Bhupendra Rawat 365 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next Bhupendra Rawat 18 Nov 2017 · 1 min read अपना ऐसा मिजाज़ रहने दो खुद का खुद में राज रहने दो म्यान में बंद उनकी तलवार रहने दो पर्दे के पीछे तब्बसुम का वार रहने दो बिन उनके ज़िन्दगी यार रहने दो हाथों में अपने अखबार रहने दो खुद आप से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 505 Share Bhupendra Rawat 29 Sep 2017 · 1 min read क़िस्मत जिसकी रूठ गयी होगी क़िस्मत जिसकी रूठ गयी होगी उम्मीद उसकी सारी टूट गयी होगी लेकर चला था सफ़ीना अपना दरिया में लहरों से टकराकर कश्ती डूब गयी होगी वफ़ा के किस्से सुनाते थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 291 Share Bhupendra Rawat 27 Sep 2017 · 1 min read सँघर्ष तो ज़िन्दगी भर चलता ही रहेगा सँघर्ष तो ज़िन्दगी भर चलता ही रहेगा कौन कहता है ये अखरता रहेगा हार जाएंगे चुनौती देने वाले भी जब कभी भी पत्थर बाहर तरस के निकेलगा सब यहाँ धैर्य... Hindi · कविता 1 485 Share Bhupendra Rawat 26 Sep 2017 · 1 min read जो नारी का अपमान करेगा जग क्यों उसका सम्मान करेगा जो नारी का अपमान करेगा जग क्यों उसका सम्मान करेगा जिस नारी ने जन्म दिया हे मूर्ख तू कैसे जन्म देने वाली माँ का अपमान करेगा नर्क होगा नसीब तुझे... Hindi · कविता 1 1k Share Bhupendra Rawat 25 Sep 2017 · 1 min read ज़िन्दगी में ऐतबार कौन करे ज़िन्दगी में ऐतबार कौन करे , डूब कर समुंद्र में दरिया पार कौन करे ज़िन्दगी तो एक तमाशा है , बेवफाओं से याँ प्यार कौन करे . छीन लिया जिसने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 471 Share Bhupendra Rawat 25 Sep 2017 · 1 min read दर्द है, आँखों से मोती बन निकल ही जायेगा दर्द है, आँखों से मोती बन निकल ही जायेगा सिरफिरा बन अब तू किधर को जायेगा ना होगा साथी कोई तेरे सफर का अब तू ही बता तन्हा बन कहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 467 Share Bhupendra Rawat 25 Sep 2017 · 1 min read ना पूछो तुम हाल मेरे दिल का हो गया हाल बेहाल इस दिल का ना पूछो तुम हाल मेरे दिल का हो गया हाल बेहाल इस दिल का दिल के दर्द को आँखों ने पनाह दी बरस गये मोती बनकर दिल लगाने की सज़ा... Hindi · कविता 1 630 Share Bhupendra Rawat 22 Sep 2017 · 1 min read ख़्वाबों में दुनिया अपनी, बनाए बैठे है ख़्वाबों में दुनिया अपनी, बनाए बैठे है दिल अपना गैरो से लगाए बैठे है क़लम से दोस्ती जब से कर ली है कोरे पन्नो में दर्द सजाए बैठे है टूट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 478 Share Bhupendra Rawat 21 Sep 2017 · 1 min read लबों को सिना जरूरी है जाम दर्द का पीना जरूरी है लबों को सिना जरूरी है जाम दर्द का पीना जरूरी है क्यों इतना मुस्कुरा रहे हो यहाँ दर्द में भी हँसी का लिबाज़ पहनना जरूरी है उनकी यादें तो बदलते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 325 Share Bhupendra Rawat 18 Sep 2017 · 1 min read बीते हुए पलों को याद कर मुस्कुराना ही तो ज़िन्दगी है बीते हुए पलों को याद कर मुस्कुराना ही तो ज़िन्दगी है दुःख में तेरा साथ आ जाना ही तो ज़िन्दगी है देख कर पलके झुकाना चुपके से मुस्कुराना ही तो... Hindi · कविता 1 1k Share Bhupendra Rawat 12 Sep 2017 · 1 min read लोग क़रीब बुलाते है क्यों लोग क़रीब बुलाते है क्यों क़रीब बुलाकर दूर चले जाते है क्यों ख़्वाब दिखा कर झूठे हक़ीक़त में तोड़ जाते है क्यों जब मरहम लगाना नही आता तो जख्म दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 539 Share Bhupendra Rawat 12 Sep 2017 · 1 min read जख्म आज भी ताजे हो जाते है जख्म आज भी ताजे हो जाते है जब यादे बनकर वो पल आँखों के समक्ष आ जाते है दर्द होता है उस वक्त जब सारे किस्से फिर वही गीत गाते... Hindi · कविता 2 851 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read