुक्तक 4 1 472 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Aug 2021 · 1 min read *नई शिक्षा नीति और बिहार* *नई शिक्षा नीति और बिहार* ************************* जब आप ,नई शिक्षा नीति बना रहे थे; यहां शिक्षक, न्याय हेतु गिरगिरा रहे थे; तब, शिक्षा सुधारवादी प्रवक्ता कहां थे; उच्च से जीती... Hindi · कविता 3 1 535 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Aug 2021 · 1 min read "शिक्षा नीति और शिक्षक" "शिक्षा नीति और शिक्षक" ******************** देखो, यह समान शिक्षा प्रणाली; बिहारी शिक्षक को, मिले गाली। बच्चों का हो, सर्वांगीण विकास; गुरुजन का हो, सदा ही उपहास। गुरू बिन, मिलता था... Hindi · कविता 4 4 685 Share पंकज कुमार कर्ण 22 Aug 2021 · 1 min read "बीते सावन" बीते सावन (मुक्तक) °°°°°°°°°′°°°°°°°°° बीते सावन , हरबार 'राखी' से। रवि ढले, घर लौटते 'पाखी' से। नियम निराला है ये 'सांसारिक', जीतता न जंग कोई 'साखी' से। ________________________ ....✍️पंकज "कर्ण"... Hindi · मुक्तक 3 883 Share पंकज कुमार कर्ण 22 Aug 2021 · 1 min read "राखी" (रक्षा-बंधन पर विशेष) "राखी" ****** रंग- बिरंगी होती सब राखी; बहनों को खूब , भाती राखी; चंद पैसों में ही, आती राखी; बहन का प्रेम, जताती राखी; बहन चाहे , भाई की भलाई;... Hindi · कविता 6 2 834 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Aug 2021 · 1 min read "गदहा" "गदहा" ****** सीधा साधा, गदहा बेचारा; मुंह न कभी काम से मोड़े। पीठ पर ही बोझा उठाये ; और अपने काम से ये , कभी भी ना घबराये, सब इसको... Hindi · कविता 5 643 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Aug 2021 · 1 min read ??आजादी?? (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष) "आजादी" ?????? मिली हमें यह देश, शहीदों के वारिस में; फिर मिली आजादी, सन सैंतालीस में। इस देश पे कुर्बान, हुए जब लाखों वीर; तब ही टूटी हमारी, दासता की... Hindi · कविता 7 3 473 Share पंकज कुमार कर्ण 31 Jul 2021 · 1 min read "साहित्यिक विधा की महिमा" " साहित्यिक विधा की महिमा" ••••••••••••••••••••••••••••••• किसी पर 'कविता' का असर है , किसी पर असर है 'कहानी' का। कहीं, किसी 'छंद' का असर है; तो कहीं, असर अंतर- द्वंद... Hindi · कविता 7 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 31 Jul 2021 · 1 min read "सम्मान होता" सम्मान होता... °°°°°°°°°°°°° वह भी , नही बेईमान होता। अगर,उसमें भी ईमान होता। यदि, स्वार्थी नहीं होता कभी, पाता,जरूर ही सम्मान होता। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° .... ✍️पंकज "कर्ण ...........कटिहार"।। Hindi · मुक्तक 7 315 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Jul 2021 · 1 min read "क्षमता वाला परिणाम" "क्षमता वाला परिणाम” ********************* "बेचारे उसका क्या होगा" जो छुपे रुस्तम होते थे, हर परीक्षा परिणामों में, सभी बोर्ड के नतीजों में अचानक जो टॉपर बनते, जो दिखते नहीं थे... Hindi · कविता 11 2 957 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Jul 2021 · 1 min read "काबिल मत बनो" "काबिल मत बनो" °°°°°°°°°°°°°°°° ज्यादा काबिल, मत बना करो। अपनी बड़ाई, मत किया करो। अब कहां समझदार दिखते हो, समझदारी, मत दिखाया करो। •••••••••••••••••••••••••••••• .. ✍️पंकज "कर्ण" ..........