Bhupendra Rawat 352 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read लोग हमेशा सताते रहे लोग हमेशा सताते रहे अश्क़ आँखों में आते रहे तड़पते रहे गए हम उनकी यादों में वो भी सदा अपनी यादों में तड़पाते रहे भटक गए थे चंद क़दम वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 409 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read समा गयी है तू मेरे भीतर समा गयी है तू मेरे भीतर जिस तरह नदी का पानी समा जाता है समुन्द्र के अंदर समा गयी है तू इस कदर मेरे अंदर जिस तरह समा जाता है... Hindi · कविता 1 333 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read प्रक्रति ने हम सब पर उपकार किया है प्रक्रति ने हम सब पर उपकार किया है सुंदर सा जीवन देकर हमारा उद्धार किया है प्रक्रति ने हमे बहुत कुछ दिया है हमने प्रक्रति से सब कुछ छीन लिया... Hindi · कविता 2 1 227 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read प्रकति से मत करो खिलवाड़ प्रकति से मत करो खिलवाड़ प्रक्रति है हमारे जीवन का आधार आधार ही नही होगा तो कैसे रहे पाओगे आधार बिन अपनी क्या पहचान बताओगे प्रक्रति ही तो हमारे जीवन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 244 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read हमारा शरीर भी प्रकृति का मिश्रण है। हमारा शरीर भी प्रकृति का मिश्रण है। वायु,अग्नि,जल आकाश,मिट्टी का सम्मिश्रण है। खुद से तो प्यार किया है तो अब प्रकृति से भी प्यार करो। स्वार्थ के लिए ना प्रकृति... Hindi · कविता 2 245 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read थोड़ा सा सुकूँ चाहिए हर शाम के बाद. थोड़ा सा सुकूँ चाहिए हर शाम के बाद. अब तो तू आज मेरे दबे अरमान के साथ. मैं आज भी याद तुझे करता हूँ. याद करके तुझे हर बार मैं... Hindi · कविता 1 396 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read वो मुलाकात भी मुलाकात क्या थी वो मुलाकात भी मुलाकात क्या थी दिल में जब उसके जगह ही ना थी वफ़ा की बात भी क्या करते थे अब वो गमज़दा भी ना थी गिरियां हो कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 184 Share Bhupendra Rawat 8 Sep 2017 · 1 min read आज फिर यादों का जन्म हो गया सारी यादों का था कत्ल हो गया आज फिर उससे मिलन हो गया गुज़रा हुआ कल था समक्ष फिर आज फिर दिल में जख्म हो गया दर्द में तड़पते रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 282 Share Bhupendra Rawat 7 Sep 2017 · 1 min read ख़्वाबों को ही अब हम अपना बताते है ख़्वाबों को ही अब हम अपना बताते है हकीकत में वो हमसे दूर ही नजर आते है मोती अब आँखों के खुद ही सूख जाते है जख्म में अब वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 336 Share Bhupendra Rawat 7 Sep 2017 · 1 min read दिल नदा बच्चा होता है तभी तो प्यार सच्चा होता है दिल नदा बच्चा होता है तभी तो प्यार सच्चा होता है हो जाता है बिना कुछ सोचे समझे ऐसा ही तो प्यार सच्चा होता है नहीं तो बिक जाते है... Hindi · कविता 1 359 Share Bhupendra Rawat 6 Sep 2017 · 1 min read अभी चेहरे पर हिजाब रहने दो अभी चेहरे पर हिजाब रहने दो उसे बंद किताब रहने दो सवाल है ढेरों किताब में सवाल अभी राज़ रहने दो चांद तारों से भरी रात बाकी है बोतल में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 377 Share Bhupendra Rawat 5 Sep 2017 · 1 min read इंसानियत का हिज़ाब गायब है इंसानियत का हिज़ाब गायब है अपनों का प्यार ग़ायब है लूट रहे है इंसान यहां इंसानो को आज इंसानो का ईमान ग़ायब है बिक रहा है ईमान बाज़ारों में बाज़ार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 466 Share Bhupendra Rawat 4 Sep 2017 · 1 min read हम एक देश के वासी है ये हिन्दुस्ता हमारा है हम एक देश