ज़िंदगी भर उनकी निगाहों में रहा जैसे बहती हुई फ़िज़ाओं में रहा ज़िंदगी भर उनकी निगाहों में रहा जैसे बहती हुई फ़िज़ाओं में रहा तलाशता रहा आशियाना दरख्तों में सुखी हुई टहनी की शाखाओं में रहा बहती रही कश्ती फ़िज़ाओं में मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 237 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read लोग हमेशा सताते रहे लोग हमेशा सताते रहे अश्क़ आँखों में आते रहे तड़पते रहे गए हम उनकी यादों में वो भी सदा अपनी यादों में तड़पाते रहे भटक गए थे चंद क़दम वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 525 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read समा गयी है तू मेरे भीतर समा गयी है तू मेरे भीतर जिस तरह नदी का पानी समा जाता है समुन्द्र के अंदर समा गयी है तू इस कदर मेरे अंदर जिस तरह समा जाता है... Hindi · कविता 1 439 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read प्रक्रति ने हम सब पर उपकार किया है प्रक्रति ने हम सब पर उपकार किया है सुंदर सा जीवन देकर हमारा उद्धार किया है प्रक्रति ने हमे बहुत कुछ दिया है हमने प्रक्रति से सब कुछ छीन लिया... Hindi · कविता 2 1 283 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read प्रकति से मत करो खिलवाड़ प्रकति से मत करो खिलवाड़ प्रक्रति है हमारे जीवन का आधार आधार ही नही होगा तो कैसे रहे पाओगे आधार बिन अपनी क्या पहचान बताओगे प्रक्रति ही तो हमारे जीवन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 301 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read हमारा शरीर भी प्रकृति का मिश्रण है। हमारा शरीर भी प्रकृति का मिश्रण है। वायु,अग्नि,जल आकाश,मिट्टी का सम्मिश्रण है। खुद से तो प्यार किया है तो अब प्रकृति से भी प्यार करो। स्वार्थ के लिए ना प्रकृति... Hindi · कविता 2 305 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read थोड़ा सा सुकूँ चाहिए हर शाम के बाद. थोड़ा सा सुकूँ चाहिए हर शाम के बाद. अब तो तू आज मेरे दबे अरमान के साथ. मैं आज भी याद तुझे करता हूँ. याद करके तुझे हर बार मैं... Hindi · कविता 1 441 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read वो मुलाकात भी मुलाकात क्या थी वो मुलाकात भी मुलाकात क्या थी दिल में जब उसके जगह ही ना थी वफ़ा की बात भी क्या करते थे अब वो गमज़दा भी ना थी गिरियां हो कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 234 Share Bhupendra Rawat 8 Sep 2017 · 1 min read आज फिर यादों का जन्म हो गया सारी यादों का था कत्ल हो गया आज फिर उससे मिलन हो गया गुज़रा हुआ कल था समक्ष फिर आज फिर दिल में जख्म हो गया दर्द में तड़पते रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 332 Share Bhupendra Rawat 7 Sep 2017 · 1 min read ख़्वाबों को ही अब हम अपना बताते है ख़्वाबों को ही अब हम अपना बताते है हकीकत में वो हमसे दूर ही नजर आते है मोती अब आँखों के खुद ही सूख जाते है जख्म में अब वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 385 Share Bhupendra Rawat 7 Sep 2017 · 1 min read दिल नदा बच्चा होता है तभी तो प्यार सच्चा होता है दिल नदा बच्चा होता है तभी तो प्यार सच्चा होता है हो जाता है बिना कुछ सोचे समझे ऐसा ही तो प्यार सच्चा होता है नहीं तो बिक जाते है... Hindi · कविता 1 419 Share Bhupendra Rawat 6 Sep 2017 · 1 min read अभी चेहरे पर हिजाब रहने दो अभी चेहरे पर हिजाब रहने दो उसे बंद किताब रहने दो सवाल है ढेरों किताब में सवाल अभी राज़ रहने दो चांद तारों से भरी रात बाकी है बोतल में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 469 Share Bhupendra Rawat 5 Sep 2017 · 1 min read इंसानियत का हिज़ाब गायब है इंसानियत का हिज़ाब गायब है अपनों का प्यार ग़ायब है लूट रहे है इंसान यहां इंसानो को आज इंसानो का ईमान ग़ायब है बिक