कटिहार।। Hindi · मुक्तक 5 1 774 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Jul 2021 · 1 min read "पानी" "पानी" ****** पानी तो पसरा है , सारा जहां; पर,सबको पानी मिलता कहां। सब मिलकर पानी को बचाइए, हर प्यासे तक, पानी पहुचाइए। पानी को जरूर , शुद्ध कीजिए; शुद्ध... Hindi · कविता 7 2 894 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Jul 2021 · 1 min read "बादल"️ "बादल" ☁️☁️ ये बादल, कहां से आता है; कभी मंडराता है, तो कभी, कहीं भी, बरस के जाता है, कभी ये , सूरज को छुपाता, कभी , सूरज से मिट... Hindi · कविता 7 2 678 Share पंकज कुमार कर्ण 25 Jul 2021 · 1 min read हे प्रभु ! (प्रार्थना) हे प्रभु! (प्रार्थना गीत) ????? हे प्रभु! हमको दीजिए, ऐसा ज्ञान..... जिससे, आ सके हम देश के काम; हमें ना कभी, किसी शत्रु का डर हो; हमारे लिए, सच्चाई की... Hindi · गीत 7 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 25 Jul 2021 · 1 min read "घर" "घर" ***** 'घर' सबको, प्यारा होता! ये सबका ही सहारा होता, 'घर'में ढूंढता, सब चैन है; घर में रुकता, सब रैन है। घर ही तो , आवास होता; यहीं, सबका... Hindi · कविता 9 4 482 Share पंकज कुमार कर्ण 24 Jul 2021 · 1 min read 'लोभ'और 'लालच' 'लोभ'और 'लालच' ०००००००००००० लोभ-लालच है ,'भाई सौतेला', एक की 'मम्मी' है , 'अहंकारी'; और दूसरे की भी है, 'दुराचारी'; दोनों ही है,' सौतन' अत्याचारी; इसके 'पापा' भी हैं , भ्रष्टाचारी;... Hindi · कविता 6 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 23 Jul 2021 · 1 min read आधी रात को...... आधी रात को.... ⭐⭐⭐⭐ इन नासमझों में, एक समझदार दिखते बस, आप तो... जैसे, अंधेरी रातों में भी; चांद चमके , आधी रात को; हम अगर कुछ कह भी दें,... Hindi · गीत 8 2 922 Share पंकज कुमार कर्ण 22 Jul 2021 · 1 min read "बगुला-भगत" "बगुला-भगत" *********** चतुराई होती, चरम पार; इतने तेज इसके ,नयन; जैसे बगुला हो, इसकी बहन। बड़ों-बड़ों से होती, इसकी संगत, निपुणता से करे ये , सबकी आव-भगत। तब तो नाम... Hindi · कविता 8 1k Share पंकज कुमार कर्ण 22 Jul 2021 · 1 min read "ये गरीबों की दुनियां है" ये गरीबों की दुनिया है... ***************** ये गरीबों की दुनिया है, 'गरीबी' ही है,,, सबका अपना करीबी..... ये धन-दौलत तो ऐसे निकलता... जैसे, मुठ्ठी से रेत फिसलता.... 'गरीबी' ही हैं,... Hindi · गीत 5 424 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Jul 2021 · 1 min read "बकरा" "बकरा" ?? ..................१................. बकरा तो हमेशा, घास खाए। मानव बकरा ही, काट खाए। बकरा बेचारा , अब क्या करे, वो सिर्फ कटे और छटपटाए। ....................२................... . वो तो सिर्फ अपना,... Hindi · मुक्तक 7 2 438 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jul 2021 · 1 min read "सुबह-सबेरे" "सुबह-सबेरे" (हाइकु) °°°°°°°°°°° निकल गया प्रभाकर पूरब छटा निराली। ^^^^^^^^^^^^^ खिल गये हैं फूल भी धरा पर खुशबूदार। ^^^^^^^^^^^^^ देखो तुम भी ये दृश्य विहंगम प्रातःकालीन। ^^^^^^^^^^^^^ कष्ट मत दो... Hindi · हाइकु 6 784 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jul 2021 · 1 min read "अटपटा प्रावधान" "अटपटा प्रावधान" ****************** देखो, कैसा ये "अटपटा प्रावधान"; मिटा रहा देश से बुद्धि और ज्ञान। आया अब देश में