मनोज कर्ण 312 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनोज कर्ण 22 Nov 2024 · 1 min read मनोव्यथा *मनोव्यथा* कैसा ये स्पर्श,तन को नहीं छुआ तूने, पर दिल को तो झकझोर दिया _ है सारी दुनियां अब एक तरफ, पर मैंने अपना मुंह तो मोड़ लिया _ तरंगे... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · मनोव्यथा 1 53 Share मनोज कर्ण 17 Nov 2024 · 1 min read नास्तिकता नास्तिकता कृतघ्नता को जन्म देती है जबकि आस्तिकता कृतज्ञता को Atheism gives rise to ingratitude while theism gives rise to gratitude. "ब्रह्म सत्यं जगत मिथ्या " Quote Writer 1 21 Share मनोज कर्ण 14 Nov 2024 · 1 min read कर्मफल का सिद्धांत हुनर सड़कों पर जहाँ तमाशा किया करते हैं किस्मत महलों में क्यूँ राज किया करते हैं... कर्मों के हिसाब से सजता है प्रारब्ध सबका जिसकी अनदेखी हम आज किया करते... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कर्मफल का सिद्धांत · कविता 2 109 Share मनोज कर्ण 20 Oct 2024 · 1 min read लम्हे पुराने दिल की गहराईयों में तुम रहो इतना , विश्वास कभी मन का दरकने नहीं पाये... रंज और रंजिशों का न हो गुजारा यहां , तेरा मुखड़ा ही हर पल मुझे... Hindi · कविता · लम्हे पुराने 2 95 Share मनोज कर्ण 13 Oct 2024 · 10 min read गरबा नृत्य का सांस्कृतिक अवमुल्यन :जिम्मेवार कौन? *गरबा का आधुनिक स्वरूप:- सांस्कृतिक अवमुल्यन,- जिम्मेवार कौन...? एक सवाल और जवाब* किसी देश के पर्व त्योहार, रीति-रिवाज, प्रतीक, धार्मिक आचार-विचार, सांस्कृतिक मूल्य व विश्वास उस देश की अमूल्य सम्पत्ति... Hindi · आलेख · गरबा नृत्य सांस्कृतिक अवमुल्यन · लेख शिक्षा 3 476 Share मनोज कर्ण 12 Oct 2024 · 1 min read प्रेम गीत :- वक़्त का कारवां... वक़्त का कारवां... वक़्त का कारवां, जैसे थम सा गया... तुम मिले हो यहाँ.. जब मिले हो यहाँ.. रातें कटती नहीं थी,आहें भरता था मैं... आहट सुन-सुन के,करवट बदलता था... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता गीत शायरी गजल · प्रेम गीत · वक़्त का कारवां 2 172 Share मनोज कर्ण 11 Oct 2024 · 1 min read आतंकवाद आतंकवाद काल जकाँ ई, आतंकवाद अछि, ओझरौने सभ विकासक चाल। मध्यएशिया खंडहर भ' रहल अछि, आतंकवाद बनल आब बिशद विसाल। कैएक किसिम क' बम बरखै अइ, पसरल अछि युद्ध अति... Maithili · आतंकवाद · मैथिली · मैथिली कविता · मैथिली काव्य 2 98 Share मनोज कर्ण 5 Oct 2024 · 1 min read मन मन मन उद्विग्न रहता है... अधोपतन को, आत्मा की वृत्ति के विपरीत, मन, आत्मा की पुकार को सुनता कहाँ है... अनकहे जज्बातों को सुनने की, उसकी आदत नहीं... पतझड़ के... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · छन्दमुक्त काव्य 2 60 Share मनोज कर्ण 3 Oct 2024 · 1 min read अवध स' आबू ने श्रीराम... अवध स' आबू ने श्रीराम... अवध स' आबू ने श्रीराम सुखद नयन अभिराम विजयादशमी अहां मनाएब एहिबेर मिथिलाधाम अवध स' आबू ने श्रीराम... रम्य मनोहर अयोध्या नगरी उजरल अइ मिथिलाधाम... Maithili · अवध स'आबू ने श्रीराम · मैथिली गीत 2 114 Share मनोज कर्ण 29 Sep 2024 · 1 min read मिथिला कियेऽ बदहाल भेल... मिथिला कियेऽ बदहाल भेल... जे छल मिथिला के अगुआ नेता, ओ तऽ साजिशक शिकार भेल। बाकी सभटा पिछलग्गू नेता, नाँगरि दबाकऽ घुमैय लेल... मिथिला