सुखविंद्र सिंह मनसीरत Language: Hindi 2395 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 42 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Jan 2020 · 1 min read महफिल में मायूसी छाई है महफिल में मायूसी छाई है ---------------- - - --------- महफिल में मायूसी छाई है हम यारों की यहाँ विदाई है आँखें आज भीगी भीगी सी आँसुओं की बरसात आई है... Hindi · कविता 1 2 256 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Jan 2020 · 1 min read विदाई गीत -----------विदाई गीत--------- --------------–-------------------- आखों में आँसू हम संजोए हुऐ कर रहें हम तुम्हें,हैं खुद से जुदा खुश रहो तुम सदा,जहाँ भी रहो दे रहें हम तुम्हें,हैं दिल से दुआ सुन्दर... Hindi · गीत 1 618 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Jan 2020 · 1 min read दिल का दीवाना दिलबर आ गया दिल का दीवाना दिलबर आ गया --------------------------------------- गिनते गिनते दिन वो आ ही गया बेहतरीन लम्हा जिंदगी आ गया वो जो देखा ख्वाब, साकार हुआ स्वप्न नभ से जमीन पर... Hindi · कविता 1 457 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Jan 2020 · 1 min read पंजाबी गीत ---पंजाबी गीत-यारा कली छडी ना-- ----------------------------------------- जान चाहे मंग ले,यारा कली छडी ना कली मैं टूट जूंगी,यारा कली छडी ना निकी जिही जिन्द रुल जूंगी तेरे बिन कली रह घुट-घुट... Hindi · गीत 1 2 432 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Jan 2020 · 1 min read बाल्यकाल ------बाल्यकाल------ --------------------------- बचपन प्यारा बीत गया , काल सुनहरा बीत गया जो दिल को भाता था,दिलकश जमाना बीत गया मीठी -मीठी मुस्कान थी, मधु सी मधुर जुबान थी बाल्य राहें... Hindi · कविता 2 653 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Jan 2020 · 1 min read तीन रंगा तिरंगा --------तीन रंगा तिरंगा--------- --------------------------------------- तिरंगा मेरे देश की है शान दोस्तों दिल जिगर की आन- बान दोस्तों देशभक्तों ने थी निज जान वार दी जिंदगी की खुशियाँ भी थी वार... Hindi · कविता 403 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Jan 2020 · 1 min read जनता सड़को पर होड -------जनता सड़कों पर होगी------ ------------------------------------------- सरकार कल्याणकारी कार्य है करती लाभकारी योजना क्रियान्वित करती कुछ पूरी हो जाती कुछ अधूरी रहती कुछ जन तक पहुंचे,कुछ हैं लटकती कुछ कागजों तक... Hindi · कविता 2 212 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Jan 2020 · 1 min read तब और अब -----तब और अब------ ---------------------------- जब थे हम छोटे बच्चे होते थे हम मन के सच्चे अब हम नहीं रहें हैं बच्चे हो गए हम मन के कच्चे हसीं थी छोटी... Hindi · कविता 1 242 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jan 2020 · 1 min read मुसाफिर ------मुसाफिर------- -------------------------- मैं हूँ राह का मुसाफिर हुआ हूँ तुमसे मुतासिर ना ही दर,नहीं ठिकाना दीवाना हूँ मैं मुसाफिर गुमशुदगी की दुनिया मे गुमशुदा हो गया हूँ मैं छोड़ा अपनों... Hindi · कविता 1 2 248 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jan 2020 · 1 min read राह हो जाती आसान राही मिलते हैं अंजाम ---------------------------------------------------- राह हो जाती आसान,राही मिलते हैं अंजान संकट घड़ी कट जाती,राह हो जाती आसान अकेले चलते चलते,गैरों से मिलते जुलते नये -नये रिश्ते बनते,राह हो... Hindi · कविता 1 2 213 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jan 2020 · 1 min read तेरी जिल्लत में रहना सीख लिया जिल्लत में रहना सीख लिया ---------------------------------- रो -रो कर हँसना सीख लिया गम में मुस्कराना सीख लिया हम मालिक थे अपनी मर्जी के तेरी रज़ा में रहना सीख लिया नभ... Hindi · कविता 2 185 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jan 2020 · 1 min read सत्यमार्ग -------सच का मार्ग------ ------------------------------- सत्यमेव जयते का नारा देता साथ सदैव हमारा सदैव चले हम सत्य पथ पर बढ़ते रहें हम सत्य पथ पर मुश्किलों से जो हो सामना चाहे... Hindi · कविता 2 219 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Jan 