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21 Jan 2020 · 1 min read

तहक़ीक़ जिंदगी में रो लेते हैं

तहक़ीक़ जिंदगी में रो लेते हैं
———————————
दिल हर्षित हो तो गा लेते हैं
दिल गमरशीदा तो रो लेते हैं

जमाना तो है,यारों गम भरा
हद से गम बढ़े तो रो लेते हैं

तन्हाई होती है, उदासी भरी
अनमनापन हो तो रो लेते हैं

यार तरफ़दार हुए दुश्मनों के
यार गद्दार तो हम रो लेते हैं

तकलीफें बढ़ गई जिंदगी में
तबस्सुम तरसें तो रो लेते हैं

बदनसीबी नसीब में छा गई
फूटे नसीब तो हम रो लेते हैं

ज़राफ़त दुनिया, जीने ना दे
तंज तंग करते तो रो लेते हैं

सुखविंद्र जिंदगी नुख्सों भरी
तहक़ीक़ जिंदगी में रो लेते हैं

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
2 Comments · 154 Views
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