Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2022 · 1 min read

घर साथ चले

रजा है के दुआओं का असर साथ चले
के मैं जब शहर जाऊँ तो घर साथ चले

मुझे डराने वैसे बहुत से हैं हालात चले
कभी मंजिल चले तो कभी ताल्लुकात चले
सबकी सुनते हो तो मेरी भी सुन लेना
के मैं जब शहर जाऊँ तो घर साथ चले

वीरान गलियां और विराना रस्ता
गुजरा कोई अरसे से नहीं
लग रहा है पुराना रस्ता
इस रस्ते पर डर -डर के मेरे जज़्बात चले
सबकी सुनते हो तो मेरी भी सुन लेना
के मैं जब शहर जाऊँ तो घर साथ चले

छोटा सा कमरा और पूरी गृहस्थी
जरूरत के अलावा न कोई चीज सस्ती
नौकरी में सिफारिश, चापलूसी और जात चले
सबकी सुनते हो तो मेरी भी सुन लेना
के मैं जब शहर जाऊँ तो घर साथ चले

खर्चने पर दोस्त और पैसे से पानी
अजीबोगरीब है शहर की कहानी
आदमी डाल – डाल चले तो
परेशानी पात – पात चले
सबकी सुनते हो तो मेरी भी सुन लेना
के मैं जब शहर जाऊँ तो घर साथ चले
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 196 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वो बदल रहे हैं।
वो बदल रहे हैं।
Taj Mohammad
यदि मन में हो संकल्प अडिग
यदि मन में हो संकल्प अडिग
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
देख रही हूँ जी भर कर अंधेरे को
देख रही हूँ जी भर कर अंधेरे को
ruby kumari
#एड्स_दिवस_पर_विशेष :-
#एड्स_दिवस_पर_विशेष :-
*Author प्रणय प्रभात*
महसूस तो होती हैं
महसूस तो होती हैं
शेखर सिंह
ले चल मुझे भुलावा देकर
ले चल मुझे भुलावा देकर
Dr Tabassum Jahan
अब कभी तुमको खत,हम नहीं लिखेंगे
अब कभी तुमको खत,हम नहीं लिखेंगे
gurudeenverma198
माफिया
माफिया
Sanjay ' शून्य'
हर हाल में खुश रहने का सलीका तो सीखो ,  प्यार की बौछार से उज
हर हाल में खुश रहने का सलीका तो सीखो , प्यार की बौछार से उज
DrLakshman Jha Parimal
बेरोजगार लड़के
बेरोजगार लड़के
पूर्वार्थ
आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम
आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम
Vishal babu (vishu)
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
जीवन चक्र
जीवन चक्र
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*सरिता में दिख रही भॅंवर है, फॅंसी हुई ज्यों नैया है (हिंदी
*सरिता में दिख रही भॅंवर है, फॅंसी हुई ज्यों नैया है (हिंदी
Ravi Prakash
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आजादी की कहानी
आजादी की कहानी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"जुदा"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और ।
जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और ।
sushil sarna
कोठरी
कोठरी
Punam Pande
यक्षिणी / MUSAFIR BAITHA
यक्षिणी / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
पर्यावरण
पर्यावरण
नवीन जोशी 'नवल'
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
नरसिंह अवतार
नरसिंह अवतार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अर्पण है...
अर्पण है...
Er. Sanjay Shrivastava
अपनों की भीड़ में भी
अपनों की भीड़ में भी
Dr fauzia Naseem shad
दोहावली
दोहावली
Prakash Chandra
हर फूल गुलाब नहीं हो सकता,
हर फूल गुलाब नहीं हो सकता,
Anil Mishra Prahari
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...