2020 · 1 min read तहक़ीक़ जिंदगी में रो लेते हैं तहक़ीक़ जिंदगी में रो लेते हैं --------------------------------- दिल हर्षित हो तो गा लेते हैं दिल गमरशीदा तो रो लेते हैं जमाना तो है,यारों गम भरा हद से गम बढ़े तो... Hindi · कविता 2 174 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Jan 2020 · 1 min read एक और एक ग्यारह ----एक और एक ग्यारह--- -------------------------------- बचपन से ही सुनते आए हैं ये चिर परिचित सी कहावत एक और एक होते हैं ग्यारह बाजुएं होती हैं हमारी बारह लेकिन तभी होती... Hindi · कविता 1 603 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Jan 2020 · 1 min read आम हो गई है जलन आम हो गई है जलन ------------------------ आम हो गई है जलन देख सीने लगे अगन हैं सभी खुद में मग्न मना रहे हैं सभी जश्न रहने लगे हैं तन्हा से... Hindi · कविता 388 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Jan 2020 · 1 min read ना खता हमारी ना खता तुम्हारी ना खता हमारी ना खता तुम्हारी -------------------------------------- ना खता हमारी ना खता तुम्हारी घड़ी की सुइयों का यह कसूर है नहीं हम समझे,ना ही तुम समझे नहीं तेरा मेरा,समझ का... Hindi · कविता 195 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Jan 2020 · 1 min read फुरसत ए लम्हें -----------फुर्सत ए लम्हें---------- --------------------------------------- फुर्सत ए लम्हें कहीं हैं खो से गए कल पुर्जों की दुनिया में खो से गए जीवन तौर तरीकों से मशीनी सा मशीनी व्यवहार में हम... Hindi · कविता 195 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Jan 2020 · 1 min read अमीरी- गरीबी ----------अमीरी-गरीबी--------- --------------------------------------- अमीरी - गरीबी में दुराव आ रहा अमीर अमीर,गरीब गरीब हो रहा ज़मीर जो बेचता अमीर बन जाए ईमान जो रखे वह गरीब बन रहा गरीब को लूटकर... Hindi · कविता 2 296 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Jan 2020 · 1 min read हम तुम मिलेंगे उस राह हम तुम मिलेंगे उस राह ---------------------------- तुम्हें चाहेंगे इस कदर तुम्ही चाहोगी जिस कदर तुम जाओगी भी जिधर हम आ जाएंगें उधर जिस दिशा में होंगे तुम उस दिशा मेंं... Hindi · कविता 2 218 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Jan 2020 · 4 min read कहानी- दोस्ती या प्यार ----------------दोस्ती या प्यार---------------------------- -----------------अधूरी प्रेम कहानी------------------ सुमन और सुमित दोनों हम उम्र थे।दोनों एक ही मोहल्ले में पले बढे।एक ही विद्यालय में सहपाठी रहते हुए परस्पर कड़ी प्रतिस्पर्धा देते हुए... Hindi · कहानी 2 422 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Jan 2020 · 1 min read सफरनामा ---सफरनामा---- -------------------- सफर में जन्मा हूँ सफर में पला हूँ सफर कर रहा हूँ सफर में पड़ा हूँ सफर में चला था सफर जी रहा हूँ सफर जिन्दगी है जिंदगी... Hindi · कविता 421 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Jan 2020 · 1 min read दिलकशी सनम के लिए दिलकशी सनम के लिए ---------------------------- छोड़़ दी हम ने दुनिया दिलकशी सनम के लिए नहीं बन सकी हमसफर वो जिंदगी भर के लिए किया था यकीन उस पर चाहा बेहद... Hindi · कविता 2 395 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Jan 2020 · 1 min read छाई है काली घटा घन घोर छाई है काली घटा घन घोर -------------------------------- छाई बहुत काली घटा घनघोर गरज रहे बादल यहाँ पुर जोर सुनाई दे तूफांं,आँधी का शोर बरसेंगे आज बादल जोर शोर मंडराते मेघों... Hindi · कविता 2 816 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Jan 2020 · 1 min read लोहड़ी पर्व ---------लोहड़ी पर्व-------- --------------------------------- लोहड़ी का पर्व मुबारक हो खुशियों भरा पर्व मुबारक हो पोष मास के अंतिम दिन आए मकर संक्रांति से पहले आए तीन शब्दों से मिलकर बना है... Hindi · कविता 2 266 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jan 2020 · 1 min read परदेसी ---------परदेसी------ –------------------------ विरान हो गई जिन्ददगी आजा वे आजा परदेसी तुम नहीं तो छाया अंधेरा रोशनी बन जाओ परदेसी तुम नहीं तो तूफांं आया कब थमेगा तुफां परदेसी कैसे