Bhupendra Rawat 352 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read इस अज़नबी जहाँ में किसे अपना बताओगे किस शहर से आये हो कहाँ को जाओगे इस अज़नबी जहाँ में किसे अपना बताओगे दिल जला है कितनी बार और कितना दिल जलाओगे खुश्क आँखों से मोती कब तक... Hindi · कविता 1 456 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read दर्द दिया है तो इलाज़ भी तू बता मुक्तक….......... दर्द दिया है तो इलाज़ भी तू बता मेरे आब की प्यास भी अब तू बुझा मुझे तो मिल गया फल कर्मो का अपने कर्मो का हिसाब अब तू... Hindi · मुक्तक 1 226 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read जीने का ना कोई बहाना चाहिए जीने का ना कोई बहाना चाहिए अब तो यार वही पुराना चाहिए दिल को दिल से लगाना चाहिए इश्क़ में थोड़ा फड़फड़ाना चाहिए यार बना लो कितने भी तुम रूठ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 500 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read तू बढा सुलझा हुआ है मैं बहुत उलझा हुआ हूं तू बढा सुलझा हुआ है मैं बहुत उलझा हुआ हूं तेरी यादों के दरिया में मैं आज भी बिखरा हुआ हूँ टूट गया आशिया दरख़्त से तेरी याद में आज... Hindi · कविता 1 236 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read राह अब आसाँ नही साहिल के थपेड़ों में मुक्तक........ रतजगा करना अब उनकी आदत में है हमको सताना उनकी फ़ितरत में है लौट चले हम अब अपनी राह को अब उनकी चाह में तड़पना मेरी आदत में है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 458 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read तुमने बुरा कहा भी तो अच्छा लगा मुझे तुमने बुरा कहा भी तो अच्छा लगा मुझे तुम्हारी याद में तड़पना भी अच्छा लगा मुझे पी लिया ज़हर भी अमृत समझकर तेरे लिए मरना भी अच्छा लगा मुझे तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 399 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read सफिने का समुन्द्र में डूब जाना मुश्किल था मुक्तक....... सफिने का समुन्द्र में डूब जाना मुश्किल था उनके जहां से खुद को बाहर पाना मुश्किल था डूब गया सफीना जब अपने हीआशियाने में समुन्द्र में सफिने को बहाना... Hindi · मुक्तक 1 561 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read कभी चुपके से दर हमारे भी आ जाना कभी चुपके से दर हमारे भी आ जाना कोई देख ले तो कोई बहाना बना जाना याद आना फुर्सत के लम्हो में हमकों कभी हमें भी यादों में अपनी बसा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 437 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read जब यादों के सहारे जिंदगी जीनी मुश्किल हो जाती है मुक्तक...... जब यादों के सहारे जिंदगी जीनी मुश्किल हो जाती है तो मौत ही एकराह नज़र आती है डूब जाती है कश्ती भी शांत धारा में जब ये अटकने लग... Hindi · मुक्तक 1 497 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read दिल से दिल मिल जाए तो दिल से दिल मिल जाए तो दूरीयाँ अच्छी नही लगती चलती हुई साँसे रुके तो रुकी हुई साँसे अच्छी नही लगती गुज़र जाता सफर तुम्हारे बिन भी तुम्हारे बिन वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 230 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read मेरा वज़ूद इस जहाँ में ना होता मुक्तक........ मेरा वज़ूद इस जहाँ में ना होता माँ अगर तेरा हाथ ना होता. भटकता रहता यूँ ही खुले आसमाँ में अगर माँ तेरा आशीर्वाद न होता। भूपेंद्र रावत Hindi · मुक्तक 1 234 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read आ चल चलें उस लम्बी दूरी में आ चल चलें उस लम्बी दूरी में जहां चलना सबके लिए सरल ना हो तू हो और मैं हूँ और हमारी मंजिल हो उस लम्बी दूरी की राह में दोनों... Hindi · कविता 1 438 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read लबों की हंसी चुराना आसान ना था लबों की हंसी चुराना आसान ना था उन्हें अपना बनाना आसान ना था सपने