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मय़नोश़ी जब हद़ से गुज़र जाती है तब मय़कश़ को तो क्या ये ज़िन्दगी को ही पी जाती है । श़ुक्रिया !
आभार
मय़नोश़ी जब हद़ से गुज़र जाती है तब मय़कश़ को
तो क्या ये ज़िन्दगी को ही पी जाती है ।
श़ुक्रिया !
आभार