के वासी है ये हिन्दुस्ता हमारा है नाजाने कितने वीरों ने फंदे को गले में उतारा है सबने ही कुर्बानी दी धर्म का ना कोई खेल किया... Hindi · कविता 1 263 Share Bhupendra Rawat 4 Sep 2017 · 1 min read अब तुझे दिल की बात बतानी जरूर है अब तुझे दिल की बात बतानी जरूर है आग जो लगी है कल्ब में दिखानी जरूर है तिश्र्गी है आब की वो तो बुझ ही जायेगी तेरी और अपनी कहानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 554 Share Bhupendra Rawat 3 Sep 2017 · 1 min read ये कैसा हादसा हुआ है ये कैसा हादसा हुआ है अब कैसा रगडा हुआ है जोड़ने की चाह थी दिल को ये तो टूट कर बिखरा हुआ है ठोकरों से बाहर निकल कर दिल फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 296 Share Bhupendra Rawat 3 Sep 2017 · 1 min read कभी धुप तो कभी छाव सी है ये ज़िन्दगी कभी धुप तो कभी छाव सी है ये ज़िन्दगी तो कभी बहती नाव सी है ये ज़िन्दगी कभी मंझधार में लटकी तो कभी किनारों की कश्ती है ये ज़िन्दगी कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 554 Share Bhupendra Rawat 3 Sep 2017 · 1 min read नेता जी को चढ़ा बुखार क्यूंकि चुनाव पड़े है अबकी बार नेता जी को चढ़ा बुखार क्यूंकि चुनाव पड़े है अबकी बार गड़े मुद्दे नेता जी ने दिये उखाड़ हिन्दू मुस्लिम जात - पात का मुदा नेता जी ने दिया उतार... Hindi · कविता 1 817 Share Bhupendra Rawat 2 Sep 2017 · 1 min read जब तू ही अंजान बन बैठी है खुदा से शिकायत क्या करूँ अब तेरी बगावत क्या करूँ जब तू ही अंजान बन बैठी है तो अपनो की पहचान क्या करूँ गुज़ीदा जवहार थी खान का बता अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 492 Share Bhupendra Rawat 2 Sep 2017 · 1 min read इश्क की गलियों में जनाब दिल सच्चा सा लगता है कुछ कच्चा सा लगता है अभी बच्चा सा लगता है इश्क की गलियों में जनाब दिल सच्चा सा लगता है उकूबत है इश्क में ग़ालिब तभी दिल बिखरा सा लगता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 413 Share Bhupendra Rawat 1 Sep 2017 · 2 min read बदलते युग में शिक्षा के बदलते उद्देश्य और महत्व शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जो जीवन को एक नई विचारधारा प्रदान करता है। यदि शिक्षा का उद्देश्य सही दिशा में हो तो आज का युवा मात्र सामाजिक रूप से... Hindi · लेख 2 2 4k Share Bhupendra Rawat 31 Aug 2017 · 1 min read मैं तुम्हे नाम देती हूँ मुझे पहचान तुम देना मैं तुम्हे नाम देती हूँ मुझे पहचान तुम देना मेरी इस गुस्ताखी का तुम मुझे इनाम दे देना मैं दर पर हूँ उसके कोई उसे पैगाम दे देना दासी समझ... Hindi · कविता 1 426 Share Bhupendra Rawat 27 Aug 2017 · 1 min read अब वो यार हमारा है देखिये अब वो यार हमारा है देखिये ऐसा प्यार हमारा है देखिए दिलकश अदा है उसकी मारने वाली अब बिमार दिल हमारा है देखिये ज़िन्दगी अब तुम ही तो हो वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 302 Share Bhupendra Rawat 27 Aug 2017 · 1 min read मरहम के नाम पर जख्म देकर कहाँ चल दिये इश्क़ फरमाकर ज़नाब कहाँ चल दिए मरहम के नाम पर ज़ख्म देकर कहाँ चल दिए रोशन गलियों से निकाल कर अँधेरे में छोड़कर कहाँ चल दिए मरते दम तक साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 492 Share Bhupendra Rawat 26 Aug 2017 · 1 min read इंसानियत सबकी मर गयी जग उठा शैतान इंसानियत सबकी मर गयी जग उठा शैतान बाबा को भगवान बना बैठे है ये मूर्ख इंसान अंहिसा का पाठ पढ़ाते थे कल तक आज हिंसा को किया प्रणाम नाज़ाने ढोंगी... Hindi · कविता 1 678 Share Bhupendra Rawat 26 Aug 2017 · 1 min read नबी नही ज़ालिम वाइज वो खुदा से शिक़ायत कैसी है अब ये इनायत कैसी है फ़ाइक ने जब किया हो फ़रेब तो फ़तवे पर फ़ित्ना की जरूरत कैसी है फ़ाइक--श्रेष्ठ,महान