तो अपने थे वो भी खरीद लिए उनका सपनो में आ जाना भी आसान ना था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 485 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read तुम क्या जानो जरूरत क्या होती है मुक्तक........... तुम क्या जानो जरूरत क्या होती है बिन जरूरत तो रोटी भी रोड किनारों में पड़ी होती है मर जाते है मज़दूर के बच्चे भूख में शरीर को समेटकर... Hindi · मुक्तक 1 256 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read मेरे सपने, जो थे अपने, वो तोड़ गया मुझे मेरी ही राहों में तन्हा छोड़ गया मेरे सपने, जो थे अपने, वो तोड़ गया मुझे मेरी ही राहों में तन्हा छोड़ गया हमसफर था मेरा,यूँ रूख मोड़ गया मेरी मंजिल के सफर में, मुझे छोड़ गया... Hindi · गीत 1 263 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read अब मेरी किस्मत में नहीं हो तुम मुक्तक......... अब मेरी किस्मत में नहीं हो तुम बेवफ़ा नही तो, बावफ़ा भी नही हो तुम जीने की अस्बाब तुम थी कल तक रंज ओ गम की वजह भी हो... Hindi · मुक्तक 1 336 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read नहीं जीने दिया हालात ने मुझे मुक्तक........ नहीं जीने दिया हालात ने मुझे तड़पाते रहे दिन रात वो मुझे नहीं था अश्क उनकी आँखों से जुदाई का अपने अश्क देकर समुन्द्र बना दिया मुझे भूपेंद्र रावत... Hindi · मुक्तक 1 288 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read किस्से बहुत है हमारे ज़माने में किस्से बहुत है हमारे ज़माने में उनको याद नही आज के फ़साने में दिल लेकर उड़ गया परिंदा दूर कही हम आज भी कैद है उनके पैमाने में नही है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 298 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read किताब में सुखा हुआ एक गुलाब देखा किताब में सुखा हुआ एक गुलाब देखा प्यार का होते हुए मैंने उपहास देखा झूठे वादों का मैंने रिवाज़ देखा मरी हुई रूह में इंसानी लिबास देखा इंसानों में जिंदा... Hindi · कविता 1 323 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read मान है बेटी सम्मान है बेटी मान है बेटी सम्मान है बेटी घर के आंगन में मुस्कान है बेटी माता पिता की पहचान है बेटी एक नही दो घरों का ईमान है बेटी कई रिश्तों का... Hindi · कविता 1 2 959 Share Bhupendra Rawat 20 Nov 2017 · 1 min read अब कोई ऐसी दवा नही मिलती जीने की कोई वजह नही मिलती अब कोई ऐसी दवा नही मिलती जीने की कोई वजह नही मिलती चाह तो मंज़िल को पा जाने की है लेकिन अब कोई राह नही मिलती ऊँचे आकाश में उड़ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 365 Share Bhupendra Rawat 20 Nov 2017 · 1 min read अश्क़ आज आँखों में भर कर आया हूँ देख आज भी कहाँ तुझे मैं भूल पाया हूँ अश्क़ आज आँखों में भर कर आया हूँ आज भी आरज़ू है तुझे पाने की मैं ज़िन्दगी को पीछे छोड़ आया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 301 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read उनकी आँखों में एक नशा सा है उनकी आँखों में एक नशा सा है उनकी ना मेरे लिए सजा है उनको नाज़ाने कैसा शिकवा है साथ उनके जीने में ही तो मजा है ना देखे हुए उनको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 407 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read जब दिल बीमार होने लगता है तब किसी से प्यार होने लगता है जब दिल बीमार होने लगता है तब किसी से प्यार होने लगता है जख़्म बार बार होने लगता है दर्द सरे आम बाजार होने लगता है ज़िन्दगी में खिलवाड़ होने... Hindi · कविता 1 274 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read जो चाहता हूँ वो भूल नही पाता हूँ लौट कर मैं वही आ जाता हूँ जो चाहता हूँ वो भूल नही पाता हूँ लौट कर मैं वही आ जाता हूँ बेवफ़ा की बेवफाई का सितम मैं ही पाता हूँ चुपके से रोता हूँ, हँसी भूल... Hindi · कविता 1 263 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read