कियेऽ बदहाल भेल... ललित बाबू क'अहां... Maithili · मिथिला कियऽ बदहाल भेल · मिथिला राज्य · मैथिली कविता 3 2 86 Share मनोज कर्ण 29 Sep 2024 · 1 min read *एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क *एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क मैंने देखा नहीं है ख़्वाबों को, कभी हँसते हुए, मैंने देखा है ख़्वाबों को, ख़्वाब से ही मरते हुए, तन्हाई में होता है... Hindi · इश्क़ · ख्वाब · ग़ज़ल · फ़ुर्सत 2 90 Share मनोज कर्ण 28 Sep 2024 · 1 min read कनि कहियौ ने श्रीमान..! कनि कहियौ ने श्रीमान..! कनि कहियौ ने श्रीमान..! जे सगरो लोक कहैये.. पिछड़ल अछि आइयो मिथिलाधाम, चचरी के पूल कहैये । कनि तकियौ ने श्रीमान..! जे मिथिला क' लोक तकैये..... Maithili · कनि कहियौ ने श्रीमान · मैथिली · मैथिली कविता 3 124 Share मनोज कर्ण 26 Sep 2024 · 1 min read ' रहब हम मिथिलादेश में ' ' रहब हम मिथिलादेश में ' छी,असभ्य गंवार भने हम, आजु क' मुलुक परिवेश में। छोड़ब नञ संस्कार पुरातन, दृढ़प्रतिज्ञ रहब अपने भेष में। देश कोनो भारत जेका नञ, मिलत... Maithili · मिथिलादेश · मैथिली · मैथिली कविता 2 100 Share मनोज कर्ण 23 Sep 2024 · 2 min read बीहनि कथा-"अंडरवियर" मैथिली (बीहनि कथा) " अंडरवियर " ___________ जीबछ बाबू आ हुनक अर्धांगिनी अंजलि दुनूगोटे नोकरी करबाक कारण एक दोसर सऽ दूर-दूर रहैत छलाह। - अंजलि किछु दिन पति स' बिलग... Maithili 1 197 Share मनोज कर्ण 14 Sep 2024 · 1 min read पितरों का लें आशीष...! पितरों का लें आशीष सदा हम, जो काम बहुत ही आते हैं । कर्मपथ यदि बाधित हुआ तो, सपनों में फिर वो आ जाते हैं। मातु-पिता अनुराग हृदय हो, फिर... Hindi · कविता · पितरों का लें आशीष · पितरों पर कविता · पितृ पक्ष 2 72 Share मनोज कर्ण 1 Sep 2024 · 2 min read वो अब नहीं आयेगा... वो अब नहीं आयेगा... वो अब नहीं आयेगा , बिल्लू, मोटी पूंछ वाला। मार डाला है कुत्तों ने मिलकर, वो कभी नहीं आयेगा । पीला भूरा बदन नीली आंखों वाला,... Hindi · अब नहीं आयेगा · कविता · बिल्लू 3 121 Share मनोज कर्ण 7 Jul 2024 · 1 min read रमन्ते सर्वत्र इति रामः रमन्ते सर्वत्र इति रामः देख, देख, तू देख ले बंदे, फिर से अरि ललकारा है, कहता राम जब आये मंदिर, अयोध्या फिर,तू क्यूँ हारा है। सहिष्णुता की भी सीमा होती,... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता 4 2 162 Share मनोज कर्ण 18 Mar 2024 · 1 min read सत्य मंथन सत्यमंथन झूठ की तारीफ और सत्य का उपहास, प्रचलन बना,.. क्यूँ दोस्तों..? झूठ का सामना यदि,सत्य से होता यहाँ पर , सत्य का दामन नहीं फिर कोई थामता .. क्यूँ... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · सत्य मंथन 7 104 Share मनोज कर्ण 18 Mar 2024 · 2 min read सत्य,”मीठा या कड़वा” सत्य,”मीठा या कड़वा” (छन्दमुक्त काव्य) सत्य बहुत मीठा होता है, यदि खुद महसूस करें तो, अन्यथा दूसरों को इसका एहसास कराना, या दूसरे से इसका एहसास पाना दोनों ही, बहुत... