सिद्धार्थ गोरखपुरी Language: Hindi 721 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next सिद्धार्थ गोरखपुरी 23 Oct 2022 · 1 min read बात बस इतनी थी कमरे के अगले दरवाज़े से वो क्लास में पैठा करती थी लड़कियों वाली पहली पंक्ति में बड़े शान से बैठा करती थी मैं पिछले दरवाजे से हरदम सकपका के पैठा... Hindi · कविता 3 157 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 23 Oct 2022 · 1 min read साढ़े सोलह कदम न पूछ के किस - किस तरहा से मजबूर हूँ अपनी रफ्तार से बस साढ़े सोलह कदम दूर हूँ जिन्दगी मजबूर होना चाहती है! तो हो जाए मैं तो वैसे... Hindi · गीत 4 4 298 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 18 Oct 2022 · 1 min read मैं जबसे रूह पर " मैं" का दाग़ आया मन रूह तक गया था के भाग आया जिन्दगी फिर जिन्दगी नाम की रही देह के जर्रे -जर्रे में अजीब सा सैलाब... Hindi · शेर 1 192 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 16 Oct 2022 · 1 min read घर साथ चले रजा है के दुआओं का असर साथ चले के मैं जब शहर जाऊँ तो घर साथ चले मुझे डराने वैसे बहुत से हैं हालात चले कभी मंजिल चले तो कभी... Hindi · गीत 2 217 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 13 Oct 2022 · 1 min read आचार का अचार आचार का, अचार डाल, रख दिए हो तेल में बड़े उस्ताद हो......... कब इसे चखाओगे? -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 221 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 2 Oct 2022 · 1 min read हो गए तुम मेरे हुए और सारे मशले हमारे हो गए मेरे यार! हम तो खुद के बदले तुम्हारे हो गए दरकार अरसे से थी के मुझे भी सुकून मिले नींद, चैन,... Hindi · ग़ज़ल 2 251 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 1 Oct 2022 · 1 min read बात चले पाँव आहिस्ते से रखकर मेरे जज़्बात चले आँखें खुली रहीं और सामने मेरे रात चले बारात तारों की लेकर घूम रहा है चंदा सूरज निकले तो मेरी भी कोई बात... Hindi · मुक्तक 1 226 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 1 Oct 2022 · 1 min read पाँव छू लिया झुक के बुजुर्गों का जिस दिन पाँव छू लिया सहसा लगा मुझे के अपना गाँव छू लिया -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 200 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 28 Sep 2022 · 1 min read गुजरगाह गुजरगाह जिन्दगी की आसां न थी कभी हम वक़्त के रूबरू बस यूँही चल पड़े -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 2 142 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 Sep 2022 · 1 min read स्याह रात में चंचल किरणें चारु चन्द्र की मदमस्त करें हर स्याह रात को प्रिय के हिय में हैं अलख जगातीं प्रेम लुटातीं हर एक बात में प्रेम से ओतप्रोत हो जाती है... Hindi · गीत 1 166 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 8 Sep 2022 · 1 min read कर दिया खैर ये किस्सा बहुत परेशान कर दिया वैसे आदमी की समझ को आसान कर दिया वक्त के हाथ में ही है दौर जिन्दगी का वक्त ने ही मालिक को दरबान... Hindi · शेर 3 169 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 3 Sep 2022 · 1 min read रक्तदान मच्छरों के भोजन में व्यवधान करते हैं बिना मन के भी हम रक्तदान करते हैं चूस लेता है खून हमारा मच्छर जैसा जीव हम उसे नहीं मारेंगे जैसे उसको है... Hindi 1 317 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 28 Aug 2022 · 1 min read शाम दिन उगा तो लगा मुझे हसीन होगा दिन पर उलझनों में जिन्दगी की शाम हो गयी -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 185 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 12 Aug 2022 · 1 min read धागा रहीम के धागे से थोड़ा इतर है ये धागा जिसके हर गाँठ में प्रेम है विश्वास है ये धागा मन के, बातों के, जज्बातों के एक अरसे से लगी हर... Hindi · कविता 1 172 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 9 Aug 2022 · 1 min read दीदार मोहब्बत लफ्ज में समाए और बेशुमार हो जाए मोहब्बत में राधा - कृष्ण सा किरदार हो जाए मैं तो बस खो जाऊँ तेरे इर्द -गिर्द ही कहीं यार, ग़र एक... Hindi · मुक्तक 2 245 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 9 Aug 2022 · 1 min read मुश्किल में सुलग रहा है और धुआँ सा है कुछ कुछ आग सा लग रहा है तेरे दिल में बड़ी कश्मकश है पर बता तो सही तूँ मुश्किल में है या मैं... Hindi · शेर 1 316 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Aug 2022 · 1 min read नजीर मेहनत की कलम चमचमाती तक़दीर लिखती है। आसमान की ऊँचाई पर सुंदर