वो आज भी इस बात से बेखबर है वो आज भी इस बात से बेखबर है मेरी तन्हा राहों के वो हमसफ़र है शहर में जल रही आग की कहाँ फ़िक्र है आब की तलाश में भटक रहा... Hindi · कविता 1 362 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read ज़िन्दगी में इक़रार होना चाहिए ज़िन्दगी में इक़रार होना चाहिए किसी ना किसी से प्यार होना चाहिए ज़िन्दगी के सफर में दिलदार होना चाहिए तुमको भी उससे प्यार होना चाहिए इंतज़ार है इश्क़ में बहोत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 443 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read मन में कितने भ्रम पाले हुए है मन में कितने भ्रम पाले हुए है भूखे सो रहे है फुथपाथ में इंसान पत्थर को चढे निवाले हुए है सिकुड़ के मर रहा ठंड में इंसान पत्थर को वस्त्र... Hindi · कविता 1 389 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read अब हर जगह तू ही तू नज़र आता है अब हर जगह तू ही तू नज़र आता है तेरे बिन सपना भी अधूरा रह जाता है नही होती सुबह तेरे बिन ओ मेरी जाना तेरा तस्सवुर ही तो, दिल... Hindi · कविता 1 516 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read चमकता है चाँद अँधेरे में तीरगी ए शब में तारे भी चमकते होंगे चमकता है चाँद अँधेरे में तीरगी ए शब में तारे भी चमकते होंगे बागबाँ खिलता है जब फूलों का गुलशन भी महकते होंगे दरख़्त की छांव में मुसाफ़िर भी ठहरते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 237 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read अब दिल लगा कर वो इश्क में सदा के लिए दूर जाना चाहता है अब दिल लगा कर वो इश्क में सदा के लिए दूर जाना चाहता है समुंद्र में बहती हुई कश्ती का अब वो ठिकाना चाहता है नहीं मिलता वक्त उन्हें मिलने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 296 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read जिंदगी नही मौत गले लगा ली हमने जिंदगी नही मौत गले लगा ली हमने वो पास आये नही,खुद को सजा दी हमने इंतज़ार करते रहे मरते दम तक उनके इन्तजार में ही जिंदगी बिता दी हमने गम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 239 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read दिन में भी तुम रात में भी तुम हो मेरे अंदर छिपे जज़्बात में भी तुम हो दिन में भी तुम रात में भी तुम हो मेरे अंदर छिपे जज़्बात में भी तुम हो बहती हुई फ़िज़ाओं के एहसास में भी तुम हो मेरे भीतर ख्यालात में... Hindi · कविता 1 508 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read आँखों में थोड़ा इंतज़ार होना चाहिए सन्म से थोड़ा प्यार होना चाहिए आँखों में थोड़ा इंतज़ार होना चाहिए सन्म से थोड़ा प्यार होना चाहिए बढ़ चले है मंज़िल की और कदम राह में कांटो के लिए तैयार होना चाहिए नही मिलती मंज़िल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 276 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read ज़िन्दगी जलती हुई सिगार बनकर रह गयी ज़िन्दगी जलती हुई सिगार बनकर रह गयी लोगों के हाथों में दम की शिकार बन कर रह गयी धुँआ बन,हवा में घुल, राख बन चंद क्षणों की मेहमान बनकर रह... Hindi · कविता 1 304 Share Bhupendra Rawat 18 Nov 2017 · 1 min read वो जीने की अब दुहाई दे रहा वो जीने की अब दुहाई दे रहा अश्क आँखों में उसके दिखाई दे रहा आँखों का छिपा हुआ दर्द अब लबों से सफाई दे रहा राही बहुत है सफर के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 284 Share Bhupendra Rawat 18 Nov 2017 · 1 min read मेरी हर नज़्म की शुरुआत हो तुम पानी में घुलनशील जैसी कोई पदार्थ हो तुम मेरे दिल में बसी मेरे जज़्बात हो तुम मेरा दिन मेरा रात हो तुम खिलखिलाते फूलों की तरह महकती एहसास हो तुम... Hindi · कविता 1 415 Share Bhupendra Rawat 18 Nov 2017 · 1 min read अपना ऐसा मिजाज़ रहने दो खुद का खुद में राज रहने दो म्यान में बंद उनकी तलवार रहने दो पर्दे के पीछे तब्बसुम का वार