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · छंदमुक्त काव्य · सत्य की खोज 6 110 Share मनोज कर्ण 7 Mar 2024 · 1 min read सूखी नहर सुखी नहर_ वो नहर यादों का गुलदस्ता लिए : अविचल आज भी खड़ी है_ मगर सूखी पड़ी, टकटकी लगाए मौन पीड़ा लिए कह रही हो, कहाँ गए मेरे नयन प्रिय... Hindi · कविता · छन्दमुक्त काव्य · सूखी नहर 5 300 Share मनोज कर्ण 19 Feb 2024 · 1 min read यशस्वी भव यशस्वी भव ~~°~~°~~° तिमिर घनेरा चीर पथिक तू , निकला लक्ष्य अडिग था पथ पर। मर्म तेरा अब वो क्या जाने, जख्म जिसे नहीं लगता दिल पर। रातें काटी गिन-गिन... Hindi · कविता · क्रिकेटर · यशस्वी जायसवाल · यशस्वी भव 4 2 323 Share मनोज कर्ण 18 Feb 2024 · 1 min read किसान आंदोलन किसान आंदोलन ~~°~~°~~° किसान बिल था अति सुखदाई, खुला बाजार मिलता भरपाई। स्थिर रहता बाजार मूल्य भी, नियंत्रित होता सदा महंगाई... समर्थन मूल्य तेईस फसलों का, भाता नहीं तुझको हरजाई।... Hindi · कविता · किसान आंदोलन 2 657 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read चरम सुख चरम सुख (छंदमुक्त काव्य) दैहिक चरम सुख और ब्रह्मस्वरूप परमानन्द, चिरत्व किसमें है... वही बता सकेगा न भला जिसने बारी बारी से दोनों का अनुभव किया है । तुलना तो... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 2 964 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read हार फिर होती नहीं… हार फिर होती नहीं… ~~°~~°~~° मन ठान ले यदि जीत है , तो हार फिर होती नहीं… सोचता है मन यदि , पर्वत शिखर की ऊचाईयाँ। यदि देखता समुन्दर निकट... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 115 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read वासना और करुणा वासना और करुणा ~~°~~°~~° साथ-साथ रहती दो बहना, एक वासना दूजा करुणा। वासना तन को दग्ध करती , विक्षिप्त मन कर कामाग्नि सुलगाती। मधुप मृदुल आघात करके, विकल मन में... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 110 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 2 min read हिन्दुत्व, एक सिंहावलोकन हिन्दुत्व_एक सिंहावलोकन ~~°~~°~~° अतीत की स्मृतियों से , अश्कों के अल्फाज पुछते हैं। खता तो दुश्मनों ने की थी , पर मेरे क्यूँ जख्म गहरे हैं। बटी थी हिन्द की... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 126 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read कलकल बहती माँ नर्मदा कलकल बहती माँ नर्मदा ! कलकल बहती माँ नर्मदा , निश्चल छलछल अविरल धारा । अमरकंटक शिखर से वो निकलती , पूरब दिशा से पश्चिम को बहती । धरा पर... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 124 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read बारिश बारिश ~~°~~°~~° उम्मीद का बादल अधर में, पर बारिश कहाँ है, कहाँ चैन दिल में। मैल मन का धुलता यदि न , होता है फिर सुर्ख़ नैन तन में। नीर... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 97 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read कला कला कला बिना जग सूना लागे , मानव,पूंछहीन पशु के है समान , ज्ञान यदि पहचान दिलाता , कला ही है जो देता सम्मान। कला से विकृति को ढक लो... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 100 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read आरंभ आरंभ आरंभ यदि मन से करे तो , सभी कारज पूर्ण हो जाएंगे। संकल्प यदि दृढ़ साथ लगा ले , असफलता कभी न आयेंगे। विश्वास हो,मन में आस का सदिखन... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 94 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 2 min read अनहद नाद अनहद नाद अनहद नाद की प्यासी है श्रुतिपुट… अनन्त शून्य की ऊचाईयों से, समुन्दर की गहराईयों तक । अनंत शब्दों का नाद सुना मैंने, पर मन को न भाया कोई... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 122 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 2 min read वेदों की जननी…नमन तुझे! वेदों की जननी…नमन तुझे! वेदों की जननी…नमन तुझे! नमन तुझे, माँ नमन तुझे!! जीवन के संतापो को करे नाश, क्षुधा,पिपासा सब करे शांत, वो कल्पवृक्ष गायत्री तुम हो। मिटाकर अज्ञान... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 86 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read कर्मफल कर्मफल “” “” “” कर्मफल में आसक्त मनुज, इंसाफ नहीं कर पाता है। अपने ही अंतर्मन से वो, बार-बार घबराता है । कहता है मन, उस नर का, मुझे खुली... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 162 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read शाकाहार बनाम धर्म शाकाहार बनाम धर्म ~~°~~°~~° शाकाहार ही है, धर्म का पहला आधार चाहे कोई भी धर्म हो,शुध्द होवे आहार हिंसा है यदि निर्दोष के प्रति,तो धर्म कैसा दया करूणा से ही... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 101 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read मृगतृष्णा मृगतृष्णा ~~~~~ मृगतृष्णा की चादर ओढ़, भटक रहा मानव इस जग में। मातृगर्भ से वर्तमान तक, खुद को समझ न पाया जग में । जन्म लिया निर्मल काया थी, शैशव... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 117 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read त्याग त्याग कर्म तो कभी तज सकते नहीं, कर्मफल का त्याग करो बंदे । अंतकाल राम मुख आवत नाहिं , पहले से राम जपो बंदे… इच्छाएँ अनंत,तेरे वश में नहीं ,... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 179 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read निर्गुण सगुण भेद निर्गुण सगुण भेद ~°~°~°~°~ जब चक्षु विकल हो सकल प्रेम को… तब निर्गुण सगुण भेद मिट जाता है। निराकार जब साकार ब्रह्म, बनकर प्रियतम छा जाता है। ऊर्जा का संचार... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 138 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read गुलामी के पदचिन्ह गुलामी के पदचिन्ह ~~^~^~~~~~~~ गुलामी के पदचिन्हों पर चलना , क्यों जरूरी है… ? जन्मदिन पर मोमबत्ती जलाना , फूंक मार फिर इसे बुझाना , क्यों जरूरी है… ? झूठी... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 103 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read सनातन संस्कृति सनातन संस्कृति ~~°~~°~~° गांठ बांध सुन लो इंसानो, सत्य समृद्ध स्वरूप को जानो। सनातन संस्कृति सर्वश्रेष्ठ धरा पर, दिल से तुम मानो न मानो। दया प्रेम का भाव जो रहता,... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 104 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read नास्तिक सदा ही रहना… नास्तिक सदा ही रहना… ~~°~~°~~° मन से अहं निकाल लो,फिर नास्तिक सदा ही रहना… खुद को यदि तुम जान लो,फिर धर्मविमुख ही रहना। माता-पिता गुरु हरि रूप है,उन्हें श्रद्धा के... