Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Dec 2019 · 1 min read

नव वर्ष पर दोहे

——–नव वर्ष पर दोहे ——–
—————————-
नया साल ले आ गया ,सुंदर यह पैगाम
सभी से प्रेम कीजिए ,मत कीजे अपमान

बीती बाते भूल कर,दिल को रखिए साफ
करनी कथनी भूलिए,करो सभी को माफ

गत वर्ष तो बीत गया, नये की शुरुआत
मुबारकवाद दीजिए, कर मधुर मुलाकात

बीती हारें भूल कर , निज में करो सुधार
विजय का आगाज करो,बनो तुम कर्णधार

द्वेष -वैर सब भूलिए , मन- मुटाव कर दूर
प्रेम भाव गले मिलिए ,भूल- चूक कर दूर

बीती बात बीत गई, नव बात शु रुआत
प्रीत रीत आरम्भ कर,भूल कर जात पात

नव वर्ष भेंट दीजिए,जोड़ जोड़ दो हाथ
सुखविन्द्र प्रेम बांटिए ,कर कर चौड़े हाथ

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
402 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
Sandeep Mishra
👌आभास👌
👌आभास👌
*Author प्रणय प्रभात*
मुस्कुराना सीख लिया !|
मुस्कुराना सीख लिया !|
पूर्वार्थ
अंतिम पड़ाव
अंतिम पड़ाव
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
चिड़िया की बस्ती
चिड़िया की बस्ती
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"ऐसा वक्त आएगा"
Dr. Kishan tandon kranti
*कौशल्या (कुंडलिया)*
*कौशल्या (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
Shweta Soni
नारी
नारी
Prakash Chandra
मार मुदई के रे
मार मुदई के रे
जय लगन कुमार हैप्पी
💐प्रेम कौतुक-344💐
💐प्रेम कौतुक-344💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
" बिछड़े हुए प्यार की कहानी"
Pushpraj Anant
వీరుల స్వాత్యంత్ర అమృత మహోత్సవం
వీరుల స్వాత్యంత్ర అమృత మహోత్సవం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
* नव जागरण *
* नव जागरण *
surenderpal vaidya
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
आनंद प्रवीण
अपने साथ चलें तो जिंदगी रंगीन लगती है
अपने साथ चलें तो जिंदगी रंगीन लगती है
VINOD CHAUHAN
गुरुदेव आपका अभिनन्दन
गुरुदेव आपका अभिनन्दन
Pooja Singh
राष्ट्रीय गणित दिवस
राष्ट्रीय गणित दिवस
Tushar Jagawat
विधाता छंद (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
विधाता छंद (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
Subhash Singhai
तुम्हारे
तुम्हारे
हिमांशु Kulshrestha
आंधियों से हम बुझे तो क्या दिए रोशन करेंगे
आंधियों से हम बुझे तो क्या दिए रोशन करेंगे
कवि दीपक बवेजा
कुछ भी रहता नहीं है
कुछ भी रहता नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
🍁मंच🍁
🍁मंच🍁
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
होली है ....
होली है ....
Kshma Urmila
वो क्या गिरा
वो क्या गिरा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण
जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ओस की बूंद
ओस की बूंद
RAKESH RAKESH
मनुष्य जीवन है अवसर,
मनुष्य जीवन है अवसर,
Ashwini Jha
खुशियों की आँसू वाली सौगात
खुशियों की आँसू वाली सौगात
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2860.*पूर्णिका*
2860.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...