रहने दो बिन उनके ज़िन्दगी यार रहने दो हाथों में अपने अखबार रहने दो खुद आप से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 373 Share Bhupendra Rawat 29 Sep 2017 · 1 min read क़िस्मत जिसकी रूठ गयी होगी क़िस्मत जिसकी रूठ गयी होगी उम्मीद उसकी सारी टूट गयी होगी लेकर चला था सफ़ीना अपना दरिया में लहरों से टकराकर कश्ती डूब गयी होगी वफ़ा के किस्से सुनाते थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 243 Share Bhupendra Rawat 27 Sep 2017 · 1 min read सँघर्ष तो ज़िन्दगी भर चलता ही रहेगा सँघर्ष तो ज़िन्दगी भर चलता ही रहेगा कौन कहता है ये अखरता रहेगा हार जाएंगे चुनौती देने वाले भी जब कभी भी पत्थर बाहर तरस के निकेलगा सब यहाँ धैर्य... Hindi · कविता 1 428 Share Bhupendra Rawat 26 Sep 2017 · 1 min read जो नारी का अपमान करेगा जग क्यों उसका सम्मान करेगा जो नारी का अपमान करेगा जग क्यों उसका सम्मान करेगा जिस नारी ने जन्म दिया हे मूर्ख तू कैसे जन्म देने वाली माँ का अपमान करेगा नर्क होगा नसीब तुझे... Hindi · कविता 1 975 Share Bhupendra Rawat 25 Sep 2017 · 1 min read ज़िन्दगी में ऐतबार कौन करे ज़िन्दगी में ऐतबार कौन करे , डूब कर समुंद्र में दरिया पार कौन करे ज़िन्दगी तो एक तमाशा है , बेवफाओं से याँ प्यार कौन करे . छीन लिया जिसने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 417 Share Bhupendra Rawat 25 Sep 2017 · 1 min read दर्द है, आँखों से मोती बन निकल ही जायेगा दर्द है, आँखों से मोती बन निकल ही जायेगा सिरफिरा बन अब तू किधर को जायेगा ना होगा साथी कोई तेरे सफर का अब तू ही बता तन्हा बन कहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 394 Share Bhupendra Rawat 25 Sep 2017 · 1 min read ना पूछो तुम हाल मेरे दिल का हो गया हाल बेहाल इस दिल का ना पूछो तुम हाल मेरे दिल का हो गया हाल बेहाल इस दिल का दिल के दर्द को आँखों ने पनाह दी बरस गये मोती बनकर दिल लगाने की सज़ा... Hindi · कविता 1 559 Share Bhupendra Rawat 22 Sep 2017 · 1 min read ख़्वाबों में दुनिया अपनी, बनाए बैठे है ख़्वाबों में दुनिया अपनी, बनाए बैठे है दिल अपना गैरो से लगाए बैठे है क़लम से दोस्ती जब से कर ली है कोरे पन्नो में दर्द सजाए बैठे है टूट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 365 Share Bhupendra Rawat 21 Sep 2017 · 1 min read लबों को सिना जरूरी है जाम दर्द का पीना जरूरी है लबों को सिना जरूरी है जाम दर्द का पीना जरूरी है क्यों इतना मुस्कुरा रहे हो यहाँ दर्द में भी हँसी का लिबाज़ पहनना जरूरी है उनकी यादें तो बदलते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 255 Share Bhupendra Rawat 18 Sep 2017 · 1 min read बीते हुए पलों को याद कर मुस्कुराना ही तो ज़िन्दगी है बीते हुए पलों को याद कर मुस्कुराना ही तो ज़िन्दगी है दुःख में तेरा साथ आ जाना ही तो ज़िन्दगी है देख कर पलके झुकाना चुपके से मुस्कुराना ही तो... Hindi · कविता 1 987 Share Bhupendra Rawat 12 Sep 2017 · 1 min read लोग क़रीब बुलाते है क्यों लोग क़रीब बुलाते है क्यों क़रीब बुलाकर दूर चले जाते है क्यों ख़्वाब दिखा कर झूठे हक़ीक़त में तोड़ जाते है क्यों जब मरहम लगाना नही आता तो जख्म दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 445 Share Bhupendra Rawat 12 Sep 2017 · 1 min read जख्म आज भी ताजे हो जाते है जख्म आज भी ताजे हो जाते है जब यादे बनकर वो पल आँखों के समक्ष आ जाते है दर्द होता है उस वक्त जब सारे किस्से फिर वही गीत गाते... Hindi · कविता 2 745 Share Bhupendra Rawat 11 Sep 2017 · 1 min read ज़िंदगी भर उनकी निगाहों में रहा जैसे बहती हुई फ़िज़ाओं में रहा ज़िंदगी भर उनकी निगाहों में रहा जैसे बहती हुई फ़िज़ाओं में रहा तलाशता रहा आशियाना दरख्तों में सुखी हुई टहनी की शाखाओं में रहा बहती रही कश्ती फ़िज़ाओं में मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 196 Share Previous Page 5 Next