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 125 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read वीर साहिबजादे वीर साहिबजादे ~~°~~°~~° नहीं छोड़ेंगे कभी धर्म अपना , चाहे दीवार में चिनवा दो , धरा से व्योम तक की ये गूंज , अब सबको सुनवा दो। अन्याय का सदा... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 87 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 2 min read वैदेही का महाप्रयाण वैदेही का महाप्रयाण ~~°~~°~~° अब रहना है जिस हाल, रहो इस जग में ! माँ सीते तो चली भूमि के तल में… तूने न्याय कभी जाना ही नहीं , अटल... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं 1 85 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read स्वामी विवेकानंद सजी थी उम्मीदें धरा पर , व्योम तक हुंकार भरना था । चला वो युवा सन्यासी निकल कर , विश्व में वेदांत का आह्वान करना था । राम कृष्ण के... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 99 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read लहरों पर चलता जीवन लहरों पर चलता जीवन ~~°~~°~~° कभी द्वंद्व रहा,कभी स्वच्छंद रहा , लहरों पर चलता जीवन है । बेफ़िक्र रहा जो हर ग़म से , मन उदात्त कराता वो बचपन है।... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं 99 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read शिव स्तुति शिव स्तुति ~~°~~°~~° माया के जंजाल से, शिव हमें तुम मुक्त कर दे । राग से वैराग्य करके, शिवत्व का वरदान दे दे। क्रोधाग्नि में जलूँ क्यों मैं, कामरिपु विषहार... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं 79 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read होली का रंग होली का रंग ~~°~~°~~° होली का रंग वीभत्स नहीं , ये अश्लील नहीं रंग जीवन है। ये राग-रंग का है पर्व सदा , निर्मलता सौहार्द संजीवन है। हिरण्यकशिपु पिशाच था... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 77 Share मनोज कर्ण 23 Jan 2024 · 1 min read धर्म की खूंटी धर्म की खूंटी पकड़ लो, अधर्म पास नहीं आयेगा। सोच ले तू नेक बंदे, क्या साथ तेरे जायेगा। पंचेन्द्रियों के जाल में फंसकर, दर-दर भटकता तेरा अस्तित्व है। छोड़ दे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 77 Share मनोज कर्ण 14 Jan 2024 · 1 min read सजि गेल अयोध्या धाम देखु सजि गेल अयोध्याधाम यौ, अएला दशरथ केऽ ललनमा । सिया संग विराजत प्रभु राम यौ, अप्पन मिथिलाक पहुंनमा... देखु सजि गेल अयोध्याधाम यौ... स्वर्ण सिंहासन श्रीराम के बैसायब, राजमुकुट... Maithili · २२जनवरी · अयोध्या धाम · मैथिली गीत 3 2 669 Share मनोज कर्ण 7 Jan 2024 · 1 min read धर्म की खूंटी धर्म की खूंटी ~~°~~°~~° धर्म की खूंटी पकड़ लो, अधर्म पास नहीं आयेगा। सोच ले तू नेक बंदे, क्या साथ तेरे जायेगा। पंचेन्द्रियों के जाल में फंसकर, दर-दर भटकता तेरा... Hindi · कविता · गीत · भजन 3 5 449 Share मनोज कर्ण 13 Aug 2023 · 1 min read *अपना भारत* _अपना भारत_ ~~°~~°~~° शूरवीरों का यह देश है भारत , हर रगों में लहू हिन्दुस्तानी है । इस माटी की सौंधी खुशबू में , शहीदों की अमर कहानी है। आर्यावर्त... Hindi · अपना भारत · आज़ादी का अमृत महोत्सव · कविता 4 2 293 Share Page 1 Next