फ़त्वा= न्यायिक आदेश फ़ित्ना= विद्रोह,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 418 Share Bhupendra Rawat 25 Aug 2017 · 1 min read खुद पर गुमान कैसा है ख़ुद पर गुमान कैसा है अब ये इंतकाम कैसा है जब फ़िदा हो दिल दुश्मन पर तो हाथों में ये जाम कैसा है जब खिंज़ा हो हर तरफ तो बागों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 250 Share Bhupendra Rawat 25 Aug 2017 · 1 min read दिल लगाना कब मना है दिल लगाना कब मना है रुला कर मुस्कराना कब मना है कई तूफाँ आए है यहाँ उफ़ान में कश्ती चलाना कब मना है कांटे ही कांटे हो जब हर तरफ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 593 Share Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read इश्क़ में वफ़ा कीजिए इश्क़ में वफ़ा कीजिये नही तो ग़मज़दा कीजिए नज़र में क्यों रखा है अपनी अब सदा केलिए दफ़ा कीजिए अंदर ही अंदर क्यों पी रहे हो दर्द दर्द ज़रा शब्दों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 294 Share Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read अब इंतज़ार क्या करना तेरा दीदार क्या करना अब इंतज़ार क्या करना तेरी राह में भटक गए हम अब तेरा इक़रार क्या करना जहाज जब डूब गया किनारे में तो फ़िर समुंद्र को पार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 554 Share Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read इश्क़ से शिकायत भी बहुत थी इश्क़ से शिकायत भी बहुत थी दिल ने दी हिदायत भी बहुत थी इश्क़ की गलियों में दिल ने की आज़माईश भी बहुत थी इश्क़ में जुदाई की रातों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 217 Share Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read इश्क में सताया भी बहुत है इश्क में सताया भी बहुत है इश्क में रुलाया भी बहुत है बहती रही कश्ती पानी में कश्ती को डुबाया भी बहुत है आग को लगाया भी बहुत है जंगल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 338 Share Bhupendra Rawat 22 Aug 2017 · 1 min read दर्द का ज़ाम पीना नही आया ज़िन्दगी को ज़ीना नही आया दर्द का ज़ाम पीना नही आया दर बदर भटकते रहे ज़ालिम दुनिया में पर लोगों को समझना नहीं आया नक़ाब तो हज़ार थे इस जहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 436 Share Bhupendra Rawat 22 Aug 2017 · 1 min read अश्क़ देने यार फिर आ गए अश्क़ देने यार फ़िर आ गए लबों की हँसी चुराने आ गए मीठी मीठी बाते करके ज़हर पिलाने आ गए शांत बहती हुई धारा में कश्ती यार डुबाने आ गए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 339 Share Bhupendra Rawat 21 Aug 2017 · 1 min read खो गया बचपन किसी कोने में खो गया बचपन किसी कोने में खेलने के दिन नसीब नही झोली में पढ़ाई के दिनों काम में लग गए बचपन के दिन यूं ही गुज़र गये नदां हम बचपन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 328 Share Bhupendra Rawat 21 Aug 2017 · 1 min read आओ बच्चो खेले खेल आओ बच्चो खेले खेल घोडा,बिल्ली और ये है रेल बड़े अज़ब के है ये खेल किस्म किस्म के है सब खेल आओ मिलकर खेले खेल बचपन के है ये सब... Hindi · कविता 1 1k Share Bhupendra Rawat 21 Aug 2017 · 1 min read कर यार बस ज़ख्म दिए इतने उसने कहा अब तू कर यार बस ग़म जदा हो गए वो अब ग़म देकर गये वो यार बस तोहमत थी उनकी क़ल्ब (दिल)में दर्द देकर गये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 410 Share Bhupendra Rawat 20 Aug 2017 · 1 min read फिर नसीब होगा तू बडा खुश नसीब होगा वो तेरे दिल के करीब होगा जब भी होगा नाम तेरा लबों पर उस दिन तेरा नसीब होगा जिस दिन पिएंगे ज़ाम नाम का तेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 491 Share Bhupendra Rawat 20 Aug 2017 · 1 min read