रहा है ईमान बाज़ारों में बाज़ार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 573 Share Bhupendra Rawat 4 Sep 2017 · 1 min read हम एक देश के वासी है ये हिन्दुस्ता हमारा है हम एक देश के वासी है ये हिन्दुस्ता हमारा है नाजाने कितने वीरों ने फंदे को गले में उतारा है सबने ही कुर्बानी दी धर्म का ना कोई खेल किया... Hindi · कविता 1 324 Share Bhupendra Rawat 4 Sep 2017 · 1 min read अब तुझे दिल की बात बतानी जरूर है अब तुझे दिल की बात बतानी जरूर है आग जो लगी है कल्ब में दिखानी जरूर है तिश्र्गी है आब की वो तो बुझ ही जायेगी तेरी और अपनी कहानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 665 Share Bhupendra Rawat 3 Sep 2017 · 1 min read ये कैसा हादसा हुआ है ये कैसा हादसा हुआ है अब कैसा रगडा हुआ है जोड़ने की चाह थी दिल को ये तो टूट कर बिखरा हुआ है ठोकरों से बाहर निकल कर दिल फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 341 Share Bhupendra Rawat 3 Sep 2017 · 1 min read कभी धुप तो कभी छाव सी है ये ज़िन्दगी कभी धुप तो कभी छाव सी है ये ज़िन्दगी तो कभी बहती नाव सी है ये ज़िन्दगी कभी मंझधार में लटकी तो कभी किनारों की कश्ती है ये ज़िन्दगी कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 655 Share Bhupendra Rawat 3 Sep 2017 · 1 min read नेता जी को चढ़ा बुखार क्यूंकि चुनाव पड़े है अबकी बार नेता जी को चढ़ा बुखार क्यूंकि चुनाव पड़े है अबकी बार गड़े मुद्दे नेता जी ने दिये उखाड़ हिन्दू मुस्लिम जात - पात का मुदा नेता जी ने दिया उतार... Hindi · कविता 1 953 Share Bhupendra Rawat 2 Sep 2017 · 1 min read जब तू ही अंजान बन बैठी है खुदा से शिकायत क्या करूँ अब तेरी बगावत क्या करूँ जब तू ही अंजान बन बैठी है तो अपनो की पहचान क्या करूँ गुज़ीदा जवहार थी खान का बता अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 593 Share Bhupendra Rawat 2 Sep 2017 · 1 min read इश्क की गलियों में जनाब दिल सच्चा सा लगता है कुछ कच्चा सा लगता है अभी बच्चा सा लगता है इश्क की गलियों में जनाब दिल सच्चा सा लगता है उकूबत है इश्क में ग़ालिब तभी दिल बिखरा सा लगता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 456 Share Bhupendra Rawat 1 Sep 2017 · 2 min read बदलते युग में शिक्षा के बदलते उद्देश्य और महत्व शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जो जीवन को एक नई विचारधारा प्रदान करता है। यदि शिक्षा का उद्देश्य सही दिशा में हो तो आज का युवा मात्र सामाजिक रूप से... Hindi · लेख 2 2 5k Share Bhupendra Rawat 31 Aug 2017 · 1 min read मैं तुम्हे नाम देती हूँ मुझे पहचान तुम देना मैं तुम्हे नाम देती हूँ मुझे पहचान तुम देना मेरी इस गुस्ताखी का तुम मुझे इनाम दे देना मैं दर पर हूँ उसके कोई उसे पैगाम दे देना दासी समझ... Hindi · कविता 1 560 Share Bhupendra Rawat 27 Aug 2017 · 1 min read अब वो यार हमारा है देखिये अब वो यार हमारा है देखिये ऐसा प्यार हमारा है देखिए दिलकश अदा है उसकी मारने वाली अब बिमार दिल हमारा है देखिये ज़िन्दगी अब तुम ही तो हो वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 338 Share Bhupendra Rawat 27 Aug 2017 · 1 min read मरहम के नाम पर जख्म देकर कहाँ चल दिये इश्क़ फरमाकर ज़नाब कहाँ चल दिए मरहम के नाम पर ज़ख्म देकर कहाँ चल दिए रोशन गलियों से निकाल कर अँधेरे में छोड़कर कहाँ चल दिए मरते दम तक साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 590 Share Bhupendra Rawat 26 Aug 2017 · 1 min read इंसानियत सबकी मर गयी जग उठा शैतान इंसानियत सबकी मर गयी जग उठा शैतान बाबा को भगवान बना बैठे है ये मूर्ख इंसान अंहिसा का पाठ पढ़ाते थे कल तक आज हिंसा को किया प्रणाम नाज़ाने ढोंगी... Hindi · कविता 1 790 Share Bhupendra Rawat 26 Aug 2017 · 1 min read नबी नही ज़ालिम वाइज वो खुदा से