देखो,ऐसा क्षण; दुखी है आज , हर एक ज्ञानी मन। तड़प... Hindi · कविता 7 5 626 Share पंकज कुमार कर्ण 18 Jul 2021 · 1 min read "अपना संविधान" "अपना संविधान" *************** अब, ना वेद, ना ही पुराण, ना बाईबल, ना ही कुरान, सबसे बड़ा, अपना संविधान। संविधान का, देखो खेल, ज्ञानी बेचे तेल, अज्ञानी पढ़े , अब फारसी,... Hindi · कविता 5 613 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Jul 2021 · 1 min read "शिक्षक" "शिक्षक" ******** हम शिक्षक हैं , बच्चों के हम ही , असली रक्षक हैं। हममें होता ज्ञान, लेकिन नहीं होता, कोई अभिमान। बच्चें आशा रखते, ज्ञान पाने की हमसे, प्रत्याशा... Hindi · कविता 8 2 684 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Jul 2021 · 1 min read "चापलूस" "चापलूस" ********* इसकी पूछो मत, कोई हाल; ये मनुष्य होता, बड़ा कमाल। इसका खास होता नही,नाम; बस होता वह थोड़ा बदनाम। काम करता, जिसके खातिर; वो भी होता, बड़ा ही... Hindi · कविता 7 2k Share पंकज कुमार कर्ण 13 Jul 2021 · 1 min read "चुहिया" "चुहिया" ******** चु-चु, करती दिन में चुहिया आती। कभी इधर , कभी उधर छुप जाती। चूहा घुसकर बैठे, अपने बिल , बिल्ली की डर , इसे सदा सताती। .... ✍️पंकज... Hindi · मुक्तक 4 467 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Jul 2021 · 2 min read "प्रोन्नति" "प्रोन्नति" ⚡⚡ पढ़े लिखे हो या, हो कोई अनपढ़; पहले तो, नौकरी लेने को होते तत्पर, ज्यों ही मिलती उन्हें, कोई नौकरी; 'प्रोन्नति' पाने को, वो करे तब धरफर। एक... Hindi · कविता 6 2 685 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Jul 2021 · 1 min read "आबादी" "आबादी" ??? (विश्व जनसंख्यां दिवस पर विशेष) ?????????? पूरी आबादी को, मेरा प्रणाम; बढ़ती रहे जो सदा ,'जनसंख्या', ऐसे ही चढ़ती जाए, तब दाम; कारनामा हो किसी और का, पर... Hindi · कविता 9 5 742 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jul 2021 · 1 min read _"जल-जीवन-हरियाली"_ "जल-जीवन-हरियाली" ****×*****×******* धरती मांगे सदा ही हरियाली पेड़ लगाओ। °°°°°°°°°°°°°°°°°° फूलों से सजा तुम भी देखो जरा ये उपवन। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°° जल व हवा मानव जीवन में जरूरी सदा। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°° मत... Hindi · हाइकु 6 523 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jul 2021 · 1 min read "सड़क पार" "सड़क पार" ???? जब भी तुम्हें जाना हो , सड़क पार। थोड़ा रुककर कर लो, इंतजार। दायें देखो, फिर बायें देखो ; तब तुम जाओ, सड़क के उस पार। =×=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×=... Hindi · मुक्तक 5 2 341 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Jul 2021 · 1 min read संस्कृतम् संस्कृतम् ********* संस्कार की जननी "संस्कृत", भाषाओं में पावनी "संस्कृत"। भाषा यह, भावों से अलंकृत; युगों-युगों से है, ये पुरस्कृत। संस्कृत है, हर भाषा का आधार; इसकी वाणी से गूंजे,... Hindi · कविता 8 10 1k Share पंकज कुमार कर्ण 6 Jul 2021 · 1 min read "घटना और दुर्घटना" "घटना और दुर्घटना" ?️?️?️?️?️ घटना, घटना सदा जरूरी होती है, हर घटने की कोई मजबूरी होती है। घटनों के घटने के भी, कई घटक होते है, घटनाें को घटाने हेतु... Hindi · कविता 6 6 791 Share Previous Page 4 Next