तस्वीर लिखती है। जब आदमी ठान लेता है खुद को कामयाब करने को, सफलता मेहनत की कलम से... Hindi · ग़ज़ल 1 244 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 4 Aug 2022 · 1 min read लौट के आऊँ तो.. वनवास हो गया है मेरा मुझसे लौट के आऊँ तो.. दिवाली आए -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 2 271 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 2 Aug 2022 · 1 min read मोहन मोहन! मुरली से प्रीत तुम्हारी अगाध अनन्त हुई कैसे प्रीत में पागल मीराबाई मन से सन्त हुई कैसे राधा ने दुनियादारी त्यागी और तुम्ही को साध लिया निज प्रेम के... Hindi · गीत 2 2 246 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 Jul 2022 · 1 min read सूरत -ए -शिवाला शिव का रंग चढ़ने लगा है शिवाला भी सजने लगा है भोले बाबा का गाना मंदिर पे बजने लगा है सावन में गौर से देखो सूरत -ए -शिवाला क्या होगा... Hindi · गीत · शेर 1 261 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 Jul 2022 · 1 min read फँसा है इश्क!! मजहब और इजाजत में फँसा है जात -पात, ऊँच -नीच की आदत में फँसा है लानत आज भी जिन्दा है अनायास वसूलों में तभी तो आदमी इच्छाओं की शहादत... Hindi · शेर 1 170 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 24 Jul 2022 · 1 min read नहीं समझता वक्त कभी हालात नहीं समझता इश्क! मजहब, उमर, जात नहीं समझता खुदा की नजर में तो सब हैं एक जैसे वो खुद के आगे किसी की औकात नहीं समझता जिन्दगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 215 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 21 Jul 2022 · 1 min read न पूछ ये न पूछ के क़ीमत कितनी है बस मान ले हकीकत जितनी है शेयर मार्केट सा हो गया है रिश्ता अबतो बुलंदी पे है तो बिकेगा बेतहाशा नहीं तो रद्दी... Hindi · मुक्तक 2 2 350 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 21 Jul 2022 · 1 min read बदलाव दोस्ती के सलीके में महज बदलाव है इतना......... तब जात देखकर होती थी अब औकात देखकर होती है -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 157 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 20 Jul 2022 · 1 min read सावन की बौछार सावन की बौछार यार तन - मन को भिगाती है मस्त फुहारें इस सावन की याद किसी की दिलाती है सावन के झूले अबतो हर ओर निहारा करतें हैं कोई... Hindi · कहानी · गीत 3 2 420 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 17 Jul 2022 · 1 min read शिव और सावन सावन शिव हुए अवतरित धरती पर सावन में निज ससुराल गए हुआ अर्घ्य और जलाभिषेक से स्वागत भाँग - धतूरे से मलामाल हुए मान्यता है के सावन में बाबा आते... Hindi · कविता 3 4 408 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 17 Jul 2022 · 1 min read खरीद ले ज्यादा नहीं तो कम खरीद ले यार कोई तो मेरा गम खरीद ले -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 225 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 17 Jul 2022 · 1 min read असासा धड़कते दिल की कुछ तो क़ीमत हो काश के ये बेशकीमती असासा हो मोहब्बत महज लफ्जों में कैद न रहे ये जब भी हो बेतहासा हो -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 428 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 17 Jul 2022 · 1 min read आया किसी का वक्त आया किसी का दौर आया मैं जहाँ से चला था बस उसी ठौर आया आंधियाँ आयीं और उड़ा ले गईं शजर को अरसे बाद शजर -ए -किस्मत... Hindi · मुक्तक 1 231 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 16 Jul 2022 · 1 min read और भी है मेरे बारे में तेरा खयाल कुछ और भी है यानि तेरे जेहन में सवाल और भी है रफ्ता - रफ्ता खा रहा है मुझे गम मेरा तेरे वास्ते मुझमें बवाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 194 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 16 Jul 2022 · 1 min read सावन बरसता है आंसू और बूँदे हो जातीं है एक जैसी...... बरसती आँखों के मौसम में जब सावन बरसता है -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 2 192 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 15 Jul 2022 · 1 min read करता है क्यों खुद को तूँ मेरे अन्दर फिर से आबाद करता है मेरी रातों की नींदों को क्यों ही बर्बाद करता है सुनाता है ग़ज़ल अक्सर मुझे पुराने यादों की खुद... Hindi · गीत 1 410 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 15 Jul 2022 · 1 min read दस्तक खैर ये तो नहीं पता के कब तक देगा पर एक दिन तूँ मेरे दर पर दस्तक देगा -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 