शिक़ायत कैसी है अब ये इनायत कैसी है फ़ाइक ने जब किया हो फ़रेब तो फ़तवे पर फ़ित्ना की जरूरत कैसी है फ़ाइक--श्रेष्ठ,महान फ़त्वा= न्यायिक आदेश फ़ित्ना= विद्रोह,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 478 Share Bhupendra Rawat 25 Aug 2017 · 1 min read खुद पर गुमान कैसा है ख़ुद पर गुमान कैसा है अब ये इंतकाम कैसा है जब फ़िदा हो दिल दुश्मन पर तो हाथों में ये जाम कैसा है जब खिंज़ा हो हर तरफ तो बागों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 351 Share Bhupendra Rawat 25 Aug 2017 · 1 min read दिल लगाना कब मना है दिल लगाना कब मना है रुला कर मुस्कराना कब मना है कई तूफाँ आए है यहाँ उफ़ान में कश्ती चलाना कब मना है कांटे ही कांटे हो जब हर तरफ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 752 Share Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read इश्क़ में वफ़ा कीजिए इश्क़ में वफ़ा कीजिये नही तो ग़मज़दा कीजिए नज़र में क्यों रखा है अपनी अब सदा केलिए दफ़ा कीजिए अंदर ही अंदर क्यों पी रहे हो दर्द दर्द ज़रा शब्दों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 338 Share Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read अब इंतज़ार क्या करना तेरा दीदार क्या करना अब इंतज़ार क्या करना तेरी राह में भटक गए हम अब तेरा इक़रार क्या करना जहाज जब डूब गया किनारे में तो फ़िर समुंद्र को पार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 664 Share Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read इश्क़ से शिकायत भी बहुत थी इश्क़ से शिकायत भी बहुत थी दिल ने दी हिदायत भी बहुत थी इश्क़ की गलियों में दिल ने की आज़माईश भी बहुत थी इश्क़ में जुदाई की रातों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 269 Share Bhupendra Rawat 24 Aug 2017 · 1 min read इश्क में सताया भी बहुत है इश्क में सताया भी बहुत है इश्क में रुलाया भी बहुत है बहती रही कश्ती पानी में कश्ती को डुबाया भी बहुत है आग को लगाया भी बहुत है जंगल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 376 Share Bhupendra Rawat 22 Aug 2017 · 1 min read दर्द का ज़ाम पीना नही आया ज़िन्दगी को ज़ीना नही आया दर्द का ज़ाम पीना नही आया दर बदर भटकते रहे ज़ालिम दुनिया में पर लोगों को समझना नहीं आया नक़ाब तो हज़ार थे इस जहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 490 Share Bhupendra Rawat 22 Aug 2017 · 1 min read अश्क़ देने यार फिर आ गए अश्क़ देने यार फ़िर आ गए लबों की हँसी चुराने आ गए मीठी मीठी बाते करके ज़हर पिलाने आ गए शांत बहती हुई धारा में कश्ती यार डुबाने आ गए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 402 Share Bhupendra Rawat 21 Aug 2017 · 1 min read खो गया बचपन किसी कोने में खो गया बचपन किसी कोने में खेलने के दिन नसीब नही झोली में पढ़ाई के दिनों काम में लग गए बचपन के दिन यूं ही गुज़र गये नदां हम बचपन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 371 Share Bhupendra Rawat 21 Aug 2017 · 1 min read आओ बच्चो खेले खेल आओ बच्चो खेले खेल घोडा,बिल्ली और ये है रेल बड़े अज़ब के है ये खेल किस्म किस्म के है सब खेल आओ मिलकर खेले खेल बचपन के है ये सब... Hindi · कविता 1 2k Share Bhupendra Rawat 21 Aug 2017 · 1 min read कर यार बस ज़ख्म दिए इतने उसने कहा अब तू कर यार बस ग़म जदा हो गए वो अब ग़म देकर गये वो यार बस तोहमत थी उनकी क़ल्ब (दिल)में दर्द देकर गये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 464 Share Bhupendra Rawat 20 Aug 2017 · 1 min read फिर नसीब होगा तू बडा खुश नसीब होगा वो तेरे दिल के करीब होगा जब भी होगा नाम तेरा लबों पर उस दिन तेरा नसीब होगा जिस दिन पिएंगे ज़ाम नाम का तेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 581 Share Previous Page 6 Next