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30 Jan 2020 · 1 min read

महफिल में मायूसी छाई है

महफिल में मायूसी छाई है
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महफिल में मायूसी छाई है
हम यारों की यहाँ विदाई है

आँखें आज भीगी भीगी सी
आँसुओं की बरसात आई है

चेहरों पर रौनक सदा रहती
आज दिल में उदासी छाई है

मजलिस में बहारें रहती थी
अंजुमन में तन्हाई-तन्हाई है

हंसी-ठहाकों से गूंजता अंबर
ग़मगीन चेहरा ,चुप्पी छाई है

छोड़़ जाएंगे हम महफिल को
महफिल में उदासी सी छाई है

सुखविंद्र याद रहेंगें अफसाने
यारानों पर मुश्किलें आई हैं

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 226 Views
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