2 143 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 13 Jul 2022 · 1 min read गुरु आदमी जब आदमी के रूबरू होता है तो मानो एक - दूसरे का गुरु होता है कौन गुरु है कौन शिष्य ये वक़्त बताता है ये सिलसिला वक्त के साथ... Hindi · मुक्तक 1 333 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 10 Jul 2022 · 1 min read वात्सल्य का शजर न गली दीजिए न शहर दीजिए मुझको तो बस मेरी खबर दीजिए मकां तो रहने लायक रहा अब नहीं मुझे अपने वात्सल्य का शजर दीजिए ढूंढ पाऊं मैं खुद को... Hindi · गीत 2 2 367 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Jul 2022 · 1 min read जानकर जब आप अलहदा हो गए थे मुझे कंगाल जानकर तो फिर आज क्या करिएगा मेरा हाल जानकर मुझे बखूबी इल्म है के जवाब है न आपके पास फिर क्या करिएगा... Hindi · ग़ज़ल 2 1 199 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Jul 2022 · 1 min read आजकल रिश्ते को संजोकर रख लिए है आजकल परिवार में वैसे कुछ फासले हैं आजकल आदमी से आदमी का अब कोई बंधन न टूटे बाँटते फिर रहें हैं प्यार फिर हम... Hindi · मुक्तक 1 144 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Jul 2022 · 1 min read तुम्हारी बात तुम्हारी बात को...... नजरअंदाज हम न कर पाए इसके चक्कर में न हम जी पाए न मर पाए अब तो जेहन का हर कतरा मुझे कोसता है बताओ भला इसे... Hindi · कविता 387 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 1 Jul 2022 · 1 min read याद फिर याद मेरी आ रही है आपको लग रहा है आप तनहा हो गए हैं -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 128 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 1 Jul 2022 · 1 min read आईनों के शहर में आईनों के शहर में है घर आपका ये छुपा जो रहें हैं छुपेगा नहीं ख्याल रखिए दरो -दीवार टूटे नहीं ये न सोचें के टूटने पर चुभेगा नहीं मुट्ठी भले... Hindi · ग़ज़ल 194 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 Jun 2022 · 1 min read दफा पुराने मशले को रफा -दफा करते हैं चलो मोहब्बत दूसरी दफा करते हैं -सिद्धार्थ Hindi · शेर 335 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 Jun 2022 · 1 min read पानी में जुबान उनकी आग लगाए पानी में मत्स्य प्रेमी के भाग जगाए पानी में माथा हिल जाए जैसे है गुड़भंग पिया फिर आहिस्ते से फाग सुनाए पानी में -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · मुक्तक 1 2 166 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 28 Jun 2022 · 1 min read देखें कशिश है निगाह में उसके जी करता है के मुसलसल देखें गफलत ये भी है मेरी निगाहों में के उसे आज देखें या कल देखें मुझे उसकी आँखें आज भी... Hindi · ग़ज़ल 1 334 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 26 Jun 2022 · 1 min read समझ मुझे ना समझ ही समझ पर समझ तो सही तेरा ना समझना अब मेरी समझ में नहीं आता -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 141 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 25 Jun 2022 · 1 min read जिन्दगी दिन पुराने अब तो लौटा दे जिन्दगी कुछ गिले शिकवे मिटाने हैं कुछ गलतफहमियाँ मिटानी है -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 130 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 24 Jun 2022 · 1 min read रह गया हूँ दर्द अपना खुद समझ के रह गया हूँ ऐ जिन्दगी मैं तुझमे उलझ कर रह गया हूँ -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 202 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 22 Jun 2022 · 1 min read दिल निकालकर हम रख न सके खुद को इतना संभाल कर वो ले गया मेरे सीने से मेरा दिल निकालकर -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 2 183 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 22 Jun 2022 · 1 min read तुम्हारे लफ्ज तुम्हारे लफ्ज और आवाजों के ऊँचे डेसिबल मुझे आज भी चुभते हैं जैसे चुभे थे कभी मैं वह नहीं रहा न मेरा मिजाज वो रहा के गलतियां दूजे की भी... Hindi · शेर 1 263 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 22 Jun 2022 · 1 min read जा बैठे ढूंढते रहे खुद को हार - थक के जा बैठे फिर इस तरह से हम खुद को गंवा बैठे सफ़र वैसे जिन्दगी का रहा है आसान कब कभी जिन्दगी बैठे... Hindi · ग़ज़ल 1 269 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 20 Jun 2022 · 1 min read रेस -ए -जिन्दगी रेस -ए -जिन्दगी में वैसे मशविरे हजार मिले मौका -ए - वक़्त पर शायद ही दो चार मिले -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 135 Share Previous Page 3 Next