कटेगी... Hindi · कविता 532 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jan 2020 · 1 min read भीगी भीगी हैं फलके भीगी भीगी हैं पलकें ------------------------- आँसुओं से नम आँखें भीगी भीगी सी पलकें गीले गुलाबी रुखसार रूखा रूखा व्यवहार सुर्ख सूखे सूखे ओष्ठ अविकसित सा कोष्ठ पक्षाघात मारा शरीर टूटी... Hindi · कविता 555 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jan 2020 · 1 min read राजनीतिक गलियारा --राजनीतिक गलियारा---- ------------------------------ राजनीति का घिनौना खेल हो गया पूर्णता आज बेमेल जन प्रतिनिधि थे जनसेवक बदले प्रारुप में हैं धनसेवक राजनीति बदली दिशा-दशा सच में आज है बहुत दुर्दशा... Hindi · कविता 244 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Jan 2020 · 1 min read दशम गुरु दशमेश ---------दोहे दशम गुरु दशमेश----------- --------------------------- --------------------- दशम गुरु गोबिंंद सिंह जी,कार्य किए महान निज की भी कुर्बानी दी,पिता-सुत भी कुर्बान पटना शहर जन्म लियो,नांदेड़ अंतिम सांस खालसा पंथ सेनापति,सिखन धर्म... Hindi · दोहा 2 241 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jan 2020 · 1 min read घूम घूम कर मैं थक हारा घूम घूम कर,मैं थक कर हारा ----------------------------------- घूम घूम कर,मैं थक कर हारा मन मीत नहीं,देखा जग सारा जब तक जेब में है भरा पैसा जग में नहीं है कोई... Hindi · कविता 2 181 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jan 2020 · 1 min read मंजिल तक पहुंचाए रेल मंजिल तक पहुंचाती रेल ---------------------------- आओ मिलकर खेंले खेल मिलजुल कर बनाएंगे रेल हम में से एक बनेगा ईंजन धू धू कर वो चलाएगा रेल बाकी बनेंगें सवारी डिब्बे डिब्बे... Hindi · कविता 1 192 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jan 2020 · 1 min read बिन तोले मत बोल ----बिन तोले मत बोल--- आहिस्ता आहिस्ता बोलिए मधुर प्रेम भाषा तुम बोलिए शब्दों को मुंह में तुम तोलो फिर कुछ होठों से बोलिए वाणी मधुर हो मधु जैसी मधुर भाषी... Hindi · कविता 2 248 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jan 2020 · 1 min read शादी के साइड इफेक्ट्स -------शादी के साइड इफैक्ट------ ----------------------------------------- शादी को कहें मोतीचूर का लड्डू वो भी पछताए जो खाता है लड्डू वो भी पछताए जो ना खाए लड्डू प्रेमबंधन का कैसा अनोखा लड्डू... Hindi · कविता 2 444 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jan 2020 · 2 min read अनजान व्यक्ति का अनजान पते पर खत अनजान व्यक्ति का अनजान पते पर खत------ -----------------कहानी--------------------------- चावल रंगी सी सुशील और सुन्दर, कद में लंबी, दुबली पतली परमजीत कौर,जिसको प्यार से घर वाले जस्सी के नाम से बुलात... Hindi · लघु कथा 2 370 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jan 2020 · 1 min read विजय-मंत्र --------विजय- मंत्र------- ------------------------------ तुम करोगे बार- बार प्रयास मंजिलें होंगी कदमों के पास मकड़ी बुनती है जैसे जाला करती रहती निरन्तर प्रयास जड़मत बन जाते हैं सुजान करते रहो बार... Hindi · कविता 2 453 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jan 2020 · 1 min read दिल आज बहुत है उदास दिल आज बहुत है उदास ------------------------------ दिलजानी नहीं है जो पास दिल आज बहुत है उदास चहुँ ओर तन्हाई ही तन्हाई तन्हा तन्हा मेरा मन उदास भँवरों ने चूस लिया... Hindi · कविता 2 441 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jan 2020 · 1 min read हाल ए दिल बेहाल -------हाल ए दिल बेहाल--------- -------------------------- होले होले हाल दिल,ये बदहाल हो गया दिल जिगर लगा यार से,कमाल हो गया अंजान रंग थे प्यार से हम यूँ उलझ गए प्रेम तंदों... Hindi · कविता 1 2 493 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jan 2020 · 3 min read फ्रैंड रिक्वेस्ट की कीमत --------फ्रैंड रिक्वेस्ट की कीमत---------------- -------------कहानी-------------------------- रिया एक बहुत ही मासूम और भोली भाली खुद तक ही सीमित रहने वाली लड़की थी। तीन भाईयो की मंझली इकलौती बहन और पिता जी... Hindi · कहानी 2 238 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jan 