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21 Nov 2017 · 1 min read

किताब में सुखा हुआ एक गुलाब देखा

किताब में सुखा हुआ एक गुलाब देखा
प्यार का होते हुए मैंने उपहास देखा
झूठे वादों का मैंने रिवाज़ देखा
मरी हुई रूह में इंसानी लिबास देखा

इंसानों में जिंदा होता हुआ हैवान देखा
सफ़ेद कपड़ों का डोलता ईमान देखा
पत्थर में जिंदा भगवान देखा
इंसानों का प्यासा इंसान देखा

भूपेंद्र रावत
14/11/2017

Language: Hindi
1 Like · 314 Views
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