Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2022 · 1 min read

वात्सल्य का शजर

न गली दीजिए न शहर दीजिए
मुझको तो बस मेरी खबर दीजिए
मकां तो रहने लायक रहा अब नहीं
मुझे अपने वात्सल्य का शजर दीजिए

ढूंढ पाऊं मैं खुद को है चाहत मेरी
भ्रम में मैं और जीना नहीं चाहता
रिश्ते हैं अब जहर और दुनियाँ जहर
इस जहर को मैं पीना नहीं चाहता
तुम से अर्जी हमारी है अंतिम प्रभो
मेरी दुआओं में थोड़ा असर दीजिए
मकां तो रहने लायक रहा अब नहीं
मुझे अपने वात्सल्य का शजर दीजिए

ख़ुशी के पल थोड़ी देर टिकते नहीं
कैसे रोकूँ इन्हें कुछ बता दो जरा
मैं कैसा हूँ ये बस है मुझको पता
मेरी सीरत को सबको दिखा दो जरा
चाहता हूँ तेरी छाँव पल भर के लिए
कौन कहता है के उम्र भर दीजिए
मकां तो रहने लायक रहा अब नहीं
मुझे अपने वात्सल्य का शजर दीजिए

ये जमाना किसी का हुआ है भला?
स्वार्थ की रीत है बस यही प्रीत है
खींचता है मुझे तेरी ओर प्रभो
के मुझे दिख रहा बस तूँही मीत है
चल सकूँ खुद के खातिर मैं अबसे प्रभो
अब तो मुझको कोई ऐसी डगर दीजिए
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 2 Comments · 331 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2583.पूर्णिका
2583.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मेरा हैप्पी बर्थडे
मेरा हैप्पी बर्थडे
Satish Srijan
*
*"हरियाली तीज"*
Shashi kala vyas
बड़ी मुश्किल से आया है अकेले चलने का हुनर
बड़ी मुश्किल से आया है अकेले चलने का हुनर
कवि दीपक बवेजा
"चुलबुला रोमित"
Dr Meenu Poonia
ग्रीष्म की तपन
ग्रीष्म की तपन
डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
क्षितिज के उस पार
क्षितिज के उस पार
Suryakant Dwivedi
चलती जग में लेखनी, करती रही कमाल(कुंडलिया)
चलती जग में लेखनी, करती रही कमाल(कुंडलिया)
Ravi Prakash
कलम के सिपाही
कलम के सिपाही
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"गेंम-वर्ल्ड"
*Author प्रणय प्रभात*
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"महंगा तजुर्बा सस्ता ना मिलै"
MSW Sunil SainiCENA
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
प्रेम 💌💌💕♥️
प्रेम 💌💌💕♥️
डॉ० रोहित कौशिक
लिखे क्या हुजूर, तारीफ में हम
लिखे क्या हुजूर, तारीफ में हम
gurudeenverma198
आज
आज
Shyam Sundar Subramanian
काग़ज़ के पुतले बने,
काग़ज़ के पुतले बने,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
7) “आओ मिल कर दीप जलाएँ”
7) “आओ मिल कर दीप जलाएँ”
Sapna Arora
चंद्रयान-२ और ३ मिशन
चंद्रयान-२ और ३ मिशन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
आवाजें
आवाजें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
होली कान्हा संग
होली कान्हा संग
Kanchan Khanna
* अपना निलय मयखाना हुआ *
* अपना निलय मयखाना हुआ *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
नादां दिल
नादां दिल
Pratibha Kumari
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुझे अंदाज़ है
मुझे अंदाज़ है
हिमांशु Kulshrestha
मैं माँ हूँ
मैं माँ हूँ
Arti Bhadauria
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सांस
सांस
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Loading...