2020 · 1 min read तुम्ही हो जय नवोदय हे! नवोदय तुम्ही हो जय नवोदय सर्व समर्पित हो तुम्ही जय नवोदय भोर हो गई है, तुम्हें अब जागना है पंख लगाके दूर तक तुम्हें उड़ना है बाधा पार के... Hindi · कविता 2 506 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Jan 2020 · 1 min read फूलों सी छोटी सी हो खूश्बूदार जिन्दगी -फूलों सी छोटी सी खुशबूदार जिंदगी- -------------------------- फूलों सी छोटी सी हो खुश्बूदार जिन्दगी कांटों युक्त ना हो बदहाल बदकार जिन्दगी कुसुमों के चमन सी सदा ही महकती रहे गुलिस्तां... Hindi · कविता 1 2 268 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Jan 2020 · 1 min read कांटों भरी डगर ---कांटों भरी डगर----- ----------------- मंजिलें बहुत ही सुदूर हैं रास्ते बहुत ही कांटों भरे घनी घनघोर घटा चल रही पर होंसले तो हैं जोश भरे हर हाल ख्वाब लब्ध करने... Hindi · कविता 1 277 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Jan 2020 · 1 min read मुनासिब नहीं है होता मुनासिब नहीं है होता -------------- बुजुर्गों का अपमान चुराया हुआ सामान किया हुआ नुकसान रिश्ते में हुआ बदनाम मुनासिब नहीं है होता इन्सान जो हो बदकार बंधु - बांधव तिरस्कार... Hindi · कविता 2 259 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Jan 2020 · 1 min read उनमुक्त परिंदे -----उन्मुक्त परिंदे-------- ------------------- कितने दिखते हैं ये खुश परिंदे खुले आसमां में उन्मुक्त परिंदे लंबी-लंबी उड़ाने रहें भरते हैं जहाँ चाह उसी डगर चलते हैं मनचाही मन से कृति करते... Hindi · कविता 1 2 304 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Jan 2020 · 1 min read मयनोशी ------मयनोशी--------- ----------------- मद्यप- मय को नहीं पीता मय मद्यप ही पी जाती है धीरे -धीरे मयनोशी लत ये जिंदगी निगल जाती है बुरा होता है सुरा का नशा बिगड़ जाती... Hindi · कविता 2 457 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Jan 2020 · 1 min read नववर्ष मुबारकबाद ----नववर्ष मुबारकबाद ---- --------------------- नववर्ष मुबारक क्षण है आ गया खुशियों का खजाना ले आ गया बदल लो सोच ,करोगे तुम मौज सोये हैं अरमान, जगाने आ गया मिट गया... Hindi · कविता 460 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Dec 2019 · 1 min read दिसंबर-जनवरी नववर्ष ---दिसंबर-जनवरी और नववर्ष--- ------------------------ पति-पत्नी के रिश्ते सा होता हैं साथ दिसंबर और जनवरी मास का साथ दूर दूर हो जाते हैं ,पास पास हो कर पास पास हो जाते... Hindi · कविता 1 239 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Dec 2019 · 2 min read मेरे सामने वाली खुली खिडक़ी -------------- कहानी---------------------- -----मेरी सामने वाली खुली खिडक़ी----------- ---------------------------------- बारहवीं की परीक्षा उतीर्ण करने के पश्चात आगे की इंजीनियरिंग की पढाई हेतु गाँव से लगभग 350 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के पुणे... Hindi · कहानी 2 375 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Dec 2019 · 1 min read सर्दी के ठंडे दिन सर्दी के ठण्डे दिन ------------ सर्दी के ठण्डे दिन जाम कर देते तन ठण्ड की ठिठुरन पैदा करे अकड़न लेने ना दे अंगड़ाई रूक जाए जम्हाई याद आती है रजाई... Hindi · कविता 605 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Dec 2019 · 1 min read नया साल -----नया साल-------- ----------------- नये साल के आगमन पर जन गण मन मस्तिष्क पर चल पाएगा कोई आलोड़न आएगा क्या कोई परिवर्तन बदल पाएगी अमूमन सोच नहीं लगे किसी पर खरोंच... Hindi · कविता 233 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Dec 2019 · 1 min read नव वर्ष पर दोहे --------नव वर्ष पर दोहे -------- ---------------------------- नया साल ले आ गया ,सुंदर यह पैगाम सभी से प्रेम कीजिए ,मत कीजे अपमान बीती बाते भूल कर,दिल को रखिए साफ करनी कथनी... Hindi · कविता 453 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Dec 2019 · 1 min read भाईचारा भाईचारे बिना नहीं है गुजारा भाईचारा है जिन्दाबाद हमारा अकेला चना भाड़ नही भोड़े भाई जितने हों,वो भी हैं थोड़े अकेले कभी चले नही मकोड़े अकेला नहीं , रहना है... Hindi · कविता 662 Share Previous Page 42 Next