मेरे जीने का तू ही तो सहारा है जब जहां सोता सारा है नदां दिल ने तुझे पुकारा है चादं तारों के छाव में आवारा दिल हुआ बेचारा है बीमार दिल का तू ही सहारा समुंद्र का तू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 468 Share Bhupendra Rawat 20 Aug 2017 · 1 min read इरादा कर लिया क्या इश्क़ करने का इरादा कर लिया क्या बर्बाद होने का इरादा कर लिया क्या कश्ती अपनी तूफानों में ले चले डूबने का इरादा कर लिया क्या मरहम नही है इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 450 Share Bhupendra Rawat 19 Aug 2017 · 1 min read दर्द है फिर भी जिए जा रहा हूँ तुम्हारे बगैर भी जिए जा रहा हूँ दर्द है फिर भी पिए जा रहा हूँ लबों को अपने सिये जा रहा हूँ ग़म जुदाई का पिए जा रहा हूँ क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 467 Share Bhupendra Rawat 19 Aug 2017 · 1 min read दर्द समझ में आया छत में खिलखिलाती गुलाब की कलियों ने एक सवाल किया जब मुझे तुमने तोडा था मेरे दर्द का कभी ख्याल किया मैं भी उनसे सहम कर बोला दर्द को तुम्हारे... Hindi · कविता 1 416 Share Bhupendra Rawat 19 Aug 2017 · 1 min read अब तुम आती भी हो तो बताती नही अब तुम आती भी हो तो बताती नही एहसास अपने आने का कराती नही हवा के झरोख़ों सी आती हो चुपके से छूकर जाती नही फ़लक से दोस्ती कर ली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 417 Share Bhupendra Rawat 18 Aug 2017 · 1 min read जिंदगी ने मुझे पाठ पढ़ाया है जिंदगी ने मुझे पाठ पढ़ाया है ठोकरों ने मुझे जीना सीखाया है कदम कदम पर भटकता रहा मैं हर पल ठोकरों ने मुझे समय के अनुरूप ढलना सीखाया है समय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 287 Share Bhupendra Rawat 18 Aug 2017 · 1 min read मैं, ने ही मैं को मारा है मैं, ने ही मैं को मारा है हम, ही तो रहा शेष रहा सारा है मैं, ने ही तो मैं का संहार किया हम, ने ही तो मिलकर सबका उद्धार... Hindi · कविता 1 317 Share Bhupendra Rawat 17 Aug 2017 · 1 min read मैं जो भी हूँ तेरी ही तो मेहरबानी है मैं जो भी हूँ तेरी ही तो मेहरबानी है हालातों से लड़कर पहचान बनानी है कल तक तेरे सहारे खड़ा था मैं अब अपने सहारे जिंदगी बितानी है दर्दों का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 411 Share Bhupendra Rawat 17 Aug 2017 · 1 min read ज़िन्दगी तेरी होने लगी है ज़िन्दगी तेरी होने लगी है सपनों में तेरे खोने लगी है लब भी नाम तेरा बुदबुदाते है अब तेरी आदत सी होने लगी है कोरे पन्नो में नाम तेरा नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 294 Share Bhupendra Rawat 17 Aug 2017 · 1 min read खिलिंगे फूल गुलशन में खिलेंगे फूल गुलशन में तुम पास आओ तो जरा गुल फिर होगा गुलज़ार प्यार जताओ तो जरा तुम्हारी मेहरबानी में जिंदा है माली बन प्यार दिखाओ तो जरा मुरझा गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 279 Share Bhupendra Rawat 16 Aug 2017 · 1 min read बेटी हाइकु 1 बेटा या बेटी ना करो अपमान एक समान 2 बेटी भी होती परिवार की जान नहीं सामान 3 एक नहीं दो आँगन है रोशन बढाती मान 4 कई... Hindi · हाइकु 1 602 Share Bhupendra Rawat 16 Aug 2017 · 1 min read दिल लगाया ना होता दिल ने धोखा खाया ना होता नदां दिल तुझसे लगाया ना होता अगर समझता तेरी चालाकियों को तेरे पास दिल कभी आया ना होता बदलते मौसम की तरह बदल गए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 324 Share Bhupendra Rawat 15 Aug 2017 · 1 min read रात बाकी है अभी आज की पूरी रात बाकी है तेरे मेरे बिच की मुलाकात बाकी है तेरे इंतज़ार में गुज़ार दी है कई रातें आज भी मेरी तुझ से बात बाकी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 529 Share Previous Page 6 Next